पंजाब सरकार की तरफ से भाखड़ा नहर का पानी रोकने के विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुला ली है। बैठक कल, 3 मई को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में होगी। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। वहीं भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने कल (3 मई) शाम 5 बजे चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल के अधिकारियों की मीटिंग बुला ली है। उधर, आज दिल्ली में BBMB के अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव से मीटिंग में पानी देने को लेकर सहमति नहीं बनी। मीटिंग में पंजाब 4 हजार क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की। अब हरियाणा सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा- हम अपने पानी के हक के लिए याचिका दायर करेंगे। संभावना है कि आज याचिका दाखिल कर दी जाए। आगे छुट्टियां हैं, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द इस पर फैसला हो जाए। इससे पहले, दिल्ली में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों से मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पंजाब और हरियाणा को इस मामले में जिद छोड़ने को कहा। साथ ही हरियाणा को पानी की जरूरत को लेकर BBMB के पास तर्क पेश करने को कहा। सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव ने कहा कि यदि हरियाणा की अतिरिक्त पानी की मांग में वजन हुआ, तो हरियाणा बिना शर्त के जरूरत के मुताबिक पंजाब से उधार पानी ले लेगा और पंजाब को जरूरत पड़ने पर हरियाणा को यह पानी वापस करना पड़ेगा। वहीं पंजाब की AAP सरकार ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में 2 घंटे तक ऑल पार्टी मीटिंग की। इसका न्योता पार्टी के अध्यक्षों को दिया गया था, लेकिन सिर्फ BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही पहुंचे। कांग्रेस और अकाली दल ने प्रतिनिधि भेजे। मीटिंग के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। ऑल पार्टी मीटिंग के बाद किसने क्या कहा पंजाब CM भगवंत मान की 2 अहम बातें पंजाब BJP अध्यक्ष सुनील जाखड़ की 2 अहम बातें वहीं हरियाणा की जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने पंजाब सरकार के रवैये पर कड़ा एतराज जताया है। श्रुति चौधरी ने कहा- दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी तब तक पंजाब सरकार की ओर से पानी नहीं रोका गया। अब जब दिल्ली आम आदमी पार्टी के पास नहीं है, तब ऐसा तमाशा कर रहे हैं। मंत्री श्रुति चौधरी की 2 अहम बातें… हरियाणा में अधिकारियों के हेडक्वार्टर छोड़ने पर रोक
हरियाणा में पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया है कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है। हरियाणा और पंजाब में पानी के विवाद की वजह क्या..
बता दें कि पंजाब ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं। पंजाब सरकार की तरफ से भाखड़ा नहर का पानी रोकने के विवाद के बीच हरियाणा सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुला ली है। बैठक कल, 3 मई को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा भवन में होगी। इसकी अध्यक्षता मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी करेंगे। वहीं भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड (BBMB) ने कल (3 मई) शाम 5 बजे चंडीगढ़ में हरियाणा, पंजाब, राजस्थान और हिमाचल के अधिकारियों की मीटिंग बुला ली है। उधर, आज दिल्ली में BBMB के अधिकारियों की पंजाब और हरियाणा के मुख्य सचिव से मीटिंग में पानी देने को लेकर सहमति नहीं बनी। मीटिंग में पंजाब 4 हजार क्यूसेक पानी ही देने को तैयार हुआ, जबकि हरियाणा ने 8500 क्यूसेक पानी की मांग की। अब हरियाणा सरकार इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट जाएगी। हरियाणा की सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने कहा- हम अपने पानी के हक के लिए याचिका दायर करेंगे। संभावना है कि आज याचिका दाखिल कर दी जाए। आगे छुट्टियां हैं, इसलिए हम कोशिश कर रहे हैं कि जल्द इस पर फैसला हो जाए। इससे पहले, दिल्ली में ही केंद्रीय गृह मंत्रालय की पंजाब, हरियाणा, हिमाचल और राजस्थान के अधिकारियों से मीटिंग हुई। सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन ने पंजाब और हरियाणा को इस मामले में जिद छोड़ने को कहा। साथ ही हरियाणा को पानी की जरूरत को लेकर BBMB के पास तर्क पेश करने को कहा। सूत्रों के मुताबिक गृह सचिव ने कहा कि यदि हरियाणा की अतिरिक्त पानी की मांग में वजन हुआ, तो हरियाणा बिना शर्त के जरूरत के मुताबिक पंजाब से उधार पानी ले लेगा और पंजाब को जरूरत पड़ने पर हरियाणा को यह पानी वापस करना पड़ेगा। वहीं पंजाब की AAP सरकार ने चंडीगढ़ स्थित पंजाब भवन में 2 घंटे तक ऑल पार्टी मीटिंग की। इसका न्योता पार्टी के अध्यक्षों को दिया गया था, लेकिन सिर्फ BJP के अध्यक्ष सुनील जाखड़ ही पहुंचे। कांग्रेस और अकाली दल ने प्रतिनिधि भेजे। मीटिंग के बाद जॉइंट प्रेस कॉन्फ्रेंस की गई। ऑल पार्टी मीटिंग के बाद किसने क्या कहा पंजाब CM भगवंत मान की 2 अहम बातें पंजाब BJP अध्यक्ष सुनील जाखड़ की 2 अहम बातें वहीं हरियाणा की जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री श्रुति चौधरी ने पंजाब सरकार के रवैये पर कड़ा एतराज जताया है। श्रुति चौधरी ने कहा- दिल्ली में जब आम आदमी पार्टी (AAP) की सरकार थी तब तक पंजाब सरकार की ओर से पानी नहीं रोका गया। अब जब दिल्ली आम आदमी पार्टी के पास नहीं है, तब ऐसा तमाशा कर रहे हैं। मंत्री श्रुति चौधरी की 2 अहम बातें… हरियाणा में अधिकारियों के हेडक्वार्टर छोड़ने पर रोक
हरियाणा में पानी के संकट को देखते हुए लोक निर्माण मंत्री रणबीर गंगवा ने सभी जिलों में तैनात एसई, एक्सईन, एसडीओ और जेई को किसी भी हालत में हेडक्वार्टर ना छोड़ने को कहा है। उन्होंने आदेश दिया है कि जहां पानी की किल्लत है, वहां दूसरी जगह से पानी लेकर उपलब्ध कराएं। अधिकारियों ने मंत्री को बताया कि हिसार, सिरसा, महेंद्रगढ़, नारनौल और फतेहाबाद में दिक्कत ज्यादा है। पेयजल की राशनिंग की जा रही है। हरियाणा और पंजाब में पानी के विवाद की वजह क्या..
बता दें कि पंजाब ने करीब 18 दिन से भाखड़ा नहर से हरियाणा को मिलने वाले साढ़े 8 हजार क्यूसिक पानी को घटाकर 4 हजार क्यूसिक कर दिया। पंजाब के CM भगवंत मान ने कहा कि हरियाणा अपने कोटे का पानी मार्च में ही खत्म कर चुका है। वह 4 हजार क्यूसिक भी मानवता के आधार पर दे रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
