योगी सरकार की नई नियमावली से जनता को बड़ी राहत, अब नहीं लगाने पड़ेंगे विभाग के चक्कर, घर बैठे मिलेगी यह सेवा

योगी सरकार की नई नियमावली से जनता को बड़ी राहत, अब नहीं लगाने पड़ेंगे विभाग के चक्कर, घर बैठे मिलेगी यह सेवा

<p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अग्निशमन विभाग की छवि और काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है. कभी एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के लिए लोग महीनों अग्निशमन विभाग के दफ्तरों के चक्कर काटा करते थे, अब वही सेवा कुछ ही क्लिक में घर बैठे मिल रही है. यह बदलाव सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार का उदाहरण भी बन चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के निर्देश पर अग्निशमन विभाग को पूरी तरह डिजिटल और व्यवहारिक बनाया गया है. साल 2018 से ही एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की गई थी, लेकिन साल 2024 में लागू हुई उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा नियमावली-2024 ने जनता की वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान कर दिया. अब ना केवल एनओसी मिलने की प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि तय समयसीमा में काम भी पूरा होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2017 से पहले अग्निशमन एनओसी के लिए लोगों को तय मानकों की अस्पष्टता, समयसीमा के अभाव और बार-बार दफ्तर जाने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब एनओसी ऑनलाइन मिल रही है, वह भी अधिकतम 15 दिनों के भीतर. अगर किसी दस्तावेज में कमी हो, तो एक हफ्ते में आवेदक को सूचित भी कर दिया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नई नियमावली से हुए चार बड़े सुधार</strong><br />सेटबैक की समस्या खत्म: अब &ldquo;एक्सेस टू बिल्डिंग&rdquo; के आधार पर ही जांच होती है. यानी सिर्फ देखा जाता है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी बिल्डिंग तक पहुंच सकती है या नहीं. इससे पुराने क्षेत्रों और संकरी गलियों में भी अनुमति मिलने में आसानी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीढ़ियों की चौड़ाई में लचीलापन: पहले सख्त मापदंडों के कारण एनओसी अटक जाती थी. अब ऑक्यूपेंट लोड (भवन में रहने वाले लोगों की संख्या) के आधार पर सीढ़ियों की चौड़ाई तय की जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rishikesh-news-controversy-over-aiims-rishikesh-doctor-distributing-sweets-ann-2946425″><strong>AIIMS ऋषिकेश के डॉक्टर पर मिठाई बांटने को लेकर विवाद, पहलगाम हमले के अगले दिन की घटना पर एफआईआर दर्ज</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>फायर ट्रक की पहुंच की सुलभता: अब रास्तों की चौड़ाई सिर्फ फायर ट्रक की न्यूनतम जरूरत के हिसाब से तय होती है. पहले जरूरत से ज्यादा चौड़ाई की शर्तें थीं, जिससे कस्बों में दिक्कत आती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वॉटर टैंक की लचीलापन व्यवस्था: अब ज़रूरी पानी कहीं भी-ऊपर या नीचे-स्टोर किया जा सकता है. इससे भवन निर्माताओं को जगह की समस्या से राहत मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>व्यवस्था से विश्वास बढ़ा, उद्योगों को बड़ी राहतॉ<br /></strong>इन बदलावों से खासकर बिल्डरों, उद्यमियों और छोटे व्यापारियों को सीधी राहत मिली है. अब उन्हें एनओसी के लिए लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता. सिंगल विंडो सिस्टम से आवेदन करना आसान हुआ है और विभागीय देरी भी खत्म हो गई है.</p> <p style=”text-align: justify;”>उत्तर प्रदेश में योगी सरकार ने अग्निशमन विभाग की छवि और काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल दिया है. कभी एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के लिए लोग महीनों अग्निशमन विभाग के दफ्तरों के चक्कर काटा करते थे, अब वही सेवा कुछ ही क्लिक में घर बैठे मिल रही है. यह बदलाव सिर्फ सुविधा नहीं, बल्कि शासन व्यवस्था में पारदर्शिता और तकनीकी सुधार का उदाहरण भी बन चुका है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> के निर्देश पर अग्निशमन विभाग को पूरी तरह डिजिटल और व्यवहारिक बनाया गया है. साल 2018 से ही एनओसी के लिए ऑनलाइन आवेदन की सुविधा शुरू की गई थी, लेकिन साल 2024 में लागू हुई उत्तर प्रदेश अग्निशमन तथा आपात सेवा नियमावली-2024 ने जनता की वर्षों पुरानी समस्याओं का समाधान कर दिया. अब ना केवल एनओसी मिलने की प्रक्रिया आसान हुई है, बल्कि तय समयसीमा में काम भी पूरा होता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>2017 से पहले अग्निशमन एनओसी के लिए लोगों को तय मानकों की अस्पष्टता, समयसीमा के अभाव और बार-बार दफ्तर जाने जैसी दिक्कतों का सामना करना पड़ता था. लेकिन अब एनओसी ऑनलाइन मिल रही है, वह भी अधिकतम 15 दिनों के भीतर. अगर किसी दस्तावेज में कमी हो, तो एक हफ्ते में आवेदक को सूचित भी कर दिया जाता है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>नई नियमावली से हुए चार बड़े सुधार</strong><br />सेटबैक की समस्या खत्म: अब &ldquo;एक्सेस टू बिल्डिंग&rdquo; के आधार पर ही जांच होती है. यानी सिर्फ देखा जाता है कि फायर ब्रिगेड की गाड़ी बिल्डिंग तक पहुंच सकती है या नहीं. इससे पुराने क्षेत्रों और संकरी गलियों में भी अनुमति मिलने में आसानी हुई है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>सीढ़ियों की चौड़ाई में लचीलापन: पहले सख्त मापदंडों के कारण एनओसी अटक जाती थी. अब ऑक्यूपेंट लोड (भवन में रहने वाले लोगों की संख्या) के आधार पर सीढ़ियों की चौड़ाई तय की जाती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/rishikesh-news-controversy-over-aiims-rishikesh-doctor-distributing-sweets-ann-2946425″><strong>AIIMS ऋषिकेश के डॉक्टर पर मिठाई बांटने को लेकर विवाद, पहलगाम हमले के अगले दिन की घटना पर एफआईआर दर्ज</strong></a></p>
<p style=”text-align: justify;”>फायर ट्रक की पहुंच की सुलभता: अब रास्तों की चौड़ाई सिर्फ फायर ट्रक की न्यूनतम जरूरत के हिसाब से तय होती है. पहले जरूरत से ज्यादा चौड़ाई की शर्तें थीं, जिससे कस्बों में दिक्कत आती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वॉटर टैंक की लचीलापन व्यवस्था: अब ज़रूरी पानी कहीं भी-ऊपर या नीचे-स्टोर किया जा सकता है. इससे भवन निर्माताओं को जगह की समस्या से राहत मिली है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>व्यवस्था से विश्वास बढ़ा, उद्योगों को बड़ी राहतॉ<br /></strong>इन बदलावों से खासकर बिल्डरों, उद्यमियों और छोटे व्यापारियों को सीधी राहत मिली है. अब उन्हें एनओसी के लिए लंबी प्रक्रिया से नहीं गुजरना पड़ता. सिंगल विंडो सिस्टम से आवेदन करना आसान हुआ है और विभागीय देरी भी खत्म हो गई है.</p>  उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड बाराबंकी में चल रहा था धर्मांतरण का खेल, कार में था आपत्तिजनक सामान, हिन्दू संगठनों का हंगामा