जिस उपभोक्ता पर बिजली चोरी की रिपोर्ट, वह बेगुनाह:राजस्व वसूली का नोटिस आया तो जानकारी हुई; 11 महीने के बाद फैसला

जिस उपभोक्ता पर बिजली चोरी की रिपोर्ट, वह बेगुनाह:राजस्व वसूली का नोटिस आया तो जानकारी हुई; 11 महीने के बाद फैसला

बिजली विभाग ने जिस उपभोक्ता पर बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई, वह बेगुनाह साबित हुआ। उपभोक्ता के पास जब राजस्व वसूली का नोटिस आया तो उसे इसकी जानकारी हुई। इस पर उसने विभाग में शिकायत की। जांच शुरू हुई तो वह बेगुनाह साबित हुआ। लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित गोपालखेड़ा में चेकिंग करने गई लेसा की टीम ने बेगुनाह उपभोक्ता पर बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। वसूली के लिए जब घर पर राजस्व वसूली का नोटिस आया तो उपभोक्ता को इसकी जानकारी हुई। इसकी शिकायत उसने एक्सईएन से की। मामले की जांच जेई को दी गई। सौंपी गई रिपोर्ट में उपभोक्ता बेगुनाह निकला है। यह था मामला मई 2023 में विजय के घर पर अचानक राजस्व वसीला वसूली का नोटिस पहुंचा। परेशान होकर उन्होंने 1 जून को एक्सईएन घनश्याम त्रिपाठी से शिकायत की। शिकायत पर मामले की जांच जेई को दी गई। रिपोर्ट में सामने आया कि एफआईआर गलत दर्ज हो गई है। उपभोक्ता को आश्वासन दिया कि 15 दिनों में इसे दुरुस्त करवा दिया जायेगा, लेकिन शिकायत के 11 माह बाद भी न एफआईआर से नाम हटाया गया न ही राजस्व वसूली की नोटिस वापस हुई। पीड़ित उपभोक्ता ने 19 अप्रैल को मोहनलालगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में गुहार लगाई। पूरे मामले की जांच एसडीओ आशुतोष वर्मा को सौंपी गई। एसडीओ ने अपनी सौंपी रिपोर्ट में लिखा कि विजय कुमार नाम से दो उपभोक्ता थे, जिसके यहां चोरी पाई गई थी उसके पिता का नाम दूसरा है। चेकिंग के समय पिता का नाम गलत बताने से मुकदमा गलत व्यक्ति के नाम दर्ज हो गया। अब जांच रिपोर्ट में अभियोजन पंजीकरण व राजस्व निर्धारण में संशोधन कराने की बात कही जा रही है। बिजली विभाग ने जिस उपभोक्ता पर बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज कराई, वह बेगुनाह साबित हुआ। उपभोक्ता के पास जब राजस्व वसूली का नोटिस आया तो उसे इसकी जानकारी हुई। इस पर उसने विभाग में शिकायत की। जांच शुरू हुई तो वह बेगुनाह साबित हुआ। लखनऊ के मोहनलालगंज स्थित गोपालखेड़ा में चेकिंग करने गई लेसा की टीम ने बेगुनाह उपभोक्ता पर बिजली चोरी की रिपोर्ट दर्ज करवा दी। वसूली के लिए जब घर पर राजस्व वसूली का नोटिस आया तो उपभोक्ता को इसकी जानकारी हुई। इसकी शिकायत उसने एक्सईएन से की। मामले की जांच जेई को दी गई। सौंपी गई रिपोर्ट में उपभोक्ता बेगुनाह निकला है। यह था मामला मई 2023 में विजय के घर पर अचानक राजस्व वसीला वसूली का नोटिस पहुंचा। परेशान होकर उन्होंने 1 जून को एक्सईएन घनश्याम त्रिपाठी से शिकायत की। शिकायत पर मामले की जांच जेई को दी गई। रिपोर्ट में सामने आया कि एफआईआर गलत दर्ज हो गई है। उपभोक्ता को आश्वासन दिया कि 15 दिनों में इसे दुरुस्त करवा दिया जायेगा, लेकिन शिकायत के 11 माह बाद भी न एफआईआर से नाम हटाया गया न ही राजस्व वसूली की नोटिस वापस हुई। पीड़ित उपभोक्ता ने 19 अप्रैल को मोहनलालगंज तहसील में आयोजित सम्पूर्ण समाधान दिवस में गुहार लगाई। पूरे मामले की जांच एसडीओ आशुतोष वर्मा को सौंपी गई। एसडीओ ने अपनी सौंपी रिपोर्ट में लिखा कि विजय कुमार नाम से दो उपभोक्ता थे, जिसके यहां चोरी पाई गई थी उसके पिता का नाम दूसरा है। चेकिंग के समय पिता का नाम गलत बताने से मुकदमा गलत व्यक्ति के नाम दर्ज हो गया। अब जांच रिपोर्ट में अभियोजन पंजीकरण व राजस्व निर्धारण में संशोधन कराने की बात कही जा रही है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर