हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। विमल नेगी के परिजनों ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि उन्हें हिमाचल पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। इस याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बैंच ने सरकार को 20 मई तक स्टेट्स रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। आज इसी स्टेट्स रिपोर्ट पर कोर्ट में सुनवाई होनी है। यह याचिका विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की तरफ से दायर की गई है। विमल नेगी के परिजनों का कहना है कि उन्हें पुलिस जांच पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे, जबकि पोस्टमॉर्टम में उनकी मौत तीन दिन बताई गई है। ऐसे में तीन दिन तक वह कहां रहे, पुलिस इस बात का पता नहीं लगा पाई। परिजनों का कहना है कि हाईकोर्ट से पावर कॉरपोरेशन के डायरेक्टर देसराज की बेल रिजेक्ट होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। डायरेक्टर देसराज जब अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो हिमाचल सरकार की ओर से कोई भी वकील सुप्रीम कोर्ट में उसकी बेल का विरोध करने के लिए खड़ा नहीं हुआ। जब विमल नेगी का शव मिला, तो परिजनों को मौके पर नहीं बुलाया गया। इस वजह से विमल नेगी के परिजनों को शिमला पुलिस पर भरोसा नहीं है। देसराज और 2 IAS के खिलाफ एफआईआर चीफ विमल नेगी के परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह पर प्रताड़ना के आरोप लगा रखे हैं। परिजनों द्वारा विमल नेगी के शव के साथ 19 मार्च को पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद पुलिस ने डायरेक्टर देसराज के खिलाफ न्यू शिमला पुलिस थाना में एफआईआर की। इसके अलावा एमडी और डायरेक्टर पर्सनल के खिलाफ भी एफआईआर की गई। इसके बाद पुलिस जांच जारी हैं। ACS की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से भी इस मामले की जांच कराई गई। ओंकार शर्मा इस केस की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुके हैं। मगर अब तक रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। इस पर भी परिजन सवाल खड़े कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि परिजनों ने प्रताड़ना के जो आरोप लगाए थे, वो जांच में सही पाए गए हैं। इससे निगम के पूर्व अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन के चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले में आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। विमल नेगी के परिजनों ने इस केस की जांच सीबीआई को सौंपने की मांग को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर कर रखी है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि उन्हें हिमाचल पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है। इस याचिका पर पिछली सुनवाई के दौरान न्यायाधीश अजय मोहन गोयल की बैंच ने सरकार को 20 मई तक स्टेट्स रिपोर्ट देने के आदेश दिए थे। आज इसी स्टेट्स रिपोर्ट पर कोर्ट में सुनवाई होनी है। यह याचिका विमल नेगी की पत्नी किरण नेगी की तरफ से दायर की गई है। विमल नेगी के परिजनों का कहना है कि उन्हें पुलिस जांच पर बिल्कुल भी भरोसा नहीं है। विमल नेगी 10 मार्च से लापता थे, जबकि पोस्टमॉर्टम में उनकी मौत तीन दिन बताई गई है। ऐसे में तीन दिन तक वह कहां रहे, पुलिस इस बात का पता नहीं लगा पाई। परिजनों का कहना है कि हाईकोर्ट से पावर कॉरपोरेशन के डायरेक्टर देसराज की बेल रिजेक्ट होने के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार नहीं किया। डायरेक्टर देसराज जब अग्रिम जमानत के लिए सुप्रीम कोर्ट पहुंचा, तो हिमाचल सरकार की ओर से कोई भी वकील सुप्रीम कोर्ट में उसकी बेल का विरोध करने के लिए खड़ा नहीं हुआ। जब विमल नेगी का शव मिला, तो परिजनों को मौके पर नहीं बुलाया गया। इस वजह से विमल नेगी के परिजनों को शिमला पुलिस पर भरोसा नहीं है। देसराज और 2 IAS के खिलाफ एफआईआर चीफ विमल नेगी के परिजनों ने पावर कॉरपोरेशन के एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और दूसरे डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह पर प्रताड़ना के आरोप लगा रखे हैं। परिजनों द्वारा विमल नेगी के शव के साथ 19 मार्च को पावर कॉरपोरेशन कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के बाद पुलिस ने डायरेक्टर देसराज के खिलाफ न्यू शिमला पुलिस थाना में एफआईआर की। इसके अलावा एमडी और डायरेक्टर पर्सनल के खिलाफ भी एफआईआर की गई। इसके बाद पुलिस जांच जारी हैं। ACS की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक नहीं की मुख्यमंत्री के निर्देशों पर अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से भी इस मामले की जांच कराई गई। ओंकार शर्मा इस केस की जांच रिपोर्ट मुख्यमंत्री को सौंप चुके हैं। मगर अब तक रिपोर्ट को सार्वजनिक नहीं किया गया। इस पर भी परिजन सवाल खड़े कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि परिजनों ने प्रताड़ना के जो आरोप लगाए थे, वो जांच में सही पाए गए हैं। इससे निगम के पूर्व अधिकारियों की मुश्किलें बढ़ सकती है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
