भास्कर न्यूज | जालंधर एक बार फिर जालंधर के सब रजिस्टर कार्यालय-1 और 2 के रजिस्ट्री क्लर्क (आरसी) विजिलेंस के निशाने पर हैं। पिछले साल कई तरह की गड़बड़ियों के मामले सामने आ चुके हैं, करोड़ों की प्रॉपर्टी में कई तरह की गड़बड़ियों के मामलों में विजिलेंस की तरफ से जांच भी चल रही है। अब विजिलेंस पंजाब की तरफ से जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और सब रजिस्ट्रार कार्यालय-2 में पिछले 5 साल में जितने आरसी रहे हैं, उनकी डिटेल मांगी गई है। इसके अलावा पंजाब के अन्य जिलों में भी विजिलेंस की तरफ से कार्रवाई के तहत मुलाजिमों को बुलाया जा रहा है। इस बारे में डीसी ऑफिस कर्मचारी यूनियन के सूबा प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी करते हुए बताया कि मुलाजिमों को बिना वजह के परेशान किया जा रहा है। फ्लाइंग स्क्वॉड विजिलेंस टीम की तरफ से एक शिकायत के आधार पर पंजाब के अलग-अलग जिलों से रजिस्ट्री क्लर्क को बुलाया जा रहा है, जिसमें उनसे संबंधित शिकायत के बारे में बात करने की बजाय उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम, गाड़ी का नंबर या फिर अन्य जानकारी ली जा रही है, जो कि गलत है। प्रधान तेजिंदर नंगल ने कहा कि अब उन्हें पता चला है कि जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय 1 और 2 में पिछले 5 सालों में जितने रजिस्ट्री क्लर्कों की डिटेल भी मांगी गई है और इसमें बड़ी बात है कि रीडर की डिटेल भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों ने जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला लाया तो उन्होंने विजिलेंस विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात करते हुए यह सुनिश्चित कर दिया है कि 5 और 6 फरवरी को जिन्हें विजिलेंस दफ्तर मोहाली में बुलाया जा रहा था, वे नहीं जाएंगे क्योंकि जब तक विजिलेंस संबंधित शिकायत के बारे में पूरी तरह जानकारी नहीं देती तब तक हमारे मुलाजिम नहीं जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द इस मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में मामला लाया जाएगा और फिर चीफ सेक्रेट्री पंजाब, एडिशनल सेक्रेटरी सहित विजिलेंस विभाग के डीजीपी को भी इस बारे में मिलकर सारी बात क्लियर की जाएगी। 18 सितंबर 2024 को प्रकाशित खबर भास्कर न्यूज | जालंधर एक बार फिर जालंधर के सब रजिस्टर कार्यालय-1 और 2 के रजिस्ट्री क्लर्क (आरसी) विजिलेंस के निशाने पर हैं। पिछले साल कई तरह की गड़बड़ियों के मामले सामने आ चुके हैं, करोड़ों की प्रॉपर्टी में कई तरह की गड़बड़ियों के मामलों में विजिलेंस की तरफ से जांच भी चल रही है। अब विजिलेंस पंजाब की तरफ से जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय-1 और सब रजिस्ट्रार कार्यालय-2 में पिछले 5 साल में जितने आरसी रहे हैं, उनकी डिटेल मांगी गई है। इसके अलावा पंजाब के अन्य जिलों में भी विजिलेंस की तरफ से कार्रवाई के तहत मुलाजिमों को बुलाया जा रहा है। इस बारे में डीसी ऑफिस कर्मचारी यूनियन के सूबा प्रधान तेजिंदर सिंह नंगल ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर वीडियो जारी करते हुए बताया कि मुलाजिमों को बिना वजह के परेशान किया जा रहा है। फ्लाइंग स्क्वॉड विजिलेंस टीम की तरफ से एक शिकायत के आधार पर पंजाब के अलग-अलग जिलों से रजिस्ट्री क्लर्क को बुलाया जा रहा है, जिसमें उनसे संबंधित शिकायत के बारे में बात करने की बजाय उनके पारिवारिक सदस्यों के नाम, गाड़ी का नंबर या फिर अन्य जानकारी ली जा रही है, जो कि गलत है। प्रधान तेजिंदर नंगल ने कहा कि अब उन्हें पता चला है कि जालंधर सब रजिस्ट्रार कार्यालय 1 और 2 में पिछले 5 सालों में जितने रजिस्ट्री क्लर्कों की डिटेल भी मांगी गई है और इसमें बड़ी बात है कि रीडर की डिटेल भी ली जा रही है। उन्होंने कहा कि मुलाजिमों ने जैसे ही उनके ध्यान में यह मामला लाया तो उन्होंने विजिलेंस विभाग के संबंधित अधिकारियों से बात करते हुए यह सुनिश्चित कर दिया है कि 5 और 6 फरवरी को जिन्हें विजिलेंस दफ्तर मोहाली में बुलाया जा रहा था, वे नहीं जाएंगे क्योंकि जब तक विजिलेंस संबंधित शिकायत के बारे में पूरी तरह जानकारी नहीं देती तब तक हमारे मुलाजिम नहीं जाएंगे। इसके अलावा उन्होंने बताया कि जल्द इस मामले को लेकर डिप्टी कमिश्नर के ध्यान में मामला लाया जाएगा और फिर चीफ सेक्रेट्री पंजाब, एडिशनल सेक्रेटरी सहित विजिलेंस विभाग के डीजीपी को भी इस बारे में मिलकर सारी बात क्लियर की जाएगी। 18 सितंबर 2024 को प्रकाशित खबर पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत:हेल्थ क्लब का मालिक, अफसर बोले- अपनी रिवाल्वर से मारी गोली, परिजनों ने किया इनकार
अमृतसर में पुलिस कस्टडी में युवक की मौत:हेल्थ क्लब का मालिक, अफसर बोले- अपनी रिवाल्वर से मारी गोली, परिजनों ने किया इनकार अमृतसर के ग्रामीण क्षेत्र में थाना घरिंडा के अंतर्गत आने वाली चौकी खासा में पुलिस हिरासत में रखे गए एक युवक की मौत हो गई। पुलिस का कहना है कि मृतक ने अपनी ही रिवाल्वर से खुद को गोली मारी है, जबकि परिवार इसे आत्महत्या मानने से इनकार कर रहा है। डीएसपी लखविंदर सिंह कलेर ने कहा कि मामले की जांच चल रही है। मृतक की पहचान मनजीत सिंह के रूप में हुई है, जो गांव खासा का निवासी था और हेल्थ क्लब का मालिक था। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, युवक को मुखबिर की सूचना के आधार पर हिरासत में लिया गया था। जिसने अपने लाइसेंसी पिस्तौल से खुद को गोली मार ली। पुलिस ने अपना पक्ष रखते हुए बताया कि हिरासत में लेते समय मृतक मनजीत सिंह की तलाशी नहीं ली गई थी और उसने अपनी ही रिवाल्वर से खुद को गोली मार ली। डीसीपी लखविंदर सिंह कलेर ने बताया कि पुलिस द्वारा जांच की जा रही है और जांच के बाद सभी तथ्य सामने आएंगे। मृतक के परिवार ने इस घटना को आत्महत्या मानने से इनकार कर दिया है। परिवार ने लगाए पुलिस पर आरोप मृतक के परिजनों का कहना है कि मनजीत सिंह युवाओं को नशे से दूर रखने और सिखी के लिए प्रेरित करने का काम करता था। उन्होंने आरोप लगाया कि पुलिस द्वारा जानबूझकर मनजीत के खिलाफ साजिश रची गई है। परिवार ने यह भी मांग की है कि चौकी खासा के उन पुलिस अधिकारियों को निलंबित किया जाए और उनके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई हो। देर रात पुलिस ने परिवार को दी सूचना परिजनों ने आरोप लगाया कि मनजीत सिंह को सुबह पुलिस ने हिरासत में लिया और देर शाम यह घटना सामने आई। सूत्रों के अनुसार, चौकी खासा के एक पुलिस अधिकारी जसविंदर सिंह ने मनजीत शक के आधार पर गिरफ्तार किया था। घटना के बाद मृतक के परिवार और स्थानीय लोगों ने थाना घरिंडा का घेराव करने की कोशिश की। पुलिस प्रशासन की तरफ से इस मामले में राजीनामा करने का भी दबाव बनाया जा रहा है।

