यूपी बजट- लोकसभा की हार और 2027 की चिंता:अखिलेश के हमलों का जवाब; ब्रजेश पाठक को केशव से ज्यादा पैसा मिला

यूपी बजट- लोकसभा की हार और 2027 की चिंता:अखिलेश के हमलों का जवाब; ब्रजेश पाठक को केशव से ज्यादा पैसा मिला

‘2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। वंचित को वरीयता है। यूपी का बजट पेश होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की यह पहली प्रतिक्रिया थी। योगी सरकार 2.0 के चौथे बजट में 2025 की हार की चिंता और 2027 विधानसभा चुनाव का मैसेज है। बजट से अखिलेश यादव के हर मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश की है। भास्कर एनालिसिस में पढ़िए इस बजट का मैसेज क्या है? अखिलेश यादव के PDA और मुद्दों का जवाब दिया, 2027 की तैयारी क्या है? बजट में कैसे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक केशव प्रसाद मौर्य पर भारी पड़े? बजट से मैसेज 1- सनातन पर सरकार का पूरा फोकस 2- 2024 में लोकसभा की हार और 2027 के विधानसभा चुनाव की चिंता
बेरोजगारी: पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में बेरोजगारी को बड़ी वजह मानी गई। बजट में बताया गया कि 92 हजार से अधिक पदों पर भर्ती चल रही है। इसके अलावा कामगारों को रोजगार के लिए जिलों में सरदार पटेल आर्थिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। संत रविदास के नाम पर 10 जिलों में लेदर पार्क विकसित करने की बात भी की है। आउटसोर्स कर्मचारी: लोकसभा चुनाव में यह भी मुद्दा बना था। सैलरी और रिजर्वेशन को लेकर विपक्ष के साथ भाजपा की सहयोगी पार्टियों ने भी सवाल उठाए थे। इस बजट में सैलरी 16 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है। भर्ती प्रक्रिया सरल बनाने निगम बनाने की घोषणा की है। ओबीसी के लिए अलग से घोषणाएं: पिछड़ा वर्ग के छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए 2825 करोड़ अलग से दिए हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के गरीब व्यक्तियों की शादी के लिए 200 करोड़ रुपए दिए हैं। साथ ही पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए 35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अखिलेश यादव के मुद्दों को किनारे लगाने की कोशिश 1- छुट्‌टा पशुओं की समस्या से छुटकारे के लिए बजट: सपा प्रमुख अखिलेश यादव अक्सर छुट्‌टा पशुओं से किसानों को होने वाले नुकसान पर सरकार को घेरते रहते हैं। किसानों में इसको लेकर काफी आक्रोश है। इसीलिए सरकार ने इसके लिए अलग से बजट दिया है। 2- पीडीए में पिछड़ा और दलित अपने पक्ष में करने की कोशिश: इस बार पिछड़ा वर्ग पर फोकस करते हुए छात्रवृत्ति और इस वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए बजट अलग से दिया गया है। इसके अलावा कंप्यूटर की ट्रेनिंग के लिए भी 35 करोड़ दिए हैं। एससी छात्रों के लिए अलग से बजट दिया है। 3- नैमिषारण्य: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी नैमिष जाते रहते हैं। पिछले साल उन्होंने नैमिष से ही संगठनात्मक बैठकों का सिलसिला शुरू किया था। सरकार ने नैमिषारण्य के लिए 100 करोड़ रुपए देकर उनके इस मुद्दे को भी साइड कर दिया है। संकल्प पत्र के अब सिर्फ 8 वादे पूरे होने बाकी
योगी सरकार ने भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में 131 में से करीब 121 वादे पहले पूरे कर दिए थे। इस बजट में मेधावी छात्रों को स्कूटी देने का वादा भी पूरा कर लिया। इस तरह से अब सिर्फ 8 वादे बाकी रहे गए हैं। पाठक का बजट दोगुना किया, केशव का घटाया
योगी सरकार ने बजट में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का बजट दोगुना किया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ग्राम्य विकास विभाग का बजट घटाया है। सत्ता के गलियारों में पाठक के महकमे के बजट बढ़ने और केशव के विभाग का बजट घटने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 2024-25 में 27 हजार 86 करोड़ का बजट दिया गया था। इस बार के बजट में 50 हजार 550 करोड़ का प्रावधान है। केशव प्रसाद के ग्राम्य विकास विभाग को 2024-25 में 25 हजार 409 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। इस बार उनके विभाग का बजट घटाकर 25014.29 करोड़ किया गया है। बजट में करीब 394.71 करोड़ रुपए की कमी की है। इतना ही नहीं, नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा के विभाग का बजट भी घटाया गया है। 2024-25 में नगर विकास विभाग को 25 हजार 698 करोड़ रुपए बजट मिला था। इस बार 25 हजार 308 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। नगर विकास के बजट में 389.02 करोड़ रुपए की कमी की है। सुभासपा अध्यक्ष और पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के विभाग में भी बजट कम किया गया है। पंचायतीराज विभाग के लिए इस वित्तीय वर्ष में 21 हजार 197 करोड़ का बजट स्वीकृत था। जबकि इस बार 19 हजार 174 करोड़ का बजट मिला। इसमें 2 हजार 22 करोड़ की कमी की गई है। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग का बजट बढ़ाया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग का बजट 25 हजार 110 करोड़ रुपए था। आगामी वित्तीय वर्ष में 25 हजार 459 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। बजट में 349.84 करोड़ रुपए बढ़ाए गए हैं। अब प्रदेश के पांच हिस्सों के हिसाब से बजट समझिए… महाकुंभ में पूर्वांचल पर सौगातों की बारिश
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पूर्वांचल पर सौगातों की बरसात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर सीएम योगी के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर पर सबसे ज्यादा फोकस रहा। वहीं, पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र की स्थिति ‘थोड़ा मिला-थोड़े की जरूरत है’ जैसी रही है। जानिए किस क्षेत्र को क्या मिला, सभी जिले प्रशासनिक रूप से बांटे गए हैं… बजट की रकम कई देशों की जीडीपी से ज्यादा
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा देश ऐसे हैं जिनका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी इतना नहीं है। यूपी की जीडीपी की बात करें तो ये दुनिया की 50 सबसे बड़ी इकोनॉमी की लिस्ट में शामिल हो सकता है। इनमें पनामा, मकाऊ, सर्बिया, हंगरी, बेलारूस जैसे देशों की जीडीपी से बड़ा बजट है। प्रदेश की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में 27.51 लाख करोड़ रुपए थी। ————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी बजट में आपके लिए क्या?, कामकाजी लड़कियों को हॉस्टल, कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी; छात्र-किसानों के लिए भी बड़े ऐलान यूपी बजट- 2025 में युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए कई घोषणाएं की गईं। 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी 4 हजार रुपए बढ़ाई गई। यूपी की टॉपर छात्राओं को स्कूटी देने का ऐलान किया गया। होमगाड्‌र्स और PRD जवानों के साथ शिक्षा विभाग के संविदा कर्मचारियों को 5 लाख रुपए तक फ्री इलाज की व्यवस्था की गई। पढ़ें पूरी खबर ‘2025-26 का यह बजट सनातन संस्कृति की ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की अवधारणा के अनुरूप गरीब, अन्नदाता किसान, युवा और महिला उत्थान को समर्पित है। वंचित को वरीयता है। यूपी का बजट पेश होने के बाद सीएम योगी आदित्यनाथ की यह पहली प्रतिक्रिया थी। योगी सरकार 2.0 के चौथे बजट में 2025 की हार की चिंता और 2027 विधानसभा चुनाव का मैसेज है। बजट से अखिलेश यादव के हर मुद्दे को कमजोर करने की कोशिश की है। भास्कर एनालिसिस में पढ़िए इस बजट का मैसेज क्या है? अखिलेश यादव के PDA और मुद्दों का जवाब दिया, 2027 की तैयारी क्या है? बजट में कैसे डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक केशव प्रसाद मौर्य पर भारी पड़े? बजट से मैसेज 1- सनातन पर सरकार का पूरा फोकस 2- 2024 में लोकसभा की हार और 2027 के विधानसभा चुनाव की चिंता
बेरोजगारी: पिछले लोकसभा चुनाव में भाजपा की हार में बेरोजगारी को बड़ी वजह मानी गई। बजट में बताया गया कि 92 हजार से अधिक पदों पर भर्ती चल रही है। इसके अलावा कामगारों को रोजगार के लिए जिलों में सरदार पटेल आर्थिक क्षेत्र विकसित किया जाएगा। संत रविदास के नाम पर 10 जिलों में लेदर पार्क विकसित करने की बात भी की है। आउटसोर्स कर्मचारी: लोकसभा चुनाव में यह भी मुद्दा बना था। सैलरी और रिजर्वेशन को लेकर विपक्ष के साथ भाजपा की सहयोगी पार्टियों ने भी सवाल उठाए थे। इस बजट में सैलरी 16 हजार से बढ़ाकर 20 हजार रुपए कर दी गई है। भर्ती प्रक्रिया सरल बनाने निगम बनाने की घोषणा की है। ओबीसी के लिए अलग से घोषणाएं: पिछड़ा वर्ग के छात्रों की स्कॉलरशिप के लिए 2825 करोड़ अलग से दिए हैं। इसके अलावा पिछड़ा वर्ग के गरीब व्यक्तियों की शादी के लिए 200 करोड़ रुपए दिए हैं। साथ ही पिछड़ा वर्ग के बेरोजगार युवक-युवतियों को कंप्यूटर प्रशिक्षण के लिए 35 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। अखिलेश यादव के मुद्दों को किनारे लगाने की कोशिश 1- छुट्‌टा पशुओं की समस्या से छुटकारे के लिए बजट: सपा प्रमुख अखिलेश यादव अक्सर छुट्‌टा पशुओं से किसानों को होने वाले नुकसान पर सरकार को घेरते रहते हैं। किसानों में इसको लेकर काफी आक्रोश है। इसीलिए सरकार ने इसके लिए अलग से बजट दिया है। 2- पीडीए में पिछड़ा और दलित अपने पक्ष में करने की कोशिश: इस बार पिछड़ा वर्ग पर फोकस करते हुए छात्रवृत्ति और इस वर्ग के गरीब परिवारों की बेटियों की शादी के लिए बजट अलग से दिया गया है। इसके अलावा कंप्यूटर की ट्रेनिंग के लिए भी 35 करोड़ दिए हैं। एससी छात्रों के लिए अलग से बजट दिया है। 3- नैमिषारण्य: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव भी नैमिष जाते रहते हैं। पिछले साल उन्होंने नैमिष से ही संगठनात्मक बैठकों का सिलसिला शुरू किया था। सरकार ने नैमिषारण्य के लिए 100 करोड़ रुपए देकर उनके इस मुद्दे को भी साइड कर दिया है। संकल्प पत्र के अब सिर्फ 8 वादे पूरे होने बाकी
योगी सरकार ने भाजपा के लोक कल्याण संकल्प पत्र 2022 में 131 में से करीब 121 वादे पहले पूरे कर दिए थे। इस बजट में मेधावी छात्रों को स्कूटी देने का वादा भी पूरा कर लिया। इस तरह से अब सिर्फ 8 वादे बाकी रहे गए हैं। पाठक का बजट दोगुना किया, केशव का घटाया
