हिमाचल सरकार ने 2007 बैच के HPS (हिमाचल पुलिस सेवा) अधिकारी एवं कमांडेंट होम गार्ड कुल्लू निश्चिंत सिंह नेगी को बड़ी जिम्मेदारी दी है। सरकार ने उन्हें पुलिस अधीक्षक (SP) नाहन सिरमौर लगाया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है। निश्चिंत नेगी को बीते 14 मार्च को ही कमांडेंट होमगार्ड लगाया गया था। वहीं एसपी सिरमौर एवं 2011 बैच के IPS रमन कुमार मीना को सरकार ने रिलीव कर दिया है। रमन कुमार मीना केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। केंद्र ने उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी CBI में एसपी लगाया है। लिहाजा रमन कुमार मीणा अब अगले पांच साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे। हिमाचल सरकार ने 2007 बैच के HPS (हिमाचल पुलिस सेवा) अधिकारी एवं कमांडेंट होम गार्ड कुल्लू निश्चिंत सिंह नेगी को बड़ी जिम्मेदारी दी है। सरकार ने उन्हें पुलिस अधीक्षक (SP) नाहन सिरमौर लगाया है। इसे लेकर मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने आदेश जारी कर दिए है। निश्चिंत नेगी को बीते 14 मार्च को ही कमांडेंट होमगार्ड लगाया गया था। वहीं एसपी सिरमौर एवं 2011 बैच के IPS रमन कुमार मीना को सरकार ने रिलीव कर दिया है। रमन कुमार मीना केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर जा रहे हैं। केंद्र ने उन्हें केंद्रीय जांच एजेंसी CBI में एसपी लगाया है। लिहाजा रमन कुमार मीणा अब अगले पांच साल के लिए केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहेंगे। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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शिमला पहुंचे योगी सरकार के दो मंत्री:राज्यपाल और सीएम को दिया महाकुंभ का न्योता; प्रयागराज में 15 जनवरी से लगेगा मेला
शिमला पहुंचे योगी सरकार के दो मंत्री:राज्यपाल और सीएम को दिया महाकुंभ का न्योता; प्रयागराज में 15 जनवरी से लगेगा मेला उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 15 जनवरी से महाकुंभ शुरू हो रहा है। इसके लिए योगी सरकार का देश के सभी राज्यों सहित पूरे विश्व में न्योता दे रही है। इसी कड़ी में सोमवार को योगी मंत्री मंडल के दो मंत्री हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला व सीएम सुखविंदर सुक्खू को कुम्भ में आने का न्योता दिया। उत्तर प्रदेश के पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह और खेल राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरीश चन्द्र यादव ने कहा कि यह योगी सरकार महाकुंभ में अंतरराष्ट्रीय सहभागिता और इसे अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ इसे ऐतिहासिक बनाने की दिशा में अहम कदम उठा रही है। योगी सरकार के मंत्रियों ने कहा कि महाकुंभ ,भारत की सांस्कृतिक, आध्यात्मिक चेतना का संपादन है। एक भारत श्रेष्ठ भारत समावेशी भारत की दिव्य और जीवंत झांकी झांकी है। इसके लिए वह सभी हिमाचल प्रदेश वासियों को आमंत्रित करते है। कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की होगी हेड काउंटिंग पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कुंभ 2025 में करीब 45 लाख श्रृद्धालुओं के आने की संभावना है। इस आयोजन को देखते हुए कुंभ में आने वाले हर व्यक्ति की हेड काउंटिंग करने की व्यवस्था की जाएगी। उत्तर प्रदेश सरकार ने कुंभ क्षेत्र को लेकर एक अलग जिला बनाकर अधिकारियों की तैनाती है। डिजिटल महाकुंभ का भी अनुभव करेंगे श्रद्धालु पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार दिव्य, भव्य एवं डिजिटल महाकुंभ के लिए प्रतिबद्ध है। महाकुंभ की वेबसाइट, ऐप, 11 भाषाओं में एआई चैट बॉट, लोगों एवं वाहनों के लिए क्यूआर आधारित पास, बहुभाषीय डिजिटल खोया-पाया केंद्र, स्वच्छता एवं टेंटों की आईसीटी निगरानी, भूमि और सुविधा आवंटन के लिए सॉफ्टवेयर, बहुभाषीय डिजिटल साइनेज वीएमडी, स्वचालित राशन आपूर्ति प्रणाली, ड्रोन आधारित निगरानी एवं आपदा प्रबंधन, 530 परियोजनाओं की निगरानी का लाइव सॉफ्टवेयर, इन्वेंटरी ट्रैकिंग सिस्टम और सभी स्थलों का गूगल मैप पर डेटा तैयार किया गया है। रिवर फ्रंट सहित 44 घाटों पर पुष्प वर्षा की व्यवस्था पशुधन मंत्री धर्मपाल सिंह ने बताया कि महाकुंभ नगरी में 35 पुराने और 9 नए पक्के घाट बनाए गए हैं, जो श्रद्धालुओं को स्नान करने में सहायक होंगे। 