‘…दुबारा चुनाव चाहते हैं’, महाराष्ट्र चुनाव को लेकर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान, राज ठाकरे का क्यों किया जिक्र?

‘…दुबारा चुनाव चाहते हैं’, महाराष्ट्र चुनाव को लेकर सुप्रिया सुले का बड़ा बयान, राज ठाकरे का क्यों किया जिक्र?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बार-बार मांग के बावजूद चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र के मतदाताओं के डेटा उपलब्ध नहीं कराने से लगता है कि कुछ न कुछ गलत है. लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत और एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि चुनाव आयोग को पारदर्शिता लानी चाहिए. महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़ी पूरे राज्य की मतदाता सूची उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारे एक जीते हुए विधायक बैलेट से दुबारा चुनाव चाहते हैं. हम चाहते हैं कि मशीन की बजाय मत पत्र से चुनाव हो. राज ठाकरे ने भी इसपर सवाल उठाए हैं. हमारी पार्टी तोड़ी. हमारे नए सिंबल से मिलता-जुलता सिंबल दूसरे को दे दिया, जिससे हमें नुकसान हुआ. मजबूत लोकतंत्र में चुनाव आयोग की बड़ी जिम्मेदारी होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमें कई अनियमितताएं मिलीं- राहुल गांधी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या यहां की वयस्क आबादी से ज्यादा है. राहुल गांधी ने कहा, &lsquo;&lsquo;हम उस पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ा था. हम भारत के लोगों के ध्यान में महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में सामने आई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लाना चाहते हैं. हमारी टीम ने मतदाता सूची और मतदान पैटर्न का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं. दुर्भाग्य से हमें कई अनियमितताएं मिलीं.&rsquo;&rsquo; &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि देश के लिए, विशेषकर युवा लोगों के लिए जो लोकतंत्र के पक्षधर हैं और उसमें विश्वास करते हैं, इन निष्कर्षों से अवगत होना और समझना आवश्यक है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले साल लोकसभा चुनाव और फिर पांच महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि में राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर की संख्या में मतदाता बढ़ गए.&rsquo;&rsquo; उनके अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों में 39 लाख मतदाता जुड़े, जबकि पिछले पांच वर्षों में 32 लाख मतदाता जुड़े थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने सवाल किए कि ये मतदाता कहां से आए हैं और ये कौन हैं? राहुल गांधी ने कहा, &lsquo;&lsquo;हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन विपक्ष के बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र में मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा है. इससे पता चलता है कि कुछ गलत हुआ है.&rsquo;&rsquo; उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और इनमें अधिकतर मतदाता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Maharashtra News:</strong> कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि बार-बार मांग के बावजूद चुनाव आयोग की ओर से महाराष्ट्र के मतदाताओं के डेटा उपलब्ध नहीं कराने से लगता है कि कुछ न कुछ गलत है. लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष ने शिवसेना-यूबीटी के नेता संजय राउत और एनसीपी (एसपी) की सांसद सुप्रिया सुले के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह भी कहा कि चुनाव आयोग को पारदर्शिता लानी चाहिए. महाराष्ट्र में लोकसभा और विधानसभा चुनावों से जुड़ी पूरे राज्य की मतदाता सूची उपलब्ध कराना उसकी जिम्मेदारी है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान सुप्रिया सुले ने कहा कि हमारे एक जीते हुए विधायक बैलेट से दुबारा चुनाव चाहते हैं. हम चाहते हैं कि मशीन की बजाय मत पत्र से चुनाव हो. राज ठाकरे ने भी इसपर सवाल उठाए हैं. हमारी पार्टी तोड़ी. हमारे नए सिंबल से मिलता-जुलता सिंबल दूसरे को दे दिया, जिससे हमें नुकसान हुआ. मजबूत लोकतंत्र में चुनाव आयोग की बड़ी जिम्मेदारी होती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>हमें कई अनियमितताएं मिलीं- राहुल गांधी</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि महाराष्ट्र में मतदाताओं की संख्या यहां की वयस्क आबादी से ज्यादा है. राहुल गांधी ने कहा, &lsquo;&lsquo;हम उस पूरे विपक्ष का प्रतिनिधित्व करते हैं, जिसने महाराष्ट्र में पिछला चुनाव लड़ा था. हम भारत के लोगों के ध्यान में महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में सामने आई कुछ महत्वपूर्ण जानकारी लाना चाहते हैं. हमारी टीम ने मतदाता सूची और मतदान पैटर्न का सावधानीपूर्वक अध्ययन किया है और हम कुछ समय से इस पर काम कर रहे हैं. दुर्भाग्य से हमें कई अनियमितताएं मिलीं.&rsquo;&rsquo; &nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि देश के लिए, विशेषकर युवा लोगों के लिए जो लोकतंत्र के पक्षधर हैं और उसमें विश्वास करते हैं, इन निष्कर्षों से अवगत होना और समझना आवश्यक है. कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने दावा किया कि पिछले साल लोकसभा चुनाव और फिर पांच महीने बाद हुए महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बीच की अवधि में राज्य में हिमाचल प्रदेश की आबादी के बराबर की संख्या में मतदाता बढ़ गए.&rsquo;&rsquo; उनके अनुसार, लोकसभा चुनाव के बाद महाराष्ट्र में पांच महीनों में 39 लाख मतदाता जुड़े, जबकि पिछले पांच वर्षों में 32 लाख मतदाता जुड़े थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने सवाल किए कि ये मतदाता कहां से आए हैं और ये कौन हैं? राहुल गांधी ने कहा, &lsquo;&lsquo;हम आरोप नहीं लगा रहे हैं, लेकिन विपक्ष के बार-बार मांग के बावजूद निर्वाचन आयोग महाराष्ट्र में मतदाताओं का डेटा उपलब्ध नहीं करा रहा है. इससे पता चलता है कि कुछ गलत हुआ है.&rsquo;&rsquo; उन्होंने दावा किया कि बड़ी संख्या में मतदाताओं के नाम हटाए गए हैं और इनमें अधिकतर मतदाता अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अल्पसंख्यक समुदायों के हैं.</p>  महाराष्ट्र लखनऊ में अखिलेश यादव को लेकर सपा दफ्तर के सामने लगे पोस्टर पर चर्चा तेज, जानें- दावा