गुरुग्राम जिला न्यायालय परिसर में आम लोगों के सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। जिला बार एसोसिएशन ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत केवल पंजीकृत वकील और कानून की पढ़ाई कर रहे अधिकृत ट्रेनी वकील ही सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर न्यायालय परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इस संबंध में बार एसोसिएशन ने सभी वकीलों को लिखित निर्णय भेजा है। बार ने बताया है कि कुछ दलाल और असामाजिक तत्व वकीलों की वर्दी पहनकर मुवक्किलों को गुमराह करते हैं और भ्रम पैदा करते हैं। इस संबंध में कई वकीलों की शिकायतें बार तक पहुंची थीं। फ्रॉड लोगों के कोर्ट परिसर में घूमने की शिकायत जिला बार एसोसिएशन के इस नए नियम का उद्देश्य कानूनी पेशे की गरिमा, पवित्रता और पहचान को बनाए रखना है। बार एसोसिएशन के प्रधान निकेश राज यादव के मुताबिक कई अनधिकृत व्यक्ति वकीलों जैसी पोशाक पहनकर कोर्ट परिसर में घूमते हैं, जिससे न केवल असली वकीलों की पहचान में भ्रम होता है, बल्कि न्याय की तलाश में आए लोगों को भी धोखेबाजों द्वारा ठगा जाता है। पकड़े जाने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना इससे वकीलों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होता है। इस नियम के लागू होने से ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और कोर्ट परिसर में पेशेवर अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा। नए नियम के तहत यदि कोई गैर-वकील या दलाल वकीलों की पोशाक में कोर्ट परिसर में पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषी पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव पवन राघव के मुताबिक इसके अलावा अन्य कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जाएगी, जिसमें कोर्ट परिसर से निष्कासन और संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा शामिल हो सकता है। इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कोर्ट प्रशासन और सुरक्षा कर्मचारियों के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। गेट पर चेक होगी आईडी कोर्ट परिसर में प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा कर्मचारियों को पंजीकृत वकीलों और ट्रेनी वकील की पहचान सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र या अन्य प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। यह कदम न केवल कोर्ट परिसर में अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि आम लोगों का कानूनी पेशे पर भरोसा भी मजबूत करेगा। वकीलों ने फैसले का स्वागत किया स्थानीय वकीलों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे कानूनी पेशे की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। वकीलों का कहना है कि यह नियम न केवल धोखाधड़ी को रोकेगा, बल्कि मुवक्किलों को सुरक्षित और विश्वसनीय कानूनी सेवाएं सुनिश्चित करेगा। गुरुग्राम जिला न्यायालय परिसर में आम लोगों के सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर प्रवेश करने पर रोक लगा दी गई है। जिला बार एसोसिएशन ने इस संबंध में एक महत्वपूर्ण प्रस्ताव पारित किया है, जिसके तहत केवल पंजीकृत वकील और कानून की पढ़ाई कर रहे अधिकृत ट्रेनी वकील ही सफेद शर्ट और काली पैंट पहनकर न्यायालय परिसर में प्रवेश कर सकेंगे। इस संबंध में बार एसोसिएशन ने सभी वकीलों को लिखित निर्णय भेजा है। बार ने बताया है कि कुछ दलाल और असामाजिक तत्व वकीलों की वर्दी पहनकर मुवक्किलों को गुमराह करते हैं और भ्रम पैदा करते हैं। इस संबंध में कई वकीलों की शिकायतें बार तक पहुंची थीं। फ्रॉड लोगों के कोर्ट परिसर में घूमने की शिकायत जिला बार एसोसिएशन के इस नए नियम का उद्देश्य कानूनी पेशे की गरिमा, पवित्रता और पहचान को बनाए रखना है। बार एसोसिएशन के प्रधान निकेश राज यादव के मुताबिक कई अनधिकृत व्यक्ति वकीलों जैसी पोशाक पहनकर कोर्ट परिसर में घूमते हैं, जिससे न केवल असली वकीलों की पहचान में भ्रम होता है, बल्कि न्याय की तलाश में आए लोगों को भी धोखेबाजों द्वारा ठगा जाता है। पकड़े जाने पर पांच हजार रुपए का जुर्माना इससे वकीलों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़ा होता है। इस नियम के लागू होने से ऐसी गतिविधियों पर अंकुश लगेगा और कोर्ट परिसर में पेशेवर अनुशासन को बढ़ावा मिलेगा। नए नियम के तहत यदि कोई गैर-वकील या दलाल वकीलों की पोशाक में कोर्ट परिसर में पाया गया, तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। बार की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि शिकायत मिलने पर जांच की जाएगी और यदि आरोप सही पाए गए तो दोषी पर 5,000 रुपए का जुर्माना लगाया जाएगा। कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है बार एसोसिएशन के संयुक्त सचिव पवन राघव के मुताबिक इसके अलावा अन्य कानूनी कार्रवाई भी शुरू की जाएगी, जिसमें कोर्ट परिसर से निष्कासन और संबंधित धाराओं के तहत मुकदमा शामिल हो सकता है। इस नियम को प्रभावी ढंग से लागू करने के लिए कोर्ट प्रशासन और सुरक्षा कर्मचारियों के साथ सहयोग करने का फैसला किया है। गेट पर चेक होगी आईडी कोर्ट परिसर में प्रवेश द्वारों पर सुरक्षा कर्मचारियों को पंजीकृत वकीलों और ट्रेनी वकील की पहचान सुनिश्चित करने के लिए विशेष निर्देश दिए गए हैं। इसके लिए बार काउंसिल द्वारा जारी पहचान पत्र या अन्य प्रमाणपत्रों की जांच की जाएगी। यह कदम न केवल कोर्ट परिसर में अनुशासन को बढ़ावा देगा, बल्कि आम लोगों का कानूनी पेशे पर भरोसा भी मजबूत करेगा। वकीलों ने फैसले का स्वागत किया स्थानीय वकीलों ने इस पहल का स्वागत किया है और इसे कानूनी पेशे की गरिमा को बनाए रखने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम बताया है। वकीलों का कहना है कि यह नियम न केवल धोखाधड़ी को रोकेगा, बल्कि मुवक्किलों को सुरक्षित और विश्वसनीय कानूनी सेवाएं सुनिश्चित करेगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
