किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है। किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल के बद्दी की हवा हुई खतरनाक:आज 329 पहुंचा AQI, 10 दिनों से खराब हुई हवा; सांस लेने में हो रही दिक्कत
हिमाचल के बद्दी की हवा हुई खतरनाक:आज 329 पहुंचा AQI, 10 दिनों से खराब हुई हवा; सांस लेने में हो रही दिक्कत हिमाचल प्रदेश के औद्योगिक क्षेत्र बद्दी की हवा बेहद खतरनाक हो गई है। यहां का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) 10 दिन से निरंतर 250 से 351 के बीच चल रहा है। आज भी सुबह AQI 329 रिकॉर्ड किया गया। रिचर्ड ए. मिलर और एलिजाबोथ मिलर की स्टडी के अनुसार, बद्दी की हवा दिन में 10 से 20 सिगरेट के धुएं जैसी खतरनाक हो गई है। जिस शहर में AQI जब 250 होता तो, वहां की लगभग 8 से 9 सिगरेट पीने जैसी खतरनाक होती है। जहां AQI 350 पहुंच जाता है, वहां 18 से 19 सिगरेट पीने जैसी खतरनाक होती है। 6 नवंबर से हवा खराब होनी शुरू हुई दिवाली के दूसरे दिन यानी 1 नवंबर को भी बद्दी का AQI 305 माइक्रो ग्राम पहुंचा था। मगर 2 नवंबर से इसमें सुधार होना शुरू हो गया और AQI 166 माइक्रो ग्राम तक गिर गया। बद्दी में 5 नवंबर को संतोषजनक हो गई थी। मगर 6 नवंबर से दोबारा हालात बिगड़ने लगे और दिन प्रतिदिन हवा खराब होती गई और 3 दिन से AQI 300 से ज्यादा चल रहा है। पिछले 10 दिन में सात बार AQI 300 से ज्यादा रहा है। इन वजह से खराब हुई हवा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की माने तो बद्दी की खराब हवा का सबसे बड़ा कारण यहां के उद्योग है। इसमें कुछ योगदान गाड़ियों से होने वाले प्रदूषण का भी है। इसी तरह लंबे ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल और पड़ोसी राज्य पंजाब और हरियाणा में जलाई जा रही पराली भी इसकी एक वजह बताई जा रही है। मगर एनवायरमेंट इंजीनियर प्रदूषण में पराली का नाम मात्र योगदान मानते है, क्योंकि इन दिनों हवाएं से उत्तर से पश्चिम की ओर चलती है। बद्दी में देशभर के लोग करते हैं नौकरी औद्योगिक क्षेत्र बद्दी में हिमाचल के साथ-साथ देशभर से लोग नौकरी करते हैं। जिन्हें खराब हवा के कारण रोजाना परेशानियां झेलनी पड़ रही है। खासकर अस्थमा और सांस के रोगियों को ज्यादा कठिनाई हो रही है। क्या है AQI और इसका हाई लेवल खतरा क्यों ? AQI एक तरह का थर्मामीटर है। थर्मामीटर तापमान मापता है, जबकि AQI प्रदूषण मापने का काम करता है। इस पैमाने के जरिए हवा में मौजूद CO (कार्बन डाइऑक्साइड ), OZONE, (ओजोन) NO2 (नाइट्रोजन डाइऑक्साइड) , PM 2.5 (पार्टिकुलेट मैटर) और PM 10 पोल्यूटेंट्स की मात्रा चेक की जाती है और उसे शून्य से लेकर 500 तक रीडिंग में दर्शाया जाता है। हवा में पोल्यूटेंट्स की मात्रा जितनी ज्यादा होगी, AQI का स्तर उतना ज्यादा होगा और जितना ज्यादा AQI, उतनी खतरनाक हवा। वैसे 200 से 300 के बीच AQI भी खराब माना जाता है, लेकिन बद्दी में यह 300 पार हो चुका है। ये आने वाली बीमारियों के खतरे का संकेत भी है। AQI खराब करने वाले धूल के इतने सूक्ष्म होते है, इन्हें आंखों से नहीं देखा जा सकता। ड्राइ स्पेल के कारण उड़ रही धूल प्रदेश में ज्यादातर क्षेत्रों में 45 दिन से बारिश नहीं हुई। इससे चौतरफा धूल के गुबार उड़ रहे हैं। धूल की वजह से भी हवा की गुणवत्ता खराब हो रही है। ऐसे में डॉक्टरों ने लोगों को मास्क पहनकर घरों से बाहर निकलने की सलाह दी है। प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ सुथरी अच्छी बात यह है कि हिमाचल प्रदेश के दूसरे शहरों की हवा साफ या संतोषजनक बनी हुई है। पांटवा साहिब का AQI 119, कालाअंब का 145, बरोटीवाला 150 और नालागढ़ का AQI 130 है। वहीं शिमला में शिमला में 57, मनाली 30 और धर्मशाला में 73 है।
मंडी सांसद कंगना को BJP हाईकमान की फटकार:अपने बयान पर खेद व्यक्त किया; वापस लिए शब्द, कृषि कानून पर दिया था बयान
मंडी सांसद कंगना को BJP हाईकमान की फटकार:अपने बयान पर खेद व्यक्त किया; वापस लिए शब्द, कृषि कानून पर दिया था बयान हिमाचल की मंडी सीट से सांसद एवं अभिनेत्री कंगना रनोट ने कृषि कानून पर दिए बयान पर किसानों से खेद व्यक्त किया हैं। कंगना ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर पोस्ट करके कहा कि यदि उनके शब्दों से किसी को भी ठेस पहुंची हैं, तो वह अपने शब्द वापस लेती हैं। इसका उन्हें खेद रहेगा। कंगना ने कहा कि बीते दिनों मीडिया ने उनसे कुछ सवाल किए और उन्होंने कहा कि किसानों को प्रधानमंत्री से कृषि कानून वापस लाने की अपील करनी चाहिए। मेरी इस बात से बहुत सारे लोग निराश है। सांसद ने कहा, जब कृषि कानून प्रस्तावित किए गए थे, तब इन कानूनों का बहुत सारे लोगों ने समर्थन किया था। मगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सहानुभूति से ये कानून वापस ले लिए थे। इसलिए हम सब कार्यकर्ताओं का कर्तव्य बनता है कि हम PM के शब्दों की गरिमा रखे। उन्हें इस बात की भी गरिमा रखनी होगी कि अब वह एक कलाकार ही नहीं, भारतीय जनता पार्टी की कार्यकर्ता हैं। उनके ओपिनियन अपने नहीं होने चाहिए, वो पार्टी का स्टैंड होना चाहिए। इससे पहले भी कंगना रनोट ने किसान आंदोलन को लेकर तीखी प्रतिक्रियाएं दे चुकी हैं, जिसकी वजह से किसान कंगना का विरोध करते रहे हैं। हिमाचल में भी संयुक्त किसान मंच ने लोकसभा चुनाव के दौरान कंगना का विरोध किया था। कंगना ने मंडी में किसानों से की थी कानून वापसी की अपील बता दें कि बीते सोमवार को मंडी में कंगना रनोट में मीडिया से बातचीत में किसानों से अपील की थी कि वह 3 कृषि कानून वापस लाने के लिए खुद आवाज उठाए। कंगना के इस बयान का खासकर पंजाब-हरियाणा में किसान और विपक्षी पार्टियां विरोध कर रही है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव चल रहे है। इससे कंगना का बयान वहां मुद्दा बन रहा हैं, क्योंकि इन तीनों कानूनों को वापस करने की मांग को लेकर लड़े गए, आंदोलन के दौरान कई किसानों की जान चली गई और कंगना उन्हीं कानूनों की पैरवी कर रही थी। कंगना को हाईकमान से लगी फटकार पार्टी सूत्र बताते हैं कि हाईकमान द्वारा कंगना को भी फटकार लगाई और कहा कि इस तरह के बयान न दें। पहले भी कंगना को एक बार पार्टी हाईकमान द्वारा इस तरह के बयान के लिए अधिकृत नहीं होने की बात कही गई थी। क्योंकि कंगना कई बार संवेदनशील मुद्दों पर बयानबाजी नहीं करती रही है। इससे पार्टी भी बेकफुट पर आ रही है। अब कंगना ने सोशल मीडिया पर एक मिनट से ज्यादा वीडियो डालकर खेद व्यक्त और अपनी राय के बजाय पार्टी के स्टैंड पर कायम रहने का दावा किया है।
हिमाचल में इस महीने से बिजली महंगी होगी:मिल्क और पर्यावरण सेस शामिल; शून्य बिल वालों को नहीं चुकाना पड़ेगा, 25 लाख कंज्यूमर को झटका
हिमाचल में इस महीने से बिजली महंगी होगी:मिल्क और पर्यावरण सेस शामिल; शून्य बिल वालों को नहीं चुकाना पड़ेगा, 25 लाख कंज्यूमर को झटका हिमाचल प्रदेश में इस महीने से बिजली महंगी हो जाएगी। कांग्रेस सरकार ने फरवरी महीने के बिजली के बिल पर मिल्क सेस और एनवायरमेंट सेस शामिल कर दिया है। घरेलू उपभोक्ताओं के लिए 10 पैसे प्रति यूनिट तथा अन्य के 2 पैसे से 6 रुपए तक प्रति यूनिट बिजली के दाम बढ़ेगे। इसका असर राज्य के 25 लाख से ज्यादा विद्युत उपभोक्ताओं पर पड़ेगा। बता दें कि बिजली के घरेलू उपभोक्ताओं पर मिल्क सेस लगाया गया है। जिन उपभोक्ताओं का शून्य बिल होगा, उनसे मिल्क सेस नहीं लिया जाएगा। दूसरी सभी श्रेणी के बिजली उपभोक्ताओं पर दूध के साथ एनवायरमेंट सेस भी लगाया गया है। इन उद्योगों से पर्यावरण उपकर लिया जाएगा राज्य के स्मॉल, मीडियम और बड़े उद्योगों, स्टोन क्रशर, अस्थायी कनेक्शन, चार्जिंग स्टेशन मालिकों से दूध उपकर के साथ-साथ पर्यावरण उपकर लिया जाएगा। इन उद्योगों से 10 पैसे के मिल्क सेस लिया जाएगा। साथ में एनवायरमेंट सेस भी चुकाना होगा। एनवायरमेंट सेस 2 पैसे से लेकर 6 रुपए तक प्रति यूनिट देना होगा। उद्योगों की 3 कैटेगरी बनाई बिजली बोर्ड ने एनवायरमेंट सेस लेने के लिए उद्योगों को तीन श्रेणियों में बांटा है। इनमें लघु, मध्यम और बड़े उद्योगों तीन श्रेणी में शामिल किए गए। लघु उद्योगों पर दो पैसे प्रति यूनिट, मध्यम उद्योगों पर चार पैसे, बड़े उद्योगों पर 10 पैसे, कॉमर्शियल कंज्यूमर पर 10 पैसे, अस्थायी कनेक्शनों पर 2 रुपए और स्टोन क्रशरों पर 2 रुपए प्रति यूनिट पर्यावरण उपकर लगेगा। इलेक्ट्रिक वाहन चार्जिंग स्टेशनों से 6 रुपए प्रति यूनिट उपकर लगेगा। सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा राज्य सरकार ने इसके लिए बीते साल विधानसभा में विद्युत शुल्क संशोधन अधिनियम 2024 को मानसून सत्र में विपक्ष के हंगामे के बीच पारित किया था। इसे राज्यपाल की मंजूरी को भेजा गया है। राज्यपाल की भी मंजूरी मिल गई है। इसके बाद दूध और पर्यावरण सेस वसूलने के लिए बिजली बोर्ड को सॉफ्टवेयर में बदलाव करने में लगभग तीन महीने का समय लग गया। अब सॉफ्टवेयर अपडेट करने का काम पूरा हो गया है। लिहाजा फरवरी महीने के बिजली के बिल दूध और पर्यावरण सेस के साथ जारी होंगे। दूध उत्पादन बढ़ाने में इस्तेमाल होगा राजस्व सुक्खू सरकार का दावा है कि मिल्क सेस से इकट्ठा होने वाले राजस्व का इस्तेमाल हिमाचल में दूध उत्पादन बढ़ाने और दूध उत्पादकों को फायदा पहुंचाने के लिए होगा।
किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है। किन्नौर के ठंगी गांव में इन दिनों माघ मेला लगा हुआ है। आठ दिवसीय इस मेले में स्थानीय देवता रापुक शंकर की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। मेले के पहले दिन ग्रामीण देवता रापुक शंकर और उनके कारदारों का भव्य स्वागत करते हैं। स्थानीय परंपरा के अनुसार, महिलाएं और पुरुष पारंपरिक वेशभूषा और आभूषणों से सज कर प्रतिदिन विभिन्न तरीकों से उत्सव में भाग लेते हैं। देवता पुजारी धन सिंह नेगी के अनुसार, मेले का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान ‘रूम पजम’ है, जिसमें सभी फसलों और पेड़-पौधों की पूजा की जाती है। स्थानीय लोग और बौद्ध भिक्षु मिलकर क्षेत्र की समृद्धि और खुशहाली के लिए प्रार्थना करते हैं। मेले में सांस्कृतिक विरासत को जीवंत रखने के लिए पारंपरिक किन्नौरी नाटी नृत्य का भी आयोजन किया जाता है। पुजारी धन सिंह नेगी ने युवा पीढ़ी से इस समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करने का आह्वान किया है। स्थानीय मान्यताओं के अनुसार, देवी-देवताओं का आशीर्वाद समस्त जनता के लिए सुख-समृद्धि लेकर आता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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किन्नौर में जनजातीय भवन का हो रहा कायाकल्प:मंत्री जगत सिंह बोले- BJP शासन में थी खस्ताहाली, सरका बनने पर मुहैया कराए बजट
