हिमाचल में प्रदर्शन करने पर शिक्षकों के निलंबन के मामले में HC से बड़ा अपडेट, क्या जवाब देगी सरकार?

हिमाचल में प्रदर्शन करने पर शिक्षकों के निलंबन के मामले में HC से बड़ा अपडेट, क्या जवाब देगी सरकार?

<p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal News:</strong> हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्राथमिक शिक्षकों को निलंबित करने को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. हिमाचल हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव और डायरेक्टर को नोटिस जारी कर, प्राथमिक शिक्षकों के निलंबन पर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई 13 मई को होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यायाधीश संदीप शर्मा ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया है यदि समय पर जवाब न दिया तो प्रार्थियों द्वारा रिकॉर्ड में रखे तथ्यों के आधार पर ही फैसला कर दिया जाएगा. 26 अप्रैल को शिक्षकों ने चौड़ा मैदान में धरना दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नाराज शिक्षा विभाग ने 4 शिक्षकों को उसी दिन निलंबित कर दिया था. उसी दिन से प्राथमिक शिक्षक शिक्षा निदेशालय के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. उसके बाद छ और शिक्षकों को निलंबित किया गया. कुल 10 शिक्षकों को निलंबित किया गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टीचर्स की क्या है मांग?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>निलंबन को लेकर याचिका जगदीश शर्मा, संजय, प्रताप ठाकुर और राम सिंह राव ने संयुक्त रूप से दायर की है. प्रार्थियों का आरोप है कि सरकार ने उनके संवैधानिक अधिकार को दबाने के लिए उन पर एकतरफा कार्रवाई की है. आरोप है कि इस निलंबन के साथ ही उनके हेडक्वार्टर भी दूर-दूर तय किए गए हैं. &nbsp;जबकि उनके मामले में ऐसा करने की कोई जरूरत ही नहीं है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राथमिक अध्यापक शिक्षक संघ ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राथमिक अध्यापक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन सरकार उनके ऊपर कार्रवाई कर रही है. ये उचित नहीं है. सरकार ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को मर्ज करने का जो फैसला लिया है और एक अन्य निदेशालय बनाने से शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बजाय शिक्षा का बुनियादी ढांचा तहस नहस हो जाएगा. इसको लेकर कई बार सरकार के साथ वार्ता भी हुई है. जिसके परिणाम निराशाजनक ही रहे हैं. ऐसे में अब प्राथमिक शिक्षक विरोध करने को मजबूर हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा शिक्षक मुख्य शिक्षक का पदोन्नति उपरांत मिलने वाले लाभ जारी रखने, 20 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके जेबीटी शिक्षकों को सीएंडवी की तर्ज पर विशेष वेतन वृद्धियां देने, हायर ग्रेड पे की विसंगतियों के लाभ सभी प्रभावित शिक्षकों को देने जैसी मांगे भी कर रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”>&nbsp;</p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Himachal News:</strong> हिमाचल प्रदेश हाई कोर्ट ने अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले प्राथमिक शिक्षकों को निलंबित करने को लेकर राज्य सरकार को नोटिस जारी किया है. हिमाचल हाईकोर्ट ने शिक्षा सचिव और डायरेक्टर को नोटिस जारी कर, प्राथमिक शिक्षकों के निलंबन पर जवाब मांगा है. मामले की सुनवाई 13 मई को होगी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>न्यायाधीश संदीप शर्मा ने राज्य सरकार से जवाब तलब किया है. कोर्ट ने ये भी स्पष्ट किया है यदि समय पर जवाब न दिया तो प्रार्थियों द्वारा रिकॉर्ड में रखे तथ्यों के आधार पर ही फैसला कर दिया जाएगा. 26 अप्रैल को शिक्षकों ने चौड़ा मैदान में धरना दिया था.</p>
<p style=”text-align: justify;”>नाराज शिक्षा विभाग ने 4 शिक्षकों को उसी दिन निलंबित कर दिया था. उसी दिन से प्राथमिक शिक्षक शिक्षा निदेशालय के बाहर क्रमिक अनशन पर बैठे हैं. उसके बाद छ और शिक्षकों को निलंबित किया गया. कुल 10 शिक्षकों को निलंबित किया गया है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>टीचर्स की क्या है मांग?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>निलंबन को लेकर याचिका जगदीश शर्मा, संजय, प्रताप ठाकुर और राम सिंह राव ने संयुक्त रूप से दायर की है. प्रार्थियों का आरोप है कि सरकार ने उनके संवैधानिक अधिकार को दबाने के लिए उन पर एकतरफा कार्रवाई की है. आरोप है कि इस निलंबन के साथ ही उनके हेडक्वार्टर भी दूर-दूर तय किए गए हैं. &nbsp;जबकि उनके मामले में ऐसा करने की कोई जरूरत ही नहीं है.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>प्राथमिक अध्यापक शिक्षक संघ ने क्या कहा?</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>प्राथमिक अध्यापक शिक्षक संघ के अध्यक्ष जगदीश शर्मा ने कहा कि लोकतंत्र में सबको अपनी बात रखने का अधिकार है, लेकिन सरकार उनके ऊपर कार्रवाई कर रही है. ये उचित नहीं है. सरकार ने प्रारंभिक और उच्च शिक्षा निदेशालय को मर्ज करने का जो फैसला लिया है और एक अन्य निदेशालय बनाने से शिक्षा में गुणात्मक सुधार के बजाय शिक्षा का बुनियादी ढांचा तहस नहस हो जाएगा. इसको लेकर कई बार सरकार के साथ वार्ता भी हुई है. जिसके परिणाम निराशाजनक ही रहे हैं. ऐसे में अब प्राथमिक शिक्षक विरोध करने को मजबूर हैं.&nbsp;</p>
<p style=”text-align: justify;”>इसके अलावा शिक्षक मुख्य शिक्षक का पदोन्नति उपरांत मिलने वाले लाभ जारी रखने, 20 वर्ष का कार्यकाल पूरा कर चुके जेबीटी शिक्षकों को सीएंडवी की तर्ज पर विशेष वेतन वृद्धियां देने, हायर ग्रेड पे की विसंगतियों के लाभ सभी प्रभावित शिक्षकों को देने जैसी मांगे भी कर रहे हैं.</p>
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