सिरमौर में ग्रामीणों ने पकड़ा आदमखोर तेंदुआ:कई पशु बने शिकार, वन विभाग का पिंजरा फेल, डॉक्टरों ने पिलाया पानी

सिरमौर में ग्रामीणों ने पकड़ा आदमखोर तेंदुआ:कई पशु बने शिकार, वन विभाग का पिंजरा फेल, डॉक्टरों ने पिलाया पानी

हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में ग्रामीणों ने एक आदमखोर तेंदुए को जाल डालकर पकड़ने में सफलता हासिल की है। गिरी पार के आंज भोज क्षेत्र के डांडा गांव के पास बरसाती खड्ड में ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए खतरनाक तेंदुए को काबू किया। कई दिनों से इलाके में फैली थी दहशत पिछले कई दिनों से यह तेंदुआ इलाके में दहशत फैला रहा था और कई पशुओं और बकरियों को अपना शिकार बना चुका था। वन विभाग द्वारा तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए थे, लेकिन वह इनमें नहीं फंसा। इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद ही कार्रवाई करने का निर्णय लिया। मौके पर पहुंचे पशु डॉक्टर तेंदुए को पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम और पशु डॉक्टर मौके पर पहुंच गए हैं। ग्रामीणों ने न केवल तेंदुए को पकड़ा, बल्कि उसे पानी भी पिलाया, जो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। कई सालों से घूम रहे तीन-चार तेंदुए क्षेत्रवासियों के अनुसार इलाके में पिछले कई सालों से तीन-चार तेंदुए लगातार घूम रहे हैं। ये जंगल से निकलकर गोशालाओं में घुसकर पशुओं को निशाना बनाते रहे हैं। पांवटा क्षेत्र में भी कई बार तेंदुओं को देखा गया है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इनकी संख्या काफी है, जो चिंता का विषय बना हुआ है। हिमाचल प्रदेश के सिरमौर जिले में ग्रामीणों ने एक आदमखोर तेंदुए को जाल डालकर पकड़ने में सफलता हासिल की है। गिरी पार के आंज भोज क्षेत्र के डांडा गांव के पास बरसाती खड्ड में ग्रामीणों ने साहस दिखाते हुए खतरनाक तेंदुए को काबू किया। कई दिनों से इलाके में फैली थी दहशत पिछले कई दिनों से यह तेंदुआ इलाके में दहशत फैला रहा था और कई पशुओं और बकरियों को अपना शिकार बना चुका था। वन विभाग द्वारा तेंदुए को पकड़ने के लिए पिंजरे लगाए गए थे, लेकिन वह इनमें नहीं फंसा। इससे परेशान होकर ग्रामीणों ने खुद ही कार्रवाई करने का निर्णय लिया। मौके पर पहुंचे पशु डॉक्टर तेंदुए को पकड़ने के बाद ग्रामीणों ने तुरंत वन विभाग को सूचित किया। वन विभाग की टीम और पशु डॉक्टर मौके पर पहुंच गए हैं। ग्रामीणों ने न केवल तेंदुए को पकड़ा, बल्कि उसे पानी भी पिलाया, जो उनकी संवेदनशीलता को दर्शाता है। कई सालों से घूम रहे तीन-चार तेंदुए क्षेत्रवासियों के अनुसार इलाके में पिछले कई सालों से तीन-चार तेंदुए लगातार घूम रहे हैं। ये जंगल से निकलकर गोशालाओं में घुसकर पशुओं को निशाना बनाते रहे हैं। पांवटा क्षेत्र में भी कई बार तेंदुओं को देखा गया है। शहरी और ग्रामीण दोनों क्षेत्रों में इनकी संख्या काफी है, जो चिंता का विषय बना हुआ है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर