भास्कर न्यूज | अमृतसर मेयर जतिंदर सिंह मोती भाटिया ने बुधवार को भगतांवाला डंप पर पहुंचे और डंप के आसपास रहने वाले लोगों से मिले। मेयर ने कहा कि डंप पर ड्रोन सर्वे करवाया जाएगा, ताकि पता चल सके कि डंप पर और कितनी मशीनों की जरूरत है। इसके बाद जल्द डंप पर कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ों को हटाया जाएगा। उनके साथ हल्का दक्षिण से विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर भी मौजूद थे। मेयर ने कहा कि अभी डंप पर एक बायोरेमेिडएशन मशीन लगी है जो नवंबर 2024 में लगाई गई थी। मशीन से पिछले ढाई माह के दौरान डंप से कूड़े का एक छोटा पहाड़ खत्म किया है। बीते 25 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि डंप से 12 मिट्टी के टिप्पर बाहर भेजे गए हैं। अब पहले से बड़ी मशीन जहां लगाई जाएगी, ताकि लोगों को यहां से कूड़े के कारण हो रही परेशानी से निजात मिल सके। कूड़े से उठते धुएं और बदबू से आसपास के लोगों का बुरा हाल है। विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर ने कहा कि डंप उनके हलके में आता है। उनकी ख्वाहिश है कि इस डंप को उनके हलके से बाहर किया जाए। कूड़े से जो मिट्टी निकल रही है उसे नेशनल हाईवे अथारिटी को दिया जा रहा है। पिछली सरकारों ने कभी भी डंप से कुछ बाहर नहीं भेजा इस कारण जहां एक बड़ा पहाड़ बन गया था, जिसे अब धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। इस मौके पर नगर निगम के हेल्थ अफसर डॉ. किरण भी मौजूद थे। मेयर ने कहा कि कूड़े का निस्तारण करने में लगी कंपनी के हैड से बातचीत की जाएगी। इसके अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। निगम कमिश्नर के साथ इस बारे में जल्द ही मीटिंग करेंगे। वहीं कंपनी 15 दिन में 2 और ट्रॉमिल मशीनें लाने की तैयारी है। 2 और ट्रॉमिल मशीनें आने के बाद अगर सही ढंग से 3 मशीनें चली तो हर माह 90 हजार टन कूड़ा हटाया जा सकेगा। हालांकि भगतांवाला डंप से कूड़े का पहाड़ हटाने के लिए लगी ट्रॉमिल मशीन 90 दिन में 60 की जगह 20 हजार टन कूड़ा ही हटा पाई है। वहीं शहर से रोजाना 500 टन कूड़ा डंप पर पहुंच रहा है। भास्कर न्यूज | अमृतसर मेयर जतिंदर सिंह मोती भाटिया ने बुधवार को भगतांवाला डंप पर पहुंचे और डंप के आसपास रहने वाले लोगों से मिले। मेयर ने कहा कि डंप पर ड्रोन सर्वे करवाया जाएगा, ताकि पता चल सके कि डंप पर और कितनी मशीनों की जरूरत है। इसके बाद जल्द डंप पर कूड़े के बड़े-बड़े पहाड़ों को हटाया जाएगा। उनके साथ हल्का दक्षिण से विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर भी मौजूद थे। मेयर ने कहा कि अभी डंप पर एक बायोरेमेिडएशन मशीन लगी है जो नवंबर 2024 में लगाई गई थी। मशीन से पिछले ढाई माह के दौरान डंप से कूड़े का एक छोटा पहाड़ खत्म किया है। बीते 25 साल में ऐसा पहली बार हुआ है कि डंप से 12 मिट्टी के टिप्पर बाहर भेजे गए हैं। अब पहले से बड़ी मशीन जहां लगाई जाएगी, ताकि लोगों को यहां से कूड़े के कारण हो रही परेशानी से निजात मिल सके। कूड़े से उठते धुएं और बदबू से आसपास के लोगों का बुरा हाल है। विधायक इंद्रबीर सिंह निज्जर ने कहा कि डंप उनके हलके में आता है। उनकी ख्वाहिश है कि इस डंप को उनके हलके से बाहर किया जाए। कूड़े से जो मिट्टी निकल रही है उसे नेशनल हाईवे अथारिटी को दिया जा रहा है। पिछली सरकारों ने कभी भी डंप से कुछ बाहर नहीं भेजा इस कारण जहां एक बड़ा पहाड़ बन गया था, जिसे अब धीरे-धीरे खत्म किया जा रहा है। इस मौके पर नगर निगम के हेल्थ अफसर डॉ. किरण भी मौजूद थे। मेयर ने कहा कि कूड़े का निस्तारण करने में लगी कंपनी के हैड से बातचीत की जाएगी। इसके अलावा दूसरे विकल्पों पर भी विचार किया जा रहा है। निगम कमिश्नर के साथ इस बारे में जल्द ही मीटिंग करेंगे। वहीं कंपनी 15 दिन में 2 और ट्रॉमिल मशीनें लाने की तैयारी है। 2 और ट्रॉमिल मशीनें आने के बाद अगर सही ढंग से 3 मशीनें चली तो हर माह 90 हजार टन कूड़ा हटाया जा सकेगा। हालांकि भगतांवाला डंप से कूड़े का पहाड़ हटाने के लिए लगी ट्रॉमिल मशीन 90 दिन में 60 की जगह 20 हजार टन कूड़ा ही हटा पाई है। वहीं शहर से रोजाना 500 टन कूड़ा डंप पर पहुंच रहा है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
वडिंग की जीत में बैंस बंधु नहीं दिखा सके दम:आत्म नगर में 30696 की बढ़त, दक्षिणी में भी भाजपा 4396 से आगे
वडिंग की जीत में बैंस बंधु नहीं दिखा सके दम:आत्म नगर में 30696 की बढ़त, दक्षिणी में भी भाजपा 4396 से आगे पंजाब के लुधियाना लोकसभा चुनाव में पूर्व विधायक सिमरजीत सिंह और उनके भाई पूर्व विधायक बलविंदर सिंह बैंस पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष राजा वड़िंग की जीत में कोई खास योगदान नहीं दे पाए। लुधियाना दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से वड़िंग पीछे चल रहे हैं, जबकि आत्म नगर विधानसभा क्षेत्र से उन्हें कुछ बढ़त मिली है, हालांकि दोनों विधानसभा क्षेत्र बैंस बंधुओं का गढ़ माने जाते हैं। बैंस बंधुओं के शामिल होने के बाद कई कांग्रेसियों ने सदस्यता छोड़ी बलात्कार के मामले में जमानत पर बाहर चल रहे सिमरजीत सिंह बैंस और उनके भाई बलविंदर सिंह, जो शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के सदस्य भी हैं, मतदान से ठीक पहले अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी और पंजाब कांग्रेस प्रभारी देवेंद्र यादव की मौजूदगी में कांग्रेस में शामिल हो गए थे। बैंस बंधुओं ने अपनी लोक इंसाफ पार्टी (एलआईपी) का भी कांग्रेस में विलय कर दिया है। बैंस बंधुओं को पार्टी में शामिल किए जाने पर कांग्रेस में नाराजगी देखी गई, जिसके चलते पार्षद परविंदर सिंह लापरान समेत कई नेताओं को पार्टी से निकाल दिया गया। बलविंदर बैंस के गढ़ में भाजपा को 4396 की बढ़त
बलविंदर सिंह बैंस के गढ़ लुधियाना दक्षिण विधानसभा क्षेत्र से वड़िंग 32982 वोट हासिल करने में सफल रहे, जबकि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार रवनीत सिंह बिट्टू 37378 वोटों के साथ आगे चल रहे हैं। आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार अशोक पराशर पप्पी को 19289 और शिरोमणि अकाली दल (एसएडी) के उम्मीदवार रंजीत सिंह ढिल्लों को 4939 वोट मिले। आत्म नगर से मिली सिर्फ 30696 वोटों से बढ़त
