करनाल की अल्फा सिटी में करीब 25-30 फुट की हाइट पर काम कर रहा 50 वर्षीय व्यक्ति नीचे गिर गया। गंभीर रूप से घायल श्रमिक को करनाल के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। करीब छह दिन बाद श्रमिक ने चंडीगढ़ पीजीआई में दम तोड़ दिया। मृतक के बेटे ने ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि उसके पिता को बिना किसी सेफ्टी बेल्ट के ही ऊपर चढ़ा दिया गया। जिससे लकड़ी की बल्लियां टूट गई और वे नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। क्या है पूरा मामला? करनाल के सेक्टर 9/8 पार्ट-2 निवासी विनोद पासवान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पिता जगदीश पासवान पिछले 20 साल से ठेकेदार बब्लू के पास काम कर रहे थे। 27 जनवरी को वह अल्फा सिटी के एक मकान नंबर 89 में निर्माण कार्य करने गए थे। वहां बिना सेफ्टी बेल्ट के ऊंचाई पर चढ़कर काम करने को कहा गया। जब उनके पिता ने सेफ्टी इक्यूपमेंट की डिमांड की तो ठेकेदार ने कहा कि सब लोग ऐसे ही काम करते हैं, कुछ नहीं होगा, तुम भी कर लो। पिता मजबूरी में बांस और बल्लियों के सहारे चढ़कर काम करने लगे, लेकिन अचानक बल्लियां टूट गईं और वह नीचे गिर गए। इस हादसे में उनकी कमर और छाती की हड्डियां बुरी तरह टूट गईं। इलाज में भी लापरवाही घटना के बाद ठेकेदार बब्लू ने उन्हें करनाल के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। विनोद ने ठेकेदार से किसी अच्छे निजी अस्पताल में इलाज कराने की मांग की, लेकिन ठेकेदार ने साफ मना कर दिया। जब कल्पना चावला में हालत बिगड़ने लगी तो डॉक्टरों ने उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया। विनोद अपने पिता को चंडीगढ़ ले गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई और बीती रात पीजीआई में उनकी मौत हो गई। विनोद पासवान ने ठेकेदार बब्लू और मकान मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उनके पिता को सही समय पर बेहतर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। इस मामले में श्याम जी और उनके साथी ने हादसा होते हुए देखा और वे गवाह भी हैं। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा मौत की सूचना मिलने के बाद करनाल पुलिस चंडीगढ़ पीजीआई पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। विनोद ने बताया कि 2013 में उसकी मां की मौत हो गई थी और आज उसके पिता का भी निधन हो गया है। मेरी चार बेटियां भी हैं। ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। पुलिस ने किया मामला दर्ज विनोद की शिकायत पर थाना सदर करनाल पुलिस ने बब्लू ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच अधिकारी यशपाल ने बताया कि विनोद ने शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर बीती रात मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। करनाल की अल्फा सिटी में करीब 25-30 फुट की हाइट पर काम कर रहा 50 वर्षीय व्यक्ति नीचे गिर गया। गंभीर रूप से घायल श्रमिक को करनाल के नागरिक अस्पताल में भर्ती करवाया। करीब छह दिन बाद श्रमिक ने चंडीगढ़ पीजीआई में दम तोड़ दिया। मृतक के बेटे ने ठेकेदार पर लापरवाही का आरोप लगाया है। आरोप है कि उसके पिता को बिना किसी सेफ्टी बेल्ट के ही ऊपर चढ़ा दिया गया। जिससे लकड़ी की बल्लियां टूट गई और वे नीचे गिर गए और उनकी मौत हो गई। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। क्या है पूरा मामला? करनाल के सेक्टर 9/8 पार्ट-2 निवासी विनोद पासवान ने पुलिस को दी शिकायत में बताया कि उनके पिता जगदीश पासवान पिछले 20 साल से ठेकेदार बब्लू के पास काम कर रहे थे। 27 जनवरी को वह अल्फा सिटी के एक मकान नंबर 89 में निर्माण कार्य करने गए थे। वहां बिना सेफ्टी बेल्ट के ऊंचाई पर चढ़कर काम करने को कहा गया। जब उनके पिता ने सेफ्टी इक्यूपमेंट की डिमांड की तो ठेकेदार ने कहा कि सब लोग ऐसे ही काम करते हैं, कुछ नहीं होगा, तुम भी कर लो। पिता मजबूरी में बांस और बल्लियों के सहारे चढ़कर काम करने लगे, लेकिन अचानक बल्लियां टूट गईं और वह नीचे गिर गए। इस हादसे में उनकी कमर और छाती की हड्डियां बुरी तरह टूट गईं। इलाज में भी लापरवाही घटना के बाद ठेकेदार बब्लू ने उन्हें करनाल के सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया, लेकिन हालत गंभीर होने पर उन्हें कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। विनोद ने ठेकेदार से किसी अच्छे निजी अस्पताल में इलाज कराने की मांग की, लेकिन ठेकेदार ने साफ मना कर दिया। जब कल्पना चावला में हालत बिगड़ने लगी तो डॉक्टरों ने उन्हें चंडीगढ़ पीजीआई रेफर कर दिया। विनोद अपने पिता को चंडीगढ़ ले गया, लेकिन उनकी हालत बिगड़ती चली गई और बीती रात पीजीआई में उनकी मौत हो गई। विनोद पासवान ने ठेकेदार बब्लू और मकान मालिक पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अगर उनके पिता को सही समय पर बेहतर इलाज मिल जाता तो उनकी जान बच सकती थी। इस मामले में श्याम जी और उनके साथी ने हादसा होते हुए देखा और वे गवाह भी हैं। पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा मौत की सूचना मिलने के बाद करनाल पुलिस चंडीगढ़ पीजीआई पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया। पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है। विनोद ने बताया कि 2013 में उसकी मां की मौत हो गई थी और आज उसके पिता का भी निधन हो गया है। मेरी चार बेटियां भी हैं। ठेकेदार की लापरवाही के कारण यह हादसा हुआ है। पुलिस ने किया मामला दर्ज विनोद की शिकायत पर थाना सदर करनाल पुलिस ने बब्लू ठेकेदार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है और मामले की जांच शुरू कर दी है। पुलिस का कहना है कि जांच के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। जांच अधिकारी यशपाल ने बताया कि विनोद ने शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर बीती रात मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को जल्द ही गिरफ्तार किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में दशहरे के दिन कार नहर में गिरी:3 बच्चों समेत एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत; मंदिर जा रहे थे हरियाणा के कैथल में दशहरे के दिन एक ऑल्टो कार मुंदड़ी नहर में डूब गई। कार सवार 8 लोगों की मौत हो गई है। हादसे में 3 बच्चों समेत एक ही परिवार के 8 लोगों की मौत हो गई। वे कैथल के गांव डीग के रहने वाले थे। शनिवार सुबह परिवार ऑल्टो कार में सवार होकर मंदिर में माथा टेकने जा रहे थे। इसी दौरान जब वे मुंदड़ी पहुंचे तो उनकी कार अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, जब ग्रामीणों ने कार को नहर में गिरते देखा तो वे मौके पर पहुंचे। काफी मशक्कत के बाद कार को बाहर निकाला गया। कार में सवार सभी लोगों को अस्पताल ले जाया गया। वहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया। सबसे पहले देखिए हादसे से जुड़ी 4 तस्वीरें… रविदास मंदिर जा रहा था परिवार
मृतकों की संख्या 8 है, जिनमें से सात के शव मिल चुके हैं। 15 वर्षीय लड़की का शव अभी तक नहीं मिल पाया है, जो नहर में ही बताई जा रही है। कार चला रहा ड्राइवर फिलहाल बच गया है और कुंडली अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है। परिवार वालों ने बताया कि एक ही परिवार के 9 सदस्य सुबह कैथल के गांव गुहणा में गुरु रविदास मंदिर में माथा टेकने जा रहे थे। वे सुबह करीब साढ़े आठ बजे घर से निकले थे। 10-15 मिनट में कार को बाहर निकाला
प्रत्यक्षदर्शी प्रदीप शर्मा ने भावुक होते हुए बताया कि गाड़ी अनियंत्रित होकर नहर में गिर गई। मौके पर मौजूद लोग वहां से भागकर घटना स्थल पर पहुंचे। गाड़ी में सवार लोगों को बचाने के लिए नहर में कूद गए। करीब 10-15 मिनट की कड़ी मशक्कत के बाद गाड़ी को बाहर निकाला गया। उस समय 2 लोग जीवित थे। जब तक उन्हें अस्पताल ले जाया गया, तब तक उनकी भी मौत हो गई। मरने वालों में तीन बच्चे भी शामिल हैं। घटना से गांव वाले काफी दुखी हैं। हमने अपने हाथों से बच्चों के शव गाड़ी से बाहर निकाले हैं। हम इस खबर को अपडेट कर रहे है।