हरियाणा कांग्रेस ने 7 नेताओं को पार्टी से निकाला:हिसार-करनाल में टिकट न मिलने पर की थी बगावत; गुरुग्राम में नामांकन वापस लिया था

हरियाणा कांग्रेस ने 7 नेताओं को पार्टी से निकाला:हिसार-करनाल में टिकट न मिलने पर की थी बगावत; गुरुग्राम में नामांकन वापस लिया था

हरियाणा कांग्रेस ने निकाय चुनाव के बीच बागी नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने 7 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें गुरुग्राम, करनाल, यमुनानगर के 2-2 और हिसार से एक नेता शामिल हैं। इनमें करनाल से सीएम नायब सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना शामिल हैं। वहीं यमुनानगर से कांग्रेस कमेटी के नॉर्थ जोन के प्रभारी प्रदीप चौधरी व मधु चौधरी, हिसार से विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट रहे रामनिवास राड़ा और गुरुग्राम से हरविंदर लवली और रामकिशन सेन पर कार्रवाई की गई है। इन नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। कई नेता टिकट न मिलने पर बागी हो गए थे। वहीं गुरुग्राम में नेता ने नामांकन ही वापस ले लिया था। जबकि रामनिवास राड़ा, त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राड़ा 24 घंटे पहले BJP में शामिल हुए थे
हिसार से रामनिवास राड़ा 24 घंटे पहले बुधवार (19 फरवरी) को कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए थे। राड़ा ने पार्टी छोड़ने को लेकर किसी तरह का ऐलान या नोटिस नहीं दिया था। राड़ा ने हिसार से 2 बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह कुमारी सैलजा के करीबी माने जाते थे। राड़ा ने कांग्रेस की गुटबाजी से परेशान होकर पार्टी छोड़ी थी। राड़ा ने कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था। बाद में भाजपा में शामिल होकर नामांकन वापस ले लिया था। त्रिलोचन सिंह मेयर उम्मीदवार नहीं बनाने से नाराज थे
करनाल के कांग्रेस के सीनियर नेता रहे त्रिलोचन सिंह मेयर पद की टिकट के प्रबल दावेदार थे। मगर टिकट कटने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया था। कांग्रेस ने उनकी जगह मनोज वधवा को उम्मीदवार बनाया था। सरदार त्रिलोचन सिंह कांग्रेस के जिला संयोजक भी रहे हैं। इसके अलावा करनाल से केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर और सीएम नायब सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। प्रदीप चौधरी ने लगाए थे टिकट बंटवारे में धांधली के आरोप
यमुनानगर के प्रदीप चौधरी को कांग्रेस ने नॉर्थ जोन का प्रभारी बनाया था। प्रदीप ने कांग्रेस के सीनियर नेताओं पर टिकट बंटवारे में धांधली के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था उनको मेयर टिकट का आश्वासन दिया गया था। मगर उनका टिकट काट कर किसी और को दे दिया गया। मधु चौधरी का मेयर का टिकट काट दिया था
यमुनानगर की एडवोकेट मधु चौधरी का कांग्रेस ने मेयर का टिकट काट दिया था। मधु चौधरी के मुताबिक कांग्रेस की मेयर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में नाम था। इसके बाद घर मिठाइयां बंट गई थीं, लेकिन 2 घंटे बाद कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट जारी की, जिसमें से उनका नाम हटा दिया। यहां तक की पार्षद की कैंडिडेट लिस्ट से भी उनका नाम गायब कर दिया गया। इससे नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के रूप में मेयर पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के सामने नामांकन भरा। गुरुग्राम से हरविंदर ने नामांकन ले लिया था वापस
