हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में आज सुबह एक ट्रैवलर और ट्रक में जोरदार भिड़ंत हो गई। चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर हुए इस हादसे में ड्राइवर समेत 13 पर्यटक घायल हो गए। घायलों को एंबुलेंस से जोनल अस्पताल मंडी में पहुंचाया गया, जहां पर सभी घायलों का उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, पानीपत से बीती रात में 15 पर्यटक ट्रैवलर में मनाली के लिए घूमने निकले थे। आज सुबह करीब आठ बजे इनका ट्रैवलर हादसे का शिकार हो गया। इससे खासकर ट्रैवलर में अगली सीटों पर बैठे पर्यटकों को ज्यादा चोटें आई है। ASI देवदत्त ने बताया कि सभी पर्यटक पानीपत में एक निजी कंपनी में काम करते है। इनमें 10 पर्यटक मूल रूप से तमिलनाडू, एक आंध्रप्रदेश और एक गुजरात का रहने वाला है। ट्रैवलर में ड्राइवर सहित कुल 16 लोग सवार थे। इस हादसे के बाद हाइवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। पानीपत में कंपनी के कर्मचारी है घायल पर्यटक पुलिस के अनुसार, ट्रैवलर में सवार ज्यादातर सैलानी पानीपत में किसी कंपनी में काम करते हैं और गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ों पर सैर पर निकले थे। हादसे में ये पर्यटक हुए घायल आंध्रप्रदेश के सिंघम मंटी पवन कुमार, तमिलनाड़ू के बालाजी, राम कुमार, विवेक, राजेश खन्ना, खेमू मितू राजा, बालगुरु, मितराज, परमेश्वर, सुगम, कृत्येश, गुजरात के रोहित और हरियाणा में करनाल का ड्राइवर नरेंद्र कुमार घायल हुआ है। सभी लोग पानीपत की एलएमटी कंपनी में काम करते हैं। हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी में आज सुबह एक ट्रैवलर और ट्रक में जोरदार भिड़ंत हो गई। चंडीगढ़-मनाली हाइवे पर हुए इस हादसे में ड्राइवर समेत 13 पर्यटक घायल हो गए। घायलों को एंबुलेंस से जोनल अस्पताल मंडी में पहुंचाया गया, जहां पर सभी घायलों का उपचार चल रहा है। पुलिस ने मामला दर्ज कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी। पुलिस के अनुसार, पानीपत से बीती रात में 15 पर्यटक ट्रैवलर में मनाली के लिए घूमने निकले थे। आज सुबह करीब आठ बजे इनका ट्रैवलर हादसे का शिकार हो गया। इससे खासकर ट्रैवलर में अगली सीटों पर बैठे पर्यटकों को ज्यादा चोटें आई है। ASI देवदत्त ने बताया कि सभी पर्यटक पानीपत में एक निजी कंपनी में काम करते है। इनमें 10 पर्यटक मूल रूप से तमिलनाडू, एक आंध्रप्रदेश और एक गुजरात का रहने वाला है। ट्रैवलर में ड्राइवर सहित कुल 16 लोग सवार थे। इस हादसे के बाद हाइवे पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया। पानीपत में कंपनी के कर्मचारी है घायल पर्यटक पुलिस के अनुसार, ट्रैवलर में सवार ज्यादातर सैलानी पानीपत में किसी कंपनी में काम करते हैं और गर्मी से राहत पाने के लिए पहाड़ों पर सैर पर निकले थे। हादसे में ये पर्यटक हुए घायल आंध्रप्रदेश के सिंघम मंटी पवन कुमार, तमिलनाड़ू के बालाजी, राम कुमार, विवेक, राजेश खन्ना, खेमू मितू राजा, बालगुरु, मितराज, परमेश्वर, सुगम, कृत्येश, गुजरात के रोहित और हरियाणा में करनाल का ड्राइवर नरेंद्र कुमार घायल हुआ है। सभी लोग पानीपत की एलएमटी कंपनी में काम करते हैं। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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हिमाचल में बेक-टू-बेक दूसरी भीषण तबाही:समेच में 50 मीटर ऊपर चढ़ जल स्तर; 20 साल पहले भी आई ऐसी फ्लड
हिमाचल में बेक-टू-बेक दूसरी भीषण तबाही:समेच में 50 मीटर ऊपर चढ़ जल स्तर; 20 साल पहले भी आई ऐसी फ्लड हिमाचल प्रदेश में लगातार दूसरे साल मानसून की बारिश में भीषण तबाही मचाई है। 4 जगह बादल फटने से 49 लोग लापता और 4 की मौत हो चुकी है। इसके बाद पहाड़ों पर चौतरफा रोने-चिल्लाने की आवाजें सुनाई दे रही है। हर कोई अपनो के जिंदा होने की दुआ कर रहा है। प्रदेश में बीते साल भी 14 अगस्त को एक ही दिन में 52 लोगों की जान गई थी। अगस्त 2017 में भी मंडी के कोटरोपी में दो बस पर रात में पहाड़ी दरकने से 48 यात्रियों की मौत हुई थी। इस बार फिर से 53 से ज्यादा लोग एक ही रात में आपदा का शिकार बने हैं। खासकर रामपुर के समेच गांव की तबाही देवभूमि के लिए कभी भी न भूल पाने वाला हादसा है। बादल फटने के बाद मूसलाधार बारिश से यहां पूरा समेच गांव ही उजड़ गया। कल तक जहां आलीशान घर और 11 से 12 परिवार का बड़ा गांव था। वहां आज गांव का नामो निशान मिट गया है। गांव में चौतरफा पत्थर और मलबा नजर आ रहा है। खड्ड का 50 मीटर ऊपर चढ़ा जल स्तर समेच गांव खड्ड से करीब 50 मीटर ऊंचाई पर था। मगर श्रीखंड में बादल फटने के बाद बीती रात में हुई भारी बारिश से खड्ड में पानी का लेवल 50 मीटर ऊपर चढ़ गया, जिसकी वजह से यह तबाही हुई है और रात का अंधेरा होने की वजह से लोग कहीं जा भी नहीं सके। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि तबाही का मंजर कितना भीषण रहा होगा। 20 साल पहले भी ऐसी तबाही हुई: आत्मा राम स्थानीय निवासी आत्मा राम ने बताया कि क्षेत्र में 20 साल पहले भी ऐसी ही फ्लड आई थी। उस दौरान भी घरों के बरामदे तक कट गए थे। तब लोगों को कहा कि यहां मत ठहरों, लेकिन कुछ लोगों ने इसे नजरअंदाज किया और अब पूरा गांव की उजड़ गया है। उन्होंने बताया कि स्थानीय लोगों के साथ साथ बाहर के 6 लोग भी खड्ड में बह गए हैं। समेच में गांव के साथ साथ कम्युनिटी हेल्थ सेंटर, पावर प्रोजेक्ट और स्कूल भी बह गया है। रेस्क्यू में जुटा प्रशासन राज्य सरकार एनडीआरएफ और एसडीआरएफ जवानों के साथ रेस्क्यू में जुटी हुई है। सर्च ऑपरेशन चल रहा है। इस बीच घटनास्थल पर अपनो की तलाश में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। 3 महीने की नन्हीं बच्ची सहित 7 लोग लापता मंडी की चौहारघाटी और कुल्लू के बागीपुल में भी रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। चौहारघाटी में 3 महीने की नन्ही बच्ची सहित 3 परिवार के 11 लोग मलबे की चपेट में आ गए। इनमें से 4 के शव बरामद कर दिए गए है, जबकि 1 मलबे से निकालने के बाद उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कर दिया गया है। चौहारघाटी में 7 व्यक्ति अभी भी लापता है। बागीपुल में भी आधा दर्जन घरों को नुकसान और छह से ज्यादा लोग लापता बताए जा रहे हैं। मलाणा डेम ने दूसरी साल भी डराए लोग कुल्लू जिला के मलाणा-2 में पावर प्रोजेक्ट का डेम ओवर-फ्लो होने से निचले इलाकों में खूब तबाही हुई है। बीते साल भी डेम का एक कोना क्षतिग्रस्त होने से इसके टूटने का खतरा बना हुआ था। बीती रात को मलाणा घाटी में बादल फटने के बाद भारी मात्रा में पानी आने से डेम ओवरफ्लो हुआ। इससे लोग दहशत में आ गए। खासकर सोशल मीडिया की डेम फटने की खबरों से लोग घबरा गए थे। मुख्यमंत्री सुखविंदर सुक्खू ने कहा कि डेम सुरक्षित है और ओवरफ्लो जरूर हुआ।
हिमाचल में टूरिस्टों का हुड़दंग-दबंगई:कुल्लू में बस ड्राइवर को धमकाने के लिए निकाली रिवॉल्वर; शिमला में चलती थार पर लटका युवक
हिमाचल में टूरिस्टों का हुड़दंग-दबंगई:कुल्लू में बस ड्राइवर को धमकाने के लिए निकाली रिवॉल्वर; शिमला में चलती थार पर लटका युवक हिमाचल प्रदेश में टूरिस्टों की दबंगई और हुड़दंग के 2 मामले सामने आए हैं। इनमें कुल्लू में एक पर्यटक की बस ड्राइवर से बहस हो गई। उसने गुस्से में रिवॉल्वर निकाली और धमकाने लगा। यह देखकर वहां मौजूद दूसरे लोग और टूरिस्ट भी घबरा गए। दूसरे वीडियो में शिमला में एक टूरिस्ट थार पर लटककर जा रहा है। दोनों ही वीडियो हिमाचल पुलिस तक पहुंच गए हैं। जिनकी जांच शुरू कर दी गई है। तंग सड़क थी, टूरिस्ट को गाड़ी पीछे करने को कहा तो भड़का
कुल्लू से सामने आए वीडियो को लेकर दावा किया जा रहा है कि यह भुंतर-मणिकरण रोड का है। यहां टूरिस्ट पंजाब नंबर (PB-31Y-9990) की गाड़ी में घूमने आया था। यहां सड़क की चौड़ाई कम थी। इस पर बस के ड्राइवर ने टूरिस्ट को अपनी गाड़ी पीछे करने के लिए कहा। दोनों की गाड़ियां आमने-सामने थी। इससे वह भड़क गया। उसने रिवॉल्वर निकाल ली। जिससे वहां काफी भीड़ जमा हो गई और लंबा जाम लग गया। हालांकि बाद में कुछ और टूरिस्टों ने बीच-बचाव कर मामला शांत कराया। SP कुल्लू कार्तिकेन गोकुलचंद्रन ने बताया कि रिवाल्वर के साथ टूरिस्ट का वीडियो किसी ने फेसबुक पर शेयर किया है। अब तक कोई शिकायत नहीं मिली है। इस वीडियो को एग्जामिन कर रहे हैं कि वीडियो कहां है। टूरिस्ट के रिवॉल्वर निकालने से जुड़ी 2 तस्वीरें… शिमला में टनल पर थार पर लटका टूरिस्ट
थार पर स्टंट करते युवक की वीडियो शिमला के 103 टनल की बताई जा रही है। इसमें युवक थार के बाईं तरफ बाहर निकलकर लटका हुआ है। पीछे से चल रही दूसरी गाड़ी से युवक के स्टंट का वीडियो रिकॉर्ड किया गया है। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर भी वायरल किया गया है। जिसमें सवाल उठाए जा रहे हैं कि अगर टूरिस्ट इस तरह हुड़दंग करेंगे और हिमाचल पुलिस चालान काटेगी तो फिर इसको लेकर विवाद पैदा किया जाएगा। हिमाचल और पंजाब के बीच टूरिस्टों को लेकर हो रहा विवाद
पिछले कुछ दिनों में हिमाचल और पंजाब के बीच टूरिस्टों को लेकर विवाद हो रहा है। इसकी शुरूआत चंबा के खजियार में NRI दंपती के साथ झगड़े से हुई। दंपती का आरोप था कि बॉलीवुड अभिनेत्री और सांसद कंगना रनोट को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर पंजाब की CISF कॉन्स्टेबल ने किसान आंदोलन पर बयानबाजी की वजह से थप्पड़ मारा। इसका बदला लेने के लिए उनसे झगड़ा किया गया। हालांकि हिमाचल पुलिस ने कहा था कि NRI और उसका भाई हस्तरेखा के बहाने टूरिस्ट-लोकल महिलाओं का जबरन हाथ पकड़ रहे थे, जिसकी वजह से झगड़ा हुआ। इसके बाद चंडीगढ़ के एक ASI ने भी हिमाचल पुलिस पर धक्केशाही के आरोप लगाए, हालांकि हिमाचल पुलिस ने कहा कि उनकी कार रॉन्ग पार्किंग में खड़ी थी। इसके बाद पंजाब में हिमाचल की कुछ गाड़ियां तोड़ी गईं और ड्राइवर की पिटाई भी की गई।
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले
हिमाचल आपदा की कहानी पीड़ितों की जुबानी:महिला बोली- पूरा गांव बह गया, अब मैं अकेले कैसे जीऊंगी; कहा- न घर बचा न घरवाले मैं अब कैसे जीऊंगी…? पूरा गांव श्मशान बन गया…। गांव में अब अकेला मेरा घर बचा है…। यह शब्द शिमला जिले के रामपुर के समेज गांव की अनीता के हैं। अनीता ने बुधवार आधी रात की आपबीती सुनाते हुए बताया कि उनके परिवार ने भागकर जान जरूर बचाई है, लेकिन अब परिवार अकेले बचा है। वे कैसे रहेंगे? अनीता कह रही हैं कि भगवान यह आपने क्या कर दिया? गांव को श्मशान बना दिया। मुझे भी गांव वालों के साथ ले चलते। मैं गांव वालों के बगैर कैसे जीऊं? अनीता ने बताया कि रात में अचानक से उनका घर हिला। वह जिस बिस्तर पर सोई थीं, वह भी हिल गया। फिर जोर-जोर से आवाजें आईं। जब बाहर निकलकर देखा तो तबाही मची हुई थी। इसी दौरान गांव के कुछ लोग उनके घर की ओर आए। उन्होंने हांफते हुए बताया कि बाढ़ आई है। इसके बाद उनके परिवार के सदस्य रात में घर छोड़कर थोड़ी ऊंचाई पर स्थित भगवती माता के मंदिर में भागे। वहां पर उन्होंने पूरी रात काटी। उनके साथ गांव के ही 10-12 लोग भी मंदिर में थे। अनीता का कहना है कि उनका घर ऊंचाई पर था, इसलिए वे लोग बच गए। अनीता ने बताया कि उनके घर में 5 सदस्य हैं। बाढ़ के समय घर में 4 लोग मौजूद थे। उनके मवेशी भी सुरक्षित हैं, लेकिन उनके पड़ोसी इस बाढ़ में बह गए। अनीता की तरह गांव में दूसरे लोग भी नम आंखों से अपनों को तलाश रहे हैं। सबकी नजरें समेज खड्ड पर टिकी हुई है। उम्मीद है कि उनके अपने सुरक्षित मिल जाएंगे। 2 मिनट भी लेट होते तो नहीं बचते: कुलविंदरा
गांव की कुलविंदरा बताती हैं कि रात 12 बजे बादल फटने की सूचना मिली। इसके बाद दोनों पति-पत्नी बाहर भागे। यदि 2 मिनट लेट हो जाते तो बचना मुश्किल हो जाता। उन्होंने बताया कि समेज गांव में 8 से 10 मकान बहे हैं। रात में तबाही देखते हुए वह गांव से काफी ऊंचाई पर स्थित मंदिर पहुंचे। सुबह 5 बजे वापस नीचे गांव गए तो पूरे गांव का नामोनिशान तक मिट गया था। उन्होंने बताया कि लोगों के साथ-साथ गाय भी बाढ़ में बही हैं। न घर बचा न घर वाले
बाढ़ से पीड़ित एक व्यक्ति ने बताया कि उनके परिवार के करीब 15 सदस्य लापता हैं। उनकी बेटी और बेटी के 2 बच्चों का भी कुछ अता-पता नहीं है। बच्चों में एक बेटा (4) और बेटी (7) थे। ये दोनों DPS में पढ़ते थे। इनसे उनकी लास्ट टाइम करीब 4 दिन पहले बात हुई थी। उन्होंने बताया कि वह सरकारी नौकरी से रिटायर हैं, और घटना के समय रामपुर में थे। उन्हें रात करीब 2 बजे सूचना मिली। इसके बाद वह करीब 4 बजे यहां पहुंचे तो देखा कि न घर है और न ही घर वाले। यहां का मंजर देखकर वह दंग रह गए। आधी रात में भागकर बचाई जान
