ED के असिस्टेंट डायरेक्टर की शिकायत करने वाले पर रेड:पंचकूला में घर की तलाशी ली; शिमला स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़ा मामला

ED के असिस्टेंट डायरेक्टर की शिकायत करने वाले पर रेड:पंचकूला में घर की तलाशी ली; शिमला स्कॉलरशिप घोटाले से जुड़ा मामला

हिमाचल प्रदेश के शिमला स्कॉलरशिप घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम ने पंचकूला में रेड की है। यह रेड इस मामले के आरोपी ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप के खिलाफ शिकायत करने वाले विशाल बंसल के घर हुई। जानकारी मिली है कि शिकायतकर्ता विशाल बंसल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। विशाल बंसल को 2 सप्ताह पहले गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गे रोहित गुर्जर ने फोन कर ED के सहायक निदेशक के खिलाफ दी शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया था। विशाल कारोबारी रजनीश बंसल के भाई हैं। उनसे धमकी देने वाले ने कहा था कि तुम्हारा परिवार जिस केस की पैरवी कर रहा है, उस केस से हट जाए। नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे। अगर अपनी जान की सलामती चाहते हो तो 50 लाख रुपए देने होंगे। मुंबई से गिरफ्तार हो चुका विशाल दीप
शिमला स्कॉलरशिप घोटाले मामले में फरार चल रहे ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप को पुलिस ने मुंबई से 2 सप्ताह पहले गिरफ्तार कर लिया था। सेक्टर-16 निवासी रजनीश बंसल के भाई विशाल बंसल की शिकायत पर इसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें जांच जारी है। पंचकूला के सेक्टर-14 थाने में आरोपी के खिलाफ जान से मारने की धमकी और 50 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप है। पुलिस आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। 29 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ दर्ज है केस
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2012-17 के बीच यह स्कॉलरशिप घोटाला हुआ था। इस मामले में CBI ने जांच कर वर्ष 2019 में हिमाचल के 29 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। साथ ही इस मामले में धन शोधन (PMLA) का भी एक मामला शिमला ED ने दर्ज किया था। इसकी जांच शिमला सब जोनल कार्यालय के सहायक निदेशक विशाल दीप द्वारा की जा रही थी। 2.5 करोड़ रुपए की मांगी थी रिश्वत
इसी मामले में शिक्षण संस्थानों के संचालकों से विशाल दीप ने ढाई करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसकी एवज में चंडीगढ़ CBI द्वारा भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज किया गया। इस मामले में विशाल दीप के सगे भाई और बुआ के लड़के को भी CBI ने गिरफ्तार किया था, जबकि विशाल दीप को मुंबई से गिरफ्तार किया और उसे जिला कोर्ट से मौके पर ही जमानत भी मिल गई थी। पूर्व मंत्री की शिकायत पर जांच शुरू हुई
पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में साल 2013-14 से 2016-17 तक 2.38 लाख SC, ST और OBC के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी करने के दौरान हुई गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इसी दौरान 2772 शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति बंटी, जिसमें 266 निजी शिक्षण संस्थान शामिल थे। निजी संस्थानों को 210 करोड़ और सरकारी संस्थानों को 56 करोड़ की राशि दी गई। 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19915 को 4 मोबाइल फोन नंबरों से जुड़े बैंक खातों में राशि जारी की गई। मामला बड़े शिक्षण संस्थानों और दूसरे राज्यों से भी जुड़ा था। इसके बाद सरकार ने CBI जांच की सिफारिश की थी। हिमाचल प्रदेश के शिमला स्कॉलरशिप घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की एक टीम ने पंचकूला में रेड की है। यह रेड इस मामले के आरोपी ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप के खिलाफ शिकायत करने वाले विशाल बंसल के घर हुई। जानकारी मिली है कि शिकायतकर्ता विशाल बंसल के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का केस चल रहा है। विशाल बंसल को 2 सप्ताह पहले गैंगस्टर लॉरेंस के गुर्गे रोहित गुर्जर ने फोन कर ED के सहायक निदेशक के खिलाफ दी शिकायत वापस लेने के लिए धमकाया था। विशाल कारोबारी रजनीश बंसल के भाई हैं। उनसे धमकी देने वाले ने कहा था कि तुम्हारा परिवार जिस केस की पैरवी कर रहा है, उस केस से हट जाए। नहीं तो पूरे परिवार को जान से मार देंगे। अगर अपनी जान की सलामती चाहते हो तो 50 लाख रुपए देने होंगे। मुंबई से गिरफ्तार हो चुका विशाल दीप
शिमला स्कॉलरशिप घोटाले मामले में फरार चल रहे ED के पूर्व सहायक निदेशक विशाल दीप को पुलिस ने मुंबई से 2 सप्ताह पहले गिरफ्तार कर लिया था। सेक्टर-16 निवासी रजनीश बंसल के भाई विशाल बंसल की शिकायत पर इसके खिलाफ केस दर्ज किया गया था, जिसमें जांच जारी है। पंचकूला के सेक्टर-14 थाने में आरोपी के खिलाफ जान से मारने की धमकी और 50 लाख की रंगदारी मांगने का आरोप है। पुलिस आरोपी को अदालत में पेश कर रिमांड पर लेकर पूछताछ कर चुकी है। 29 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ दर्ज है केस
हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2012-17 के बीच यह स्कॉलरशिप घोटाला हुआ था। इस मामले में CBI ने जांच कर वर्ष 2019 में हिमाचल के 29 शिक्षण संस्थानों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया था। साथ ही इस मामले में धन शोधन (PMLA) का भी एक मामला शिमला ED ने दर्ज किया था। इसकी जांच शिमला सब जोनल कार्यालय के सहायक निदेशक विशाल दीप द्वारा की जा रही थी। 2.5 करोड़ रुपए की मांगी थी रिश्वत
इसी मामले में शिक्षण संस्थानों के संचालकों से विशाल दीप ने ढाई करोड़ रुपए की रिश्वत मांगी थी। इसकी एवज में चंडीगढ़ CBI द्वारा भ्रष्टाचार का मामला भी दर्ज किया गया। इस मामले में विशाल दीप के सगे भाई और बुआ के लड़के को भी CBI ने गिरफ्तार किया था, जबकि विशाल दीप को मुंबई से गिरफ्तार किया और उसे जिला कोर्ट से मौके पर ही जमानत भी मिल गई थी। पूर्व मंत्री की शिकायत पर जांच शुरू हुई
पूर्व मंत्री रामलाल मारकंडा की शिकायत के बाद शिक्षा विभाग ने इस मामले की जांच शुरू की थी। जांच में साल 2013-14 से 2016-17 तक 2.38 लाख SC, ST और OBC के विद्यार्थियों को छात्रवृत्ति जारी करने के दौरान हुई गड़बड़ी की बात सामने आई थी। इसी दौरान 2772 शिक्षण संस्थानों को छात्रवृत्ति बंटी, जिसमें 266 निजी शिक्षण संस्थान शामिल थे। निजी संस्थानों को 210 करोड़ और सरकारी संस्थानों को 56 करोड़ की राशि दी गई। 2.38 लाख विद्यार्थियों में से 19915 को 4 मोबाइल फोन नंबरों से जुड़े बैंक खातों में राशि जारी की गई। मामला बड़े शिक्षण संस्थानों और दूसरे राज्यों से भी जुड़ा था। इसके बाद सरकार ने CBI जांच की सिफारिश की थी।   हिमाचल | दैनिक भास्कर