रोहतक MDU में फीस वृद्धि का विरोध:छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, बढ़ाई गई फीस जल्द वापस लेने की रखी मांग

रोहतक MDU में फीस वृद्धि का विरोध:छात्रों ने चलाया हस्ताक्षर अभियान, बढ़ाई गई फीस जल्द वापस लेने की रखी मांग

रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में नए शैक्षणिक सत्र में 2024-25 की फीस वृद्धि का छात्र युवा संघर्ष समिति ने विरोध किया। साथ ही समिति ने एमडीयू में हस्ताक्षर अभियान चलाया। वहीं प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द बढ़ाई गई फीस को वापस लिया जाए। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े। छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक धनखड़ ने कहा कि नए सत्र के लिए एमडीयू द्वारा 5 गुना तक फीस वृद्धि की गई है। जिससे सीधा विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी पढ़ाई भी वंचित भी रह सकते हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए पढ़ना भी मुश्किल भरा हो जाएगा। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फसी वृद्धि के फैसले को वापस लिया जाए। एमडीयू में कोर्सों की ना बढ़ाई जाए फीस
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के एडमिशन शुरू होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत होने वाले एडमिशन विद्यार्थियों के लिए बहुत महंगे होने जा रहे हैं। जिसके अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 वर्षीय यूजी कोर्सेज को जोड़ा है। जिसकी फीस विश्वविद्यालय में होने वाले पहले से इंटीग्रेटेड कोर्सों से लगभग चार से पांच गुना है। विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए फीस नहीं बढ़ानी चाहिए। जिसका विद्यार्थी व संगठन विरोध कर रहे हैं। रोहतक स्थित महर्षि दयानंद विश्वविद्यालय (MDU) में नए शैक्षणिक सत्र में 2024-25 की फीस वृद्धि का छात्र युवा संघर्ष समिति ने विरोध किया। साथ ही समिति ने एमडीयू में हस्ताक्षर अभियान चलाया। वहीं प्रशासन से मांग की कि जल्द से जल्द बढ़ाई गई फीस को वापस लिया जाए। ताकि विद्यार्थियों की पढ़ाई पर कोई दुष्प्रभाव ना पड़े। छात्र युवा संघर्ष समिति के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दीपक धनखड़ ने कहा कि नए सत्र के लिए एमडीयू द्वारा 5 गुना तक फीस वृद्धि की गई है। जिससे सीधा विद्यार्थियों व उनके अभिभावकों पर आर्थिक बोझ बढ़ेगा। ऐसे में आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थी पढ़ाई भी वंचित भी रह सकते हैं। वहीं आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए पढ़ना भी मुश्किल भरा हो जाएगा। विद्यार्थियों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए फसी वृद्धि के फैसले को वापस लिया जाए। एमडीयू में कोर्सों की ना बढ़ाई जाए फीस
उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति 2020 के अनुसार विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र 2024-25 के एडमिशन शुरू होंगे। नई शिक्षा नीति के तहत होने वाले एडमिशन विद्यार्थियों के लिए बहुत महंगे होने जा रहे हैं। जिसके अंदर विश्वविद्यालय प्रशासन ने 4 वर्षीय यूजी कोर्सेज को जोड़ा है। जिसकी फीस विश्वविद्यालय में होने वाले पहले से इंटीग्रेटेड कोर्सों से लगभग चार से पांच गुना है। विद्यार्थियों की सुविधा को देखते हुए फीस नहीं बढ़ानी चाहिए। जिसका विद्यार्थी व संगठन विरोध कर रहे हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर