प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। अब तक 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ में अडाणी समूह इस्कॉन के साथ मिलकर देश-दुनिया से आए लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था कर रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी रसोई दिन-रात काम पर लगी रहती है। मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के स्नान के दो दिनों में करीब 5.5 लाख लोगों ने यहां का महाप्रसाद ग्रहण किया। इस महा-किचन को IIT के 4 सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरों ने तैयार किया है। अडाणी और इस्कॉन की तरफ से महाप्रसाद का वितरण 13 जनवरी, 2025 को शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है। महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 40 से ज्यादा सेंटर्स पर महाप्रसाद का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए क्षेत्र में ही 3 रसोईघर लगातार भोजन प्रसाद बनाते रहते हैं। 28 लाख से ज्यादा लोगों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
अगर महाप्रसाद ग्रहण करने वाले कुल श्रद्धालुओं की बात की जाए, तो 13 जनवरी से 3 फरवरी तक यह संख्या 28 लाख से ज्यादा रही। उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ मेले के आखिरी दिन तक अडाणी-इस्कॉन की तरफ से तकरीबन 50 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद दिया जाएगा। महाप्रसाद वितरण का काम लगभग पूरे दिन चलता रहता है। महाप्रसाद स्वादिष्ट और सेहतमंद ; IIT के 4 इंजीनियरों ने बनाया किचन
अडाणी-इस्कॉन रसोई का निर्माण भी इस तरह से किया गया है कि खाने की गुणवत्ता बनी रह सके। एक तरफ जहां एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल होता है, दूसरी तरफ ईंट और मिट्टी से चूल्हे भी बने हुए हैं। इन चूल्हों में गाय के गोबर से बने उपलों का इस्तेमाल होता है। यहां पर सब्जियों को धीमी आंच पर पकाया जाता है। इस्कॉन प्रवक्ता का कहना है कि हम कहीं भी 2 दिन के नोटिस पर 50 हजार लोगों के लिए खाना बनाने लायक किचन बना सकते हैं। अडाणी समूह ने इस्कॉन के साथ मिल कर प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को महाप्रसाद उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। बता दें 21 जनवरी 2025 को गौतम अडाणी सपरिवार महाकुंभ स्थल प्रयागराज आए थे। इस मौके पर उन्होंने इस्कॉन में प्रसाद सेवा, पवित्र संगम में स्नान एवं पूजा-अर्चना और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए। इसके बाद अपने हाथों से खाना बनाया था। लोगों को खिलाया था। बता दें कि महाकुंभ के मौके पर अडाणी समूह ने इस्कॉन के साथ मिलकर प्रतिदिन 1 लाख लोगों में महाप्रसाद वितरण और गीता प्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह वितरण करने का संकल्प लिया है। ———————————————– ये खबर भी पढ़ें… नागा संन्यासी 7 फरवरी से काशी जाएंगे:उदासीन अखाड़ों के संत जाने लगे, कुछ अखाड़े 12 तक रुकेंगे; बड़े साधु-संत कब तक जाएंगे महाकुंभ का आज 25वां दिन है। मेला अभी 20 दिन और चलेगा। हालांकि, तीनों अमृत (शाही) स्नान पूरे हो चुके हैं। अखाड़े जाने की तैयारी करने लगे हैं। 13 में से 7 संन्यासी अखाड़ों के नागा साधु और संन्यासी यहां से काशी जाएंगे। अखाड़े 7 फरवरी से जाना शुरू कर देंगे। जबकि उदासीन के तीनों अखाड़ों के साधुओं ने जाना शुरू भी कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर… प्रयागराज में महाकुंभ चल रहा है। अब तक 40 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा चुके हैं। महाकुंभ में अडाणी समूह इस्कॉन के साथ मिलकर देश-दुनिया से आए लोगों के लिए महाप्रसाद की व्यवस्था कर रहा है। दुनिया की सबसे बड़ी रसोई दिन-रात काम पर लगी रहती है। मौनी अमावस्या और वसंत पंचमी के स्नान के दो दिनों में करीब 5.5 लाख लोगों ने यहां का महाप्रसाद ग्रहण किया। इस महा-किचन को IIT के 4 सिविल और मैकेनिकल इंजीनियरों ने तैयार किया है। अडाणी और इस्कॉन की तरफ से महाप्रसाद का वितरण 13 जनवरी, 2025 को शुरू हुआ, जो अभी तक जारी है। महाकुंभ क्षेत्र में मौजूद 40 से ज्यादा सेंटर्स पर महाप्रसाद का वितरण किया जा रहा है। इसके लिए क्षेत्र में ही 3 रसोईघर लगातार भोजन प्रसाद बनाते रहते हैं। 28 लाख से ज्यादा लोगों ने ग्रहण किया महाप्रसाद
अगर महाप्रसाद ग्रहण करने वाले कुल श्रद्धालुओं की बात की जाए, तो 13 जनवरी से 3 फरवरी तक यह संख्या 28 लाख से ज्यादा रही। उम्मीद की जा रही है कि महाकुंभ मेले के आखिरी दिन तक अडाणी-इस्कॉन की तरफ से तकरीबन 50 लाख श्रद्धालुओं को महाप्रसाद दिया जाएगा। महाप्रसाद वितरण का काम लगभग पूरे दिन चलता रहता है। महाप्रसाद स्वादिष्ट और सेहतमंद ; IIT के 4 इंजीनियरों ने बनाया किचन
अडाणी-इस्कॉन रसोई का निर्माण भी इस तरह से किया गया है कि खाने की गुणवत्ता बनी रह सके। एक तरफ जहां एलपीजी सिलेंडरों का इस्तेमाल होता है, दूसरी तरफ ईंट और मिट्टी से चूल्हे भी बने हुए हैं। इन चूल्हों में गाय के गोबर से बने उपलों का इस्तेमाल होता है। यहां पर सब्जियों को धीमी आंच पर पकाया जाता है। इस्कॉन प्रवक्ता का कहना है कि हम कहीं भी 2 दिन के नोटिस पर 50 हजार लोगों के लिए खाना बनाने लायक किचन बना सकते हैं। अडाणी समूह ने इस्कॉन के साथ मिल कर प्रतिदिन 1 लाख से ज्यादा लोगों को महाप्रसाद उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा है। बता दें 21 जनवरी 2025 को गौतम अडाणी सपरिवार महाकुंभ स्थल प्रयागराज आए थे। इस मौके पर उन्होंने इस्कॉन में प्रसाद सेवा, पवित्र संगम में स्नान एवं पूजा-अर्चना और बड़े हनुमान जी के दर्शन किए। इसके बाद अपने हाथों से खाना बनाया था। लोगों को खिलाया था। बता दें कि महाकुंभ के मौके पर अडाणी समूह ने इस्कॉन के साथ मिलकर प्रतिदिन 1 लाख लोगों में महाप्रसाद वितरण और गीता प्रेस के साथ मिलकर 1 करोड़ आरती संग्रह वितरण करने का संकल्प लिया है। ———————————————– ये खबर भी पढ़ें… नागा संन्यासी 7 फरवरी से काशी जाएंगे:उदासीन अखाड़ों के संत जाने लगे, कुछ अखाड़े 12 तक रुकेंगे; बड़े साधु-संत कब तक जाएंगे महाकुंभ का आज 25वां दिन है। मेला अभी 20 दिन और चलेगा। हालांकि, तीनों अमृत (शाही) स्नान पूरे हो चुके हैं। अखाड़े जाने की तैयारी करने लगे हैं। 13 में से 7 संन्यासी अखाड़ों के नागा साधु और संन्यासी यहां से काशी जाएंगे। अखाड़े 7 फरवरी से जाना शुरू कर देंगे। जबकि उदासीन के तीनों अखाड़ों के साधुओं ने जाना शुरू भी कर दिया है। पढ़ें पूरी खबर… उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर