गुरुग्राम के सोहना में 38 वर्षीय व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह निजी कंपनी में कार्यरत था और काफी समय से अपने परिवार के साथ यहां रह रहा था। मृतक के दो बच्चे भी हैं। एक दर्दनाक घटना सामने आई है। एमवीएन सोसाइटी के टावर नंबर 5 में रहने वाले 38 वर्षीय भरत ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला भरत एक निजी कंपनी में कार्यरत था और काफी समय से अपने परिवार के साथ यहां रह रहा था। घटना रविवार की है। मृतक की पहचान भरत के नाम से हुई है, जो एमवीएन सोसाइटी के टावर नंबर-5 में रहता था। भरत मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला था। सुबह जब भरत का शव उसके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला, तो परिवार ने शोर मचाया। फंदे से उतारा कर अस्पताल लेकर पहुंचे आसपास के लोगों ने तुरंत उसे फंदे से उतारा और नागरिक अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों के अनुसार, भरत पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव से जूझ रहा था। दो बच्चों का पिता भरत किस कारण से इस कदम को उठाने पर मजबूर हुआ, इसकी जांच की जा रही है। मामले की जांच कर ही पुलिस थाना प्रभारी प्रवीण मलिक ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सोहना नागरिक अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर 194 बी एन एस के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। गुरुग्राम के सोहना में 38 वर्षीय व्यक्ति ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। वह निजी कंपनी में कार्यरत था और काफी समय से अपने परिवार के साथ यहां रह रहा था। मृतक के दो बच्चे भी हैं। एक दर्दनाक घटना सामने आई है। एमवीएन सोसाइटी के टावर नंबर 5 में रहने वाले 38 वर्षीय भरत ने अपने कमरे में फांसी लगाकर जान दे दी। मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला भरत एक निजी कंपनी में कार्यरत था और काफी समय से अपने परिवार के साथ यहां रह रहा था। घटना रविवार की है। मृतक की पहचान भरत के नाम से हुई है, जो एमवीएन सोसाइटी के टावर नंबर-5 में रहता था। भरत मूल रूप से राजस्थान के भरतपुर का रहने वाला था। सुबह जब भरत का शव उसके कमरे में फांसी के फंदे पर लटका मिला, तो परिवार ने शोर मचाया। फंदे से उतारा कर अस्पताल लेकर पहुंचे आसपास के लोगों ने तुरंत उसे फंदे से उतारा और नागरिक अस्पताल ले गए, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिजनों के अनुसार, भरत पिछले कुछ समय से मानसिक तनाव से जूझ रहा था। दो बच्चों का पिता भरत किस कारण से इस कदम को उठाने पर मजबूर हुआ, इसकी जांच की जा रही है। मामले की जांच कर ही पुलिस थाना प्रभारी प्रवीण मलिक ने बताया कि शव को पोस्टमॉर्टम के लिए सोहना नागरिक अस्पताल भेज दिया गया है। पुलिस ने परिजनों के बयान के आधार पर 194 बी एन एस के तहत कार्रवाई शुरू कर दी है। पुलिस मामले की गहराई से जांच कर रही है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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फरीदाबाद में कार ने महिला को मारी टक्कर:मौत; गाड़ी पर लगा था पुलिस का स्टीकर, काम से लौट रही थी मृतका फरीदाबाद के राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 19 स्थिति अजरौंदा मेट्रो स्टेशन के पास सड़क पार कर रही एक महिला को एक तेज रफ्तार एसयूवी कार ने टक्कर मार दी, जिससे महिला की दर्दनाक मौत हो गई। बता दे कि कार किसी पुलिसकर्मी की थी। जिस पर आगे और पीछे शीशे पर पुलिस का स्टीकर लगा हुआ था। फिलहाल महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए फरीदाबाद के बादशाह खान सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया गया है। मृतिका के पति सुनील ने बताया कि उसकी पत्नी द्रोपदी उम्र 32 वर्ष थी, जो की कोठी में काम कर घर वापस लौट रही थी कि अचानक से एक तेज रफ्तार कार ने उसे टक्कर मार दी। टक्कर लगने के बाद वह सड़क पर जा गिरी। जिसकी जानकारी उन्हें आसपास के लोगों ने दी कि एक महिला को किसी या किसी कार ने टक्कर मार दी है। महिला को टक्कर लगने की सूचना मिलने के बाद वह दौड़े और उन्होंने देखा तो वह उन्हीं की पत्नी थी। सुनील के मुताबिक लगभग पौने घंटे तक उनकी पत्नी को टक्कर मारने वाले पुलिसकर्मी एम्बुलेंस के आने का इंतजार करते रहे। काम के लिए फरीदाबाद आए थे
जब एम्बुलेंस आई तब है उसकी पत्नी को बादशाह खान सिर्फ अस्पताल पहुंचे। लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी और उनकी पत्नी की मौत हो चुकी थी। सुनील ने बताया कि वह बिहार के दरभंगा गांव कमतौल के रहने वाले हैं जो की 5 महीने पहले ही फरीदाबाद में अपनी पत्नी और 9 साल के बेटी के साथ रोजी-रोटी कमाने के लिए आए थे। सुनील के मुताबिक उनकी पत्नी बिहार में बीमार हुई थी जिसके चलते इलाज की वजह से उनके ऊपर कर्जा हो गया था। उसी कर्ज को चुकाने के लिए उनकी बहन ममता ने उन्हें फरीदाबाद में बुलवाया था और दोनों को नौकरी पर लगवाया था उन्हें मालूम होता कि उनकी पत्नी के साथ ऐसा हादसा हो जाएगा तो वह बिहार से कभी नहीं आते वह नमक रोटी खाकर वही गुजारा कर लेते। फिलहाल इस मामले में अब सुनील चाहता हैं कि उनकी पत्नी को टक्कर मारकर मौत के घाट उतारने वाले कार सवार सभी पुलिसकर्मियों के खिलाफ उचित कानून कारवाई की जानी चाहिए।
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