लुधियाना| इनडायरेक्ट टैक्स कंसल्टेंट्स एसोसिएशन लुधियाना ने वर्ष 2025 के लिए अपनी नई कार्यकारिणी का चुनाव सर्वसम्मति से किया। सीए राजीव के. शर्मा को प्रधान, सीए राजेश महाजन को उप-प्रधान, सीए साहिल गुप्ता को सचिव, सीए राजेश गर्ग को सह-सचिव चुना गया। वहीं, सी ए पंकज सिंगला, सीए वीनस अरोड़ा और सीए मोहित मेहरा को कार्यकारी सदस्य नियुक्त किया गया। एसोसिएशन जीएसटी और अन्य अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में कार्यरत चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का प्रतिनिधित्व करती है और इससे जुड़े कानूनी मामलों पर काम करती है। लुधियाना| इनडायरेक्ट टैक्स कंसल्टेंट्स एसोसिएशन लुधियाना ने वर्ष 2025 के लिए अपनी नई कार्यकारिणी का चुनाव सर्वसम्मति से किया। सीए राजीव के. शर्मा को प्रधान, सीए राजेश महाजन को उप-प्रधान, सीए साहिल गुप्ता को सचिव, सीए राजेश गर्ग को सह-सचिव चुना गया। वहीं, सी ए पंकज सिंगला, सीए वीनस अरोड़ा और सीए मोहित मेहरा को कार्यकारी सदस्य नियुक्त किया गया। एसोसिएशन जीएसटी और अन्य अप्रत्यक्ष करों के क्षेत्र में कार्यरत चार्टर्ड एकाउंटेंट्स का प्रतिनिधित्व करती है और इससे जुड़े कानूनी मामलों पर काम करती है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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NHAI का एक और प्रोजेक्ट रद्द:जमीन का कब्जा ना मिलने के चलते केंद्र ने लिया फैसला; अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे से जुड़ना था बाईपास
NHAI का एक और प्रोजेक्ट रद्द:जमीन का कब्जा ना मिलने के चलते केंद्र ने लिया फैसला; अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे से जुड़ना था बाईपास भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जाने वाले बाईपास लिंक रोड़ प्रोजेक्ट को एनएचएआई ने जमीन अधिग्रहण में असफलता के कारण रद्द कर दिया है। यह बाईपास धुंदा गांव से मानावाला तक प्रस्तावित था, जिसे 171 करोड़ रुपए में पूरा किया जाना था। ये मार्ग अमृतसर को दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला था। लेकिन जमीन अधिग्रहण न होने के चलते यह प्रोजेक्ट ठप हो गया। इस फैसले पर अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की बड़ी नाकामी है और इससे राज्य के विकास और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। औजला ने कहा कि दिल्ली से कटरा तक बन रहे एक्सप्रेसवे के लिए गोइंदवाल साहिब और हरियाणा तक की जमीन अधिग्रहित हो चुकी थी, लेकिन पंजाब सरकार जमीन देने में असफल रही है। किसानों से बातचीत करने में असफल रही सरकार सांसद औजला ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने में असफल रही, जबकि हरियाणा सरकार ने अपने हिस्से की जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया। औजला ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सीमा क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकता था, क्योंकि इससे अमृतसर को पाकिस्तान और अरब देशों के साथ व्यापार का नया अवसर मिल सकता था, लेकिन अब यह उम्मीद धुंधली पड़ गई है। पंजाब सरकार ठोस कदम नहीं उठा पाई औजला ने कहा कि पंजाब सरकार सिर्फ अपने प्रचार तक सीमित रह गई है और जमीन अधिग्रहण पर कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की यह नाकामी आने वाले दिनों में पूरे सरहदी इलाके के लिए भारी नुकसानदायक साबित होगी। इस प्रोजेक्ट के रद्द होने से व्यापारी वर्ग और आम जनता की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। साथ ही, अमृतसर के विकास पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।

किसान महापंचायतों को कामयाब बनाने की स्ट्रेटजी में जुटे:14 को केंद्र सरकार से मीटिंग, डल्लेवाल का अनशन 72वें दिन में दाखिल
किसान महापंचायतों को कामयाब बनाने की स्ट्रेटजी में जुटे:14 को केंद्र सरकार से मीटिंग, डल्लेवाल का अनशन 72वें दिन में दाखिल पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर चल रहे किसान आंदोलन को 13 फरवरी को एक साल पूरा होने वाला है। ऐसे में किसानों ने अब अपनी पूरी ताकत 11 से 13 फरवरी तक आयोजित की जाने वाली किसान महापंचायतों की कामयाबी पर लगा दी है, क्योंकि 14 फरवरी को चंडीगढ़ में किसानों की केंद्र सरकार से मीटिंग है। काफी संख्या में किसान भी दोनों बार्डरों पर पहुंचना शुरू हो गए हैं। किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल का आमरण अनशन आज 72वें दिन में दाखिल हो गया है। उनकी स्थिति में थोड़ा सुधार है। वह पानी के सहारे चल रहे हैं। किसी तरह की कोई चीज खा पी नहीं रहे हैं। हालांकि केंद्र सरकार से मीटिंग का न्योता मिलने के बाद किसान नेताओं के कहने पर उन्होंने मेडिकल सुविधा जरूर लेना शुरू कर दी है। वहीं, डॉक्टरों की टीमें उनकी सेहत पर नजर रख रही हैं। छह से जल लेकर आएंगे खनौरी जगजीत सिंह डल्लेवाल अब किसानों द्वारा अपने खेतों से लाए जा रहे पानी को ही पी रहे हैं। मंगलवार को हरियाणा के 50 गांवों के किसान अपने खेतों के टयूबवेल का जल लेकर खनौरी बॉर्डर पर पहुंचे थे । जबकि 6, 8 और 10 फरवरी को हरियाणा के किसानों के बड़े जत्थे जल लेकर खनौरी मोर्चे पर पहुंचेंगे। बॉर्डर पर पहुंचे किसान नेताओं ने बताया कि डल्लेवाल 71 दिनों से सिर्फ जल ग्रहण कर के अपने शरीर पर कष्ट झेल रहे हैं ताकि किसानों की जमीन एवम किसानों की अगली पीढ़ी को बचाया जा सके। किसानों की भावना है कि उन्हीं खेतों का पवित्र जल जगजीत सिंह डल्लेवाल ग्रहण करें जिन्हें बचाने के लिए वो सत्याग्रह कर रहे हैं। किसान नेताओं ने कहा कि यह सिर्फ जल नहीं है बल्कि उन हजारों किसानों की भावनाएं हैं। जिन्हें यह महसूस होता है कि MSP गारंटी कानून बनवाने के लिए चल रहे किसान आंदोलन – 2 में सहयोग करना जरूरी है। किसान नेताओं ने सभी किसानों से अपील की है कि 11 फरवरी को रत्नपुरा, 12 फरवरी को खनौरी और 13 फरवरी को शम्भू मोर्चे पर आयोजित महापंचायतों में अधिक से अधिक संख्या में पहुंचना है। एसकेएम भी संघर्ष की तैयारी में दूसरी तरफ संयुक्त किसान मोर्चा भी अब केंद्र सरकार के खिलाफ अब दोबारा एक्टिव हो रहा है। केंद्रीय कृषि मार्केटिंग पॉलिसी ड्रॉफ्ट के खिलाफ पूरे देश में किसान नौ फरवरी को लोकसभा व राज्यसभा के सांसदों को मांग पत्र सौंपेंगे।15 फरवरी को एसकेएम कीअहम मीटिंग चंडीगढ़ में होगी। इसमें कैसे आगे संघर्ष चलाया जाना है। ,इस पर रणनीति तय की जाएगी। दूसरी तरफ मोर्चे की एकता के लिए भी प्रयास चल रहे है। एसकेएम की तरफ से खनौरी व शंभू मोर्चे को एकता के लिए पत्र भेजा गया है। लेकिन अभी तक मीटिंग कब होगी, इस पर निर्णय नहीं हो पाया है। एसकेएम ने 12 फरवरी का समय दिया है। किसानों के 597 पारिवारिक मेंबरों को नौकरी दी तीन कृषि कानूनों के खिलाफ चले किसान आंदोलन एक में जान गंवाने वाले किसानों के पारिवारिक मेंबरों काे पंजाब सरकार द्वारा नौकरी मुहैया करवाई जा रही हैं। अब तक किसानों के 597 पारिवारिक सदस्यों को नौकरियां दी गई हैं। कृषि मंत्री ने बताया कि गुरमीत सिंह खुड्डिया ने बताया कि काफी समय से प्रक्रिया चल रही है। इन लोगों को कई विभागों में नौकरियां दी गई है।

बरनाला में शौचालय मरम्मत पर सरकार को घेरा:टॉयलेट रिनोवेशन के शिलान्यास पर मजीठिया, बाजवा और परगट सिंह ने ली चुटकी
बरनाला में शौचालय मरम्मत पर सरकार को घेरा:टॉयलेट रिनोवेशन के शिलान्यास पर मजीठिया, बाजवा और परगट सिंह ने ली चुटकी पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार द्वारा चलाए जा रहे शिक्षा क्रांति अभियान को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। विवाद की जड़ बनी भदौड़ विधानसभा क्षेत्र के घुन्नस गांव के सरकारी मिडिल स्कूल में एक शौचालय के नवीनीकरण का उद्घाटन। विधायक लाभ सिंह उगोके द्वारा किए गए इस उद्घाटन की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो गईं। इसके बाद विपक्षी नेताओं ने सरकार की शिक्षा क्रांति की पोल खोलनी शुरू कर दी। अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने सोशल मीडिया पर टिप्पणी करते हुए पूछा कि क्या शौचालयों की मरम्मत को शिक्षा क्रांति कहा जा सकता है। कांग्रेस नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी सरकार झूठ की फैक्ट्री बन गई है। उन्होंने कहा कि सरकार मामूली नवीनीकरण कार्यों को बड़ी उपलब्धि के रूप में पेश कर रही है। पूर्व शिक्षा मंत्री ने की टिप्पणी पूर्व शिक्षा मंत्री परगट सिंह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि भगवंत मान सरकार शौचालय मरम्मत को ऐतिहासिक उपलब्धि बताने वाली पहली सरकार बन गई है। गांव के लोगों और हलका इंचार्ज ने भी इस मामले में सरकार की आलोचना की है। सरकार का दावा है कि उसने एक दिन में 341 नए सरकारी स्कूल दिए हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि यह केवल स्कूलों की चारदीवारी और शौचालयों का नवीनीकरण करना मात्र है। अकाली दल के सतनाम सिंह ने सरकार को घेरा शिरोमणि अकाली दल के प्रतिनिधि एडवोकेट सतनाम सिंह राही ने भी स्कूल शौचालयों में जाकर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि शौचालयों की हालत खस्ता है। पेंट उतर चुका है। टूटियां सही नहीं हैं और दरवाजे तक खराब हैं। सरकार शिक्षा क्रांति के नाम पर छलावा कर रही है। पिछले 70 वर्षों में यह पहली बार है कि शौचालयों के नवीनीकरण की आधारशिला रखी जा रही है। उन्होंने कहा कि आप सरकार की नजर में शिक्षा क्रांति तभी आती है जब शौचालय का उद्घाटन होता है। इस अवसर पर गांव घुन्नस के एडवोकेट मनिंदर सिंह व मनजीत सिंह ने कहा कि सरकार इस स्कूल के शौचालय के उद्घाटन को शिक्षा क्रांति बता रही है, जबकि अगर सरकार इस स्कूल को 10वीं या 12वीं कक्षा तक अपग्रेड करती तो इसे शिक्षा क्रांति कहा जाता। उनके गांव के स्कूल के बच्चों को कक्षा 8वीं से आगे की पढ़ाई के लिए तपा के स्कूल में जाना पड़ता है।