भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बीच बठिंडा में संयुक्त किसान मोर्चा ने शांति मार्च निकाला। किसानों ने डिप्टी कमिश्नर ऑफिस पर धरना देकर मार्च निकाला। किसान यूनियन एकता उग्रहा के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए। मान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव कॉर्पोरेट घरानों की देन है। उनका आरोप है कि हथियार बेचने वाली कंपनियां दोनों देशों के शांतिप्रिय नागरिकों को आपस में लड़वा रही हैं। किसान नेता ने कहा कि इस तनाव में आम जनता पीड़ित है। कुछ राजनेता अपने हित साधने के लिए दोनों देशों के लोगों को युद्ध की ओर धकेल रहे हैं। इससे आम नागरिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। युद्ध में आम लोगों को नुकसान होता
शिंगारा सिंह मान ने लोगों से अपने हितों की पहचान करने की अपील की। उनका कहना था कि युद्ध की स्थिति में सबसे अधिक नुकसान आम लोगों का होगा, जबकि राजनीतिक दल अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री लगातार पंजाब में पानी के मुद्दे को लेकर किसान संगठनों पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन हमारा सवाल है कि जब भगवंत मान ने चंडीगढ़ में पानी के मुद्दे को लेकर किसानों को ज्ञापन दिया था, तो उन्होंने क्या कार्रवाई की और संघर्षरत किसानों पर अत्याचार क्यों किया गया। उनका सामान ट्रॉलियों में भी जब्त कर लिया गया और आज उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी ऐसा ही करने को कहा है। मुझे एसी ट्रॉलियां याद हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में किसान अपनी नई रणनीति बनाकर संघर्ष को और तेज करेंगे। भारत-पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण स्थिति के बीच बठिंडा में संयुक्त किसान मोर्चा ने शांति मार्च निकाला। किसानों ने डिप्टी कमिश्नर ऑफिस पर धरना देकर मार्च निकाला। किसान यूनियन एकता उग्रहा के जिला अध्यक्ष शिंगारा सिंह मान के नेतृत्व में बड़ी संख्या में किसान इकट्ठा हुए। मान ने कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव कॉर्पोरेट घरानों की देन है। उनका आरोप है कि हथियार बेचने वाली कंपनियां दोनों देशों के शांतिप्रिय नागरिकों को आपस में लड़वा रही हैं। किसान नेता ने कहा कि इस तनाव में आम जनता पीड़ित है। कुछ राजनेता अपने हित साधने के लिए दोनों देशों के लोगों को युद्ध की ओर धकेल रहे हैं। इससे आम नागरिकों को आर्थिक नुकसान हो रहा है। युद्ध में आम लोगों को नुकसान होता
शिंगारा सिंह मान ने लोगों से अपने हितों की पहचान करने की अपील की। उनका कहना था कि युद्ध की स्थिति में सबसे अधिक नुकसान आम लोगों का होगा, जबकि राजनीतिक दल अपने एजेंडे को आगे बढ़ाएंगे। किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब के मुख्यमंत्री लगातार पंजाब में पानी के मुद्दे को लेकर किसान संगठनों पर सवाल उठा रहे हैं, लेकिन हमारा सवाल है कि जब भगवंत मान ने चंडीगढ़ में पानी के मुद्दे को लेकर किसानों को ज्ञापन दिया था, तो उन्होंने क्या कार्रवाई की और संघर्षरत किसानों पर अत्याचार क्यों किया गया। उनका सामान ट्रॉलियों में भी जब्त कर लिया गया और आज उन्होंने पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान से भी ऐसा ही करने को कहा है। मुझे एसी ट्रॉलियां याद हैं। उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में किसान अपनी नई रणनीति बनाकर संघर्ष को और तेज करेंगे। पंजाब | दैनिक भास्कर