आत्म नगर से, जिसने सिमरजीत सिंह बैंस को दो बार राज्य विधानसभा में भेजा, राजा वड़िंग ने 30696 वोटों के साथ बढ़त हासिल की। आप के पप्पी को यहां से 25600 वोट मिले। बिट्टू को 22753 वोट मिले, जबकि ढिल्लों को निर्वाचन क्षेत्र के मतदाताओं से ठंडी प्रतिक्रिया मिली और वे केवल 6060 वोट ही हासिल कर पाए। बैंस बंधुओं ने वड़िंग के साथ चुनाव से पहले निर्वाचन क्षेत्रों में रोड शो किया। 2022 विधानसभा में अपनी सीटें हार गए थे बैंस बंधु 2022 के पंजाब विधानसभा चुनावों में बैंस बंधुओं को अपनी सीटें हारनी पड़ी थीं। बैंस खुद का किला आप की लहर का आगे नहीं बचा पाए थे। बलविंदर सिंह बैंस को केवल 11906 वोट मिले थे, जबकि आप की राजिंदरपाल कौर छिन्ना 43811 वोटों के साथ विजयी रहीं। कांग्रेस उम्मीदवार ईश्वरजोत चीमा दक्षिण निर्वाचन क्षेत्र से 15604 वोट पाने में सफल रहे। 2022 के विधानसभा चुनाव में सिमरजीत सिंह बैंस आप के कुलवंत सिंह सिद्धू से हार गए। बैंस को केवल 12720 वोट मिले, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार कमलजीत सिंह कड़वल इस सीट से 28247 वोट पाने में सफल रहे। सिद्धू 44601 वोटों के साथ विजेता रहे।
मजदूरी मांगी तो मारी लातें, गर्भ में पल रही 5 महीने की बच्ची की मौत
मजदूरी मांगी तो मारी लातें, गर्भ में पल रही 5 महीने की बच्ची की मौत मजदूरी के रुपए मांगने पर एक गर्भवती महिला को उसके ही ठेकेदार ने बेरहमी से लात मारकर घायल कर दिया, जिससे उसके गर्भ में पल रही 5 महीने की बच्ची की दर्दनाक मौत हो गई। घटना थाना जमालपुर के अधीन इलाके में हुई है। पीड़िता माया पत्नी सुरेश ने पुलिस को बताया कि वह दिहाड़ी मजदूरी करती है। आरोप है कि उसने कई दिनों की मजदूरी बकाया होने पर ठेकेदार से पैसे मांगे। इस पर ठेकेदार भड़क गया और उसके साथ बहसबाजी करने लगा। इसी दौरान बात मारपीट तक पहुंच गई। आरोप है कि महिला के पेट पर लात मारी गई। घटना के तुरंत बाद माया की तबीयत बिगड़ गई और उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने गर्भस्थ शिशु को मृत घोषित कर दिया। इसके साथी डॉक्टर ने बताया कि महिला के पेट में लड़की थी जिसकी मौत हुई है। घटना के बाद पुलिस में शिशु के शव को सिविल अस्पताल की मोर्चरी में रखवा दिया है।
पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर
पंजाब उपचुनाव: डेरा बाबा नानक में कांग्रेस-AAP का मुकाबला:BJP काहलों फैमिली के रसूख पर निर्भर; अकाली दल का वोट बैंक डिसाइडिंग फैक्टर पंजाब में 4 सीटों पर उपचुनाव के लिए 20 नवंबर को वोटिंग होगी। इस उपचुनाव में गुरदासपुर जिले की डेरा बाबा नानक सीट सुर्खियों में है। इसकी वजह है कि यहां से कांग्रेस के मौजूदा सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा की पत्नी उपचुनाव लड़ रही हैं। वहीं रंधावा