12 किलोमीटर क्षेत्र में फैले सभी 44 घाटों पर हेलिकॉप्टर से पुष्प वर्षा की जा सकेगी।
शिमला में 100 दिवसीय निक्षय अभियान शुरू:शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया शुभारंभ, बोले- इलाज के लिए जागरूकता जरूरी
शिमला में 100 दिवसीय निक्षय अभियान शुरू:शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने किया शुभारंभ, बोले- इलाज के लिए जागरूकता जरूरी राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के “जन जन का रखे ध्यान, टीबी मुक्त भारत अभियान” के तहत शिमला में निक्षय शिविर लगाई गई। टीबी मुक्त पंचायत प्रधान समारोह व 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान का शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने सोमवार को शुभारंभ किया। इस अभियान के तहत लोगों को जिला भर में जागरूक किया जाएगा। शिक्षा मंत्री ने जिला के जन प्रतिनिधियों से निक्षय मित्र के तौर पर जिला में काम करने का आह्वान किया है। पंचायती राज में चुने हुए प्रतिनिधि लोगों को ग्रामीण क्षेत्रो में बीमारी के इलाज व बचाव के बारे में जागरूकता फैलाएं। इस दौरान शिक्षा मंत्री ने 5 टीबी चैंपियनों को भी सम्मानित किया, जो टीबी से जंग जीत चुके हैं। हिमाचल प्रदेश में 2023 के लिए 133 पंचायतें टीबी मुक्त घोषित की गई हैं। जिन्हें शनिवार को मंत्री ने स्मृति चिन्ह और सर्टिफिकेट देकर सम्मानित किया है। टीबी से डरने की आवश्यकता नहीं:- रोहित
इस दौरान शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर ने कहा कि टीबी जैसी बीमारी से डरने की जरूरत नहीं है। बल्कि, सतर्कता और बेहतर समझ की जरूरत है। इस बीमारी का इलाज संभव है। स्वास्थ्य विभाग के प्रयास से लोग टीबी को मात देकर नई जिंदगी जी रहे हैं। धीरे-धीरे टीबी के मरीजों की संख्या कम होने लगी है। लेकिन अभी भी बीमारी पूरी तरह से खत्म नहीं हुई है। 100 दिवसीय निक्षय शिविर अभियान समाज को नई दिशा देगा। साथ ही, जनप्रतिनिधि निक्षय मित्र के रूप में समाज में काम करेंगे तो बहुत तेजी से सकारात्मक परिणाम आने लगेंगे। शिमला में 1800 टीबी मरीज
शिमला जिला में 1800 के करीब टीबी के मरीज है। इनमें से 90 फीसदी मरीज टीबी को हरा कर नई जिंदगी जी रहे है। टीबी चैंपियनों ने अपनी हिम्मत नहीं हारी, इस वजह से अंत में बीमारी को ही हारना पड़ा। इन्हीं में से कुछ ऐसे टीबी चैंपियन भी है जो कि अब समाज में टीबी के खिलाफ जागरूकता अभियान में अग्रणी भूमिका निभा रहे है।
हिमाचल की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगी:अब खर्चों और मुफ्त सेवाओं में कटौती की तैयारी; 5 कोर्ट केसों से दबाव में सरकार
हिमाचल की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगी:अब खर्चों और मुफ्त सेवाओं में कटौती की तैयारी; 5 कोर्ट केसों से दबाव में सरकार कर्ज की जिंदगी जी रही हिमाचल सरकार आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। एक तरफ केंद्र ने हिमाचल की कर्ज सीमा 5500 करोड़ रुपये घटा दी है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे 5 मामले सरकार के गले की फांस बन गए हैं। ये मामले नए वेतन आयोग के एरियर, दैनिक वेतन भोगियों के भुगतान, अनुबंध अवधि की पेंशन और अनुबंध के बाद मिलने वाली वरिष्ठता से जुड़े हैं। कोर्ट ने इन पांचों मामलों में कर्मचारियों और पेंशनरों को करोड़ों रुपये का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा है। कई मामलों में कोर्ट ने सरकार को सख्त टिप्पणियां और चेतावनी भी दी है। इससे सरकार और खासकर वित्त प्रबंधन देख रहे अधिकारी दबाव में हैं। कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकार की रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी भी आय के संसाधन बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने के लिए सक्रिय हो गई है। 