लुधियाना| बस स्टैंड के निकट देह व्यापार का धंधा करने वाले 2 होटलों में पुलिस ने रेड की। इसमें शामिल 3 लड़कियों सहित 5 लोगों को पुलिस ने काबू किया है। इस मामले में थाना डिवीजन-5 के एसएचओ बलविंदर सिंह ने बताया कि बस स्टैंड के निकट गुप्त सूचना के आधार पर जी-स्टार और अरमान होटल में रेड की थी। दोनों होटल से 3 लड़कियों को हिरासत में लिया गया। जबकि जी-स्टार होटल के मालिक व मैनेजर बंटी व अरमान होटल के मालिक और मैनेजर परवेज खान को गिरफ्तार किया गया है। तीनों लड़कियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि लड़कियों से होटल में देह व्यापार का काम करवाया जा रहा था। पुलिस ने लड़कियों को अदालत में पेश कर उनके धारा 164 के बयान दर्ज करवाए हैं। होटल मालिक और मैनेजर बंटी व परवेज के खिलाफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड हासिल कर लिया गया है। लुधियाना| बस स्टैंड के निकट देह व्यापार का धंधा करने वाले 2 होटलों में पुलिस ने रेड की। इसमें शामिल 3 लड़कियों सहित 5 लोगों को पुलिस ने काबू किया है। इस मामले में थाना डिवीजन-5 के एसएचओ बलविंदर सिंह ने बताया कि बस स्टैंड के निकट गुप्त सूचना के आधार पर जी-स्टार और अरमान होटल में रेड की थी। दोनों होटल से 3 लड़कियों को हिरासत में लिया गया। जबकि जी-स्टार होटल के मालिक व मैनेजर बंटी व अरमान होटल के मालिक और मैनेजर परवेज खान को गिरफ्तार किया गया है। तीनों लड़कियों को हिरासत में लेकर पूछताछ की गई तो पता चला कि लड़कियों से होटल में देह व्यापार का काम करवाया जा रहा था। पुलिस ने लड़कियों को अदालत में पेश कर उनके धारा 164 के बयान दर्ज करवाए हैं। होटल मालिक और मैनेजर बंटी व परवेज के खिलाफ इम्मोरल ट्रैफिकिंग के आरोप में केस दर्ज कर लिया है। उन्हें अदालत में पेश कर रिमांड हासिल कर लिया गया है। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts

पंजाब महिला कांग्रेस की मेंबरशिप मुहिम का आगाज:ऑनलाइन चलेगी ड्राइव, चंडीगढ़ में बनी स्ट्रेटजी, केंद्र व पंजाब सरकार पर बोला हमला
पंजाब महिला कांग्रेस की मेंबरशिप मुहिम का आगाज:ऑनलाइन चलेगी ड्राइव, चंडीगढ़ में बनी स्ट्रेटजी, केंद्र व पंजाब सरकार पर बोला हमला महिला कांग्रेस के स्थापना दिवस पर आज (रविवार को) पंजाब महिला कांग्रेस की मेंबरशिप मुहिम का आगाज हुआ। इस मौके महिला कांग्रेस के नेताओं की एक मीटिंग हुई। जिसमें पार्टी की सभी जिलों व ब्लॉकों की अध्यक्ष शामिल हुई। बैठक प्रधान गुरशरण कौर रंधावा की अगुवाई में हुई। पंजाब महिला कांग्रेस की पर्यवेक्षक नताशा शर्मा ने बताया कि मेंबरशिप ड्राइव ऑनलाइन चलेगी। महिलाओं से वोट लिए, हक नहीं दिए बीजेपी पर निशाना बनाते हुए गुरशरण कौर रंधावा ने कहा कि केंद्र सरकार के राज में जहां देशभर में महिलाओं पर अत्याचार हो रहे हैं। महिलाएं अपना घर, रसोई चलाने और बच्चों की फीस भरने में भी असमर्थ हैं। इसके साथ ही मोदी सरकार ने विधानसभा और लोकसभा चुनाव में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण का सपना दिखाकर उनका वोट तो हड़प लिया, लेकिन अब जनगणना के बाद इसे लागू करने के बहाने आरक्षण को ठंडे बस्ते में डाल दिया है। जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। सभी कठिनाइयों का सामना करने और महिलाओं को कांग्रेस के साथ मजबूत करने के लिए महिला कांग्रेस ने यह भर्ती अभियान शुरू किया है। पंजाब में कानून व्यवस्था का बुरा हाल इस मौके गुरशरण कौर रंधावा ने कहा कि पंजाब महिला कांग्रेस अपने आप में एक मजबूत संगठन है। उन्होंने कहा कि पंजाब में कानून व्यवस्था की स्थिति खराब है और महिलाएं घर से निकलने से डरती है। बेरोजगारी, नशा और गुंडागर्दी ने उनके बच्चों को बुरे दौर में धकेल दिया है। आज महिलाएं सरकार के 1000 रुपए के झूठे वादे को भूलकर अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं, जिसके कारण महिला कांग्रेस चुप बैठने के बजाय संघर्ष का रास्ता चुन रही है।

