हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पूर्व एमडी एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। पिछली सुनवाई में सरकार द्वारा कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के बाद अदालत ने मीणा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। तब कोर्ट ने मीणा को पुलिस जांच में सहयोग करने को कहा था। इसके बाद मीणा को शिमला पुलिस कई बार जांच में शामिल कर चुकी है। विमल नेगी के परिजनों ने IAS हरिकेश मीणा, IAS शिवम प्रताप सिंह और डायरेक्टर देसराज पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। 18 मार्च को मिला था नेगी का शव विमल नेगी बीते 10 मार्च को दफ्तर से घर जाने के बजाय टैक्सी में बिलासपुर चले गए थे। 18 मार्च को गोविंद सागर झील में उनका शव मिला था। 19 को एम्स बिलासपुर में पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन दफ्तर बीसीएस के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद ही इस मामले में एफआईआर की गई और देसराज को सस्पेंड किया गया। परिजनों के आरोप के बाद FIR परिजनों के आरोपों के बाद न्यू शिमला थाना में डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ FIR की गई है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की अब तक की जांच में परिजनों द्वारा लगाए ज्यादातर आरोप सही पाए गए हैं। विमल नेगी के साथ साथ दूसरे कर्मचारियों को भी दफ्तर में लेट नाइट तक बिठाया जाता था। काम के लिए यहां के अधिकारी कर्मचारी दबाव में थे। ऐसे में अब इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। डायरेक्टर देसराज को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी वहीं पूर्व डायरेक्टर देसराज भी अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। मगर हाईकोर्ट ने जमानत नहीं दी। इसके बाद वह अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कोई भी वकील देसराज की जमानत का विरोध करने के लिए अदालत में पेश नहीं हुआ। इससे उसे जमानत मिल गई। हाईकोर्ट पहुंचे विमल नेगी के परिजन अब इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर विमल नेगी के परिजन भी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। परिजनों की याचिका पर कोर्ट ने 20 मई तक का वक्त सरकार को स्टेट्स रिपोर्ट देने के लिए दिया है। इस याचिका के बाद हाईकोर्ट तय करेगा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए या शिमला पुलिस की जांच करती रहेगी। ACS भी जांच रिपोर्ट सीएम को सौंप चुके इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा भी 70 पेज की सीलबंद जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि ACS की जांच में भी परिजनों द्वारा लगाए आरोप सही पाए गए है। दफ्तर में न केवल विमल नेगी, बल्कि दूसरे कर्मचारियों को भी देर रात तक बिठाया जाता था। कई बार गाली-गलोच जैसा माहौल भी होता था। पेखूवाला पावर प्रोजेक्ट के कारण विमल नेगी पर काफी दबाव था। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड (HPPCL) के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में पूर्व एमडी एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। उन्होंने गिरफ्तारी से बचने के लिए हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका लगाई है। पिछली सुनवाई में सरकार द्वारा कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट पेश करने के बाद अदालत ने मीणा की गिरफ्तारी पर रोक लगाई थी। तब कोर्ट ने मीणा को पुलिस जांच में सहयोग करने को कहा था। इसके बाद मीणा को शिमला पुलिस कई बार जांच में शामिल कर चुकी है। विमल नेगी के परिजनों ने IAS हरिकेश मीणा, IAS शिवम प्रताप सिंह और डायरेक्टर देसराज पर विमल नेगी की मानसिक प्रताड़ना के गंभीर आरोप लगाए हैं। 18 मार्च को मिला था नेगी का शव विमल नेगी बीते 10 मार्च को दफ्तर से घर जाने के बजाय टैक्सी में बिलासपुर चले गए थे। 18 मार्च को गोविंद सागर झील में उनका शव मिला था। 19 को एम्स बिलासपुर में पोस्टमॉर्टम करवाया गया। इसी दिन परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन दफ्तर बीसीएस के बाहर शव के साथ प्रदर्शन किया। इसके बाद ही इस मामले में एफआईआर की गई और देसराज को सस्पेंड किया गया। परिजनों के आरोप के बाद FIR परिजनों के आरोपों के बाद न्यू शिमला थाना में डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ FIR की गई है। सूत्र बताते हैं कि पुलिस और अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा की अब तक की जांच में परिजनों द्वारा लगाए ज्यादातर आरोप सही पाए गए हैं। विमल नेगी के साथ साथ दूसरे कर्मचारियों को भी दफ्तर में लेट नाइट तक बिठाया जाता था। काम के लिए यहां के अधिकारी कर्मचारी दबाव में थे। ऐसे में अब इन तीनों अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। डायरेक्टर देसराज को सुप्रीम कोर्ट से अग्रिम जमानत मिल चुकी वहीं पूर्व डायरेक्टर देसराज भी अग्रिम जमानत के लिए हाईकोर्ट पहुंचे थे। मगर हाईकोर्ट ने जमानत नहीं दी। इसके बाद वह अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचे। सुप्रीम कोर्ट में राज्य सरकार की ओर से कोई भी वकील देसराज की जमानत का विरोध करने के लिए अदालत में पेश नहीं हुआ। इससे उसे जमानत मिल गई। हाईकोर्ट पहुंचे विमल नेगी के परिजन अब इस मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर विमल नेगी के परिजन भी हाईकोर्ट पहुंच गए हैं। परिजनों की याचिका पर कोर्ट ने 20 मई तक का वक्त सरकार को स्टेट्स रिपोर्ट देने के लिए दिया है। इस याचिका के बाद हाईकोर्ट तय करेगा कि मामले की जांच सीबीआई को सौंप दी जाए या शिमला पुलिस की जांच करती रहेगी। ACS भी जांच रिपोर्ट सीएम को सौंप चुके इस मामले में अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा भी 70 पेज की सीलबंद जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुके हैं। सूत्र बताते हैं कि ACS की जांच में भी परिजनों द्वारा लगाए आरोप सही पाए गए है। दफ्तर में न केवल विमल नेगी, बल्कि दूसरे कर्मचारियों को भी देर रात तक बिठाया जाता था। कई बार गाली-गलोच जैसा माहौल भी होता था। पेखूवाला पावर प्रोजेक्ट के कारण विमल नेगी पर काफी दबाव था। हिमाचल | दैनिक भास्कर
