पंजाब में एक जून से शुरू होने वाले धान के सीजन के लिए किसानों को कम से कम आठ घंटे निरंतर बिजली मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए पूरे राज्य को तीन जोन में बांटा गया है। इसके अनुसार जिलों में धान की बिजाई शुरू होगी। यह जानकारी पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने दी है। हमारे थर्मल प्लांटों में तीस दिन का कोयला है। हमारे सभी पांच थर्मल प्लांट काम कर रहे हैं। इसके अलावा हमने पावर बैंकिंग भी कर रखी है। जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों से भी ली जाएगी। वहीं डीएसआर तकनीक से धान लगाने का काम शुरू हो चुका है। पूरे पंजाब को बिजली तीन जोन में बांटा गया है, जो इस प्रकार है:
जोन एक – फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिलका। एक जून से धान लगाने का काम शुरू होगा। यहां पर फसल पकने तक बिजली की सप्लाई आठ घंटे प्रति दिन मिलेगी। जोन दो – गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, रूपनगर, मोहाली, होशियारपुर और फतेहगढ़ साहिब। जोन दो में शामिल है। यहां पर पांच जून से धान की बिजाई शुरू होगी।
जोन तीन – लुधियाना, मालेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला, बरनाला, संगरूर, जालंधर, शहीद भगत सिंह नगर में नौ जून से धान की बिजाई शुरू होगी। बिजली संकट से निपटने के लिए बनाई यह स्ट्रेटजी
अस्सी लाख एकड़ धान की बिजाई करनी है। बिजली की सप्लाई देने के लिए कोई कमी नहीं है। पांच थर्मल प्लांट की 15 यूनिट में से चौदह यूनिट चल रही हैं। गोइंदवाल थर्मल प्लांट की एक यूनिट बंद है। उसकी मेंटेनेंस चल रही है। उसे भी एक-दो दिन में वर्किंग कर दिया जाएगा। वहीं, कोयला भी काफी मात्रा में है। तीस दिन से अधिक का कोयला मौजूद है। ट्रांसमिशन कैपेसिटी दस हजार 100 है। जून तक इसे दस हजार 500 मेगावाट कर देंगे। वहीं, धान के सीजन के दौरान दूसरे राज्यों से बैकिंग की गई, उसे उन राज्यों से वापस ले लेंगे। पिछले साल बिजली की डिमांड 16 हजार 59 मेगावाट आई थी। इस बार 17 हजार मेगावाट की मांग आएगी। उसको लेकर पूरे इंतजाम हैं। पंजाब में एक जून से शुरू होने वाले धान के सीजन के लिए किसानों को कम से कम आठ घंटे निरंतर बिजली मुहैया करवाई जाएगी। इसके लिए पूरे राज्य को तीन जोन में बांटा गया है। इसके अनुसार जिलों में धान की बिजाई शुरू होगी। यह जानकारी पंजाब के बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ ने दी है। हमारे थर्मल प्लांटों में तीस दिन का कोयला है। हमारे सभी पांच थर्मल प्लांट काम कर रहे हैं। इसके अलावा हमने पावर बैंकिंग भी कर रखी है। जरूरत पड़ने पर दूसरे राज्यों से भी ली जाएगी। वहीं डीएसआर तकनीक से धान लगाने का काम शुरू हो चुका है। पूरे पंजाब को बिजली तीन जोन में बांटा गया है, जो इस प्रकार है:
जोन एक – फरीदकोट, फिरोजपुर, बठिंडा, श्री मुक्तसर साहिब और फाजिलका। एक जून से धान लगाने का काम शुरू होगा। यहां पर फसल पकने तक बिजली की सप्लाई आठ घंटे प्रति दिन मिलेगी। जोन दो – गुरदासपुर, पठानकोट, अमृतसर, तरनतारन, रूपनगर, मोहाली, होशियारपुर और फतेहगढ़ साहिब। जोन दो में शामिल है। यहां पर पांच जून से धान की बिजाई शुरू होगी।
जोन तीन – लुधियाना, मालेरकोटला, मानसा, मोगा, पटियाला, बरनाला, संगरूर, जालंधर, शहीद भगत सिंह नगर में नौ जून से धान की बिजाई शुरू होगी। बिजली संकट से निपटने के लिए बनाई यह स्ट्रेटजी
अस्सी लाख एकड़ धान की बिजाई करनी है। बिजली की सप्लाई देने के लिए कोई कमी नहीं है। पांच थर्मल प्लांट की 15 यूनिट में से चौदह यूनिट चल रही हैं। गोइंदवाल थर्मल प्लांट की एक यूनिट बंद है। उसकी मेंटेनेंस चल रही है। उसे भी एक-दो दिन में वर्किंग कर दिया जाएगा। वहीं, कोयला भी काफी मात्रा में है। तीस दिन से अधिक का कोयला मौजूद है। ट्रांसमिशन कैपेसिटी दस हजार 100 है। जून तक इसे दस हजार 500 मेगावाट कर देंगे। वहीं, धान के सीजन के दौरान दूसरे राज्यों से बैकिंग की गई, उसे उन राज्यों से वापस ले लेंगे। पिछले साल बिजली की डिमांड 16 हजार 59 मेगावाट आई थी। इस बार 17 हजार मेगावाट की मांग आएगी। उसको लेकर पूरे इंतजाम हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