हरविंदर लवली को कांग्रेस ने गुरुग्राम के वार्ड 22 से पार्षद उम्मीदवार बनाया था। इस वार्ड से कांग्रेस और भाजपा के ही उम्मीदवार आमने-सामने थे। मगर हरविंदर ने भाजपा प्रत्याशी विकास यादव के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया। इस कारण भाजपा के विकास यादव निर्विरोध पार्षद चुने गए थे। इस पर कांग्रेस ने हरविंदर को पार्टी से निकाल दिया। 7 नेताओं को कांग्रेस से निकालने का लेटर… हरियाणा कांग्रेस ने निकाय चुनाव के बीच बागी नेताओं पर कार्रवाई शुरू कर दी है। कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष उदयभान ने 7 नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया है। इसमें गुरुग्राम, करनाल, यमुनानगर के 2-2 और हिसार से एक नेता शामिल हैं। इनमें करनाल से सीएम नायब सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना शामिल हैं। वहीं यमुनानगर से कांग्रेस कमेटी के नॉर्थ जोन के प्रभारी प्रदीप चौधरी व मधु चौधरी, हिसार से विधानसभा चुनाव में कैंडिडेट रहे रामनिवास राड़ा और गुरुग्राम से हरविंदर लवली और रामकिशन सेन पर कार्रवाई की गई है। इन नेताओं को पार्टी से 6 साल के लिए निष्कासित किया गया है। कई नेता टिकट न मिलने पर बागी हो गए थे। वहीं गुरुग्राम में नेता ने नामांकन ही वापस ले लिया था। जबकि रामनिवास राड़ा, त्रिलोचन सिंह और अशोक खुराना भाजपा में शामिल हो चुके हैं। राड़ा 24 घंटे पहले BJP में शामिल हुए थे
हिसार से रामनिवास राड़ा 24 घंटे पहले बुधवार (19 फरवरी) को कांग्रेस छोड़कर BJP में शामिल हुए थे। राड़ा ने पार्टी छोड़ने को लेकर किसी तरह का ऐलान या नोटिस नहीं दिया था। राड़ा ने हिसार से 2 बार कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ा था और वह कुमारी सैलजा के करीबी माने जाते थे। राड़ा ने कांग्रेस की गुटबाजी से परेशान होकर पार्टी छोड़ी थी। राड़ा ने कांग्रेस से बागी होकर निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर अपना नामांकन दाखिल किया था। बाद में भाजपा में शामिल होकर नामांकन वापस ले लिया था। त्रिलोचन सिंह मेयर उम्मीदवार नहीं बनाने से नाराज थे
करनाल के कांग्रेस के सीनियर नेता रहे त्रिलोचन सिंह मेयर पद की टिकट के प्रबल दावेदार थे। मगर टिकट कटने से नाराज होकर उन्होंने पार्टी छोड़ने का फैसला कर लिया था। कांग्रेस ने उनकी जगह मनोज वधवा को उम्मीदवार बनाया था। सरदार त्रिलोचन सिंह कांग्रेस के जिला संयोजक भी रहे हैं। इसके अलावा करनाल से केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर और सीएम नायब सैनी के खिलाफ चुनाव लड़ चुके हैं। प्रदीप चौधरी ने लगाए थे टिकट बंटवारे में धांधली के आरोप
यमुनानगर के प्रदीप चौधरी को कांग्रेस ने नॉर्थ जोन का प्रभारी बनाया था। प्रदीप ने कांग्रेस के सीनियर नेताओं पर टिकट बंटवारे में धांधली के आरोप लगाए थे। उन्होंने कहा था उनको मेयर टिकट का आश्वासन दिया गया था। मगर उनका टिकट काट कर किसी और को दे दिया गया। मधु चौधरी का मेयर का टिकट काट दिया था
यमुनानगर की एडवोकेट मधु चौधरी का कांग्रेस ने मेयर का टिकट काट दिया था। मधु चौधरी के मुताबिक कांग्रेस की मेयर उम्मीदवारों की पहली लिस्ट में नाम था। इसके बाद घर मिठाइयां बंट गई थीं, लेकिन 2 घंटे बाद कांग्रेस ने दूसरी लिस्ट जारी की, जिसमें से उनका नाम हटा दिया। यहां तक की पार्षद की कैंडिडेट लिस्ट से भी उनका नाम गायब कर दिया गया। इससे नाराज होकर आजाद उम्मीदवार के रूप में मेयर पद के लिए कांग्रेस उम्मीदवार के सामने नामांकन भरा। गुरुग्राम से हरविंदर ने नामांकन ले लिया था वापस
हरविंदर लवली को कांग्रेस ने गुरुग्राम के वार्ड 22 से पार्षद उम्मीदवार बनाया था। इस वार्ड से कांग्रेस और भाजपा के ही उम्मीदवार आमने-सामने थे। मगर हरविंदर ने भाजपा प्रत्याशी विकास यादव के समर्थन में नामांकन वापस ले लिया। इस कारण भाजपा के विकास यादव निर्विरोध पार्षद चुने गए थे। इस पर कांग्रेस ने हरविंदर को पार्टी से निकाल दिया। 7 नेताओं को कांग्रेस से निकालने का लेटर…   हरियाणा | दैनिक भास्कर