और सत्ता में बैठी आम आदमी पार्टी (AAP) के सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल के बीच खूब जुबानी जंग चल रही है। डेरा बाबा नानक सीट पर कांग्रेस की टिकट से सांसद रंधावा की पत्नी जतिंदर कौर के मुकाबले AAP ने पुराने चेहरे गुरदीप सिंह रंधावा को उम्मीदवार बनाया है। भाजपा ने राजनीतिक दिग्गज काहलों परिवार से अकाली दल छोड़कर आए रविकरण सिंह काहलों को टिकट दी है। अकाली दल इस बार उपचुनाव नहीं लड़ रहा। अकाली दल भले ही चुनाव मैदान में न हो लेकिन हार-जीत में उनके वोट बैंक की भूमिका अहम होगी। दरअसल, पिछले 3 विधानसभा चुनावों में कांग्रेस और अकाली दल के बीच ही मुकाबला रहा। जिसमें हार-जीत का अंतर भी 400 से लेकर 3 हजार के बीच ही रहा। अकाली दल को 50 हजार से ज्यादा वोट मिलते रहे हैं। ऐसे में अकाली दल के वोट बैंक का झुकाव डिसाइडिंग फैक्टर हो सकता है। इस सीट पर 1 लाख 95 हजार 604 मतदाता हैं। इनमें से 1 लाख 93 हजार 376 सामान्य और 2228 सर्विस वोटर हैं। इनमें से महिलाओं की संख्या 91 हजार 593 और पुरुषों की संख्या 1 लख 4 हजार 4 है। इस सीट पर 7 थर्ड जेंडर मतदाता हैं। मतदान केंद्रों की संख्या 241 है। 5 पॉइंट में समझें डेरा बाबा नानक विधानसभा का समीकरण जतिंदर कौर परिवार के भरोसे
जतिंदर कौर को यहां रंधावा परिवार के प्रभाव का फायदा मिल रहा है। सुखजिंदर सिंह रंधावा खुद अपनी पत्नी के लिए इन चुनावों में मैदान में हैं। जतिंदर कौर अपने पति सुखजिंदर सिंह रंधावा द्वारा किए गए कामों को लेकर वोट मांग रही हैं। वहीं, सांसद सुखजिंदर सिंह रंधावा भी लगातार आम आदमी पार्टी पर निशाना साध रहे हैं। AAP ढाई साल के कार्यकाल पर मांग रही वोट
गुरदीप सिंह रंधावा को आम आदमी पार्टी ने टिकट दिया है। सीएम भगवंत मान दो बार और अरविंद केजरीवाल एक बार इलाके में वोट मांगने आ चुके हैं। गुरदीप सिंह रंधावा भी पार्टी के ढाई साल के कार्यकाल के आधार पर वोट मांग रहे हैं। जिसमें किसानों को 8 घंटे बिजली, घरों को 600 यूनिट मुफ्त बिजली, आटा दाल स्कीम और आम आदमी क्लिनिक के आधार पर वोट मांगे जा रहे हैं। इसके अलावा अरविंद केजरीवाल ने वादा किया है कि जीत के बाद डेरा बाबा नानक में एक आईटीआई और बायो गैस प्लांट लगाया जाएगा। खुद सीएम मान कह चुके हैं कि अगर गुरदीप सिंह को जिताया तो डेरा बाबा नानक का कोई काम नहीं रुकेगा। किसानों के विरोध का सामना कर रही है भाजपा
डेरा बाबा नानक के अकाली दल छोड़कर भाजपा में शामिल हुए काहलों परिवार के बेटे रवि करण सिंह मैदान में हैं। उनके लिए सबसे बड़ी चुनौती इस समय किसान हैं। काहलों जहां भी प्रचार करने जाते हैं, किसान नेता उनका विरोध करते हैं। रवि करण सिंह काहलों किसानों से वादा कर रहे हैं कि अगर वे जीतते हैं तो किसानों की समस्याओं को केंद्र तक ले जाएंगे। रवि करण सिंह काहलों केंद्र की भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे कामों को लेकर अपने पक्ष में वोट देने की अपील कर रहे हैं। जानिए क्या कहते हैं वोटर… AAP का ज्यादा प्रभाव