योगी सरकार ने बजट में उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक के चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग का बजट दोगुना किया है। वहीं, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के ग्राम्य विकास विभाग का बजट घटाया है। सत्ता के गलियारों में पाठक के महकमे के बजट बढ़ने और केशव के विभाग का बजट घटने को लेकर चर्चाओं का दौर शुरू हो गया है। ब्रजेश पाठक के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग को 2024-25 में 27 हजार 86 करोड़ का बजट दिया गया था। इस बार के बजट में 50 हजार 550 करोड़ का प्रावधान है। केशव प्रसाद के ग्राम्य विकास विभाग को 2024-25 में 25 हजार 409 करोड़ का बजट स्वीकृत किया गया था। इस बार उनके विभाग का बजट घटाकर 25014.29 करोड़ किया गया है। बजट में करीब 394.71 करोड़ रुपए की कमी की है। इतना ही नहीं, नगर विकास मंत्री अरविंद शर्मा के विभाग का बजट भी घटाया गया है। 2024-25 में नगर विकास विभाग को 25 हजार 698 करोड़ रुपए बजट मिला था। इस बार 25 हजार 308 करोड़ रुपए का बजट प्रावधान किया है। नगर विकास के बजट में 389.02 करोड़ रुपए की कमी की है। सुभासपा अध्यक्ष और पंचायतीराज मंत्री ओमप्रकाश राजभर के विभाग में भी बजट कम किया गया है। पंचायतीराज विभाग के लिए इस वित्तीय वर्ष में 21 हजार 197 करोड़ का बजट स्वीकृत था। जबकि इस बार 19 हजार 174 करोड़ का बजट मिला। इसमें 2 हजार 22 करोड़ की कमी की गई है। जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह के नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति विभाग का बजट बढ़ाया है। वर्तमान वित्तीय वर्ष में विभाग का बजट 25 हजार 110 करोड़ रुपए था। आगामी वित्तीय वर्ष में 25 हजार 459 करोड़ का बजट प्रस्तावित है। बजट में 349.84 करोड़ रुपए बढ़ाए गए हैं। अब प्रदेश के पांच हिस्सों के हिसाब से बजट समझिए… महाकुंभ में पूर्वांचल पर सौगातों की बारिश
प्रयागराज में चल रहे महाकुंभ के दौरान वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने पूर्वांचल पर सौगातों की बरसात की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी से लेकर सीएम योगी के संसदीय क्षेत्र गोरखपुर पर सबसे ज्यादा फोकस रहा। वहीं, पश्चिमी यूपी और ब्रज क्षेत्र की स्थिति ‘थोड़ा मिला-थोड़े की जरूरत है’ जैसी रही है। जानिए किस क्षेत्र को क्या मिला, सभी जिले प्रशासनिक रूप से बांटे गए हैं… बजट की रकम कई देशों की जीडीपी से ज्यादा
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने 8 लाख 8 हजार 736 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। दुनिया के 100 से भी ज्यादा देश ऐसे हैं जिनका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) भी इतना नहीं है। यूपी की जीडीपी की बात करें तो ये दुनिया की 50 सबसे बड़ी इकोनॉमी की लिस्ट में शामिल हो सकता है। इनमें पनामा, मकाऊ, सर्बिया, हंगरी, बेलारूस जैसे देशों की जीडीपी से बड़ा बजट है। प्रदेश की जीडीपी वित्त वर्ष 2025 में 27.51 लाख करोड़ रुपए थी। ————————- ये खबर भी पढ़ें… यूपी बजट में आपके लिए क्या?, कामकाजी लड़कियों को हॉस्टल, कर्मचारियों की सैलरी बढ़ी; छात्र-किसानों के लिए भी बड़े ऐलान यूपी बजट- 2025 में युवाओं, महिलाओं और किसानों के लिए कई घोषणाएं की गईं। 9 लाख आउटसोर्स कर्मचारियों की सैलरी 4 हजार रुपए बढ़ाई गई। यूपी की टॉपर छात्राओं को स्कूटी देने का ऐलान किया गया। होमगाड्‌र्स और PRD जवानों के साथ शिक्षा विभाग के संविदा कर्मचारियों को 5 लाख रुपए तक फ्री इलाज की व्यवस्था की गई। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर