<p style=”text-align: justify;”><strong>Dhananjay Munde News:</strong> महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे को कोर्ट की ओर से एक बार फिर फटकार लगी है. मुंबई की एक अदालत ने कहा है कि एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने अपनी पहली पत्नी के साथ ‘प्रथम दृष्टया’ घरेलू हिंसा की है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुंडे को अपनी पत्नी और बेटी (जो अब अलग रह रहे हैं) को दो लाख रुपये गर महीने अंतरिम गुजारा भत्ता के रूप में देने होंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हाल ही में बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने मुंडे की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया था कि वो शादीशुदा नहीं हैं. मंत्री की वकील सयाली सावंत ने स्पष्ट किया कि मुंडे की पहली पत्नी ने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था और अदालत ने अभी तक मुख्य याचिका के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के पहली पत्नी से दो बच्चे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विपक्ष ने मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की</strong><br />गौरतलब है कि मुंडे इस समय बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. मुंडे भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिरे हैं और विपक्ष उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी और बेटी को मुआवजा, बेटे को नहीं</strong><br />धनंजय मुंडे के दो बच्चों की मां करुणा शर्मा ने मामले के लंबित रहने के दौरान घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत अंतरिम भरण-पोषण और मुआवजे को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया. बांद्रा की फैमिल कोर्ट ने मंगलवार को मुंडे को अंतरिम गुजारे भत्ते के रूप में महिला को 1.25 लाख रुपये हर महीने और बेटी को 75 हजार रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया. हालांकि, अदालत ने उनके दूसरे बच्चे के लिए कोई राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि बेटा होने के नाते वह गुजारा भत्ते का हकदार नहीं है, क्योंकि वह वयस्क हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनावी हलफनामे में किया था पत्नी-बच्चे का जिक्र, अब संबंधों से इनकार</strong><br />दोनों के बीच संबंधों पर, अदालत ने कहा कि मुंडे ने 2017 में एक ‘वसीयतनामा’ किया था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि महिला उनकी पहली पत्नी है. वर्तमान मामले में, मंत्री ने सभी आरोपों और यहां तक कि करुणा के साथ संबंधों से भी इनकार किया है. मंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि घरेलू हिंसा की कथित घटनाओं का कोई विवरण नहीं दिया गया. अदालत ने कहा कि अपने चुनावी हलफनामे में मुंडे ने करुणा के साथ अपने दो बच्चों के नाम का अपने ‘आश्रितों’ के रूप में उल्लेख किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार साल से अलग रह रही पत्नी</strong><br />कोर्ट ने कहा, ‘‘मौजूदा कार्यवाही में यह दलील दी गई है कि उन्होंने आवेदक से कभी शादी नहीं की. ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी आवेदक के वैवाहिक अधिकारों से इनकार कर रहा है, जो घरेलू हिंसा के समान है.’’ अदालत के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार, दंपती 2020 से अलग रह रहे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शादी के 20 साल बाद हुए अलग</strong><br />करुणा शर्मा के अनुसार, उन्होंने 9 जनवरी 1998 को धनंजय मुंडे से शादी की थी. उन्होंने दावा किया कि यह एक अंतरजातीय प्रेम विवाह था और शादी के बाद दंपती मुंबई जाने से पहले इंदौर में रहे. करुणा ने आरोप लगाया कि 2018 तक रिश्ता ठीक-ठाक था, लेकिन बाद में मुंडे के व्यवहार में अचानक बदलाव आया और उन्होंने याचिकाकर्ता और उनके बच्चों की उपेक्षा करना शुरू कर दिया. मुंडे की वकील सावंत ने दावा किया कि मीडिया में आई कुछ खबरों में