NHAI का एक और प्रोजेक्ट रद्द:जमीन का कब्जा ना मिलने के चलते केंद्र ने लिया फैसला; अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे से जुड़ना था बाईपास

NHAI का एक और प्रोजेक्ट रद्द:जमीन का कब्जा ना मिलने के चलते केंद्र ने लिया फैसला; अमृतसर-कटड़ा एक्सप्रेस-वे से जुड़ना था बाईपास

भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जाने वाले बाईपास लिंक रोड़ प्रोजेक्ट को एनएचएआई ने जमीन अधिग्रहण में असफलता के कारण रद्द कर दिया है। यह बाईपास धुंदा गांव से मानावाला तक प्रस्तावित था, जिसे 171 करोड़ रुपए में पूरा किया जाना था। ये मार्ग अमृतसर को दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला था। लेकिन जमीन अधिग्रहण न होने के चलते यह प्रोजेक्ट ठप हो गया। इस फैसले पर अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की बड़ी नाकामी है और इससे राज्य के विकास और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। औजला ने कहा कि दिल्ली से कटरा तक बन रहे एक्सप्रेसवे के लिए गोइंदवाल साहिब और हरियाणा तक की जमीन अधिग्रहित हो चुकी थी, लेकिन पंजाब सरकार जमीन देने में असफल रही है। किसानों से बातचीत करने में असफल रही सरकार सांसद औजला ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने में असफल रही, जबकि हरियाणा सरकार ने अपने हिस्से की जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया। औजला ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सीमा क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकता था, क्योंकि इससे अमृतसर को पाकिस्तान और अरब देशों के साथ व्यापार का नया अवसर मिल सकता था, लेकिन अब यह उम्मीद धुंधली पड़ गई है। पंजाब सरकार ठोस कदम नहीं उठा पाई औजला ने कहा कि पंजाब सरकार सिर्फ अपने प्रचार तक सीमित रह गई है और जमीन अधिग्रहण पर कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की यह नाकामी आने वाले दिनों में पूरे सरहदी इलाके के लिए भारी नुकसानदायक साबित होगी। इस प्रोजेक्ट के रद्द होने से व्यापारी वर्ग और आम जनता की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। साथ ही, अमृतसर के विकास पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है। भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाए जाने वाले बाईपास लिंक रोड़ प्रोजेक्ट को एनएचएआई ने जमीन अधिग्रहण में असफलता के कारण रद्द कर दिया है। यह बाईपास धुंदा गांव से मानावाला तक प्रस्तावित था, जिसे 171 करोड़ रुपए में पूरा किया जाना था। ये मार्ग अमृतसर को दिल्ली-कटड़ा एक्सप्रेसवे से जोड़ने वाला था। लेकिन जमीन अधिग्रहण न होने के चलते यह प्रोजेक्ट ठप हो गया। इस फैसले पर अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने पंजाब सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि यह सरकार की बड़ी नाकामी है और इससे राज्य के विकास और व्यापार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। औजला ने कहा कि दिल्ली से कटरा तक बन रहे एक्सप्रेसवे के लिए गोइंदवाल साहिब और हरियाणा तक की जमीन अधिग्रहित हो चुकी थी, लेकिन पंजाब सरकार जमीन देने में असफल रही है। किसानों से बातचीत करने में असफल रही सरकार सांसद औजला ने आरोप लगाया कि पंजाब सरकार किसानों से बातचीत कर समाधान निकालने में असफल रही, जबकि हरियाणा सरकार ने अपने हिस्से की जमीन का अधिग्रहण पूरा कर लिया। औजला ने कहा कि यह प्रोजेक्ट सीमा क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो सकता था, क्योंकि इससे अमृतसर को पाकिस्तान और अरब देशों के साथ व्यापार का नया अवसर मिल सकता था, लेकिन अब यह उम्मीद धुंधली पड़ गई है। पंजाब सरकार ठोस कदम नहीं उठा पाई औजला ने कहा कि पंजाब सरकार सिर्फ अपने प्रचार तक सीमित रह गई है और जमीन अधिग्रहण पर कोई ठोस प्रयास नहीं किए गए। उन्होंने चेतावनी दी कि सरकार की यह नाकामी आने वाले दिनों में पूरे सरहदी इलाके के लिए भारी नुकसानदायक साबित होगी। इस प्रोजेक्ट के रद्द होने से व्यापारी वर्ग और आम जनता की उम्मीदों को गहरा झटका लगा है। साथ ही, अमृतसर के विकास पर भी सवालिया निशान खड़ा हो गया है।   पंजाब | दैनिक भास्कर