प्रिंसिपल ने डंडा लेकर छात्रों से हटवाया मलबा:नूंह में साढ़े 3 लाख में दिया था स्कूल की सफाई का ठेका; DEO बोले-जांच कराएंगे

प्रिंसिपल ने डंडा लेकर छात्रों से हटवाया मलबा:नूंह में साढ़े 3 लाख में दिया था स्कूल की सफाई का ठेका; DEO बोले-जांच कराएंगे

हरियाणा के नूंह जिले में बच्चों को बाल मजदूरी से बचाने के लिए जहां प्रशासन से लेकर विभिन्न संस्थाएं काम कर रही हैं, तो वहीं नाबालिग बच्चों से स्कूल में प्रिंसिपल ने कमरों में पड़ा मलबा साफ कराया। जिससे ग्रामीणों में रोष है। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी ने इसकी जांच कर कार्रवाई की बात कही है। पुन्हाना उपमंडल के गांव बिछोर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से स्कूल में खंडहर हुए कमरों के मलबे को हटवाया जा रहा है। जबकि खंडहर कमरों की बोली लगाकर काम ठेकेदार को सौंपा हुआ है। करीब साढ़े तीन लाख में दिया कमरों का ठेका जानकारी के मुताबिक, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बिछोर में करीब 1 दर्जन कमरे काफी दिनों से खंडहर अवस्था में थे। जनवरी माह में इन कमरों की बोली लगाई गई थी। इन कमरों को लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब साढ़े तीन लाख रुपए में ठेकेदार को ठेका दिया। कमरों से निकलने वाले मलबे को भी ठेकेदार अपने साथ लेकर गया है। कुछ काम स्कूल में बचा हुआ है। जिसे अब शिक्षक स्कूली छात्रों से करा रहे हैं। जबकि ये काम ठेकेदार को लेबर से करवाना था, लेकिन यहां मजदूर दिखाई नहीं दे रहे हैं और मजदूरों का काम बच्चों से करवाया जा रहा है। प्रिंसिपल डंडा लेकर करा रहे काम जिन कंधों पर देश के भविष्य की नींव होती है, वहीं शिक्षक बच्चों से किताब छीन कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यही कारण कि मेवात में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हैरानी की बात यह देखने को मिली कि स्कूल में स्वयं प्रिंसिपल अपने हाथ में डंडा लेकर छात्रों से काम करा रहे थे। डंडे के डर से छात्र भी ईंटें उठाते हुए नजर आए। बच्चों से मजदूरों की तरह काम क्यों कराया गया? इसका जवाब तो शिक्षक ही देंगे। ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग वहीं ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले में ठेकेदार और शिक्षक दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नौनिहालों के साथ इस तरह का व्यवहार सही नहीं है। पूरा कार्य स्कूल शिक्षकों की मौजूदगी में किया जा रहा है। अब यह तो शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही बता सकते हैं कि दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी। ग्रामीण बनवारी लाल, मुकेश कुमार, अलीशेर सहित अन्य लोगों ने बताया कि स्कूल का समय सुबह 7 बजे का हैं। समय पर स्कूल में शिक्षक नहीं आते हैं। वहीं कुछ शिक्षक समय पर भी आ जाते हैं, तो वह स्कूल में खेलते रहते हैं। इससे पहले भी प्रिंसिपल पर 12वीं कक्षा के एडमिट कार्ड रोकने का आरोप लग चुका है। प्रिंसिपल की तानाशाही से स्कूली छात्र और ग्रामीण पूरी तरह से परेशान हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बोले- बच्चों से काम कराना गलत जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि स्कूल में किसी भी तरह कार्य को बच्चों से कार्य करना गलत है। ठेकेदार को काम दिया गया है, उसी की जिम्मेदारी है कि वह वहां से मलबे को साफ करेगा। कंस्ट्रक्शन लेबर ही कार्य को करेगी। अगर स्कूल में बच्चों से कार्य कराया गया है, तो यह निंदनीय है। इस पूरे मामले की जांच कराने के बाद दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। हरियाणा के नूंह जिले में बच्चों को बाल मजदूरी से बचाने के लिए जहां प्रशासन से लेकर विभिन्न संस्थाएं काम कर रही हैं, तो वहीं नाबालिग बच्चों से स्कूल में प्रिंसिपल ने कमरों में पड़ा मलबा साफ कराया। जिससे ग्रामीणों में रोष है। हालांकि जिला शिक्षा अधिकारी ने इसकी जांच कर कार्रवाई की बात कही है। पुन्हाना उपमंडल के गांव बिछोर के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल में पढ़ने वाले छात्रों से स्कूल में खंडहर हुए कमरों के मलबे को हटवाया जा रहा है। जबकि खंडहर कमरों की बोली लगाकर काम ठेकेदार को सौंपा हुआ है। करीब साढ़े तीन लाख में दिया कमरों का ठेका जानकारी के मुताबिक, राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक स्कूल बिछोर में करीब 1 दर्जन कमरे काफी दिनों से खंडहर अवस्था में थे। जनवरी माह में इन कमरों की बोली लगाई गई थी। इन कमरों को लोक निर्माण विभाग द्वारा करीब साढ़े तीन लाख रुपए में ठेकेदार को ठेका दिया। कमरों से निकलने वाले मलबे को भी ठेकेदार अपने साथ लेकर गया है। कुछ काम स्कूल में बचा हुआ है। जिसे अब शिक्षक स्कूली छात्रों से करा रहे हैं। जबकि ये काम ठेकेदार को लेबर से करवाना था, लेकिन यहां मजदूर दिखाई नहीं दे रहे हैं और मजदूरों का काम बच्चों से करवाया जा रहा है। प्रिंसिपल डंडा लेकर करा रहे काम जिन कंधों पर देश के भविष्य की नींव होती है, वहीं शिक्षक बच्चों से किताब छीन कर उनके भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। यही कारण कि मेवात में शिक्षा का स्तर लगातार गिरता जा रहा है। हैरानी की बात यह देखने को मिली कि स्कूल में स्वयं प्रिंसिपल अपने हाथ में डंडा लेकर छात्रों से काम करा रहे थे। डंडे के डर से छात्र भी ईंटें उठाते हुए नजर आए। बच्चों से मजदूरों की तरह काम क्यों कराया गया? इसका जवाब तो शिक्षक ही देंगे। ग्रामीणों ने की कार्रवाई की मांग वहीं ग्रामीणों ने कहा कि इस मामले में ठेकेदार और शिक्षक दोनों पर कार्रवाई होनी चाहिए। नौनिहालों के साथ इस तरह का व्यवहार सही नहीं है। पूरा कार्य स्कूल शिक्षकों की मौजूदगी में किया जा रहा है। अब यह तो शिक्षा विभाग के जिम्मेदार अधिकारी ही बता सकते हैं कि दोषियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई होगी। ग्रामीण बनवारी लाल, मुकेश कुमार, अलीशेर सहित अन्य लोगों ने बताया कि स्कूल का समय सुबह 7 बजे का हैं। समय पर स्कूल में शिक्षक नहीं आते हैं। वहीं कुछ शिक्षक समय पर भी आ जाते हैं, तो वह स्कूल में खेलते रहते हैं। इससे पहले भी प्रिंसिपल पर 12वीं कक्षा के एडमिट कार्ड रोकने का आरोप लग चुका है। प्रिंसिपल की तानाशाही से स्कूली छात्र और ग्रामीण पूरी तरह से परेशान हैं। जिला शिक्षा अधिकारी बोले- बच्चों से काम कराना गलत जिला शिक्षा अधिकारी अजीत सिंह ने बताया कि स्कूल में किसी भी तरह कार्य को बच्चों से कार्य करना गलत है। ठेकेदार को काम दिया गया है, उसी की जिम्मेदारी है कि वह वहां से मलबे को साफ करेगा। कंस्ट्रक्शन लेबर ही कार्य को करेगी। अगर स्कूल में बच्चों से कार्य कराया गया है, तो यह निंदनीय है। इस पूरे मामले की जांच कराने के बाद दोषियों के खिलाफ विभागीय कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।   हरियाणा | दैनिक भास्कर