कैथल जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप और देह व्यापार मामले में पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल नीतू को गिरफ्तार कर लिया है। एएसआई जगभान अभी भी फरार है। दोनों पुलिसकर्मियों पर देह व्यापार गिरोह को संरक्षण देने का आरोप है। फरवरी में 17 वर्षीय नाबालिग लड़की की शिकायत पर कैथल सिटी थाने में मामला दर्ज किया गया था। नाबालिगों को देह व्यापार में धकेलता था शिकायत में प्रदीप और बलिंद्र पर रेप और देह व्यापार में धकेलने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया। पूछताछ में सामने आया कि प्रदीप और बलिंद्र ने एक संगठित गिरोह बनाया था। यह गिरोह महिलाओं और नाबालिगों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेलता था। गिरोह की कार्रवाई में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई। कोर्ट में पेश कर जेल भेजा सिविल लाइन थाने में तैनात एएसआई जगभान और हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने गिरोह को संरक्षण दिया। दोनों ने इसके बदले आर्थिक लाभ लिया। हेड कॉन्स्टेबल नीतू की संलिप्तता और पैसों के लेन-देन की पुष्टि होने पर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। गिरोह ने देह व्यापार से वसूली मोटी रकम जांच में पता चला कि गिरोह ने महिलाओं को डरा-धमकाकर जबरन देह व्यापार कराया। इससे मोटी रकम भी वसूली गई। नाबालिग लड़कियों और महिलाओं का शोषण किया गया। गिरोह ने पुलिसकर्मियों को आर्थिक लाभ देकर कार्रवाई से बचने की कोशिश की। हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने पैसों का किया लेन-देन जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने गिरोह से पैसों का लेन-देन अपने परिजनों के खातों में किया और आरोपितों को पुलिस कार्रवाई से बचाने का प्रयास किया। नीतू ने गिरोह से भारी रकम लेकर उन्हें संरक्षण दिया, जिसके चलते गिरोह का आपराधिक नेटवर्क लगातार फलता-फूलता रहा। हेड कॉन्स्टेबल नीतू की गिरफ्तारी, कोर्ट ने भेजा जेल हेड कॉन्स्टेबल नीतू की संलिप्तता उजागर होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच तेजी से की जा रही है और अन्य आरोपितों की भी धरपकड़ के प्रयास जारी हैं। डीएसपी गुरविंद्र कर रहे मामले की जांच मामले की जांच डीएसपी गुरविंद्र कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की पहचान की जा रही है और जल्द ही सभी दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। डीएसपी ने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर गहराई से जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस महकमे में मचा हड़कंप पुलिसकर्मियों की गिरोह से मिलीभगत सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। कैथल पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इस अपराध में शामिल लोगों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आगे की कार्रवाई के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है और जल्द ही अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। कोर्ट ने हेड कॉन्स्टेबल नीतू को भेजा जेल हेड कॉन्स्टेबल नीतू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और जल्द ही अन्य आरोपितों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। प्रशासन पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।अब पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है और मामले में दोषियों को सजा दिलाकर पीड़िता को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता बन गई है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस संगठित गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों को कब तक पकड़ा जाएगा और न्याय कब मिलेगा। कैथल जिले में एक नाबालिग लड़की के साथ रेप और देह व्यापार मामले में पुलिस ने हेड कॉन्स्टेबल नीतू को गिरफ्तार कर लिया है। एएसआई जगभान अभी भी फरार है। दोनों पुलिसकर्मियों पर देह व्यापार गिरोह को संरक्षण देने का आरोप है। फरवरी में 17 वर्षीय नाबालिग लड़की की शिकायत पर कैथल सिटी थाने में मामला दर्ज किया गया था। नाबालिगों को देह व्यापार में धकेलता था शिकायत में प्रदीप और बलिंद्र पर रेप और देह व्यापार में धकेलने का आरोप लगाया गया था। पुलिस ने दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया। पूछताछ में सामने आया कि प्रदीप और बलिंद्र ने एक संगठित गिरोह बनाया था। यह गिरोह महिलाओं और नाबालिगों को बहला-फुसलाकर देह व्यापार में धकेलता था। गिरोह की कार्रवाई में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई। कोर्ट में पेश कर जेल भेजा सिविल लाइन थाने में तैनात एएसआई जगभान और हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने गिरोह को संरक्षण दिया। दोनों ने इसके बदले आर्थिक लाभ लिया। हेड कॉन्स्टेबल नीतू की संलिप्तता और पैसों के लेन-देन की पुष्टि होने पर उसे गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। गिरोह ने देह व्यापार से वसूली मोटी रकम जांच में पता चला कि गिरोह ने महिलाओं को डरा-धमकाकर जबरन देह व्यापार कराया। इससे मोटी रकम भी वसूली गई। नाबालिग लड़कियों और महिलाओं का शोषण किया गया। गिरोह ने पुलिसकर्मियों को आर्थिक लाभ देकर कार्रवाई से बचने की कोशिश की। हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने पैसों का किया लेन-देन जांच के दौरान यह भी स्पष्ट हुआ कि हेड कॉन्स्टेबल नीतू ने गिरोह से पैसों का लेन-देन अपने परिजनों के खातों में किया और आरोपितों को पुलिस कार्रवाई से बचाने का प्रयास किया। नीतू ने गिरोह से भारी रकम लेकर उन्हें संरक्षण दिया, जिसके चलते गिरोह का आपराधिक नेटवर्क लगातार फलता-फूलता रहा। हेड कॉन्स्टेबल नीतू की गिरफ्तारी, कोर्ट ने भेजा जेल हेड कॉन्स्टेबल नीतू की संलिप्तता उजागर होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया, जहां अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने के आदेश दिए। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि मामले की गंभीरता को देखते हुए आगे की जांच तेजी से की जा रही है और अन्य आरोपितों की भी धरपकड़ के प्रयास जारी हैं। डीएसपी गुरविंद्र कर रहे मामले की जांच मामले की जांच डीएसपी गुरविंद्र कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों की पहचान की जा रही है और जल्द ही सभी दोषियों को कानून के शिकंजे में लाया जाएगा। डीएसपी ने यह भी कहा कि पुलिसकर्मियों की भूमिका को लेकर गहराई से जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। पुलिस महकमे में मचा हड़कंप पुलिसकर्मियों की गिरोह से मिलीभगत सामने आने के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। कैथल पुलिस अब गिरोह के अन्य सदस्यों और इस अपराध में शामिल लोगों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस अधिकारियों ने कहा कि आगे की कार्रवाई के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया है और जल्द ही अन्य आरोपितों को भी गिरफ्तार किया जाएगा। कोर्ट ने हेड कॉन्स्टेबल नीतू को भेजा जेल हेड कॉन्स्टेबल नीतू को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया, जहां कोर्ट ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। पुलिस अधिकारियों का कहना है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई जारी रहेगी और जल्द ही अन्य आरोपितों पर भी शिकंजा कसा जाएगा। प्रशासन पर उठे सवाल, निष्पक्ष जांच की मांग मामले में पुलिसकर्मियों की संलिप्तता ने प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सामाजिक संगठनों और स्थानीय लोगों ने इस मामले में निष्पक्ष जांच और दोषियों को कड़ी सजा दिलाने की मांग की है।अब पुलिस प्रशासन पर दबाव बढ़ गया है और मामले में दोषियों को सजा दिलाकर पीड़िता को न्याय दिलाना पुलिस की प्राथमिकता बन गई है। सभी की निगाहें इस बात पर टिकी हैं कि इस संगठित गिरोह में शामिल अन्य आरोपितों को कब तक पकड़ा जाएगा और न्याय कब मिलेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
