पंजाब के जालंधर में हलका नकोदर के पास का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ व्यक्ति शराब बांटते हुए नजर आ रहे हैं। इसे लेकर थाना नूरमहल की पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की पहचान दलजिंदर सिंह पुत्र जसविंदर सिंह निवासी लिद्दड़ां गांव, नकोदर सदर के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार ये एफआईआर एक्साइज विभाग के सर्किल इंस्पेक्टर साहिल रंगा के बयानों पर दर्ज किया गया है। चुनाव के बीच शराब की लोडिंग अपने बयानों में नकोदर हलके में तैनात इंस्पेक्टर साहिल रंगा ने कहा- उन्हें एसडीएफ ऑफिस से सूचना दी गई कि नूरमहल के गांव संघा जागीर के पास एक गाड़ी में शराब लोड की जा रही है। सूचना के आधार पर तुरंत टीम कार्रवाई के लिए पहुंच गई थी। पुलिस ने नकोदर में स्थित एक घर पर रेड की और घर के बाथरूम से शराब बरामद की। पुलिस ने मौके से आरोपी दलजिंदर सिंह को उसकी स्कॉर्पियो गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। कुल 15 पेटी शराब पुलिस ने बरामद की है। पुलिस ने बरामद की गई शराब के बारे में दलजिंदर से पूछताछ भी की, मगर कुछ नहीं पता चला और ना ही उसके पास से कोई परमिट बरामद किया गया। बता दें कि वायरल हुई वीडियो में नकोदर हलके के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी नजर आ रहे हैं। हालांकि उन पर पुलिस या एक्साइज द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पंजाब के जालंधर में हलका नकोदर के पास का एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। जिसमें कुछ व्यक्ति शराब बांटते हुए नजर आ रहे हैं। इसे लेकर थाना नूरमहल की पुलिस ने एक आरोपी के खिलाफ एक्साइज एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया है। आरोपी की पहचान दलजिंदर सिंह पुत्र जसविंदर सिंह निवासी लिद्दड़ां गांव, नकोदर सदर के रूप में हुई है। मिली जानकारी के अनुसार ये एफआईआर एक्साइज विभाग के सर्किल इंस्पेक्टर साहिल रंगा के बयानों पर दर्ज किया गया है। चुनाव के बीच शराब की लोडिंग अपने बयानों में नकोदर हलके में तैनात इंस्पेक्टर साहिल रंगा ने कहा- उन्हें एसडीएफ ऑफिस से सूचना दी गई कि नूरमहल के गांव संघा जागीर के पास एक गाड़ी में शराब लोड की जा रही है। सूचना के आधार पर तुरंत टीम कार्रवाई के लिए पहुंच गई थी। पुलिस ने नकोदर में स्थित एक घर पर रेड की और घर के बाथरूम से शराब बरामद की। पुलिस ने मौके से आरोपी दलजिंदर सिंह को उसकी स्कॉर्पियो गाड़ी के साथ गिरफ्तार किया है। कुल 15 पेटी शराब पुलिस ने बरामद की है। पुलिस ने बरामद की गई शराब के बारे में दलजिंदर से पूछताछ भी की, मगर कुछ नहीं पता चला और ना ही उसके पास से कोई परमिट बरामद किया गया। बता दें कि वायरल हुई वीडियो में नकोदर हलके के वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी नजर आ रहे हैं। हालांकि उन पर पुलिस या एक्साइज द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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रेडीमेड कपड़ों पर प्रस्तावित जीएसटी वृद्धि से कारोबार हो जाएगा चौपट : व्यापार मंडल
रेडीमेड कपड़ों पर प्रस्तावित जीएसटी वृद्धि से कारोबार हो जाएगा चौपट : व्यापार मंडल भास्कर न्यूज | अमृतसर पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल के प्रधान प्यारे लाल सेठ एवं महामंत्री समीर जैन ने ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स (जीओएम) द्वारा रेडीमेड कपड़ों पर जीएसटी दरों में प्रस्तावित वृद्धि पर चिंता व्यक्त की है। उनका मानना है कि यह संशोधन रेडीमेड कपड़ा उद्योग के लिए बेहद घातक सिद्ध होगा और व्यापार, रोजगार, व निर्यात पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा। उन्होंने बताया कि ग्रुप ऑफ मिनिस्टर्स ने प्रस्ताव रखा है कि 1,500 से ऊपर के रेडीमेड कपड़ों पर 18% जीएसटी, 10,000 से ऊपर 28% की जाए। जबकि वर्तमान में 1,000 रुपए तक के रेडीमेड कपड़ों पर 5% और इससे ऊपर के रेडीमेड कपड़ों पर 12% जीएसटी लागू है। उन्होंने कहा कि यदि संशोधन करना है तो 1,000 रुपए तक की सीमा को बढ़ाकर 2,000 रुपए कर 5% जीएसटी लागू किया जाए। 2000 रुपए से ऊपर के कपड़ों पर 12% किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि नई दरों से छोटे और मंझले दर्जी, खुदरा व्यापारी और स्थानीय बुनकर बुरी तरह प्रभावित होंगे। उनकी उत्पादन और व्यापारिक लागत बढ़ जाएगी, जिससे उनका व्यवसाय संकट में आ सकता है। भारतीय रेडीमेड कपड़ा उद्योग, जो अपनी गुणवत्ता के लिए दुनियाभर में प्रसिद्ध है, अंतरराष्ट्रीय बाजार में प्रतिस्पर्धा खो देगा। उच्च कर दरें निर्यात में गिरावट का कारण बनेंगी। 1,500 रुपए से ऊपर के हाथ से बने कपड़ों पर बढ़ी हुई दरें छोटे बुनकरों और स्वदेशी उद्योगों के लिए नुकसानदेह साबित होगी।
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चंडीगढ़ में हनुमान मंदिर से चोरी:चोरों ने गायब किये 4 किलो चांदी, जांच में जुटी पुलिस
चंडीगढ़ में हनुमान मंदिर से चोरी:चोरों ने गायब किये 4 किलो चांदी, जांच में जुटी पुलिस चंडीगढ़ के सेक्टर 19 स्थित ऐतिहासिक हनुमान मंदिर से चोरों ने 3/4 किलो चांदी चुरा ली, जिससे श्रद्धालुओं की भावनाओं को गहरा आघात पहुंचा है। यह घटना 8 नवंबर की रात को हुई, जब चोरों ने मंदिर की सुरक्षा को धता बताते हुए वहां से चांदी का कीमती सामान चुराया। हनुमान मंदिर अपने धार्मिक महत्व के कारण श्रद्धालुओं के बीच अत्यधिक पूजनीय है। रोजाना यहां सैकड़ों श्रद्धालु अपनी आस्था के साथ आते हैं। चोरी की इस घटना ने भक्तों में गहरी चिंता पैदा कर दी है। इस घटना की जानकारी मिलते ही स्वास्तिक एन्क्लेव, नयागांव, मोहाली के निवासी हेमंत शास्त्री ने इसकी शिकायत पुलिस स्टेशन सेक्टर 19 में दर्ज कराई। पुलिस ने एफआईआर नंबर 86 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और जांच शुरू कर दी है। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, चोरों की पहचान करने के लिए मंदिर और उसके आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों की फुटेज को खंगाला जा रहा है। पुलिस उम्मीद कर रही है कि जल्द ही चोरों को पकड़ा जाएगा और इस मामले का खुलासा किया जाएगा। मंदिर प्रबंधन और भक्तों में चोरी की इस घटना के बाद भय का माहौल है। मंदिर प्रबंधन का कहना है कि इस घटना ने सुरक्षा व्यवस्थाओं पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश
कंगना रनोट के खिलाफ FIR की मांग उठी:SGPC- फिल्म इमरजेंसी पर लगे प्रतिबंध; सिखों के चरित्र को गलत तरीके से किया पेश हिमाचल प्रदेश की मंडी संसदीय सीट से BJP सांसद व एक्ट्रेस कंगना रनोट अपकमिंग मूवी इमरजेंसी की रिलीज पर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) और श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ने प्रतिबंध लगाए जाने की मांग उठा दी है। फिल्म में पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी का रोल करने वाली कंगना रनोट के खिलाफ FIR भी दर्ज करने को कहा है। फिल्म 6 सितंबर को रिलीज होनी है। SGPC के अध्यक्ष एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी ने आरोप लगाया है कि सिखों के चरित्र को गलत तरीके से चित्रित करने वाली फिल्म ‘इमरजेंसी’ पर तत्काल प्रतिबंध लगना चाहिए। यह फिल्म सिख विरोधी और पंजाब विरोधी शब्दावली के कारण विवादों में रहने वाली अभिनेत्री कंगना रनोट द्वारा जानबूझकर सिखों का चरित्र हरण करने के इरादे से बनाई गई है। जिसे सिख समुदाय बर्दाश्त नहीं कर सकता। एडवोकेट धामी ने कहा कि यह 1984 के महान शहीदों के बारे में सिख विरोधी कहानी बनाकर देश का अपमान करने का घृणित कार्य है। उन्होंने कहा कि देश 1984 की सिख विरोधी क्रूरता को कभी नहीं भूल सकता और जरनैल सिंह खालसा भिंडरावाले को श्री अकाल तख्त साहिब ने राष्ट्रीय शहीद घोषित किया है, जबकि कंगना रनोट की फिल्म उनके चरित्र को मारने की कोशिश कर रही है। कंगना पर सिखों की भावनाओं को भड़काने के आरोप एडवोकेट धामी ने कहा कि कंगना रनोट अक्सर जानबूझकर सिखों की भावनाओं को भड़काने वाली बातें करती रही हैं। सरकार उनके खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय उन्हें बचा रही है। सरकार को कंगना रनोट के खिलाफ फिल्म इमरजेंसी के जरिए सिखों की धार्मिक भावनाएं भड़काने का मामला दर्ज करना चाहिए। धामी ने कड़ी आपत्ति जताते हुए कहा कि इमरजेंसी फिल्म के जारी ट्रेलर से साफ है कि इसमें जानबूझकर सिखों के चरित्र को आतंकवादी के रूप में गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया है, जो एक गहरी साजिश का हिस्सा है। सिख कार्यकर्ता पर आधारित फिल्म पर लगा था प्रतिबंध धामी ने कहा कि एक तरफ मानवाधिकारों की बात करने वाले सिख कार्यकर्ता भाई जसवंत सिंह खालड़ा के जीवन पर बनी फिल्म ‘पंजाब 95’ की रिलीज को 85 कट लगाने के बाद भी सेंसर बोर्ड की तरफ से मंजूर नहीं किया गया था। जबकि सिख समुदाय के बारे में गलत तथ्य पेश करने वाली इमरजेंसी फिल्म को रिलीज किया जा रहा है। ये दोहरे मापदंड देशहित में नहीं हैं, इसलिए सरकार को इस बारे में सोचने की जरूरत है। सेंसर बोर्ड में सिख सदस्य शामिल करने की मांग एडवोकेट धामी ने केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिख सदस्यों को शामिल करने की मांग की है। सिख सदस्य की अनुपस्थिति के कारण ही एकतरफा फैसले लिए जा रहे हैं। SGPC ने कई बार अपनी आम बैठक में प्रस्ताव पारित कर मांग की है कि केंद्रीय फिल्म सेंसर बोर्ड में सिखों का एक प्रतिनिधि जरूर शामिल किया जाए, लेकिन दुख की बात है कि सरकार इस पर अमल नहीं कर रही है। फिल्म में दिखाया आतंकवाद का दौर, भिंडरांवाले का कैरेक्टर भी रखा कंगना ने कुछ दिन पहले इस फिल्म का ट्रेलर अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर किया था। जिसमें पंजाब में 1980 के दशक में आतंकवाद के दौर को भी दिखाया गया है। इसमें एक कैरेक्टर को जरनैल सिंह भिंडरांवाला भी बनाया गया है, जिसे कट्टरपंथी सिख संत के तौर पर देखते हैं। सर्बजीत खालसा का मानना है कि फिल्म में ब्लू स्टार ऑपरेशन को लेकर भी फिल्माया गया है, जो जरनैल सिंह भिंडरांवाला को खत्म करने के लिए ही चलाया गया था। 1975 में आंधी फिल्म पर लगा था बैन इससे पहले, 1975 में आंधी फिल्म को इमरजेंसी के दौरान इंदिरा गांधी सरकार ने बैन कर दिया था। फिल्म इमरजेंसी से कुछ वक्त पहले रिलीज हुई थी, जिसने तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और कांग्रेस नेताओं की नींद उड़ा दी थी। फिल्म पर कांग्रेस पार्टी की इमेज खराब करने का आरोप लगा था। फिल्म पर बैन लगने के बाद, लीड एक्ट्रेस सुचित्रा सेन कभी किसी हिंदी फिल्म में नजर नहीं आईं। अफवाहें थीं कि यह फिल्म इंदिरा गांधी और उनके पूर्व पति के साथ रिश्ते पर बनी है, लेकिन सच्चाई सिर्फ इतनी थी कि सुचित्रा सेन ने आरती देवी का किरदार निभाया था, जिसकी लुक ही इंदिरा गांधी से प्रेरित थी। बाद में जनता पार्टी के सत्ता में आने के बाद 1977 में इसे रिलीज किया। पहले भी विवादों में रह चुकीं कंगना रनोट 1. किसान आंदोलन से जुड़ी टिप्पणी पर हो चुका केस कंगना भाजपा के विरोधी दलों और उनकी ओर से चलाए जाने वाले आंदोलनों पर तल्ख टिप्पणियां करती रही हैं। किसान आंदोलन के दौरान उन्होंने धरना देने वाली महिलाओं के बारे में कह दिया था कि ये लोग 100-100 रुपए लेकर धरने में आती हैं। इसे लेकर उनके खिलाफ पंजाब के कोर्ट में मानहानि का केस भी किया गया। इतना ही नहीं, बीते दिनों चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF महिला कर्मी की तरफ से कंगना को किसान आंदोलन के लिए थप्पड़ जड़ दिया गया था। जिसके बाद विवाद काफी बढ़ गया था। 2. करण जौहर को बता चुकी मूवी माफिया कंगना रनोट फिल्मों के साथ-साथ कई सेलिब्रिटीज के साथ पंगे की वजह से चर्चा में रही हैं। वह बॉलीवुड इंडस्ट्री में चलने वाले नेपोटिज्म यानी भाई-भतीजावाद के खिलाफ खुलकर बोलती रही हैं। नेपो किड्स उनके निशाने पर रहे हैं और वह आउटसाइडर्स के लिए आवाज उठाती रही हैं। कंगना ने एक बार बॉलीवुड के मशहूर डायरेक्टर और धर्मा प्रोडक्शन कंपनी के कर्ता-धर्ता करण जौहर के शो कॉफी विद करण में उनको मूवी माफिया और नेपोटिज्म का फ्लैग बियरर तक बता दिया था। कंगना ने कहा था कि करण जौहर केवल स्टार किड्स को प्रमोट करते हैं और छोटे शहरों से आने वाले कलाकारों को बॉलीवुड में टिकने नहीं देते। एक्टर सुशांत सिंह राजपूत के सुसाइड के बाद भी कंगना ने बॉलीवुड के बड़े प्रोडक्शन हाउस के खिलाफ बयान दिए। नेपोटिज्म पर उनके बयान के बाद करण जौहर के साथ-साथ सलमान खान, आलिया भट्ट जैसे सितारे भी सवालों के घेरे में आ गए। महाराष्ट्र में शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी के गठबंधन वाली सरकार के दौरान मुंबई में कंगना रनोट का दफ्तर तोड़ने के बाद भी वह खूब चर्चा में रही थीं।