भाखड़ा जल विवाद मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई आज:हरियाणा व केंद्र सरकार पेश करेगी दलीलें, पंजाब सरकार दाखिल कर चुकी है जवाब

भाखड़ा जल विवाद मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई आज:हरियाणा व केंद्र सरकार पेश करेगी दलीलें, पंजाब सरकार दाखिल कर चुकी है जवाब

भाखड़ा के पानी पर पंजाब और हरियाणा में चल रहे विवाद पर आज तीसरे दिन सुनवाई होगी। पंजाब सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। वहीं आज हरियाणा व केंद्र सरकार अपनी दलीलें पेश करेगी। इसके बाद अदालत इस दिशा में फैसला सुनाएगी। हरियाणा को नए कोटे के तहत निर्धारित पानी छोड़ दिया गया है। दूसरी ओर, डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी उठाया है।
बीबीएमबी और हरियाणा सरकार ने किया गुमराह
पंजाब सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका उच्च अदालत में दायर की है। इसमें तर्क दिया गया है कि जब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई, तो केंद्र और हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया गया। सरकार ने एक एप्लिकेशन लगाई, जिसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा, और हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को पत्र भेजा। बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद गृह सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है।
सीआईएसएफ की तैनाती पर भी विवाद
जब केंद्र सरकार यह पानी का विवाद सुलझाने में लगी थी, तब 19 मई को डैम की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को मंजूरी दी गई। इसके लिए 296 कर्मचारियों की यूनिट मंजूरी दी गई है। सीआईएसएफ ने बीबीएमबी को पत्र भेजकर चालू वित्त वर्ष के लिए 8.59 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है, साथ ही आवास और परिवहन आदि की व्यवस्था भी करने को कहा है। हालांकि, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इस पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस यह काम मुफ्त में कर रही थी, तो इसके लिए पैसे क्यों दिए जाएं? उन्होंने पंजाब के बीजेपी नेताओं से पूछा कि क्या उनकी सहमति से यह पत्र जारी हुआ था। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सीआईएसएफ का काम सुरक्षा का है, पानी छोड़ने से उनका लेना-देना नहीं है। भाखड़ा के पानी पर पंजाब और हरियाणा में चल रहे विवाद पर आज तीसरे दिन सुनवाई होगी। पंजाब सरकार ने अपना जवाब दाखिल कर दिया है। वहीं आज हरियाणा व केंद्र सरकार अपनी दलीलें पेश करेगी। इसके बाद अदालत इस दिशा में फैसला सुनाएगी। हरियाणा को नए कोटे के तहत निर्धारित पानी छोड़ दिया गया है। दूसरी ओर, डैम पर सीआईएसएफ की तैनाती के लिए प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस मामले को नीति आयोग की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष भी उठाया है।
बीबीएमबी और हरियाणा सरकार ने किया गुमराह
पंजाब सरकार ने इस मामले में पुनर्विचार याचिका उच्च अदालत में दायर की है। इसमें तर्क दिया गया है कि जब इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट में हुई, तो केंद्र और हरियाणा सरकार पर तथ्य छुपाने का आरोप लगाया गया। सरकार ने एक एप्लिकेशन लगाई, जिसमें कहा गया कि 28 अप्रैल को बीबीएमबी में पानी के मुद्दे पर सभी राज्यों की मीटिंग हुई थी, लेकिन कोई हल नहीं निकला। इसके बाद हरियाणा सरकार ने बीबीएमबी के चेयरमैन को पत्र लिखा, और हरियाणा के सीएम नायब सैनी ने केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्‌टर को पत्र भेजा। बीबीएमबी के चेयरमैन ने मामला केंद्र को भेज दिया। इसके बाद गृह सचिव की अध्यक्षता में एक बैठक हुई, जबकि पावर डिपार्टमेंट कभी मीटिंग नहीं लेता है।
सीआईएसएफ की तैनाती पर भी विवाद
जब केंद्र सरकार यह पानी का विवाद सुलझाने में लगी थी, तब 19 मई को डैम की सुरक्षा के लिए सीआईएसएफ को मंजूरी दी गई। इसके लिए 296 कर्मचारियों की यूनिट मंजूरी दी गई है। सीआईएसएफ ने बीबीएमबी को पत्र भेजकर चालू वित्त वर्ष के लिए 8.59 करोड़ रुपए जमा कराने को कहा है, साथ ही आवास और परिवहन आदि की व्यवस्था भी करने को कहा है। हालांकि, पंजाब के सीएम भगवंत मान ने इस पर ऐतराज जताया। उन्होंने कहा कि जब पंजाब पुलिस यह काम मुफ्त में कर रही थी, तो इसके लिए पैसे क्यों दिए जाएं? उन्होंने पंजाब के बीजेपी नेताओं से पूछा कि क्या उनकी सहमति से यह पत्र जारी हुआ था। केंद्रीय मंत्री रवनीत सिंह बिट्टू ने कहा कि सीआईएसएफ का काम सुरक्षा का है, पानी छोड़ने से उनका लेना-देना नहीं है।   पंजाब | दैनिक भास्कर