मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से झटका:संभल जामा मस्जिद में नहीं होगी रंगाई पुताई, कोर्ट ने कहा-ASI की निगरानी में हो साफ-सफाई

मुस्लिम पक्ष को हाईकोर्ट से झटका:संभल जामा मस्जिद में नहीं होगी रंगाई पुताई, कोर्ट ने कहा-ASI की निगरानी में हो साफ-सफाई

संभल जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद की रंगाई-पुताई करवाने की अनुमति नहीं दी। आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने शुक्रवार सुबह अपनी रिपोर्ट सौंपी। ASI ने रिपोर्ट में कहा- मस्जिद की पेंटिंग अभी ठीक है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ASI की निगरानी में तत्काल साफ-सफाई कराने का आदेश दिया । मस्जिद कमेटी को इस रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल करने का 4 मार्च तक का समय दिया। हाईकोर्ट 4 मार्च को इस मामले पर फिर सुनवाई करेगा। दरअसल, 25 फरवरी को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कहा था- हम लोग हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। इस पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। गुरुवार को हाईकोर्ट ने मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें मस्जिद के मुतवल्ली और ASI को भी शामिल किया था। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि 24 घंटे के अंदर यानी शुक्रवार तक कमेटी मस्जिद का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट दें। ASI ने शुक्रवार सुबह ही रिपोर्ट सौंप दी। शुक्रवार को 10 बजे जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। टीम ने डेढ़ घंटे तक किया सर्वे इससे पहले गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर ASI की तीन सदस्यीय टीम शाही जामा मस्जिद पहुंची। टीम ने यहां डेढ़ घंटे रहकर अपनी रिपोर्ट तैयार की। टीम में ASI के जॉइंट डायरेक्टर मदन सिंह चौहान, डायरेक्टर जुल्फिकार अली और विनोद सिंह रावत शामिल थे। मुस्लिम पक्ष के वकील एडवोकेट जफर अली भी साथ थे। सुरक्षा के लिए एएसपी (उत्तरी) श्रीश्चंद्र, एसडीएम संभल वंदना मिश्रा और सीओ संभल अनुज चौधरी मौजूद रहे। जामा मस्जिद क्षेत्र में चारों ओर बैरियर लगाए गए हैं। स्थानीय पुलिस फोर्स के अलावा RRF-PAC तैनात की गई है। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा
मुस्लिम पक्ष ने रंगाई-पुताई को लेकर डीएम और ASI को लेटर भी लिखा था। हालांकि, डीएम ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। कहा था- यह मस्जिद ASI के अधीन है। ऐसे में हर तरह के निर्णय ASI ही लेगी। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि रंगाई-पुताई से मंदिर के साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं। इसलिए परमिशन न दी जाए। 3 दिन पहले यूपी सरकार ने SC में मस्जिद पर रिपोर्ट दाखिल की थी
3 दिन पहले यूपी सरकार ने संभल में शाही जामा मस्जिद और उसके पास मौजूद कुएं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। सरकार ने मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें कुएं को मस्जिद की प्रॉपर्टी बताया गया था। यूपी सरकार ने कहा- संभल की शाही जामा मस्जिद भी सरकारी जमीन पर बनाई गई है। मस्जिद के पास मौजूद कुआं भी सरकारी जमीन पर है। खुद मस्जिद कमेटी ने गलत फोटो पेश कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है। 19 कुओं को प्रशासन फिर से कर रहा जीवित
रिपोर्ट में सरकार ने कहा, लंबे वक्त से इए कुएं का इस्तेमाल सभी समुदाय के लोग करते रहे हैं। हालांकि, इस समय कुएं में पानी नहीं है। 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद इस कुएं के हिस्से पर पुलिस चौकी बना दी गई थी। कुएं का दूसरा हिस्सा 1978 के बाद भी इस्तेमाल होता रहा। 2012 के आसपास इस कुएं को ढक दिया गया। मस्जिद कमेटी प्रयास कर रही है कि सार्वजनिक कुएं पर उसका अधिकार हो जाए। यह कुआं उन 19 कुओं में शामिल है, जिनका संभल जिला प्रशासन पुनरुद्धार करने में जुटा है। इन प्राचीन कुओं का पुनरुद्धार किया जा रहा है। 19 नवंबर को हुआ था जामा मस्जिद का सर्वे
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया। कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था। इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई। 2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं। मस्जिद में 50 से अधिक फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है। पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है। ————————– यह खबर भी पढ़ें- संभल हिंसा के फरार आरोपियों की संपत्ति होगी कुर्क संभल में फरार 14 आरोपियों पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में शामिल 24 उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस कोर्ट से गैरजमानती वारंट लेकर आई थी। पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। फरार आरोपियों के खिलाफ दबिश दी जा रही है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि फरार आरोपियों की संपत्ति की कुर्की की जाएगी। जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पढ़ें पूरी खबर संभल जामा मस्जिद मामले में मुस्लिम पक्ष को झटका लगा है। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद की रंगाई-पुताई करवाने की अनुमति नहीं दी। आर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) ने शुक्रवार सुबह अपनी रिपोर्ट सौंपी। ASI ने रिपोर्ट में कहा- मस्जिद की पेंटिंग अभी ठीक है। इसके बाद हाईकोर्ट ने ASI की निगरानी में तत्काल साफ-सफाई कराने का आदेश दिया । मस्जिद कमेटी को इस रिपोर्ट पर आपत्ति दाखिल करने का 4 मार्च तक का समय दिया। हाईकोर्ट 4 मार्च को इस मामले पर फिर सुनवाई करेगा। दरअसल, 25 फरवरी को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी। कहा था- हम लोग हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। इस पर गुरुवार को हाईकोर्ट में सुनवाई हुई थी। गुरुवार को हाईकोर्ट ने मस्जिद पक्ष की याचिका पर सुनवाई करते हुए 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें मस्जिद के मुतवल्ली और ASI को भी शामिल किया था। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि 24 घंटे के अंदर यानी शुक्रवार तक कमेटी मस्जिद का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट दें। ASI ने शुक्रवार सुबह ही रिपोर्ट सौंप दी। शुक्रवार को 10 बजे जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की सिंगल बेंच में मामले की सुनवाई हुई। टीम ने डेढ़ घंटे तक किया सर्वे इससे पहले गुरुवार को कोर्ट के आदेश पर ASI की तीन सदस्यीय टीम शाही जामा मस्जिद पहुंची। टीम ने यहां डेढ़ घंटे रहकर अपनी रिपोर्ट तैयार की। टीम में ASI के जॉइंट डायरेक्टर मदन सिंह चौहान, डायरेक्टर जुल्फिकार अली और विनोद सिंह रावत शामिल थे। मुस्लिम पक्ष के वकील एडवोकेट जफर अली भी साथ थे। सुरक्षा के लिए एएसपी (उत्तरी) श्रीश्चंद्र, एसडीएम संभल वंदना मिश्रा और सीओ संभल अनुज चौधरी मौजूद रहे। जामा मस्जिद क्षेत्र में चारों ओर बैरियर लगाए गए हैं। स्थानीय पुलिस फोर्स के अलावा RRF-PAC तैनात की गई है। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा
मुस्लिम पक्ष ने रंगाई-पुताई को लेकर डीएम और ASI को लेटर भी लिखा था। हालांकि, डीएम ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। कहा था- यह मस्जिद ASI के अधीन है। ऐसे में हर तरह के निर्णय ASI ही लेगी। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा है। उनका कहना है कि रंगाई-पुताई से मंदिर के साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं। इसलिए परमिशन न दी जाए। 3 दिन पहले यूपी सरकार ने SC में मस्जिद पर रिपोर्ट दाखिल की थी
3 दिन पहले यूपी सरकार ने संभल में शाही जामा मस्जिद और उसके पास मौजूद कुएं को लेकर सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी थी। सरकार ने मस्जिद इंतेजामिया कमेटी के उस दावे को खारिज किया है, जिसमें कुएं को मस्जिद की प्रॉपर्टी बताया गया था। यूपी सरकार ने कहा- संभल की शाही जामा मस्जिद भी सरकारी जमीन पर बनाई गई है। मस्जिद के पास मौजूद कुआं भी सरकारी जमीन पर है। खुद मस्जिद कमेटी ने गलत फोटो पेश कर अदालत को गुमराह करने की कोशिश की है। 19 कुओं को प्रशासन फिर से कर रहा जीवित
रिपोर्ट में सरकार ने कहा, लंबे वक्त से इए कुएं का इस्तेमाल सभी समुदाय के लोग करते रहे हैं। हालांकि, इस समय कुएं में पानी नहीं है। 1978 में हुए सांप्रदायिक दंगों के बाद इस कुएं के हिस्से पर पुलिस चौकी बना दी गई थी। कुएं का दूसरा हिस्सा 1978 के बाद भी इस्तेमाल होता रहा। 2012 के आसपास इस कुएं को ढक दिया गया। मस्जिद कमेटी प्रयास कर रही है कि सार्वजनिक कुएं पर उसका अधिकार हो जाए। यह कुआं उन 19 कुओं में शामिल है, जिनका संभल जिला प्रशासन पुनरुद्धार करने में जुटा है। इन प्राचीन कुओं का पुनरुद्धार किया जा रहा है। 19 नवंबर को हुआ था जामा मस्जिद का सर्वे
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया। कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम को चार बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। दोपहर में मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था। इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई। 2 जनवरी को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
2 जनवरी को संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं। मस्जिद में 50 से अधिक फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है। पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है। ————————– यह खबर भी पढ़ें- संभल हिंसा के फरार आरोपियों की संपत्ति होगी कुर्क संभल में फरार 14 आरोपियों पर कुर्की की कार्रवाई की जाएगी। हिंसा में शामिल 24 उपद्रवियों के खिलाफ पुलिस कोर्ट से गैरजमानती वारंट लेकर आई थी। पुलिस ने 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया था। फरार आरोपियों के खिलाफ दबिश दी जा रही है। एसपी कृष्ण कुमार बिश्नोई ने बताया कि फरार आरोपियों की संपत्ति की कुर्की की जाएगी। जिसकी प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। पढ़ें पूरी खबर   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर