<p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi MLAs Orientation Programme:</strong> नव गठित दिल्ली विधानसभा के सभी सदस्यों के लिए मंगलवार को सदन में आयोजित दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम को आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि हम सभी दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतर कर सदन में बैठने की अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. हमें सदन में इस जिम्मेदारी के साथ बैठना चाहिए कि जो हम जनता की बात रखते हैं, उसे लोग आज ही नहीं, बल्कि सैकड़ो साल तक पढ़ेंगे और देखेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हमें वोट का अधिकार तो दिया, लेकिन निर्णय लेने का नहीं दिया था. इसके लिए देश के लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी, तब जाकर हमें आजादी मिली. बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के संविधान से मिली निर्णय लेने की ताकत के साथ हम सभी दिल्ली के लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और लोग बड़ी उम्मीद भरी निगाहों से हमारी ओर देख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदन में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने हम 70 लोगों पर अपना भरोसा दिखाया और इस विधानसभा में अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा है. इस सदन में बैठना सिर्फ एक गरिमा और गर्व की बात नहीं है, बल्कि इस सदन में बैठना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल उत्पल कुमार सिंह ने हम सभी को इस जिम्मेदारी को याद करवाया और सदन का इतिहास हमारे सामने रखा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने कहा कि इस सदन में जब पहली बार अंग्रेजों ने भारत के लोगों को वोट का अधिकार दिया था. तब एक वोट का अधिकार की एक शुरुआत हुई थी. तब इस सदन में लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय, मोतीलाल नेहरू, विट्ठल भाई पटेल इस सदन में बैठे थे. इस सदन में उन्होंने भारत की आजादी की आवाज उठाई थी. 150 साल बीत गए, लेकिन आज जो कुछ इस सदन में याद किया गया, वह इतिहास की किताबों में लिखा गया है और हम सभी उसे याद करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने कहा कि हम सब इस सदन में जो कुछ कहते हैं, जनता की बात रखते हैं, वह आज ही नहीं, बल्कि सैकड़ो साल तक लोग उसे पढ़ेंगे और देखेंगे. हम सबको इस जिम्मेदारी के साथ इस सदन में बैठना है. जब यहां पर लाला लाजपत राय, विट्ठल भाई पटेल, पंडित मदन मोहन मालवीय बैठते थे और आजादी की बात रखते थे. याद रखने वाली बात यह है कि उनको बोलने का अधिकार तो था, पर उस समय अंग्रेजों ने उन्हें निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया था. इस सदन में जो भी एक्ट पास होता था, उस पर एकाधिकार अंग्रेजों का होता था. हम लोगों को निर्णय लेने के अधिकार के लिए इस देश के सैकड़ों, लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी, तब जाकर इस देश को आजादी मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली और जब भारत का संविधान बना, तब भारत दुनिया के कुछ ऐसे देश में शामिल था, जिन्होंने अपने देश की महिलाओं तक को वोट देने का अधिकार दिया. जब भारत में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला था, तब दुनिया में कई ऐसे विकसित देश भी थे, जो महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं दिए थे. अगर हम सबको निर्णय लेने का अधिकार मिला, हम सबको अगर एक वोट की ताकत मिली तो वह ताकत हमें बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान इस देश को दिया, उससे मिली. उस संविधान की वजह से हमें निर्णय लेने की ताकत मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> ने कहा कि आज हम लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान की ताकत के साथ यहां पर बैठे हैं, दिल्ली के लोगों के भरोसे के साथ बैठे हैं. यहां हम सभी 70 विधायक हैं, जो पक्ष और विपक्ष में हैं. मुझे लगता है कि हम यहां पर सिर्फ एक पार्टी या दूसरी पार्टी के नहीं, बल्कि यहां बैठा हर व्यक्ति लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है और दिल्ली के लोग बहुत उम्मीद भरी निगाहों से हर व्यक्ति को देख रहे हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि हम सब मिलकर आने वाले 5 सालों में दिल्ली के लोगों की उम्मीद पर खरा उतरेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>इसे भी पढ़ें: <a href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/medha-patkar-plea-rejected-by-delhi-court-for-new-witness-in-defamation-case-against-lg-vk-saxena-ann-2906776″>मेधा पाटकर को झटका, LG वीके सक्सेना के खिलाफ केस में नए गवाह की अर्जी कोर्ट ने खारिज की</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi MLAs Orientation Programme:</strong> नव गठित दिल्ली विधानसभा के सभी सदस्यों के लिए मंगलवार को सदन में आयोजित दो दिवसीय ओरिएंटेशन प्रोग्राम को आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता और नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि मैं उम्मीद करती हूं कि हम सभी दिल्ली की जनता की उम्मीदों पर खरा उतर कर सदन में बैठने की अपनी जिम्मेदारी निभाएंगे. हमें सदन में इस जिम्मेदारी के साथ बैठना चाहिए कि जो हम जनता की बात रखते हैं, उसे लोग आज ही नहीं, बल्कि सैकड़ो साल तक पढ़ेंगे और देखेंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि अंग्रेजों ने हमें वोट का अधिकार तो दिया, लेकिन निर्णय लेने का नहीं दिया था. इसके लिए देश के लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी, तब जाकर हमें आजादी मिली. बाबा साहब डॉ. अंबेडकर के संविधान से मिली निर्णय लेने की ताकत के साथ हम सभी दिल्ली के लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और लोग बड़ी उम्मीद भरी निगाहों से हमारी ओर देख रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सदन में नेता प्रतिपक्ष आतिशी ने सभी विधायकों को बधाई देते हुए कहा कि दिल्ली की जनता ने हम 70 लोगों पर अपना भरोसा दिखाया और इस विधानसभा में अपना प्रतिनिधित्व करने के लिए भेजा है. इस सदन में बैठना सिर्फ एक गरिमा और गर्व की बात नहीं है, बल्कि इस सदन में बैठना एक बहुत बड़ी जिम्मेदारी है. विधानसभा अध्यक्ष विजेंद्र गुप्ता और लोकसभा के सेक्रेटरी जनरल उत्पल कुमार सिंह ने हम सभी को इस जिम्मेदारी को याद करवाया और सदन का इतिहास हमारे सामने रखा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने कहा कि इस सदन में जब पहली बार अंग्रेजों ने भारत के लोगों को वोट का अधिकार दिया था. तब एक वोट का अधिकार की एक शुरुआत हुई थी. तब इस सदन में लाला लाजपत राय, पंडित मदन मोहन मालवीय, मोतीलाल नेहरू, विट्ठल भाई पटेल इस सदन में बैठे थे. इस सदन में उन्होंने भारत की आजादी की आवाज उठाई थी. 150 साल बीत गए, लेकिन आज जो कुछ इस सदन में याद किया गया, वह इतिहास की किताबों में लिखा गया है और हम सभी उसे याद करते हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने कहा कि हम सब इस सदन में जो कुछ कहते हैं, जनता की बात रखते हैं, वह आज ही नहीं, बल्कि सैकड़ो साल तक लोग उसे पढ़ेंगे और देखेंगे. हम सबको इस जिम्मेदारी के साथ इस सदन में बैठना है. जब यहां पर लाला लाजपत राय, विट्ठल भाई पटेल, पंडित मदन मोहन मालवीय बैठते थे और आजादी की बात रखते थे. याद रखने वाली बात यह है कि उनको बोलने का अधिकार तो था, पर उस समय अंग्रेजों ने उन्हें निर्णय लेने का अधिकार नहीं दिया था. इस सदन में जो भी एक्ट पास होता था, उस पर एकाधिकार अंग्रेजों का होता था. हम लोगों को निर्णय लेने के अधिकार के लिए इस देश के सैकड़ों, लाखों लोगों ने अपनी कुर्बानियां दी, तब जाकर इस देश को आजादी मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”>आतिशी ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली और जब भारत का संविधान बना, तब भारत दुनिया के कुछ ऐसे देश में शामिल था, जिन्होंने अपने देश की महिलाओं तक को वोट देने का अधिकार दिया. जब भारत में महिलाओं को वोट देने का अधिकार मिला था, तब दुनिया में कई ऐसे विकसित देश भी थे, जो महिलाओं को वोट देने का अधिकार नहीं दिए थे. अगर हम सबको निर्णय लेने का अधिकार मिला, हम सबको अगर एक वोट की ताकत मिली तो वह ताकत हमें बाबा साहब डॉ. भीमराव अंबेडकर ने जो संविधान इस देश को दिया, उससे मिली. उस संविधान की वजह से हमें निर्णय लेने की ताकत मिली.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a title=”आतिशी” href=”https://www.abplive.com/topic/atishi” data-type=”interlinkingkeywords”>आतिशी</a> ने कहा कि आज हम लोग बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान की ताकत के साथ यहां पर बैठे हैं, दिल्ली के लोगों के भरोसे के साथ बैठे हैं. यहां हम सभी 70 विधायक हैं, जो पक्ष और विपक्ष में हैं. मुझे लगता है कि हम यहां पर सिर्फ एक पार्टी या दूसरी पार्टी के नहीं, बल्कि यहां बैठा हर व्यक्ति लाखों लोगों का प्रतिनिधित्व कर रहा है और दिल्ली के लोग बहुत उम्मीद भरी निगाहों से हर व्यक्ति को देख रहे हैं. मैं उम्मीद करती हूं कि हम सब मिलकर आने वाले 5 सालों में दिल्ली के लोगों की उम्मीद पर खरा उतरेंगे.</p>
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