मक्खन सिंह ने कहा कि इन चुनावों में आम आदमी पार्टी का काफी प्रभाव है। यह कांग्रेस का गढ़ था, लेकिन इस बार AAP का प्रभाव है। सीएम भगवंत मान ने काफी अच्छा काम किया है। किसानों को 8 घंटे बिजली दी गई है। घरों के लिए 600 यूनिट माफ किए गए हैं। लोगों को उम्मीद है कि भगवंत मान किए गए वादों को पूरा करेंगे। जो वादे बाकी रह गए हैं, उन्हें पूरा होने में समय लगेगा, लेकिन उन्हें पूरा किया जाएगा। सीएम मान ने अच्छा काम किया
निर्मल सिंह ने कहा कि लोगों ने चुनावों में सभी सरकारों को देखा है। उन्होंने कांग्रेस के साथ-साथ अकाली दल को भी देखा है। अब आम आदमी पार्टी और सीएम मान अच्छा काम कर रहे हैं। उन्होंने लोगों को सुविधाएं दी हैं। कांग्रेस का दबदबा रहेगा
लियाकत ने कहा कि इस बार कांग्रेस का दबदबा रहेगा। माहौल बदल गया है। आम आदमी पार्टी ने किसी के लिए कुछ नहीं किया। गरीबों के लिए कोई काम नहीं किया। ताकतवर लोगों ने फायदा उठाया। गरीबों को कोई सुविधा नहीं दी गई। गरीबों को मिलने वाला गेहूं अब सिर्फ 5 किलो प्रतिमाह दिया जा रहा है। 5 किलो से एक परिवार का गुजारा नहीं हो सकता। कांग्रेस के पक्ष में माहौल
चरणजीत सिंह ने कहा कि इस समय माहौल कांग्रेस के पक्ष में है। हमारा नेता ईमानदार है। शहर में बहुत काम हुआ है। 1969 में सुखजिंदर सिंह रंधावा के पिता संतोख सिंह रंधावा चुनाव जीते थे। उन्होंने बहुत काम करवाया। उसके बाद सुखजिंदर सिंह रंधावा 2002 से चुनाव लड़ रहे हैं और जीत भी रहे हैं। डेरा बाबा नानक सीट फंसी
सीनियर पॉलिटिकल एक्सपर्ट और पत्रकार जसबीर सिंह पट्टी के अनुसार, डेरा बाबा नानक सीट इस बार फंसी हुई है। यहां राज्य की किसी भी सीट में से सबसे ज्यादा ईसाई मतदाता हैं। ऐसे में उनके वोट भाजपा और मौजूदा सरकार के खिलाफ जाएंगे। अकाली दल चुनाव नहीं लड़ रहा है। उनके मतदाता अपने लिए नेता की तलाश कर रहे हैं। पार्टी की कोशिश है कि चुनाव के बाद भी उनके मतदाता उनके साथ रहें। ऐसे में पार्टी के नेता खुद तय नहीं कर पा रहे हैं कि वोटिंग किसके पक्ष में की जाए, आप, कांग्रेस या भाजपा। उन्हें डर है कि उनके मतदाता उनसे हमेशा के लिए दूर न हो जाएं। इस सीट पर काहलों परिवार की भी अच्छी पकड़ है। आम आदमी पार्टी भी इस सीट के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सत्ता की ताकत का इस्तेमाल करेगी। ऐसे में अकाली दल के मतदाता जिसकी तरफ ज्यादा झुकेंगे, वही जीतेगा। …………………………………………………. पंजाब में विधानसभा उपचुनाव से जुड़ी ये खबर भी पढ़ें- पंजाब में विधानसभा उपचुनाव की डेट बदली:एक हफ्ते आगे बढ़ी वोटिंग, 3 दिन बाद ही रिजल्ट; AAP-कांग्रेस और BJP में मुकाबला पंजाब की 4 विधानासभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव की डेट बदल गई है। सोमवार (4 नवंबर) को चुनाव आयोग ने उत्तर प्रदेश, पंजाब और केरल की 15 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव के लिए रीशेड्यूल जारी किया। अब वोटिंग 13 नवंबर की जगह 20 नवंबर को होगी। रिजल्ट 23 नवंबर को ही आएगा। पूरी खबर पढ़ें