मामले को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अदालत एनसीपी नेता के खिलाफ घरेलू हिंसा मामले में किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2 लाख रुपये भत्ते से संतुष्ट नहीं पत्नी</strong><br />मंत्री की अलग रह रही पत्नी करुणा शर्मा ने कहा कि वह पारिवारिक अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगी, क्योंकि वह दो लाख रुपये के अंतरिम गुजारा भत्ते से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे करुणा मुंडे कहा जाना चाहिए, क्योंकि कोर्ट ने मुझे धनंजय मुंडे की पहली पत्नी के रूप में माना है. मैंने 15 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन न्यायालय ने केवल दो लाख रुपये की अनुमति दी है. इस राशि में मुंबई जैसे शहर में गुजारा नहीं हो सकता, इसलिए मैं हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगी.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेटे ने दिया पिता का साथ</strong><br />करुणा ने अपने बेटे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुंडे परिवार का इकलौता बेटा घर पर बेरोजगार बैठा है. वाल्मिक कराड, जो नौकर था, के पास 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, लेकिन मुंडे परिवार के बेटे के नाम पर कोई संपत्ति नहीं है.’’ इस घटनाक्रम के बीच मुंडे के पुत्र ने उनका बचाव किया. बेटे सीशिव मुंडे ने कहा कि खाद्य मंत्री भले ही उनकी मां के साथ सख्ती से पेश आए हों, लेकिन अपने बच्चों के साथ कभी कठोर व्यवहार नहीं किया. सीशिव ने अपनी मां पर उन्हें और उनकी बहन को परेशान करने का भी आरोप लगाया. हालांकि, करुणा ने कहा कि मंत्री सीशिव पर दबाव डाल रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/uddhav-thackeray-accuses-bjp-of-neglecting-msrtc-best-and-bmc-budget-allocation-ahead-of-bmc-election-2025-2878898″>’इसका मतलब यह नहीं कि हम कायर हैं’, BJP पर क्यों भड़के उद्धव ठाकरे?</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Dhananjay Munde News:</strong> महाराष्ट्र की महायुति सरकार में मंत्री धनंजय मुंडे को कोर्ट की ओर से एक बार फिर फटकार लगी है. मुंबई की एक अदालत ने कहा है कि एनसीपी नेता धनंजय मुंडे ने अपनी पहली पत्नी के साथ ‘प्रथम दृष्टया’ घरेलू हिंसा की है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि मुंडे को अपनी पत्नी और बेटी (जो अब अलग रह रहे हैं) को दो लाख रुपये गर महीने अंतरिम गुजारा भत्ता के रूप में देने होंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>हाल ही में बांद्रा मजिस्ट्रेट अदालत ने मुंडे की इस दलील को भी मानने से इनकार कर दिया था कि वो शादीशुदा नहीं हैं. मंत्री की वकील सयाली सावंत ने स्पष्ट किया कि मुंडे की पहली पत्नी ने 2020 में उनके खिलाफ घरेलू हिंसा का मामला दर्ज कराया था और अदालत ने अभी तक मुख्य याचिका के संबंध में कोई आदेश पारित नहीं किया है. खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री के पहली पत्नी से दो बच्चे हैं. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>विपक्ष ने मंत्रिमंडल से हटाने की मांग की</strong><br />गौरतलब है कि मुंडे इस समय बीड जिले में सरपंच संतोष देशमुख की हत्या से संबंधित जबरन वसूली के मामले में अपने करीबी सहयोगी वाल्मिक कराड की गिरफ्तारी को लेकर आलोचनाओं का सामना कर रहे हैं. मुंडे भ्रष्टाचार के आरोपों में भी घिरे हैं और विपक्ष उन्हें मंत्रिमंडल से हटाने की मांग कर रहा है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पत्नी और बेटी को मुआवजा, बेटे को नहीं</strong><br />धनंजय मुंडे के दो बच्चों की मां करुणा शर्मा ने मामले के लंबित रहने के दौरान घरेलू हिंसा से महिलाओं का संरक्षण अधिनियम, 2005 के तहत अंतरिम भरण-पोषण और मुआवजे को लेकर निर्देश देने का अनुरोध किया. बांद्रा की फैमिल कोर्ट ने मंगलवार को मुंडे को अंतरिम गुजारे भत्ते के रूप में महिला को 1.25 लाख रुपये हर महीने और बेटी को 75 हजार रुपये प्रति माह देने का निर्देश