शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी आज गुरुवार गोल्डन टेंपल में मत्था टेकने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह से उनके निवास पर मुलाकात भी की। बाद में मीडिया से बात करते हुए साफ कर दिया कि वे अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने SGPC के अध्यक्ष पद से इस्तीफा पहले ही दे दिया है और वह अपने फैसले पर अडिग हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी भी हाल में अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। धामी ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यों को अब कारज समिति (वर्किंग कमेटी) और संबंधित समितियां आगे बढ़ाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह SGPC और अकाली दल के मामलों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेंगे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मुलाकात का कारण हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि उनका श्री दरबार साहिब में मत्था टेकना और जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह से मुलाकात करना नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि जब भी वह गोल्डन टेंपल में मत्था टेकने आते हैं, तो जत्थेदार साहिब से मिलकर धार्मिक और सामुदायिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। मनाने की कोशिशें फेल बता दें कि, एडवोकेट धामी को लगातार मनाने की कोशिशें चल रही हैं, इसके बावजूद वे अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हैं। धामी को मनाने के लिए एसजीपीसी की वर्किंग कमेटी के सदस्य, अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के अलावा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी पहुंचे थे। लेकिन वे नहीं माने और इस्तीफा वापस ना लेने की बात पर अड़े हुए हैं। 17 दिन पहले दिया था इस्तीफा, अभी तक नामंजूर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने 17 दिन पहले अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। धामी ने इसके पीछे का कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट को बताया है। रघबीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाने के बाद 13 फरवरी को पोस्ट शेयर की थी। वहीं, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। धामी बोले- हरप्रीत को हटाने के लिए डेढ़ घंटा तक चर्चा हुई थी धामी ने कहा कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 एग्जीक्यूटिव सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटे तक सभी को बोलने का समय दिया गया था, ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर (उच्च) तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने के बाद एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी आज गुरुवार गोल्डन टेंपल में मत्था टेकने पहुंचे। इसके बाद उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह से उनके निवास पर मुलाकात भी की। बाद में मीडिया से बात करते हुए साफ कर दिया कि वे अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। हरजिंदर सिंह धामी ने स्पष्ट किया कि उन्होंने SGPC के अध्यक्ष पद से इस्तीफा पहले ही दे दिया है और वह अपने फैसले पर अडिग हैं। उन्होंने दो टूक कहा कि वह किसी भी हाल में अपना इस्तीफा वापस नहीं लेंगे। धामी ने कहा कि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के कार्यों को अब कारज समिति (वर्किंग कमेटी) और संबंधित समितियां आगे बढ़ाएंगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह SGPC और अकाली दल के मामलों में किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं करेंगे। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार से मुलाकात का कारण हरजिंदर सिंह धामी ने कहा कि उनका श्री दरबार साहिब में मत्था टेकना और जत्थेदार ज्ञानी रघुबीर सिंह से मुलाकात करना नियमित प्रक्रिया का हिस्सा था। उन्होंने कहा कि जब भी वह गोल्डन टेंपल में मत्था टेकने आते हैं, तो जत्थेदार साहिब से मिलकर धार्मिक और सामुदायिक मुद्दों पर चर्चा करते हैं। मनाने की कोशिशें फेल बता दें कि, एडवोकेट धामी को लगातार मनाने की कोशिशें चल रही हैं, इसके बावजूद वे अपना इस्तीफा वापस लेने को तैयार नहीं हैं। धामी को मनाने के लिए एसजीपीसी की वर्किंग कमेटी के सदस्य, अकाली दल के नेता बिक्रम मजीठिया के अलावा श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह भी पहुंचे थे। लेकिन वे नहीं माने और इस्तीफा वापस ना लेने की बात पर अड़े हुए हैं। 17 दिन पहले दिया था इस्तीफा, अभी तक नामंजूर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने 17 दिन पहले अचानक अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। धामी ने इसके पीछे का कारण श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह की पोस्ट को बताया है। रघबीर सिंह ने हरप्रीत सिंह को श्री दमदमा साहिब के जत्थेदार पद से हटाने के बाद 13 फरवरी को पोस्ट शेयर की थी। वहीं, पूर्व जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने इस इस्तीफे को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। धामी बोले- हरप्रीत को हटाने के लिए डेढ़ घंटा तक चर्चा हुई थी धामी ने कहा कि जिस दिन ज्ञानी हरप्रीत सिंह को हटाने का फैसला लिया गया उस दिन 14 एग्जीक्यूटिव सदस्य साथ थे और डेढ़ घंटा बातचीत हुई। डेढ़ घंटे तक सभी को बोलने का समय दिया गया था, ताकि किसी के विचार रह ना जाएं, लेकिन प्रधान मुख होता है। इसलिए नैतिक तौर पर मैं इस पद से इस्तीफा देता हूं। गुरु साहिब कृपा करें। उन्होंने कहा कि एसजीपीसी सिखों की प्रबंधकीय संस्था है और श्री अकाल तख्त साहिब सिखों का सिरमौर (उच्च) तख्त है। शिरोमणि अकाली दल भी इस तख्त का संगठन है। पंजाब | दैनिक भास्कर