पंजाब की कर्ज सीमा बढ़ सकती है:केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष
पंजाब की कर्ज सीमा बढ़ सकती है:केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने वित्त मंत्रालय को लिखा पत्र, राज्य सरकार ने रखा था अपना पक्ष पंजाब की कर्ज सीमा दस हजार करोड़ बढ़ाने की मांग को केंद्र सरकार पूरा कर सकती है। इस मामले में केंद्रीय बिजली मंत्रालय ने केंद्रीय वित्त मंत्रालय (खर्च विभाग) को पत्र लिखा है। साथ ही कहा है कि पंजाब सरकार की तरफ से पेश किए तथ्यों के मद्देनजर कर्ज सीमा में कटौती की बहाली को मंजूरी देने वाले विचार किया जा सकता है। राज्य सरकार ने कर्ज सीमा में दस हजार करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की मांग की है। मौजूदा समय में कर्ज लेने की सीमा 30464 करोड़ है। सरकार ने अपने पत्र पेश की थी सारी स्थिति केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने 20 मार्च को बिजली मंत्रालय को पत्र लिखकर पावरकॉम में पड़े घाटे बारे बताया था। इसके बाद पांच अप्रैल 2024 को पंजाब सरकार ने पत्र लिखकर अपना पक्ष पेश किया था। सरकार ने अपनी दलील रखी कि साल 2022-2023 में जब पावरकॉम में घाटा हुआ है तो उससे पहले ही उदय स्कीम का पांच साल का समय समाप्त हो चुका था। साथ ही बताया कि साल 2022-23 में वित्तीय घाटे की वजह वित्तीय वर्ष के मुकाबले बिजली खरीद पर 2757 करोड़ की बढोतरी होना है। साल 2022-23 में पूरे देश में दस फीसदी विदेशी कोयला प्रयोग करने के लिए कहा गया था। इस वजह से पंजाब के खर्च बढे़ हैं। साल 2020-21, 2021-22 में पावरकॉम वित्तीय घाटे में नहीं था। साल 2023-24 में पावरकॉम 830 करोड़ मुनाफे में रही है। जबकि 24-25 बिजली दरों में बढ़ोतरी होने से कोई घाटा नहीं हो। सरकार के लिए बड़ी उम्मीद केंद्र सरकार द्वारा कर्ज सीमा बढ़ाने पर विचार पंजाब के लिए काफी राहत वाली बात है। क्योंकि सरकार को अपने खर्च की पूर्ति के लिए काफी मुश्किल का सामना करना पड़ा है। इसी वजह से मुलाजिमों को अगस्त महीने के बेतन की अदायगी चार सितंबर को की गई। 7 किलोवॉट पर 3 रुपए बिजली सब्सिडी खत्म करने, तेल कीमतों में बढ़ोतरी, ग्रीन टैक्स लगाना शामिल है। इससे सरकार को आमदनी होगी। विरासत में मिले कर्ज का भी दिया हवाला गत वर्ष एक बार केंद्र सरकार पंजाब की कर्ज सीमा मे 2387 करोड़ की कटौती की थी। अगस्त महीने में हुई कैबिनेट मीटिंग में केंद्रीय वित्त मंत्रायल को कर्ज सीमा बढ़ाने के लिए पत्र लिखने को मंजूरी दी थी। राज्य सरकार ने पत्र में दलील दी थी कि पिछली सरकारों से उन्हें कर्ज विरासत के रूप में मिला है। जिसे वापस किया जाना है। पंजाब सरकार की तरफ से 69, 867 करोड़ रुपए कर्ज की अदायगी की जानी है।23,900 करोड़ की राशि केवल कर्ज और ब्याज की अदायगी है। गत दिनों में वित्तीय संकट के मद्देनजर पंजाब सरकार ने कई फैसले लिए हैं।

बरनाला में नए कानून का किया विरोध:कॉपियां जलाकर जताया रोष, अरुंधति रॉय और प्रो. शौकत हुसैन के केस को वापस लेने की मांग
बरनाला में नए कानून का किया विरोध:कॉपियां जलाकर जताया रोष, अरुंधति रॉय और प्रो. शौकत हुसैन के केस को वापस लेने की मांग पंजाब के बरनाला में अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन पर यूएपीए के तहत मुकदमा चलाने की मंजूरी और 1 जुलाई से 3 फौजदारी कानून लागू होने के विरोध में अलग-अलग संगठनों द्वारा मिल कर केंद्र सराकर के खिलाफ विशाल रोष प्रदर्शन किया। शहर के कचहरी चौक से लेकर डीसी दफ्तर तक रोष मार्च करके कानूनों की कॉपियां जला कर राष्ट्रपति ने नाम एक मांग पत्र सौंपा। नए कानून को बताया लोक विरोधी फैसला इस मौके संगठनों के नेता राजिंदर भदौड़, सोहन सिंह, बलौर सिंह और बिकर सिंह औलख ने कहा कि अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ 14 साल पुराने भाषण को लेकर यूएपीए के तहत मंजूरी देकर केंद्र सरकार ने लोक विरोधी फैसला लिया है, जो बहुत निंदनीय है। ये फैसला देश के बुद्धिजीवियों की आवाज को दबाने का प्रयास है। नेताओं ने इसी तरह आज से नए नामों से लागू किए जा रहे काले कानूनों को बेहद खतरनाक बताया। नए कानून को वापस करने की मांग उन्होंने कहा कि इन कानूनों के साथ पुलिस को अपार शक्तियां मिल गई हैं। अब पहले पुलिस के पास किसी भी घटना को लेकर एफआईआर दर्ज करने का अधिकार था। परंतु अब संभावित घटनाओं को लेकर भी पुलिस केस दर्ज कर सकेगी। पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए किसी व्यक्ति को 15 दिनों के बजाय 90 दिनों तक हिरासत में रखना, पुलिस को न्यायाधीश द्वारा दी गई जमानत को रद्द करने का अधिकार देना, इन कानूनों को और अधिक कठोर बनाने की एक कड़ी के रूप में देखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अरुंधति रॉय और प्रोफेसर शेख शौकत हुसैन के खिलाफ केस को रद्द किया जाए और इन कानूनों को भी वापस लिया जाना चाहिए।