हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जींद की समाज सेविका रेखा धीमान को इंदिरा गांधी पुरस्कार दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। धीमान से जुड़े विवादों के सामने आने के बाद हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब कर ली है। सीएमओ ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस मामले में लेटर लिखकर समयबद्ध रिपोर्ट मांगी है। सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पंचकूला में एक राज्य स्तरीय महिला सम्मान समारोह के दौरान सीएम नायब सिंह सैनी ने विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान पाने वाली 50 महिलाओं को सम्मानित किया था। इसमें जींद की समाज सेविका रेखा धीमान का नाम भी शामिल था। क्या है रेखा धीमान से जुड़ा विवाद
रेखा धीमान ‘उड़ान हौसलों की’ फाउंडेशन चलाती हैं। रेखा ने सितंबर 2020 में 12 लोगों के खिलाफ नशीला पदार्थ खिलाकर रेप का आरोप लगाया था। इसके अलावा धमकी देने और अकाउंट से रुपए निकालने का भी आरोप लगाया। इन आरोपों की जांच तत्कालीन ASP अजीत सिंह शेखावत ने की। जांच के दौरान यह मामला झूठा पाया गया। इसके बाद पुलिस ने रेखा के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया। फिर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह करीब 33 दिन जेल में भी रहीं। अभी यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहा है। महिला पर यह भी आरोप है कि उसने हिसार और रोहतक में भी इस तरह के रेप के आरोप लगाए थे लेकिन उसके आरोप सही साबित नहीं हुए। पुरस्कार के लिए कैसे चुना गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुरस्कार के चुनाव के लिए कमेटी बनी हुई थी। जिसमें DPO कांता यादव, DCPO सुजाता मल्हान, रेडक्रॉस सोसाइटी सचिव रवि हुड्डा और जिला शिक्षा अधिकारी सुमित्रा देवी शामिल थीं। डीपीओ और डीसीपीओ ही कमेटी में चुने गए नामों को DC ऑफिस से पास कराकर सरकार को भेजते हैं। हालांकि इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपी कांता यादव ने कहा कि जिले से 14 नाम सम्मानित होने के लिए आए थे। जांच कमेटी ने यह नाम चुने। इसमें उनके विभाग का कोई रोल नहीं है। पिछली बार हटा दिया गया था नाम
इस मामले में यह भी सामने आया है कि रेखा धीमान का नाम पिछले साल भी महिला दिवस पर सम्मानित करने के लिए रखा गया था। हालांकि उस समय के डीपीओ ने सरकार को लिस्ट भेजने से पहले उसका नाम हटा दिया था। वहीं इस बारे में जब रेखा धीमान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी पुरस्कार के लिए नरवाना में आवेदन किया था। इसके बाद एक महीने पहले जींद में इंटरव्यू भी हुआ। डीसी ऑफिस ने जांच करने के बाद ही उनके नाम को सम्मानित होने के लिए भेजा था। जींद के डीसी मोहम्मद इमरान ने बताया कि उनके ऑफिस से महिलाओं के पुरस्कार के लिए नाम नहीं भेजा गया है। वहीं एडीसी विवेक आर्य ने मीडिया से कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। नाम फाइनल करने की एक प्रक्रिया होती है। इसमें कहां चूक हुई, इसका वह पता करेंगे। हरियाणा में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर जींद की समाज सेविका रेखा धीमान को इंदिरा गांधी पुरस्कार दिए जाने पर विवाद खड़ा हो गया है। धीमान से जुड़े विवादों के सामने आने के बाद हरियाणा मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) ने इस पूरे मामले की रिपोर्ट तलब कर ली है। सीएमओ ने महिला एवं बाल विकास विभाग को इस मामले में लेटर लिखकर समयबद्ध रिपोर्ट मांगी है। सरकार की ओर से स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि जो भी इस मामले में दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। सीएम ने 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पंचकूला में एक राज्य स्तरीय महिला सम्मान समारोह के दौरान सीएम नायब सिंह सैनी ने विभिन्न क्षेत्रों में सम्मान पाने वाली 50 महिलाओं को सम्मानित किया था। इसमें जींद की समाज सेविका रेखा धीमान का नाम भी शामिल था। क्या है रेखा धीमान से जुड़ा विवाद
रेखा धीमान ‘उड़ान हौसलों की’ फाउंडेशन चलाती हैं। रेखा ने सितंबर 2020 में 12 लोगों के खिलाफ नशीला पदार्थ खिलाकर रेप का आरोप लगाया था। इसके अलावा धमकी देने और अकाउंट से रुपए निकालने का भी आरोप लगाया। इन आरोपों की जांच तत्कालीन ASP अजीत सिंह शेखावत ने की। जांच के दौरान यह मामला झूठा पाया गया। इसके बाद पुलिस ने रेखा के खिलाफ केस भी दर्ज कर लिया। फिर उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। वह करीब 33 दिन जेल में भी रहीं। अभी यह मामला पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चल रहा है। महिला पर यह भी आरोप है कि उसने हिसार और रोहतक में भी इस तरह के रेप के आरोप लगाए थे लेकिन उसके आरोप सही साबित नहीं हुए। पुरस्कार के लिए कैसे चुना गया
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुरस्कार के चुनाव के लिए कमेटी बनी हुई थी। जिसमें DPO कांता यादव, DCPO सुजाता मल्हान, रेडक्रॉस सोसाइटी सचिव रवि हुड्डा और जिला शिक्षा अधिकारी सुमित्रा देवी शामिल थीं। डीपीओ और डीसीपीओ ही कमेटी में चुने गए नामों को DC ऑफिस से पास कराकर सरकार को भेजते हैं। हालांकि इस मामले में महिला एवं बाल विकास विभाग की डीपी कांता यादव ने कहा कि जिले से 14 नाम सम्मानित होने के लिए आए थे। जांच कमेटी ने यह नाम चुने। इसमें उनके विभाग का कोई रोल नहीं है। पिछली बार हटा दिया गया था नाम
इस मामले में यह भी सामने आया है कि रेखा धीमान का नाम पिछले साल भी महिला दिवस पर सम्मानित करने के लिए रखा गया था। हालांकि उस समय के डीपीओ ने सरकार को लिस्ट भेजने से पहले उसका नाम हटा दिया था। वहीं इस बारे में जब रेखा धीमान से बात की गई तो उन्होंने कहा कि इंदिरा गांधी पुरस्कार के लिए नरवाना में आवेदन किया था। इसके बाद एक महीने पहले जींद में इंटरव्यू भी हुआ। डीसी ऑफिस ने जांच करने के बाद ही उनके नाम को सम्मानित होने के लिए भेजा था। जींद के डीसी मोहम्मद इमरान ने बताया कि उनके ऑफिस से महिलाओं के पुरस्कार के लिए नाम नहीं भेजा गया है। वहीं एडीसी विवेक आर्य ने मीडिया से कहा कि यह मामला मेरे संज्ञान में नहीं है। नाम फाइनल करने की एक प्रक्रिया होती है। इसमें कहां चूक हुई, इसका वह पता करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