प्रत्यक्षदर्शी आशीष ने बताया कि रात करीब 12 बजे जोर-जोर से आवाजें आने लगीं। उन्होंने बाहर निकलकर देखा तो 5 मिनट में ही गांव के पुल तक पानी भर आया। देखते ही देखते उनकी आंखों के सामने कुछ परिवार बह गए। उन्होंने बताया कि सामने ग्रीनको कंपनी के कर्मचारियों के लिए गेस्ट हाउस था। उन्हें पहले पता लग गया था। कंपनी के कुछ कर्मचारी दूसरे लोगों को बचाने के चक्कर में खुद बाढ़ में बह गए। गांव के लोग भगवान बनकर आए
समेज स्कूल के चौकीदार दयानंद (41) ने बताया कि वह स्कूल में काफी देर तक फंसे रहे। स्कूल के एक टीचर ने DPI को आधी रात में फोन किया। इसके बाद DPI के कहने पर गांव के लोगों ने खिड़की व शीशे तोड़कर दयानंद को स्कूल से बाहर निकाला, क्योंकि निचली मंजिल का दरवाजा मलबे में दब गया था। सुरक्षित निकाले गए दयानंद कहते हैं कि गांव के लोग उनके के लिए भगवान बनकर आए। ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट की अकाउंटेंट बच्चों समेत मलबे में दफन
रामपुर के कांदरी निवासी जय सिंह का हंसता-खेलता परिवार भी समेज के सैलाब में उजड़ गया है। जय सिंह की पत्नी कल्पना (34), बेटी अक्षिता (7) और बेटा अद्विक (4) मलबे में दफन हो गए। अब जय सिंह बार-बार बेसुध हो रहे हैं। जय सिंह के भाई कुशाल सुनैल ने बताया कि भाभी कल्पना ग्रीन हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट में अकाउंटेंट थीं। खड्ड के डर से उन्होंने झाखड़ी के रत्नपुर के लिए अपना ट्रांसफर करवा लिया था। बाढ़ वाले दिन ही उन्हें अपना सामान शिफ्ट करना था। लेकिन, कुदरत ने उन्हें समेज छोड़ने ही नहीं दिया। एक हफ्ते तक घर में बच्चों ने की मौज मस्ती
कुशाल ने बताया कि अक्षिता और अद्विक को स्कूल से एक सप्ताह की मानसून ब्रेक थी। इसलिए, दोनों बच्चे एक हफ्ते तक कांदरी में मस्ती करते रहे। बीते मंगलवार को दोनों बच्चे भाभी के साथ समेज गए। बुधवार रात को हादसा हुआ। हादसे वाले दिन जय सिंह समेज में नहीं थे। इस वजह से उनकी जान बच गई। गोपाल का घर बहने से 12 दबे
जय सिंह और उनकी पत्नी कल्पना दोनों बच्चों के साथ समेज में गोपाल के 3 मंजिला मकान में किराए पर रहते थे। इसी बिल्डिंग के टॉप-फ्लोर पर उनका क्वार्टर था और इसी में निचले फ्लोर पर कंपनी का दफ्तर भी चल रहा था। गोपाल की ही बिल्डिंग ढहने से कुल 12 लोगों की मौत हो गई है। इसमें जय सिंह की पत्नी, 2 बच्चों के अलावा गोपाल की पत्नी शिक्षा (37), बेटी जिया (15) और ग्रीनको हाइड्रो प्रोजेक्ट के 7 कर्मचारियों की भी मौत हुई है। कंपनी के कर्मचारी भी इसी बिल्डिंग में रहते थे। 36 लोगों का 48 घंटे बाद भी सुराग नहीं
समेज हादसे में कुल मिलाकर 36 लोग लापता है। 48 घंटे से अधिक समय बीतने के बाद भी किसी का सुराग नहीं लग पाया है। माना जा रहा है कि खड्ड में अत्यधिक पानी की वजह से लोग दूर तक बह गए हों। यही वजह है कि जिला प्रशासन ने समेज से लेकर शिमला के सुन्नी तत्तापानी तक सर्च ऑपरेशन चलाने का निर्णय लिया है।