किन्नौर में जनजातीय भवन का हो रहा कायाकल्प:मंत्री जगत सिंह बोले- BJP शासन में थी खस्ताहाली, सरका बनने पर मुहैया कराए बजट हिमाचल में सरकार बनने के बाद राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी के निर्देश पर शिमला ढली जनजातीय भवन का कायाकल्प हो रहा है। करीब 78 लाख की रुपए कि लागत से न केवल कमरों का जीर्णोद्धार हो रहा बल्कि सभी सुविधाओं की भी व्यवस्था कि जा रही है। बता दें कि पूर्व भाजपा शासन में ढली ट्राइबल भवन के कमरों की हालत बहुत खराब थी। वहीं सीलन होने से कमरों में ठहरना भी मुश्किल भरा था। भाजपा शासन में भवन के खस्ताहालत को लेकर वर्तमान राजस्व, बागवानी एवं जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह आवाज उठाते रहे हैं। विपक्ष में रहकर जगत सिंह नेगी ने उठाया था मामला
पूर्व भाजपा सरकार के समय कैबिनेट मंत्री जगत सिंह नेगी ने ढली जनजातीय भवन के कमरों की खस्ताहालत व जनजातीय भवन में कमरों का बंदर बांट का मुद्दा उठाया था। जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह के मार्गदर्शन में जनजातीय सलाहकार परिषद सदस्य अधिवक्ता अमर चंद नेगी व डॉ. सूर्य बोरस ने ढली ट्राइबल भवन का निरीक्षण किया। डॉ. सूर्या बोरस व अधिवक्ता अमर चंद नेगी ने कहा कि सरकार बनने के बाद जगत सिंह नेगी ने कड़ा संज्ञान लेते हुए ढली ट्राइबल भवन के जीर्णोद्धार के किए बजट मुहैया कवाया। आज इस भवन का पूरा कायाकल्प हो रहा है। मीटिंग हाल सहित सभी कमरों को बेहतर कर सभी सुविधाओं से परिपूर्ण किया है। उन्होंने कहा कि जगत सिंह नेगी के मार्ग दर्शन में प्रदेश में जनजातीय भवनों का जीर्णोद्धार किया जा रहा है। हाल ही में धर्मशाला जनजातीय भवन के जीर्णोद्धार के लिए बजट मुहैया करवाया गया है।
शिमला में व्यक्ति ने किया सुसाइड:घर से कुछ दूर पेड़ से लटका मिला, ग्रामीणों ने देखा
शिमला में व्यक्ति ने किया सुसाइड:घर से कुछ दूर पेड़ से लटका मिला, ग्रामीणों ने देखा हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में एक 54 वर्षीय अधेड़ उम्र के व्यक्ति ने फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया। मृतक की पहचान कृष्ण लाल के रूप में हुई है, जो गांव जनोल, डाकघर रौड़ी, शिमला के रहने वाले थे। पुलिस के अनुसार, पुलिस चौकी जतोग में सुबह करीब सवा 9 बजे सूचना मिली कि जनोल गांव में एक व्यक्ति ने सुसाइड किया है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची, जहां लोगों ने बताया कि कृष्ण लाल ने अपने घर से लगभग 20-25 फुट की दूरी पर स्थित एक बिउंल के पेड़ पर फंदा लगाकर सुसाइड किया। उनके भाई सत्यपाल शर्मा और अन्य परिजनों ने उन्हें तुरंत नीचे उतारा और शिमला में इंदिरा गांधी मेडिकल कॉलेज (IGMC) हॉस्पिटल पहुंचाया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उन्हें मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है। मृतक के शव का पोस्टमार्टम कराने के लिए पुलिस कर्मचारी रवि और गृह रक्षक बच्चन लाल को IGMC भेजा गया है। जहां उनका पोस्टमार्टम करवाया जा रहा है। परिजन भी हॉस्पिटल गए है। व्यक्ति ने क्यों सुसाइड किया फिलहाल इसकी जानकारी नहीं मिल पाई है।
हिमाचल: HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी 1 लाख बढ़ाई:आर्थिक संकट के बीच नरदेव को अब 1.30 लाख मिलेंगे, माकपा-भाजपा भड़की, BJP ने दी चेतावनी
