भाखड़ा बांध की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा सीआईएसएफ की तैनाती पर बवाल मच गया है। पंजाब सरकार ने इसका सीधा विरोध किया है। पंजाब के सीएम भगवंत मान का कहना है कि जो काम पंजाब पुलिस मुफ्त में कर रही है, उसके लिए हम पैसे क्यों दें। इसकी क्या जरूरत है? मान ने कहा कि अब पानी की कोई समस्या नहीं है। यह अगले साल की तैयारी है। उन्होंने पंजाब भाजपा के बड़े नेताओं कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, रवनीत सिंह बिट्टू और मनप्रीत सिंह बादल से पूछा है कि क्या यह पत्र आपकी सहमति से जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। दूसरी तरफ इस मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह करीब दो घंटे तक चली। उनका कहना था कि बीबीएमबी ने कोई उचित रिकॉर्ड पेश नहीं किया। वहीं, अब कल भी इस मामल की सुनवाई होगी। सीएम ने कहा कि कल हरियाणा को उसके हिस्से का पानी जारी कर दिया गया। उसके बाद केंद्र सरकार ने फिर पंजाब पर हमला किया है। आदेश जारी किए गए हैं कि सीआईएसएफ के 296 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। प्रत्येक कर्मचारी पर प्रति वर्ष 2.90 लाख रुपये का खर्च आएगा। इस हिसाब से बीबीएमबी या पंजाब केंद्र को 8.58 करोड़ रुपये देगा। CM बोले- बांध निर्माण में लिए 143 करोड़ वापस नहीं किए उन्होंने कहा कि इसकी क्या जरूरत थी। पंजाब पुलिस यह काम मुफ्त में कर रही है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी यह स्वीकार नहीं करेंगे कि हम अपना पानी वापस लौटाएं और उसका भुगतान भी करें। बीबीएमबी एक सफेद हाथी है। बांध बनाने के समय लिए गए 143 करोड़ वापस नहीं किए गए। सीएम ने कहा कि भाखड़ा नहर विवाद में सर्वदलीय अधिवेशन में पंजाब भाजपा के नेता भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि पंजाब का पानी बाहर नहीं जाने देंगे। भाजपा नेता बताएंगे कि क्या उनकी सहमति से पत्र आया है। भाजपा के पास चार-पांच नेता हैं, इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं जिन्हें पानी का रक्षक कहा जाता है। इसी तरह भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ प्रधान, रवनीत सिंह बिट्टू, मनप्रीत बादल शामिल हैं। क्या किसी और को आगे बढ़ाने का इरादा है? ये सभी कांग्रेस से हैं। एक-दो और भाजपा छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। जिन्हें पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्हें भी इस बारे में सोचना चाहिए। पंजाब को दबाने की कोशिश सीएम ने कहा कि पंजाब को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। हाल ही में, क्रेडिट लिमिट कम कर दी गई है और आरडीएफ का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले जब पठानकोट आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद पंजाब सरकार को साढ़े सात करोड़ का बिल भेजा गया था। उस समय कहा गया था कि यह राशि आपकी सुरक्षा के लिए भेजी गई थी। मैंने उस समय रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी और यह स्पष्ट किया था कि यह हमला केवल पंजाब पर नहीं, बल्कि पूरे देश पर था। पंजाब से बदला लिया जा रहा है सीएम ने कहा कि अगर पंजाब देश की सरहद की रक्षा कर सकता है तो डैम जो कि पंजाब में है, उसकी रक्षा करने में कर सकते हैं। उन्होंने सीआईएसफ लगाने के पीछे सोच क्या है। इसका क्या मतलब कि इंजीनियर वहां पहुंचकर पानी छोड़ देंगे। डैम के बाहर किसका एरिया पंजाब का है। ऐसे में इंजीनियर को पानी छोड़ने के लिए जाने देंगे। वहीं, उन्होंने कहा कि पंजाब से बदलाखोरी की जा रही है। या तो किसानों वाला बदला लिया जा रहा है। या फिर जो इलेक्शन में बात नहीं बन रही , उसका बदला लिया जा रहा है। पंजाब के प्रति बीजेपी से बहुत नफरत करती है। इनका बस नहीं चलता, वरना यह जन मन