पंजाब विजन- 2047 में बोले सीएम मान:कहा- पराली के धुएं पर ब्लेम गेम नहीं होनी चाहिए, प्रदेश से सौतेली मां जैसा व्यवहार हुआ
पंजाब विजन- 2047 में बोले सीएम मान:कहा- पराली के धुएं पर ब्लेम गेम नहीं होनी चाहिए, प्रदेश से सौतेली मां जैसा व्यवहार हुआ पंजाब यूनिवर्सिटी में चल रहे पंजाब विजन 2047 में पहुंचे सीएम भगवंत मान ने पराली के मुद्दे पर एक बार फिर केंद्र सरकार पर जुबानी हमला बोला। उन्होंने कहा कि पराली की समस्या के लिए हमें जिम्मेदार ठहराया जाता है। इस मुद्दे पर ब्लेम गेम नहीं होनी चाहिए। इस समस्या के हल के लिए होम वर्क करना होगा। वहीं, फसली विभिन्नता पर जोर देते हुए कहा कि किसानों को धान के बदले उगाई जाने वाली फसलों पर पूरा मूल्य मिले। यह समस्या मध्य प्रदेश, यूपी और हरियाणा सबकी है। वहीं, इस प्रोग्राम के लिए राज्यसभा सांसद विक्रम साहनी के प्रयास की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस दौरान जो भी तथ्य सामने आएंगे। उसे भविष्य पर सरकार अपनी योजनाए बनाएगी। इस दौरान कई बड़े माहिर, बिजनेसमैन और आईएएस अधिकारी पहुंचे हुए थे। पहले अन्नदाता, फिर कहते है पर्चा दर्ज करें सीएम ने कहा कि चावल पैदा करने से ही पराली पैदा होती है, लेकिन चावल पंजाबियों की डाइट नहीं है। हम तो 10वीं वाले दिन चावल खाते हैं। उन्होंने कहा कि पंजाब के किसानों को पहले जब अनाज चाहिए होता है तो अन्नतदाता कहते हैं, जबकि बाद में कहा जाता है कि पर्चा दर्ज करे। वहीं, उन्होंने कि कहा कि पहले तो दिल्ली वाले कहते है कि पंजाब का धुआं आ रहा है। हमारा ही धुआं दिल्ली, हरियाणा सब जगह घूम रहा है। अब तो पाकिस्तान पंजाब की मुख्यमंत्री मरहम नवाज का भी इस मुद्दे पर बयान आया है, वह कहती हैं कि मैं इस मामले में भगवंत मान को पत्र लिखूंगी। सीएम ने कहा कि हम तो पहले ही एक पाकिस्तान वाली से दुखी रहे हैं। अब तू भी बोलने लगी हैं। पंजाब के पिछड़ने के पीछे राजनीतिक कारण सीएम ने कह कि साढ़े तीन लाख लोगों ने मुझे पंजाब लाणेदार यानी की मुखिया चुना है। लाणेदार की भी जिम्मेदारी बनती है कि परिवार के सभी मेंबरों की सुने। ऐसे में पंजाब को आगे बढ़ाने के लिए सबकी राय जरूरी है। कुदरत ने पंजाब में कमी नहीं छोड़ी है, जो कि राज्य को कामयाबी की तरफ लेकर न जाती हो। पंजाब के पिछड़ने के कारण राजनीतिक है। क्योंकि जिनको हमने चुना, उन्होंने यह फर्ज ही नहीं निभाया। इसकी वजह पता नहीं है कि क्या वह इस बारे में अनजान थे। इस वजह से हमारी इच्छाएं तक ही मर गई है। पंजाब से सौतेली मां जैसा व्यवहार हुआ सीएम ने कहा कि पंजाब के साथ हमेशा सौतेली मां जैसे व्यवहार हुआ है। क्योंकि केंद्र में कोई और सरकार रही तो राज्य में कोई और सरकार रही। उन्होंने कहा कि पंजाब देश फूड बॉल है। हम देश को 182 लाख मीट्रिक चावल दे रहे है। हम देश को चावल नहीं दे रहे है, बल्कि अपना पानी भी दे रहे हैं। धान पैदा करने से पानी का भूजल लगातार गिर रहा है। आधा पंजाब डॉर्क जोन में आ गया है। इसके लिए किसान भी जिम्मेदार नहीं है। क्योंकि उनके पास विकल्प तक नहीं है। वहीं, किसानों को आर्थिक मदद करनी होगी। पराली जलाने के लिए एनजीटी से लेकर सारे माहिर पंजाब को जिम्मेदार ठहरा है। कबूतर की तरह आंखें बंद करने से इस समस्या का हल नहीं होगा। कैंसर का इलाज आयोडेक्स से नहीं होता है। ऐसे में दूसरे का तुजुर्बा प्रयोग कर लो, तब तक स्थिति सुधर सके। उन्होंने कहा कि पानी को बेचने की जरूरत है। एक किलो चावल के लिए 35 लीटर पानी प्रयोग होता है। उन्होंने कहा कि इसके लिए हम इसकी पड़ताल कर रहे है। किसान भी पराली जलाना नहीं चाहता है। पैसे रोक लेती है केंद्र सरकार केंद्र सरकार कभी आरडीएफ, कभी एनएचएम का पैसा रोक लेती है। हर रोज कोई न कोई आदेश आते रहते है। जब अनाज की जरूरत थी तो पंजाब ने देश की बाजू पकड़ी थी। वहीं, अब केंद्र को भी अपना फर्ज निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारे युवा तो विदेश जा रहे हैं। हमने तो रेडियो के बैंड सुने थे, लेकिन अब आइलेट्स के बैंड याद रह गए। आजकल तो अखबारों में आता है कि 6 बैंड वाला चाहिए या 7 बैंड चाहिए। उन्होंने हाल में मौजूद युवाओं को कहा कि आप अच्छे हो कि यहां तक पहुंचे हो हमारे यहां तो आटा दाल स्कीम ने ही युवाओं को आगे नहीं बढ़ने दिया।

कांग्रेस नेता श्रीनेत बीजेपी पर भड़कीं:पूर्व सीएम अमरिंदर का वीडियो शेयर किया, लिखा- कैप्टन के दिल का हाल उन्हीं की जुबानी
कांग्रेस नेता श्रीनेत बीजेपी पर भड़कीं:पूर्व सीएम अमरिंदर का वीडियो शेयर किया, लिखा- कैप्टन के दिल का हाल उन्हीं की जुबानी कांग्रेस नेता सुप्रिया श्रीनेत ने पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के एक इंटरव्यू की क्लिप शेयर कर बीजेपी और उन पर निशाना साधा है। आपको बता दें कि पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद कैप्टन भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गए थे। हालांकि, उनकी पत्नी ने उनके बीजेपी टिकट पर पटियाला से चुनाव लड़ा था और उन्हें वहां हार का सामना करना पड़ा था। सुप्रिया श्रीनेत ने वीडियो शेयर कर लिखा- अमरिंदर सिंह के दिल का हाल उन्हीं की जुबानी। कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से श्रीनेत ने लिखा- “मैं BJP को पंजाब पर बिना माँगे कोई राय नहीं दूंगा, मैं 1967 से पंजाब की राजनीति में हूं। 2 बार मुख्यमंत्री, 1 बार मंत्री, 7 बार MLA और 2 बार MP रहा हूं। मुझसे BJP ने सीटों या चुनावी रणनीति पर कोई बात नहीं की है। हमने BJP हंसी मज़ाक़ के लिए नहीं जॉइन की, हम सीरियस पॉलिटिशियन हैं।” किसानों के मुद्दों पर कैप्टन ने पंजाब सरकार पर साधा था निशाना वहीं, पत्रकार से बातचीत में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब सरकार को धान प्रबंधन सही से न होने का जिम्मेदार बताया था। बीते दिनों कैप्टन अमरिंदर सिंह खन्ना की अनाज मंडी पहुंचे थे, जहां उन्होंने किसानों और आढ़तियों से बातचीत की थी। उन्होंने कहा था कि मुझे लोगों ने बताया कि सरकार धान नहीं खरीद रही। वहीं, जिसकी धान खरीदी गई, उसे पैसे नहीं मिल रहे। जबकि केंद्र सरकार द्वारा धान को लेकर 44000 करोड़ रुपए जारी कर दिए गए हैं। अगर किसानों को पैसा दिया जाता तो ये स्थिति पैदा न होती।