हरियाणा के करनाल के रहने वाले युवक की अमेरिका के वॉशिंगटन में मौत हो गई। युवक पार्सल डिलीवरी का काम करता था। काम के दौरान उसकी गाड़ी को कार ने टक्कर मार दी। मृतक की पहचान बलड़ी गांव के रहने वाले राहुल (23) के रूप में हुई है। घटना के बाद से पिता, मां और बहन का रो-रोक कर बुरा हाल है। युवक का शव भारत लाने के लिए अमेरिका में युवकों द्वारा डोनेशन एकत्रित किया जा रहा है। राहुल के पिता सुभाष ने बताया कि उनका परिवार मौजूदा समय में बसंत विहार में रहता है। उसका सपना था कि उसका बेटा विदेश में काम करे। इसके लिए उसने 50 लाख रुपए का कर्ज लिया और 8 महीने पहले डंकी के रास्ते उसे अमेरिका भेज दिया। करीब 2 महीने पहले ही उसे वॉशिंगटन में पार्सल डिलीवरी का काम मिला था। यहां वह पार्सल वाली गाड़ी चलाता था। 29 मई (भारत में 30 मई) की रात 9 बजे राहुल रेड लाइट पर गाड़ी में था। उसी दौरान दूसरी तरफ से तेज रफ्तार कार आई और राहुल की गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की राहुल की मौके पर ही मौत हो गई। घर ने आने पर दोस्तों ने ढूंढना शुरू किया
राहुल जब वॉशिंगटन में घर नहीं पहुंचा तो उसके रिश्ते में भाई लगने वाले रमन ने उसे कॉल की। नंबर बंद आने पर रमन ने अपने साथियों के साथ राहुल की तलाश शुरू कर दी। रेड लाइट पर उसकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हालत में मिली। इसके बाद सभी युवक तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि सड़क हादसे में राहुल की मौत हो चुकी है। इसके बाद बलड़ी गांव में परिवार को राहुल की मौत की जानकारी दी। राहुल के पिता ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि कर्ज लेने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बेटे के शव को भारत लाने में मदद की जाए। पिता करते है इलेक्ट्रीशियन का काम
राहुल के परिवार में उसकी छोटी बहन है, जो अभी पढ़ाई कर रही है। पिता इलेक्ट्रीशियन का काम करते हैं। पिता ने अपने बेटे को कर्ज लेकर विदेश भेज दिया, ताकि घर के हालात सुधर सके, लेकिन किस्मत को कुछ ओर ही मंजूर था। हरियाणा के करनाल के रहने वाले युवक की अमेरिका के वॉशिंगटन में मौत हो गई। युवक पार्सल डिलीवरी का काम करता था। काम के दौरान उसकी गाड़ी को कार ने टक्कर मार दी। मृतक की पहचान बलड़ी गांव के रहने वाले राहुल (23) के रूप में हुई है। घटना के बाद से पिता, मां और बहन का रो-रोक कर बुरा हाल है। युवक का शव भारत लाने के लिए अमेरिका में युवकों द्वारा डोनेशन एकत्रित किया जा रहा है। राहुल के पिता सुभाष ने बताया कि उनका परिवार मौजूदा समय में बसंत विहार में रहता है। उसका सपना था कि उसका बेटा विदेश में काम करे। इसके लिए उसने 50 लाख रुपए का कर्ज लिया और 8 महीने पहले डंकी के रास्ते उसे अमेरिका भेज दिया। करीब 2 महीने पहले ही उसे वॉशिंगटन में पार्सल डिलीवरी का काम मिला था। यहां वह पार्सल वाली गाड़ी चलाता था। 29 मई (भारत में 30 मई) की रात 9 बजे राहुल रेड लाइट पर गाड़ी में था। उसी दौरान दूसरी तरफ से तेज रफ्तार कार आई और राहुल की गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की राहुल की मौके पर ही मौत हो गई। घर ने आने पर दोस्तों ने ढूंढना शुरू किया
राहुल जब वॉशिंगटन में घर नहीं पहुंचा तो उसके रिश्ते में भाई लगने वाले रमन ने उसे कॉल की। नंबर बंद आने पर रमन ने अपने साथियों के साथ राहुल की तलाश शुरू कर दी। रेड लाइट पर उसकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हालत में मिली। इसके बाद सभी युवक तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि सड़क हादसे में राहुल की मौत हो चुकी है। इसके बाद बलड़ी गांव में परिवार को राहुल की मौत की जानकारी दी। राहुल के पिता ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है। उनका कहना है कि कर्ज लेने के बाद परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। बेटे के शव को भारत लाने में मदद की जाए। पिता करते है इलेक्ट्रीशियन का काम
राहुल के परिवार में उसकी छोटी बहन है, जो अभी पढ़ाई कर रही है। पिता इलेक्ट्रीशियन का काम करते हैं। पिता ने अपने बेटे को कर्ज लेकर विदेश भेज दिया, ताकि घर के हालात सुधर सके, लेकिन किस्मत को कुछ ओर ही मंजूर था। हरियाणा | दैनिक भास्कर