80 हजार करोड़ सत्ता संभालने पर मिला: धर्माणी टीसीसी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। सरकार पर कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। इसलिए सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। साफ है कि आने वाले समय में सरकार पेट्रोल-डीजल पर राज्य कर बढ़ाने के साथ ही मुफ्त सेवाओं में कटौती करने के फैसले ले सकती है। राज्य में अमीर लोगों के लिए मुफ्त बिजली पहले ही बंद की जा चुकी है। आमदनी 50 पैसे और खर्च एक रुपये होने के चलते सरकार अब मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी में भी कटौती करने पर विचार कर रही है। हिमाचल पर 94 हजार करोड़ का कर्ज हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इससे प्रति व्यक्ति 1.17 लाख रुपए कर्ज चढ़ चुका है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। प्रदेश की पूर्व BJP सरकार ने सभी कर्मचारियों-पेंशनर को जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए। मगर इसका एरियर अभी भी बकाया पड़ा है। दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 30 से 40 हजार रुपए की एरियर की एक किश्त जरूर दी गई है। मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। कई कर्मचारियों व पेंशनर का तीन-चार लाख रुपए से भी ज्यादा का एरियर बकाया है। जिसका कर्मचारी-पेंशनर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इसी तरह GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। NPA के बदले हिमाचल को हर साल मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी केंद्र सरकार ने बंद कर दी है। राज्य सरकार हर साल मार्च में 1780 करोड़ रुपए NPA के तौर पर PFRDA के पास जमा कराता था, लेकिन बीते साल अप्रैल से हिमाचल में OPS बहाल कर दी गई है। इसलिए अप्रैल 2023 से NPA में स्टेट और कर्मचारियों का शेयर PFRDA के पास जमा नहीं होगा। इसे देखते हुए केंद्र ने इसकी मैचिंग ग्रांट भी रोक दी है। इन सब वजह से हिमाचल की अर्थव्यवस्था डगमगा लगी है। लोन लेने की सीमा 5% से 3.5% की पूर्व BJP सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को जीडीपी का 5% तक लोन लेने की छूट थी, जो अब घटाकर 3.5% कर दी गई है। यानी 2022 तक हिमाचल को 14,500 करोड़ रुपए सालाना का लोन लेने की छूट थी। मगर अब 9000 करोड़ रुपए सालाना लोन लेने की छूट है। इससे ज्यादा पैसा हर साल पुराना कर्ज लौटाने और ब्याज देने में खर्च हो रहा है। इससे कर्मचारियों-पेंशनर की सैलरी-पेंशन और विकासात्मक गतिविधियों के बजट जुटा पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। 4000 करोड़ की इनकम को कोर्ट का झटका हिमाचल सरकार ने आय के संसाधन बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाया था। इससे सरकार को लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना आय की उम्मीद थी। मगर इसे कोर्ट असंवैधानिक करार चुका है। ऐसे में हिमाचल सरकार अब केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गई है। केंद्र से मदद नहीं मिली तो आने वाले समय में सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों को पेंशन देना भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।