दिया. हालांकि, अदालत ने उनके दूसरे बच्चे के लिए कोई राहत देने से इनकार कर दिया और कहा कि बेटा होने के नाते वह गुजारा भत्ते का हकदार नहीं है, क्योंकि वह वयस्क हो गया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चुनावी हलफनामे में किया था पत्नी-बच्चे का जिक्र, अब संबंधों से इनकार</strong><br />दोनों के बीच संबंधों पर, अदालत ने कहा कि मुंडे ने 2017 में एक ‘वसीयतनामा’ किया था, जिसमें उन्होंने स्वीकार किया था कि महिला उनकी पहली पत्नी है. वर्तमान मामले में, मंत्री ने सभी आरोपों और यहां तक कि करुणा के साथ संबंधों से भी इनकार किया है. मंत्री ने अपने जवाब में कहा है कि घरेलू हिंसा की कथित घटनाओं का कोई विवरण नहीं दिया गया. अदालत ने कहा कि अपने चुनावी हलफनामे में मुंडे ने करुणा के साथ अपने दो बच्चों के नाम का अपने ‘आश्रितों’ के रूप में उल्लेख किया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>चार साल से अलग रह रही पत्नी</strong><br />कोर्ट ने कहा, ‘‘मौजूदा कार्यवाही में यह दलील दी गई है कि उन्होंने आवेदक से कभी शादी नहीं की. ऐसा प्रतीत होता है कि प्रतिवादी आवेदक के वैवाहिक अधिकारों से इनकार कर रहा है, जो घरेलू हिंसा के समान है.’’ अदालत के समक्ष दायर हलफनामे के अनुसार, दंपती 2020 से अलग रह रहे थे. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>शादी के 20 साल बाद हुए अलग</strong><br />करुणा शर्मा के अनुसार, उन्होंने 9 जनवरी 1998 को धनंजय मुंडे से शादी की थी. उन्होंने दावा किया कि यह एक अंतरजातीय प्रेम विवाह था और शादी के बाद दंपती मुंबई जाने से पहले इंदौर में रहे. करुणा ने आरोप लगाया कि 2018 तक रिश्ता ठीक-ठाक था, लेकिन बाद में मुंडे के व्यवहार में अचानक बदलाव आया और उन्होंने याचिकाकर्ता और उनके बच्चों की उपेक्षा करना शुरू कर दिया. मुंडे की वकील सावंत ने दावा किया कि मीडिया में आई कुछ खबरों में मामले को सही ढंग से प्रस्तुत नहीं किया गया है. उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि अदालत एनसीपी नेता के खिलाफ घरेलू हिंसा मामले में किसी अंतिम निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>2 लाख रुपये भत्ते से संतुष्ट नहीं पत्नी</strong><br />मंत्री की अलग रह रही पत्नी करुणा शर्मा ने कहा कि वह पारिवारिक अदालत के आदेश को उच्च न्यायालय में चुनौती देंगी, क्योंकि वह दो लाख रुपये के अंतरिम गुजारा भत्ते से संतुष्ट नहीं हैं. उन्होंने कहा, ‘‘मुझे करुणा मुंडे कहा जाना चाहिए, क्योंकि कोर्ट ने मुझे धनंजय मुंडे की पहली पत्नी के रूप में माना है. मैंने 15 लाख रुपये मासिक गुजारा भत्ता मांगा था, लेकिन न्यायालय ने केवल दो लाख रुपये की अनुमति दी है. इस राशि में मुंबई जैसे शहर में गुजारा नहीं हो सकता, इसलिए मैं हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाऊंगी.’’</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>बेटे ने दिया पिता का साथ</strong><br />करुणा ने अपने बेटे का जिक्र करते हुए कहा, ‘‘मुंडे परिवार का इकलौता बेटा घर पर बेरोजगार बैठा है. वाल्मिक कराड, जो नौकर था, के पास 4,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति है, लेकिन मुंडे परिवार के बेटे के नाम पर कोई संपत्ति नहीं है.’’ इस घटनाक्रम के बीच मुंडे के पुत्र ने उनका बचाव किया. बेटे सीशिव मुंडे ने कहा कि खाद्य मंत्री भले ही उनकी मां के साथ सख्ती से पेश आए हों, लेकिन अपने बच्चों के साथ कभी कठोर व्यवहार नहीं किया. सीशिव ने अपनी मां पर उन्हें और उनकी बहन को परेशान करने का भी आरोप लगाया. हालांकि, करुणा ने कहा कि मंत्री सीशिव पर दबाव डाल रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/maharashtra/uddhav-thackeray-accuses-bjp-of-neglecting-msrtc-best-and-bmc-budget-allocation-ahead-of-bmc-election-2025-2878898″>’इसका मतलब यह नहीं कि हम कायर हैं’, BJP पर क्यों भड़के उद्धव ठाकरे?</a></strong></p> महाराष्ट्र सांसद सुदामा प्रसाद ने भोजपुर के DM की लोकसभा अध्यक्ष से की शिकायत, क्या है मामला?