गुरुग्राम को प्रदेश का पहला सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गुरुग्राम को तीन माह के भीतर पॉलीथिन मुक्त करने का लक्ष्य पूरा करें। इसके लिए वे फैक्ट्रियों को बंद करवाएं, विक्रेताओं व स्टॉकिस्टों पर छापेमारी करें या इसका उपयोग करने वालों पर जुर्माना लगाएं। पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने नगर निगम मानेसर व गुरुग्राम, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, उद्योग विभाग के अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाकर इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। सख्ती बरतने के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि पॉलीथिन तथा सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस और सुनियोजित कार्ययोजना बनाई जाए तथा सख्ती से लागू की जाए। क्योंकि प्रदेश को पॉलीथिन तथा प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सभी निर्णायक पहल की जा रही है। इन्ही प्रयासों के तहत सर्वप्रथम गुरुग्राम में तीन माह का एक विशेष पायलट अभियान चलाया जाएगा। जिसका उद्देश्य शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह मुक्त करना है। प्लास्टिक की इन चीजों पर रोक इस अभियान में पॉलीथिन बैग, प्लास्टिक कप, प्लेट, चम्मच, स्ट्रॉ, आदि के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह अभियान केवल दिखावे का न होकर ग्राउंड लेवल पर प्रभावी और लंबे समय तक होना चाहिए। इसके लिए सभी प्रभावी पहलुओं पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2013 से पॉलीथिन बनना व बिकना पूर्णतः बैन है। ऐसे में संबंधित अधिकारी शहर में इनकी बिक्री वाले गोदामों तथा इनके निर्माण में लिप्त इकाइयों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। सभी उपलब्ध संसाधनों के इस्तेमाल के दिए निर्देश पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जिला को पॉलीथिन तथा सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में सभी उपलब्ध संसाधनों का प्राथमिकता के साथ इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों, बाजारों, रिहायशी कॉलोनियों और औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए। आमजन की भागीदारी होनी जरूरी स्वयंसेवी संस्थाओं, युवाओं और आरडब्ल्यूए की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। कपड़े के थैले, बायो डीग्रेडेबल पैकेजिंग सामग्री, और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए। प्रशासनिक अधिकारी आम जनता, दुकानदारों, उद्यमियों एवं छात्र संगठनों की सक्रिय भागीदारी से इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की दिशा में काम करे। स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम की पहचान एक स्मार्ट और प्रगतिशील शहर के रूप में है। अब समय आ गया है कि हम इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक आदर्श शहर बनाएं। प्लास्टिक प्रदूषण से न केवल पर्यावरण को बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा है। यह अभियान केवल सरकार का नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं क्षेत्र में जाकर निरीक्षण करें और लोगों को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। गुरुग्राम को प्रदेश का पहला सिंगल यूज प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया जा रहा है। पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने अधिकारियों को निर्देश दिए हैं कि वे गुरुग्राम को तीन माह के भीतर पॉलीथिन मुक्त करने का लक्ष्य पूरा करें। इसके लिए वे फैक्ट्रियों को बंद करवाएं, विक्रेताओं व स्टॉकिस्टों पर छापेमारी करें या इसका उपयोग करने वालों पर जुर्माना लगाएं। पर्यावरण मंत्री राव नरबीर सिंह ने नगर निगम मानेसर व गुरुग्राम, हरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, शहरी स्थानीय निकाय विभाग, जिला प्रशासन, पुलिस विभाग, उद्योग विभाग के अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाकर इस संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार पर्यावरण संरक्षण की दिशा में लगातार ठोस कदम उठा रही है। सख्ती बरतने के निर्देश दिए उन्होंने कहा कि पॉलीथिन तथा सिंगल यूज़ प्लास्टिक प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए ठोस और सुनियोजित कार्ययोजना बनाई जाए तथा सख्ती से लागू की जाए। क्योंकि प्रदेश को पॉलीथिन तथा प्रदूषण से मुक्त रखने के लिए पर्यावरण मंत्रालय द्वारा सभी निर्णायक पहल की जा रही है। इन्ही प्रयासों के तहत सर्वप्रथम गुरुग्राम में तीन माह का एक विशेष पायलट अभियान चलाया जाएगा। जिसका उद्देश्य शहर को सिंगल यूज प्लास्टिक से पूरी तरह मुक्त करना है। प्लास्टिक की इन चीजों पर रोक इस अभियान में पॉलीथिन बैग, प्लास्टिक कप, प्लेट, चम्मच, स्ट्रॉ, आदि के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लागू किया जाएगा। पर्यावरण मंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि यह अभियान केवल दिखावे का न होकर ग्राउंड लेवल पर प्रभावी और लंबे समय तक होना चाहिए। इसके लिए सभी प्रभावी पहलुओं पर विशेष बल दिया जाए। उन्होंने कहा कि हरियाणा में वर्ष 2013 से पॉलीथिन बनना व बिकना पूर्णतः बैन है। ऐसे में संबंधित अधिकारी शहर में इनकी बिक्री वाले गोदामों तथा इनके निर्माण में लिप्त इकाइयों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करें। सभी उपलब्ध संसाधनों के इस्तेमाल के दिए निर्देश पर्यावरण मंत्री ने कहा कि जिला को पॉलीथिन तथा सिंगल यूज़ प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में सभी उपलब्ध संसाधनों का प्राथमिकता के साथ इस्तेमाल किया जाए। उन्होंने कहा कि इसके लिए स्कूलों, कॉलेजों, बाजारों, रिहायशी कॉलोनियों और औद्योगिक क्षेत्रों में विशेष जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किए जाए। आमजन की भागीदारी होनी जरूरी स्वयंसेवी संस्थाओं, युवाओं और आरडब्ल्यूए की भागीदारी सुनिश्चित की जाए। कपड़े के थैले, बायो डीग्रेडेबल पैकेजिंग सामग्री, और अन्य पर्यावरण-अनुकूल विकल्पों को बढ़ावा दिया जाए। प्रशासनिक अधिकारी आम जनता, दुकानदारों, उद्यमियों एवं छात्र संगठनों की सक्रिय भागीदारी से इस अभियान को जन आंदोलन का रूप देने की दिशा में काम करे। स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है राव नरबीर सिंह ने कहा कि गुरुग्राम की पहचान एक स्मार्ट और प्रगतिशील शहर के रूप में है। अब समय आ गया है कि हम इसे पर्यावरणीय दृष्टिकोण से भी एक आदर्श शहर बनाएं। प्लास्टिक प्रदूषण से न केवल पर्यावरण को बल्कि मानव स्वास्थ्य को भी गंभीर खतरा है। यह अभियान केवल सरकार का नहीं बल्कि हर नागरिक की जिम्मेदारी है। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि वे स्वयं क्षेत्र में जाकर निरीक्षण करें और लोगों को इस अभियान से जुड़ने के लिए प्रेरित करें। हरियाणा | दैनिक भास्कर