गन से पंजाब का नाम काट दे। इन्होंने कौन सा संसद में वोटिंग करवानी होती है। लोग सब समझे है। इस वजह से केंद्रीय सुरक्षा का फैसला हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने को पंजाब व हरियाणा में माहौल तनातनी वाला बन गया था। हरियाणा की तरफ से दबाव था कि भाखड़ा नंगल डैम की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपा जाएगा। कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सरकार से यहां पर तैनाती की मांग की थी। वहीं, हरियाणा व बीबीएमबी ने सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। पहले प्लान के अनुसार भाखड़ा डैम की सुरक्षा के लिए 435 कर्मचारियों की मांग की गई थी, लेकिन अब 296 मुलाजिमों की भर्ती को मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे में बीबीएमबी के डायरेक्टर सुरक्षा व सलाहकार को पत्र भेजा गया है। केंद्रीय बलों का सारा खर्च बीबीएमबी द्वारा उठाया जाएगा। साल 2025-26 का अनुमानित खर्च 8.58 करोड़ रुपए आएगा। प्रति मुलाजिम 2.90 लाख खर्च आएगा। केंद्रीय बलों के रहन-सहन, आवाजाही व अन्य चीजों का प्रबंध भी पंजाब द्वारा किया जाएगा। हिमाचल व पंजाब संभालते थे जिम्मा भाखड़ा डैम प्रोजेक्ट के अलग-अलग प्वाइंटों की सुरक्षा के लिए पंजाब व हिमाचल प्रदेश पुलिस की तैनाती है। पूरे प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए 288 पद मंजूर हैं, लेकिन तैनाती 347 पदों की है। नंगल डैम के छह प्वाइंटों पर पंजाब पुलिस के 146 जवान तैनात हैं। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के 201 जवान तैनात हैं। सुंदर नगर व पौंग डैम की सुरक्षा पहले ही सीआईएसएफ के हवाले है। बीबीएमबी चेयरमैन ने दिया हलफनामा बीबीएमबी चेयरमैन ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। दरअसल, पंजाब और हरियाणा में कई दिनों से जल विवाद चल रहा था। इसी बीच, 8 मई को बीबीएमबी चेयरमैन पानी छोड़ने के लिए भाखड़ा पहुंच गए थे। वहां पर लोगों और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पानी छोड़ने से रोक दिया और उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद सीएम भगवंत मान खुद भाखड़ा पहुंच गए थे। उन्होंने कहा था कि जब तक दो मई को केंद्रीय गृह सचिव की अगुआई में हुई मीटिंग के आदेश उन्हें नहीं दिए जाते, तब तक वे पानी नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान बीबीएमबी ने इस मामले में एक याचिका दायर की थी। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने हलफनामे में बताया कि पंजाब पुलिस ने उन्हें और उनके अधिकारियों को डैम संचालन में बाधित किया। कोर्ट ने पंजाब सरकार से उन पुलिसकर्मियों की पहचान करने को कहा है जिन्होंने कार्य में अड़चन डाली। इसके बाद पंजाब सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की थी। सरकार ने दिया था यह तर्क सरकार ने कोर्ट में यह तर्क दिया था कि राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 8 मई, 2025 को लाइव अदालती कार्यवाही के दौरान बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने माना कि वे सिर्फ स्थानीय नागरिकों से घिरे हुए थे और पंजाब पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने में सहायता की थी। हालांकि, 9 मई, 2025 को दिए गए एक हलफनामे में त्रिपाठी ने विपरीत आरोप लगाया कि उन्हें गैर-कानूनी हिरासत में रखा गया था, जो कि उनके पिछले अदालती बयान के बिल्कुल विपरीत है। जिसके परिणामस्वरूप, पंजाब सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा-379 का इस्तेमाल किया। इसमें हाइकोर्ट से बीएनएसएस की धारा-215 के तहत अपराध की जांच शुरू करने का अनुरोध किया गया, जो जानबूझकर झूठा हलफनामा जमा करने से संबंधित है। इसके अलावा, राज्य ने 6 मई, 2025 के उच्च न्यायालय