यूपी में कब खत्म होगी वकीलों की हड़ताल? हाईकोर्ट से जिला अदालतों तक न्यायिक कार्य प्रभावित

यूपी में कब खत्म होगी वकीलों की हड़ताल? हाईकोर्ट से जिला अदालतों तक न्यायिक कार्य प्रभावित

<p style=”text-align: justify;”><strong>UP Vakil Strike:</strong> अधिवक्ता अधिनियम 1961 में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में वकीलों की हड़ताल के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट, उसकी लखनऊ पीठ और उसके अधीनस्थ न्यायालयों में मंगलवार को न्यायिक कार्य खासा प्रभावित हुआ. हाईकोर्ट के अवध बार एसोसिएशन, जिला न्यायालय के सेंट्रल बार एसोसिएशन और अन्य स्थानीय अधिवक्ता संगठनों ने मंगलवार को विभिन्न अदालतों में न्यायिक कार्य से दूर रहने का निर्णय लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर डी शशि की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में न केवल प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ बल्कि हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी, मुकदमों को सूचीबद्ध करने में कठिनाई समेत अन्य मुद्दों के खिलाफ भी मंगलवार को काम से दूर रहने का निर्णय लिया था. इस बीच, सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव अमरेश पाल सिंह ने कहा कि संगठन ने यूपी बार काउंसिल के साथ एकजुटता दिखाई और प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज में, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के पद रिक्त होने के विरोध में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) के आह्वान पर न्यायिक कार्य से दूर रहे. हालांकि न्यायाधीश अपने-अपने अदालत कक्ष में बैठे लेकिन वकील उपस्थित नहीं हुए.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Bzi0zOLORp8?si=IAtLdkr25pJPLiz0″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/allahabad-high-court-canceled-seniority-list-of-review-officers-new-list-again-2892432″><strong>UP News: समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची को अदालत ने किया रद्द, अब फिर से आएगी नई लिस्ट</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> वकील मंगलवार को कार्य से अनुपस्थित रहे</strong><br />एचसीबीए के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में और सचिव विक्रांत पांडे के संचालन में आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक में यह कहा गया कि एचसीबीए की एक मांग को स्वीकार कर लिया गया है और प्रस्तावित संशोधनों को केंद्र सरकार ने फिलहाल वापस ले लिया है. इस मांग को लेकर वकील 21 फरवरी को कार्य से दूर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने के संबंध में दूसरी मांग पूरी नहीं हुई. इसलिए एचसीबीए के पहले के प्रस्ताव के अनुसार वकील मंगलवार को कार्य से अनुपस्थित रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एचसीबीए के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 160 है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या केवल 55 है और लखनऊ पीठ में 23 न्यायाधीश कार्यरत हैं.</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Vakil Strike:</strong> अधिवक्ता अधिनियम 1961 में प्रस्तावित संशोधनों के विरोध में वकीलों की हड़ताल के कारण इलाहाबाद हाईकोर्ट, उसकी लखनऊ पीठ और उसके अधीनस्थ न्यायालयों में मंगलवार को न्यायिक कार्य खासा प्रभावित हुआ. हाईकोर्ट के अवध बार एसोसिएशन, जिला न्यायालय के सेंट्रल बार एसोसिएशन और अन्य स्थानीय अधिवक्ता संगठनों ने मंगलवार को विभिन्न अदालतों में न्यायिक कार्य से दूर रहने का निर्णय लिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अवध बार एसोसिएशन के अध्यक्ष आर डी शशि की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में न केवल प्रस्तावित संशोधन के खिलाफ बल्कि हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की कमी, मुकदमों को सूचीबद्ध करने में कठिनाई समेत अन्य मुद्दों के खिलाफ भी मंगलवार को काम से दूर रहने का निर्णय लिया था. इस बीच, सेंट्रल बार एसोसिएशन के महासचिव अमरेश पाल सिंह ने कहा कि संगठन ने यूपी बार काउंसिल के साथ एकजुटता दिखाई और प्रस्तावित संशोधन का विरोध किया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>प्रयागराज में, इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकील इलाहाबाद हाईकोर्ट में बड़ी संख्या में न्यायाधीशों के पद रिक्त होने के विरोध में हाईकोर्ट बार एसोसिएशन (एचसीबीए) के आह्वान पर न्यायिक कार्य से दूर रहे. हालांकि न्यायाधीश अपने-अपने अदालत कक्ष में बैठे लेकिन वकील उपस्थित नहीं हुए.</p>
<p><iframe title=”YouTube video player” src=”https://www.youtube.com/embed/Bzi0zOLORp8?si=IAtLdkr25pJPLiz0″ width=”560″ height=”315″ frameborder=”0″ allowfullscreen=”allowfullscreen”></iframe></p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/allahabad-high-court-canceled-seniority-list-of-review-officers-new-list-again-2892432″><strong>UP News: समीक्षा अधिकारियों की वरिष्ठता सूची को अदालत ने किया रद्द, अब फिर से आएगी नई लिस्ट</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”><strong> वकील मंगलवार को कार्य से अनुपस्थित रहे</strong><br />एचसीबीए के अध्यक्ष अनिल तिवारी की अध्यक्षता में और सचिव विक्रांत पांडे के संचालन में आयोजित कार्यकारी परिषद की बैठक में यह कहा गया कि एचसीबीए की एक मांग को स्वीकार कर लिया गया है और प्रस्तावित संशोधनों को केंद्र सरकार ने फिलहाल वापस ले लिया है. इस मांग को लेकर वकील 21 फरवरी को कार्य से दूर रहे थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>हालांकि, इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों के रिक्त पदों को भरने के संबंध में दूसरी मांग पूरी नहीं हुई. इसलिए एचसीबीए के पहले के प्रस्ताव के अनुसार वकील मंगलवार को कार्य से अनुपस्थित रहे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>एचसीबीए के अनुसार इलाहाबाद हाईकोर्ट के न्यायाधीशों की स्वीकृत संख्या 160 है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में न्यायाधीशों की संख्या केवल 55 है और लखनऊ पीठ में 23 न्यायाधीश कार्यरत हैं.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड महाशिवरात्रि पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में कसे अधिकारियों के पेच, दिए ये निर्देश