हिमाचल: HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी 1 लाख बढ़ाई:आर्थिक संकट के बीच नरदेव को अब 1.30 लाख मिलेंगे, माकपा-भाजपा भड़की, BJP ने दी चेतावनी राज्य सरकार गंभीर आर्थिक संकट के बीच हिमाचल बिल्डिंग एंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर वेलफेयर बोर्ड (HPBOCWB) के चेयरमैन पर मेहरबान है। कांग्रेस सरकार ने HPBOCW के चेयरमैन की तनख्वाह में एक लाख रुपए का इजाफा किया है। HPBOCWB चेयरमैन को अब 30 हजार के बजाय 1 लाख 30 हजार रुपए, भत्ते और दूसरी सुविधाएं अलग से मिलेगी। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने इसी साल बीते मार्च माह में अपने करीबी एवं कांगड़ा जिला से संबंध रखने वाले कांग्रेस नेता नरदेव कंवर को HPBOCWB में चेयरमैन बनाया था। इसके बाद इन्हें 30 हजार रुपए वेतन मिल रहा था। मगर आर्थिक संकट के बीच इनकी तनख्वाह लगभग 5 गुना ज्यादा हो गई है। इसके खिलाफ आवाजे उठनी शुरू हो गई है। सरकार के इस फैसले से कर्मचारी, पेंशनर, विपक्षी दल सभी भड़क उठे है। रिटायर प्रिंसिपल जीवन शर्मा ने कहा, सुक्खू सरकार में अध्यक्ष मजे ले रहे हैं और पेंशनर कोर्ट कचहरी के चक्कर काट रहे हैं। सुधीर शर्मा ने पाकिस्तान के पूर्व PM इमरान के बहाने कसा तंज धर्मशाला से भाजपा विधायक सुधीर शर्मा ने तंज कसते हुए लिखा कि वह भी इक दौर था, जब इमरान खान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री थे, यह भी इक दौर है… इसके साथ उन्होंने HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी बढ़ाने के ऑर्डर पोस्ट किए। जनता के लिए पैसे का रोना, मित्रों की मौज: मेहरा माकपा नेता विजेंद्र मेहरा ने सुक्खू सरकार पर तंज कसते हुए कहा, जनता के लिए सरकार आर्थिक संकट का रोना रो रही है और चेहेतों का वेतन लाखों में बढ़ाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि जिन कर्मचारियों और पेंशनरों की जनवरी 2016 से देनदारी तय हैं, उसका भुगतान नहीं किया जा रहा है। एक महीने तक गोपनीय रखे आदेश दिलचस्प बात यह है कि सैलरी बढ़ाने के आदेश बीते 30 जुलाई को किए गए। मगर सरकार ने आदेश गोपनीय रखे। सचिवालय में कर्मचारियों के साथ टकराव के बाद कर्मचारियों ने इसके आदेशों की कॉपी सोशल मीडिया में वायरल की है। अब सोशल मीडिया में भी लोग HPBOCWB चेयरमैन की सैलरी एक लाख रुपए बढ़ाने को लेकर तीखी प्रतिक्रिया दे रहे हैं। 90 हजार करोड़ के कर्ज में डूबी सरकार प्रदेश सरकार पर पहले ही 90 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा का कर्ज हो गया है। विपक्ष डेढ़ साल से सरकार को फिजूलखर्ची पर घेरता रहा है, क्योंकि कांग्रेस सरकार ने 6 मुख्य संसदीय सचिवों के अलावा सलाहाकार, OSD, बोर्ड-निगमों में चेयरमैन की लंबी फौज खड़ी की है। इसे लेकर विपक्ष लगातार हमलावर है और मित्रों की सरकार बार-बार कह रहा है। जन आंदोलन करेगी BJP: महामंत्री भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश महामंत्री बिहारी लाल ने बताया कि CM सूक्खू ड्रामेबाजी करने से बाज नहीं आ रहे। एक और वित्तीय हालात का रोना रोकर कर्मचारियों और पेंशनर्स के वित्तीय लाभ रोके हुए है। पब्लिसिटी स्टंट के लिए पूरी कैबिनेट के 2 माह तक वित्तीय लाभ न लेने स्वांग रचा, यह वेतन 2 माह बाद इकट्टठा लिया जोगा। दूसरी और अपने एक मित्र की सैलरी एक लाख रुपए बढ़ा दी गई है। उन्होंने बताया कि सीएम सुक्खू ने पहले ही सरकार, बोर्ड-निगमों में नियुक्तियों की लंबी फौज तैनात कर दी है, जो कि सरकारी खजाने पर बोझ डाल रहे हैं। उन्होंने कहा, सुक्खू सरकार की इस ड्रामेबाजी के खिलाफ BJP जन आंदोलन खड़ा करेगी l