के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने के लिए त्रिपाठी और संजीव कुमार, निदेशक (जल विनियमन) दोनों के विरुद्ध अदालत की अवमानना संबंधी कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। भाखड़ा बांध की सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार द्वारा सीआईएसएफ की तैनाती पर बवाल मच गया है। पंजाब सरकार ने इसका सीधा विरोध किया है। पंजाब के सीएम भगवंत मान का कहना है कि जो काम पंजाब पुलिस मुफ्त में कर रही है, उसके लिए हम पैसे क्यों दें। इसकी क्या जरूरत है? मान ने कहा कि अब पानी की कोई समस्या नहीं है। यह अगले साल की तैयारी है। उन्होंने पंजाब भाजपा के बड़े नेताओं कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, रवनीत सिंह बिट्टू और मनप्रीत सिंह बादल से पूछा है कि क्या यह पत्र आपकी सहमति से जारी किया गया है। उन्होंने कहा कि उन्हें अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। दूसरी तरफ इस मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। यह करीब दो घंटे तक चली। उनका कहना था कि बीबीएमबी ने कोई उचित रिकॉर्ड पेश नहीं किया। वहीं, अब कल भी इस मामल की सुनवाई होगी। सीएम ने कहा कि कल हरियाणा को उसके हिस्से का पानी जारी कर दिया गया। उसके बाद केंद्र सरकार ने फिर पंजाब पर हमला किया है। आदेश जारी किए गए हैं कि सीआईएसएफ के 296 कर्मचारी तैनात किए जाएंगे। प्रत्येक कर्मचारी पर प्रति वर्ष 2.90 लाख रुपये का खर्च आएगा। इस हिसाब से बीबीएमबी या पंजाब केंद्र को 8.58 करोड़ रुपये देगा। CM बोले- बांध निर्माण में लिए 143 करोड़ वापस नहीं किए उन्होंने कहा कि इसकी क्या जरूरत थी। पंजाब पुलिस यह काम मुफ्त में कर रही है। उन्होंने कहा कि हम कभी भी यह स्वीकार नहीं करेंगे कि हम अपना पानी वापस लौटाएं और उसका भुगतान भी करें। बीबीएमबी एक सफेद हाथी है। बांध बनाने के समय लिए गए 143 करोड़ वापस नहीं किए गए। सीएम ने कहा कि भाखड़ा नहर विवाद में सर्वदलीय अधिवेशन में पंजाब भाजपा के नेता भी शामिल हुए थे। उन्होंने कहा था कि पंजाब का पानी बाहर नहीं जाने देंगे। भाजपा नेता बताएंगे कि क्या उनकी सहमति से पत्र आया है। भाजपा के पास चार-पांच नेता हैं, इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह हैं जिन्हें पानी का रक्षक कहा जाता है। इसी तरह भाजपा प्रधान सुनील जाखड़ प्रधान, रवनीत सिंह बिट्टू, मनप्रीत बादल शामिल हैं। क्या किसी और को आगे बढ़ाने का इरादा है? ये सभी कांग्रेस से हैं। एक-दो और भाजपा छोड़ने की तैयारी कर रहे हैं। जिन्हें पुरस्कार दिए जा रहे हैं। उन्हें भी इस बारे में सोचना चाहिए। पंजाब को दबाने की कोशिश सीएम ने कहा कि पंजाब को दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी जा रही है। हाल ही में, क्रेडिट लिमिट कम कर दी गई है और आरडीएफ का पैसा भी नहीं दिया जा रहा है। इससे पहले जब पठानकोट आतंकी हमला हुआ था, जिसके बाद पंजाब सरकार को साढ़े सात करोड़ का बिल भेजा गया था। उस समय कहा गया था कि यह राशि आपकी सुरक्षा के लिए भेजी गई थी। मैंने उस समय रक्षा मंत्री से मुलाकात की थी और यह स्पष्ट किया था कि यह हमला केवल पंजाब पर नहीं, बल्कि पूरे देश पर था। पंजाब से बदला लिया जा रहा है सीएम ने कहा कि अगर पंजाब देश की सरहद की रक्षा कर सकता है तो डैम जो कि पंजाब में है, उसकी रक्षा करने में कर सकते हैं। उन्होंने सीआईएसफ लगाने के पीछे सोच क्या है। इसका क्या मतलब कि इंजीनियर वहां पहुंचकर पानी छोड़ देंगे। डैम के बाहर किसका एरिया पंजाब का है। ऐसे में इंजीनियर को पानी छोड़ने के लिए जाने देंगे। वहीं, उन्होंने कहा कि पंजाब से बदलाखोरी की जा रही है। या तो किसानों वाला बदला लिया जा रहा है। या फिर जो इलेक्शन में बात नहीं बन रही , उसका बदला लिया जा रहा है। पंजाब के प्रति बीजेपी से बहुत नफरत