जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव में पाकिस्तान ने एक बार फिर गेट को अपने नागरिकों के लिए खोल दिया है। बीते दिन, गुरुवार, पाकिस्तान ने गेटों को नहीं खोला था, जिसके चलते पाकिस्तानी नागरिक, जो पाक जाने के लिए अटारी बॉर्डर पहुंचे थे, वे फंस गए थे। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का कहना है- पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा अचानक रद्द किए जाने के कारण कई मरीज इलाज पूरा किए बिना गंभीर हालत में वाघा बॉर्डर के रास्ते वापस लौटे हैं। इस निर्णय के कारण कई परिवार जबरन बिछड़ गए, जिनमें बच्चे भी अपने माता-पिता से अलग हो गए। हालांकि वाघा सीमा से लौटने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल थी, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कुछ पाकिस्तानी नागरिक अभी भी अटारी बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। अगर भारतीय प्रशासन अनुमति देता है, तो हम अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार हैं। वाघा सीमा भविष्य में भी लौटने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए खुली रहेगी। पाकिस्तान ने बंद किया था गेट गौरतलब है कि बीते कल भारत ने जम्मू-कश्मीर व अन्य राज्यों से आए पाकिस्तान पासपोर्ट धारकों को इमिग्रेशन चेक के लिए इकट्ठा किया था। पूरा दिन पाकिस्तान के गेट खोलने का इंतजार होता रहा। लेकिन अंत में शाम 5 बजे के बाद सभी को वापस लौटना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तान ने गेट नहीं खोला। भारत की तरफ से सभी कागजी कार्रवाइयां पूरी होने के बाद पाकिस्तान ने अपने ही नागरिकों को बीते दिन रिसीव करने से मना कर दिया था। 1008 पाक नागरिक लौटे वापस पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुए विवाद को लेकर बीते दिन 30 अप्रैल तक 1008 पाकिस्तानी नागरिक वापस लौट चुके हैं। वहीं, 1 मई को पाकिस्तान ने गेट नहीं खोले, जिसके चलते किसी नागरिक ने बॉर्डर पार नहीं किया। जबकि पाकिस्तान से आने वाले भारतीयों का आंकड़ा इससे ज्यादा है। पाकिस्तान से बीते कल तक 1575 भारतीय वापस लौट चुके हैं। आज भी कई भारतीयों व पाकिस्तानियों का आना जाना जारी है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पैदा हुए तनाव में पाकिस्तान ने एक बार फिर गेट को अपने नागरिकों के लिए खोल दिया है। बीते दिन, गुरुवार, पाकिस्तान ने गेटों को नहीं खोला था, जिसके चलते पाकिस्तानी नागरिक, जो पाक जाने के लिए अटारी बॉर्डर पहुंचे थे, वे फंस गए थे। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने इसे लेकर बयान भी जारी किया है। पाकिस्तान विदेश मंत्रालय का कहना है- पाकिस्तानी नागरिकों को जारी वीजा अचानक रद्द किए जाने के कारण कई मरीज इलाज पूरा किए बिना गंभीर हालत में वाघा बॉर्डर के रास्ते वापस लौटे हैं। इस निर्णय के कारण कई परिवार जबरन बिछड़ गए, जिनमें बच्चे भी अपने माता-पिता से अलग हो गए। हालांकि वाघा सीमा से लौटने की अंतिम तारीख 30 अप्रैल थी, लेकिन मीडिया रिपोर्टों के अनुसार कुछ पाकिस्तानी नागरिक अभी भी अटारी बॉर्डर पर फंसे हुए हैं। अगर भारतीय प्रशासन अनुमति देता है, तो हम अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार हैं। वाघा सीमा भविष्य में भी लौटने वाले पाकिस्तानी नागरिकों के लिए खुली रहेगी। पाकिस्तान ने बंद किया था गेट गौरतलब है कि बीते कल भारत ने जम्मू-कश्मीर व अन्य राज्यों से आए पाकिस्तान पासपोर्ट धारकों को इमिग्रेशन चेक के लिए इकट्ठा किया था। पूरा दिन पाकिस्तान के गेट खोलने का इंतजार होता रहा। लेकिन अंत में शाम 5 बजे के बाद सभी को वापस लौटना पड़ा, क्योंकि पाकिस्तान ने गेट नहीं खोला। भारत की तरफ से सभी कागजी कार्रवाइयां पूरी होने के बाद पाकिस्तान ने अपने ही नागरिकों को बीते दिन रिसीव करने से मना कर दिया था। 1008 पाक नागरिक लौटे वापस पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के बीच पैदा हुए विवाद को लेकर बीते दिन 30 अप्रैल तक 1008 पाकिस्तानी नागरिक वापस लौट चुके हैं। वहीं, 1 मई को पाकिस्तान ने गेट नहीं खोले, जिसके चलते किसी नागरिक ने बॉर्डर पार नहीं किया। जबकि पाकिस्तान से आने वाले भारतीयों का आंकड़ा इससे ज्यादा है। पाकिस्तान से बीते कल तक 1575 भारतीय वापस लौट चुके हैं। आज भी कई भारतीयों व पाकिस्तानियों का आना जाना जारी है। पंजाब | दैनिक भास्कर
