गुरुग्राम में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है। यहां से BJP कैंडिडेट राजरानी मल्होत्रा ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। राजरानी के रूप में भाजपा ने शहर को लगातार तीसरा मेयर दिया है। नगर निगम बनने के बाद से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है। राजरानी को चुनाव में दो चीजों का फायदा मिला। एक तो उनका और उनके पति तिलकराज मल्होत्रा का संघ से नाता है और दूसरा पंजाबी वोटरों का सहारा इन्हें मिलता है। बिखरी हुई और बिना नेतृत्व वाली कांग्रेस का खामियाजा उसकी कैंडिडेट को भुगतना पड़ा। सीमा पाहुजा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे न तो एंटी इनकंबेंसी का विकल्प बन पाईं और न ही वोटरों को अपने पक्ष में कर सकीं। उनके पति पवन पाहुजा खुद भी पार्षद का चुनाव हार गए। मानेसर में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत को मिला राव इंद्रजीत के नाम का सहारा
वहीं प्रदेश के सबसे छोटे मानेसर नगर निगम के परिणाम ने सबको चौंका दिया। यहां निर्दलीय चुनाव लड़कर मेयर बनीं डॉक्टर इंद्रजीत ने भाजपा से टिकट मांगी थी, लेकिन इनकी जगह भाजपा ने सुंदरलाल यादव को टिकट दे दिया। यादव के पक्ष में CM नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल समेत कई दिग्गज नेताओं ने सभाएं की, लेकिन उम्मीदवार को जीत नहीं दिलवा पाए। बड़ी सभाएं होने से कहीं न कहीं सुंदरलाल यादव जीत के लिए कॉन्फिडेंट भी थे। डॉ. इंद्रजीत की जीत में बड़ा फैक्टर यह रहा कि उन्होंने चुनाव को हल्के में नहीं लिया और पहले दिन से ही ग्राउंड लेवल पर जाकर वन टू वन लोगों से संपर्क किया। जीत में एक फैक्टर ये भी काम किया कि डॉ. इंद्रजीत और उसके पति राकेश हयातपुर ने खुद को राव इंद्रजीत का कार्यकर्ता बताया। BJP को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की अनदेखी भी भारी पड़ी
राव इंद्रजीत के नाम ने सुरक्षा कवच का काम किया जिससे मुख्यमंत्री समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के राकेश हयातपुर को गैंगस्टर प्रचारित करने के बावजूद उनकी पत्नी निर्दलीय जीत गईं। भाजपा को यहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की अनदेखी भी भारी पड़ी। राव इंद्रजीत मानेसर में प्रचार करने भी नहीं पहुंचे। हालांकि मतदान से एक दिन पहले भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में उनका एक एआई से एडिट किया वीडियो सामने आया था। इसको लेकर किरकिरी भी हुई थी। प्रचार के अंतिम दाैर में उनका फेक वीडियो वायरल हुआ, जो भाजपा के पक्ष में नहीं जा सका और डा. इंद्रजीत ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। राव नरबीर का बड़बोलापन लें डूबा नगर निगम चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार में मंत्री राव नरबीर सिंह का बड़बोलापन देखने को मिला। उन्होंने मानेसर में जहां डा. इंद्रजीत के पति को गैंगस्टर करार दिया तो गुरुग्राम के दौलताबाद में ग्रामीणों को खूब खरी खोटी सुनाई। जनता ने न केवल मानेसर बल्कि गुरुग्राम के भी कई वार्डों में उनके समर्थकों को हराने का काम किया। वार्ड एक से साहब सिंह एक नजदीकी मुकाबले में हार गए तो वार्ड 6 से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ने भाजपा की एकता त्यागी को 1200 वोट से हराया है। सतपाल दौलताबाद गांव से है और यहां पर एक सभा में मंत्री नरबीर सिंह ने गांव वालों को खरीखोटी सुनाई थी। जिसका गुस्सा लोगों ने भाजपा के प्रत्याशी को हराकर निकाला। सतपाल कांग्रेस के एक मात्र जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी रहे। कांग्रेस और जजपा एक एक सीट जीती वार्ड 5 से जजपा के रामअवतार राणा ने भाजपा के राकेश राणा को एक नजदीकी मुकाबले में 761 वोट से हराया है। दोनों प्रत्याशी एक ही बजघेड़ा गांव के हैं। हालांकि इस वार्ड के परिणाम ने भी लोगों को चौंका दिया, क्योंकि राकेश राणा को सेफ कैंडिडेट माना जा रहा था और जजपा का फिलहाल कोई ज्यादा जनाधार भी नहीं था। ऐसे में यहां से हार भाजपा के लिए निराशाजनक कही जा सकती है। वार्ड 13 से निर्दलीय जीता सबसे चौंकाने वाले नतीजों में से एक गुरुग्राम के वार्ड 13 से आया है। जहां निर्दलीय उम्मीदवार दो बार के पार्षद रहे और राव इंद्रजीत के करीबी विश्वासपात्र अश्विनी शर्मा भाजपा के उम्मीदवार पवन सैनी से लगभग 2500 वोटों से हार गए हैं। पवन राव नरबीर के करीबी सहयोगी हैं। गुरुग्राम में भाजपा ने जीत की हैट्रिक लगाई है। यहां से BJP कैंडिडेट राजरानी मल्होत्रा ने रिकॉर्ड मतों से जीत हासिल की। राजरानी के रूप में भाजपा ने शहर को लगातार तीसरा मेयर दिया है। नगर निगम बनने के बाद से यहां भाजपा ही जीतती आ रही है। राजरानी को चुनाव में दो चीजों का फायदा मिला। एक तो उनका और उनके पति तिलकराज मल्होत्रा का संघ से नाता है और दूसरा पंजाबी वोटरों का सहारा इन्हें मिलता है। बिखरी हुई और बिना नेतृत्व वाली कांग्रेस का खामियाजा उसकी कैंडिडेट को भुगतना पड़ा। सीमा पाहुजा को कांग्रेस ने उम्मीदवार बनाया, लेकिन वे न तो एंटी इनकंबेंसी का विकल्प बन पाईं और न ही वोटरों को अपने पक्ष में कर सकीं। उनके पति पवन पाहुजा खुद भी पार्षद का चुनाव हार गए। मानेसर में निर्दलीय डॉ. इंद्रजीत को मिला राव इंद्रजीत के नाम का सहारा
वहीं प्रदेश के सबसे छोटे मानेसर नगर निगम के परिणाम ने सबको चौंका दिया। यहां निर्दलीय चुनाव लड़कर मेयर बनीं डॉक्टर इंद्रजीत ने भाजपा से टिकट मांगी थी, लेकिन इनकी जगह भाजपा ने सुंदरलाल यादव को टिकट दे दिया। यादव के पक्ष में CM नायब सिंह सैनी, पूर्व मुख्यमंत्री और केंद्रीय मंत्री मनोहरलाल समेत कई दिग्गज नेताओं ने सभाएं की, लेकिन उम्मीदवार को जीत नहीं दिलवा पाए। बड़ी सभाएं होने से कहीं न कहीं सुंदरलाल यादव जीत के लिए कॉन्फिडेंट भी थे। डॉ. इंद्रजीत की जीत में बड़ा फैक्टर यह रहा कि उन्होंने चुनाव को हल्के में नहीं लिया और पहले दिन से ही ग्राउंड लेवल पर जाकर वन टू वन लोगों से संपर्क किया। जीत में एक फैक्टर ये भी काम किया कि डॉ. इंद्रजीत और उसके पति राकेश हयातपुर ने खुद को राव इंद्रजीत का कार्यकर्ता बताया। BJP को केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की अनदेखी भी भारी पड़ी
राव इंद्रजीत के नाम ने सुरक्षा कवच का काम किया जिससे मुख्यमंत्री समेत बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के राकेश हयातपुर को गैंगस्टर प्रचारित करने के बावजूद उनकी पत्नी निर्दलीय जीत गईं। भाजपा को यहां केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत की अनदेखी भी भारी पड़ी। राव इंद्रजीत मानेसर में प्रचार करने भी नहीं पहुंचे। हालांकि मतदान से एक दिन पहले भाजपा प्रत्याशी के पक्ष में उनका एक एआई से एडिट किया वीडियो सामने आया था। इसको लेकर किरकिरी भी हुई थी। प्रचार के अंतिम दाैर में उनका फेक वीडियो वायरल हुआ, जो भाजपा के पक्ष में नहीं जा सका और डा. इंद्रजीत ने इसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया। राव नरबीर का बड़बोलापन लें डूबा नगर निगम चुनाव के दौरान प्रदेश सरकार में मंत्री राव नरबीर सिंह का बड़बोलापन देखने को मिला। उन्होंने मानेसर में जहां डा. इंद्रजीत के पति को गैंगस्टर करार दिया तो गुरुग्राम के दौलताबाद में ग्रामीणों को खूब खरी खोटी सुनाई। जनता ने न केवल मानेसर बल्कि गुरुग्राम के भी कई वार्डों में उनके समर्थकों को हराने का काम किया। वार्ड एक से साहब सिंह एक नजदीकी मुकाबले में हार गए तो वार्ड 6 से कांग्रेस प्रत्याशी सतपाल ने भाजपा की एकता त्यागी को 1200 वोट से हराया है। सतपाल दौलताबाद गांव से है और यहां पर एक सभा में मंत्री नरबीर सिंह ने गांव वालों को खरीखोटी सुनाई थी। जिसका गुस्सा लोगों ने भाजपा के प्रत्याशी को हराकर निकाला। सतपाल कांग्रेस के एक मात्र जीत दर्ज करने वाले प्रत्याशी रहे। कांग्रेस और जजपा एक एक सीट जीती वार्ड 5 से जजपा के रामअवतार राणा ने भाजपा के राकेश राणा को एक नजदीकी मुकाबले में 761 वोट से हराया है। दोनों प्रत्याशी एक ही बजघेड़ा गांव के हैं। हालांकि इस वार्ड के परिणाम ने भी लोगों को चौंका दिया, क्योंकि राकेश राणा को सेफ कैंडिडेट माना जा रहा था और जजपा का फिलहाल कोई ज्यादा जनाधार भी नहीं था। ऐसे में यहां से हार भाजपा के लिए निराशाजनक कही जा सकती है। वार्ड 13 से निर्दलीय जीता सबसे चौंकाने वाले नतीजों में से एक गुरुग्राम के वार्ड 13 से आया है। जहां निर्दलीय उम्मीदवार दो बार के पार्षद रहे और राव इंद्रजीत के करीबी विश्वासपात्र अश्विनी शर्मा भाजपा के उम्मीदवार पवन सैनी से लगभग 2500 वोटों से हार गए हैं। पवन राव नरबीर के करीबी सहयोगी हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