करती है। इनका बस नहीं चलता, वरना यह जन मन गन से पंजाब का नाम काट दे। इन्होंने कौन सा संसद में वोटिंग करवानी होती है। लोग सब समझे है। इस वजह से केंद्रीय सुरक्षा का फैसला हरियाणा को अतिरिक्त पानी देने को पंजाब व हरियाणा में माहौल तनातनी वाला बन गया था। हरियाणा की तरफ से दबाव था कि भाखड़ा नंगल डैम की सुरक्षा का जिम्मा केंद्रीय सुरक्षा बलों को सौंपा जाएगा। कांग्रेस के महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भी सरकार से यहां पर तैनाती की मांग की थी। वहीं, हरियाणा व बीबीएमबी ने सुरक्षा पर सवाल उठाए थे। पहले प्लान के अनुसार भाखड़ा डैम की सुरक्षा के लिए 435 कर्मचारियों की मांग की गई थी, लेकिन अब 296 मुलाजिमों की भर्ती को मंजूरी दी गई। केंद्र सरकार की तरफ से इस बारे में बीबीएमबी के डायरेक्टर सुरक्षा व सलाहकार को पत्र भेजा गया है। केंद्रीय बलों का सारा खर्च बीबीएमबी द्वारा उठाया जाएगा। साल 2025-26 का अनुमानित खर्च 8.58 करोड़ रुपए आएगा। प्रति मुलाजिम 2.90 लाख खर्च आएगा। केंद्रीय बलों के रहन-सहन, आवाजाही व अन्य चीजों का प्रबंध भी पंजाब द्वारा किया जाएगा। हिमाचल व पंजाब संभालते थे जिम्मा भाखड़ा डैम प्रोजेक्ट के अलग-अलग प्वाइंटों की सुरक्षा के लिए पंजाब व हिमाचल प्रदेश पुलिस की तैनाती है। पूरे प्रोजेक्ट की सुरक्षा के लिए 288 पद मंजूर हैं, लेकिन तैनाती 347 पदों की है। नंगल डैम के छह प्वाइंटों पर पंजाब पुलिस के 146 जवान तैनात हैं। इसी तरह हिमाचल प्रदेश के 201 जवान तैनात हैं। सुंदर नगर व पौंग डैम की सुरक्षा पहले ही सीआईएसएफ के हवाले है। बीबीएमबी चेयरमैन ने दिया हलफनामा बीबीएमबी चेयरमैन ने हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल किया। दरअसल, पंजाब और हरियाणा में कई दिनों से जल विवाद चल रहा था। इसी बीच, 8 मई को बीबीएमबी चेयरमैन पानी छोड़ने के लिए भाखड़ा पहुंच गए थे। वहां पर लोगों और आम आदमी पार्टी के नेताओं ने पानी छोड़ने से रोक दिया और उन्हें बंधक बना लिया। इसके बाद सीएम भगवंत मान खुद भाखड़ा पहुंच गए थे। उन्होंने कहा था कि जब तक दो मई को केंद्रीय गृह सचिव की अगुआई में हुई मीटिंग के आदेश उन्हें नहीं दिए जाते, तब तक वे पानी नहीं छोड़ेंगे। इस दौरान बीबीएमबी ने इस मामले में एक याचिका दायर की थी। भाखड़ा ब्यास प्रबंधन बोर्ड (BBMB) के चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने हलफनामे में बताया कि पंजाब पुलिस ने उन्हें और उनके अधिकारियों को डैम संचालन में बाधित किया। कोर्ट ने पंजाब सरकार से उन पुलिसकर्मियों की पहचान करने को कहा है जिन्होंने कार्य में अड़चन डाली। इसके बाद पंजाब सरकार ने इस मामले में कार्रवाई की थी। सरकार ने दिया था यह तर्क सरकार ने कोर्ट में यह तर्क दिया था कि राज्य सरकार के प्रवक्ता ने बताया कि 8 मई, 2025 को लाइव अदालती कार्यवाही के दौरान बीबीएमबी चेयरमैन मनोज त्रिपाठी ने माना कि वे सिर्फ स्थानीय नागरिकों से घिरे हुए थे और पंजाब पुलिस ने उन्हें सुरक्षित बाहर निकलने में सहायता की थी। हालांकि, 9 मई, 2025 को दिए गए एक हलफनामे में त्रिपाठी ने विपरीत आरोप लगाया कि उन्हें गैर-कानूनी हिरासत में रखा गया था, जो कि उनके पिछले अदालती बयान के बिल्कुल विपरीत है। जिसके परिणामस्वरूप, पंजाब सरकार ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस), 2023 की धारा-379 का इस्तेमाल किया। इसमें हाइकोर्ट से बीएनएसएस की धारा-215 के तहत अपराध की जांच शुरू करने का अनुरोध किया गया, जो जानबूझकर झूठा हलफनामा जमा करने से संबंधित है। इसके अलावा, राज्य ने 6 मई, 2025 के उच्च न्यायालय के आदेश की जानबूझकर अवहेलना करने के लिए त्रिपाठी और संजीव कुमार, निदेशक (जल विनियमन) दोनों के विरुद्ध अदालत की अवमानना संबंधी कार्रवाई शुरू करने की मांग की है। पंजाब | दैनिक भास्कर
