किन्नौर में शुरू हुआ माघ मेला:8 दिनों तक चलेगा, रापुक शंकर देवता और पेड़-पौधों की पूजा हो रही

किन्नौर में शुरू हुआ माघ मेला:8 दिनों तक चलेगा, रापुक शंकर देवता और पेड़-पौधों की पूजा हो रही

किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है। किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर

किन्नौर में शुरू हुआ माघ मेला:8 दिनों तक चलेगा, रापुक शंकर देवता और पेड़-पौधों की पूजा हो रही

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किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है। किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है।   हिमाचल | दैनिक भास्कर