पंजाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा राज्य में ग्रेनेड आने वाले दिए गए बयान पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। जिसके बाद न्यायालय ने जांच जारी रहने की बात कही। मामले में अगली सुनवाई कोर्ट ने 7 मई तक टाल दी है। कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी है। वहीं, साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आवश्यकता पर नोटिस के बाद कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि बीते दिनों हाईकोर्ट ने बाजवा की गिरफ्तारी पर 22 अप्रैल यानी आज तक रोक लगा दी थी। साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए बयानबाजी न करने की सलाह दी थी। प्रताप सिंह बाजवा ने हाईकोर्ट में मोहाली के साइबर थाने में दर्ज हुए मामले को रद्द करने की मांग की थी। बाजवा ने कहा था कि ये मामला राजनीति से प्रेरित है। जिसके चलने उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। बाजवा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, “पंजाब में 50 ग्रेनेड आए थे, जिनमें से 18 इस्तेमाल हो चुके हैं, जबकि 32 बाकी हैं।” 13 अप्रैल को उनके खिलाफ मोहाली के साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद करीब 6 घंटे तक पूछताछ भी की गई थी। अब सिलसिलेवार प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब सरकार का विवाद जानिए… इंटरव्यू में बोले- 50 ग्रेनेड आ चुके
13 अप्रैल को एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में बाजवा ने दावा किया था कि पंजाब में 50 ग्रेनेड आ चुके हैं, जिनमें से 18 का उपयोग हो चुका है और 32 अभी भी राज्य भर में विस्फोटित किए जाने बाकी हैं। इंटरव्यू का टीजर जारी होने के साथ ही विवाद शुरू हो गया और उसी दिन शाम को मोहाली में बाजवा के खिलाफ एक महिला पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई। सरकार ने लिया संज्ञान, पुलिस ने शुरू की जांच
13 अप्रैल की ही दोपहर करीब 12 बजे AIG काउंटर इंटेलिजेंस रवजोत ग्रेवाल, ग्रेनेड की जानकारी का स्रोत पूछने के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित बाजवा के घर पहुंचीं। वह वहां करीब 15 मिनट रुककर बाहर आईं और मीडिया को बताया कि बाजवा जांच में सहयोग नहीं कर रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो जारी कर बाजवा से पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली? क्या उनके पाकिस्तान से संबंध हैं, जो आतंकवादी उन्हें सीधे फोन कर जानकारी दे रहे हैं? जब यह जानकारी न राज्य इंटेलिजेंस के पास है और न ही केंद्रीय एजेंसियों के पास, तो क्या बाजवा इन बम धमाकों का इंतजार कर रहे थे ताकि राजनीति कर सकें? अगर यह झूठ है, तो क्या वे पंजाब में डर फैलाना चाहते हैं? केस दर्ज हुआ, FIR कोर्ट जाकर मिली
13 अप्रैल की शाम को पुलिस ने बाजवा को पूछताछ के लिए समन भेजा और 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पेश होने को कहा गया। बाजवा उस दिन पेश नहीं हुए, उनके वकीलों ने एक दिन का समय मांगा। उन्हें फिर 15 अप्रैल को दोपहर 2 बजे बुलाया गया। इसके बाद बाजवा के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और उन्हें उसी शाम 4 बजे FIR की कॉपी सौंपी गई। बाजवा हाईकोर्ट पहुंचे, 6 घंटे पूछताछ हुई
15 अप्रैल को प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उन पर दर्ज केस के खिलाफ याचिका को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की। दोपहर में कांग्रेसी नेता व समर्थक चंडीगढ़ में इकट्ठे हुए। इसके बाद दोपहर ढाई बजे से रात 8 बजे तक बाजवा से मोहाली पुलिस ने पूछताछ की। कांग्रेसी नेताओं ने साइबर थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया। पंजाब में कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रताप सिंह बाजवा द्वारा राज्य में ग्रेनेड आने वाले दिए गए बयान पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। राज्य सरकार ने कोर्ट में रिपोर्ट पेश की। जिसके बाद न्यायालय ने जांच जारी रहने की बात कही। मामले में अगली सुनवाई कोर्ट ने 7 मई तक टाल दी है। कोर्ट ने गिरफ्तारी पर रोक जारी रखी है। वहीं, साथ ही कोर्ट ने कहा है कि आवश्यकता पर नोटिस के बाद कार्रवाई की जा सकती है। बता दें कि बीते दिनों हाईकोर्ट ने बाजवा की गिरफ्तारी पर 22 अप्रैल यानी आज तक रोक लगा दी थी। साथ ही हाईकोर्ट ने सरकार को नोटिस जारी करते हुए बयानबाजी न करने की सलाह दी थी। प्रताप सिंह बाजवा ने हाईकोर्ट में मोहाली के साइबर थाने में दर्ज हुए मामले को रद्द करने की मांग की थी। बाजवा ने कहा था कि ये मामला राजनीति से प्रेरित है। जिसके चलने उन्होंने हाईकोर्ट का रुख किया था। बाजवा ने एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा था, “पंजाब में 50 ग्रेनेड आए थे, जिनमें से 18 इस्तेमाल हो चुके हैं, जबकि 32 बाकी हैं।” 13 अप्रैल को उनके खिलाफ मोहाली के साइबर क्राइम थाने में मामला दर्ज किया गया था। एफआईआर दर्ज होने के बाद करीब 6 घंटे तक पूछताछ भी की गई थी। अब सिलसिलेवार प्रताप सिंह बाजवा और पंजाब सरकार का विवाद जानिए… इंटरव्यू में बोले- 50 ग्रेनेड आ चुके
13 अप्रैल को एक टीवी चैनल पर इंटरव्यू में बाजवा ने दावा किया था कि पंजाब में 50 ग्रेनेड आ चुके हैं, जिनमें से 18 का उपयोग हो चुका है और 32 अभी भी राज्य भर में विस्फोटित किए जाने बाकी हैं। इंटरव्यू का टीजर जारी होने के साथ ही विवाद शुरू हो गया और उसी दिन शाम को मोहाली में बाजवा के खिलाफ एक महिला पुलिस कर्मचारी की शिकायत पर FIR दर्ज की गई। सरकार ने लिया संज्ञान, पुलिस ने शुरू की जांच
13 अप्रैल की ही दोपहर करीब 12 बजे AIG काउंटर इंटेलिजेंस रवजोत ग्रेवाल, ग्रेनेड की जानकारी का स्रोत पूछने के लिए चंडीगढ़ के सेक्टर-8 स्थित बाजवा के घर पहुंचीं। वह वहां करीब 15 मिनट रुककर बाहर आईं और मीडिया को बताया कि बाजवा जांच में सहयोग नहीं कर रहे। इसके बाद मुख्यमंत्री भगवंत मान ने एक वीडियो जारी कर बाजवा से पूछा कि उन्हें यह जानकारी कहां से मिली? क्या उनके पाकिस्तान से संबंध हैं, जो आतंकवादी उन्हें सीधे फोन कर जानकारी दे रहे हैं? जब यह जानकारी न राज्य इंटेलिजेंस के पास है और न ही केंद्रीय एजेंसियों के पास, तो क्या बाजवा इन बम धमाकों का इंतजार कर रहे थे ताकि राजनीति कर सकें? अगर यह झूठ है, तो क्या वे पंजाब में डर फैलाना चाहते हैं? केस दर्ज हुआ, FIR कोर्ट जाकर मिली
13 अप्रैल की शाम को पुलिस ने बाजवा को पूछताछ के लिए समन भेजा और 14 अप्रैल को दोपहर 12 बजे पेश होने को कहा गया। बाजवा उस दिन पेश नहीं हुए, उनके वकीलों ने एक दिन का समय मांगा। उन्हें फिर 15 अप्रैल को दोपहर 2 बजे बुलाया गया। इसके बाद बाजवा के वकीलों ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की और उन्हें उसी शाम 4 बजे FIR की कॉपी सौंपी गई। बाजवा हाईकोर्ट पहुंचे, 6 घंटे पूछताछ हुई
15 अप्रैल को प्रताप सिंह बाजवा ने पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में उन पर दर्ज केस के खिलाफ याचिका को रद्द करने के लिए याचिका दाखिल की। दोपहर में कांग्रेसी नेता व समर्थक चंडीगढ़ में इकट्ठे हुए। इसके बाद दोपहर ढाई बजे से रात 8 बजे तक बाजवा से मोहाली पुलिस ने पूछताछ की। कांग्रेसी नेताओं ने साइबर थाने के बाहर बैठकर प्रदर्शन किया। पंजाब | दैनिक भास्कर
