HPPCL पूर्व MD की अग्रिम जमानत पर सुनवाई:हाईकोर्ट में CBI कर सकती है विरोध; नेगी की पत्नी ने लगाए मानसिक प्रताड़ना के आरोप

HPPCL पूर्व MD की अग्रिम जमानत पर सुनवाई:हाईकोर्ट में CBI कर सकती है विरोध; नेगी की पत्नी ने लगाए मानसिक प्रताड़ना के आरोप

हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के पूर्व MD एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट में आज चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले की जांच कर रही CBI हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत का विरोध कर सकती है। 5 जून की सुनवाई में भी CBI ने मीणा को अग्रिम जमानत देने का विरोध किया था। मगर, उस दिन हाईकोर्ट ने CBI की इस मांग को यह कहकर खारिज किया था कि आज ही इस केस में CBI पार्टी बनी है। आज की सुनवाई के दौरान CBI इस केस की जांच की स्टेट्स रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में रख सकती है। वहीं हरिकेश मीणा ने गिरफ्तारी से बचने को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रखी है। 5 जून तक इस केस में राज्य सरकार पार्टी थी। मगर अब CBI पार्टी हो गई है। CBI ने दिल्ली में दर्ज की FIR हाईकोर्ट ने विमल नेगी की पत्नी की याचिका पर इस केस की जांच CBI को सौंपी है। CBI ने 21 दिन पहले दिल्ली में इस केस में एफआईआर की है। अब केंद्रीय एजेंसी लगातार इस केस की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में 25 से अधिक लोगों के बयान कलमबद्ध किए जा चुके हैं। परिजनों ने 3 अधिकारियों पर लगाए प्रताड़ना के आरोप जिन अधिकारियों पर विमल नेगी के परिजनों ने प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, उनसे भी कई बार पूछताछ की जा चुकी है। सूत्र बताते हैं कि CBI एक अधिकारी की गिरफ्तारी भी जल्द कर सकती है। विमल नेगी के परिजनों ने HPPCL के पूर्व डायरेक्टर देसराज, पूर्व एमडी और दूसरे डायरेक्टर के खिलाफ छोटा शिमला थाना में एफआईआर दी थी। आत्महत्या को उकसाने का मामला दर्ज अब इस मामले में CBI ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज रखा है। BNS की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने पर लगती है। इसमें यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और जो कोई भी उसे ऐसा करने के लिए मजबूर करता है, तो उसे 10 साल तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान है। BNS की धारा 3(5) में उन मामलों में लागू होती है। जहां एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा अपराध किया जाता है। यह प्रावधान बताता है कि ऐसे अपराध में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अपराध के लिए जिम्मेदार माना जाएगा, जैसे कि उन्होंने इसे अकेले किया हो। जाने क्या है पूरा मामला? चीफ इंजीनियर विमल नेगी का बीते 18 मार्च को बिलासपुर में गोविंद सागर झील में शव मिला था। इसके बाद परिजनों ने आरोप लगाए कि पूर्व एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह उनकी मानसिक प्रताड़ना करते थे। इससे परेशान होकर विमल नेगी ने यह कदम उठाया है न्यू शिमला थाना में FIR इसके बाद न्यू शिमला थाना में पुलिस ने डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ एफआईआर की। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से भी सरकार ने अलग से जांच करवाई। नेगी के परिजनों ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए केस सीबीआई को देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट में पुलिस के अलावा ACS ओंकार और पूर्व DGP अतुल वर्मा ने भी स्टेट्स रिपोर्ट पेश की। इन दोनों अधिकारियों की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने यह केस CBI को सौंपने के आदेश दिए। हिमाचल प्रदेश पावर कॉरपोरेशन (HPPCL) के पूर्व MD एवं IAS अधिकारी हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत याचिका पर आज हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। कोर्ट में आज चीफ इंजीनियर विमल नेगी मौत मामले की जांच कर रही CBI हरिकेश मीणा की अग्रिम जमानत का विरोध कर सकती है। 5 जून की सुनवाई में भी CBI ने मीणा को अग्रिम जमानत देने का विरोध किया था। मगर, उस दिन हाईकोर्ट ने CBI की इस मांग को यह कहकर खारिज किया था कि आज ही इस केस में CBI पार्टी बनी है। आज की सुनवाई के दौरान CBI इस केस की जांच की स्टेट्स रिपोर्ट भी हाईकोर्ट में रख सकती है। वहीं हरिकेश मीणा ने गिरफ्तारी से बचने को हाईकोर्ट में अग्रिम जमानत याचिका दायर कर रखी है। 5 जून तक इस केस में राज्य सरकार पार्टी थी। मगर अब CBI पार्टी हो गई है। CBI ने दिल्ली में दर्ज की FIR हाईकोर्ट ने विमल नेगी की पत्नी की याचिका पर इस केस की जांच CBI को सौंपी है। CBI ने 21 दिन पहले दिल्ली में इस केस में एफआईआर की है। अब केंद्रीय एजेंसी लगातार इस केस की जांच कर रही है। अब तक इस मामले में 25 से अधिक लोगों के बयान कलमबद्ध किए जा चुके हैं। परिजनों ने 3 अधिकारियों पर लगाए प्रताड़ना के आरोप जिन अधिकारियों पर विमल नेगी के परिजनों ने प्रताड़ना के आरोप लगाए हैं, उनसे भी कई बार पूछताछ की जा चुकी है। सूत्र बताते हैं कि CBI एक अधिकारी की गिरफ्तारी भी जल्द कर सकती है। विमल नेगी के परिजनों ने HPPCL के पूर्व डायरेक्टर देसराज, पूर्व एमडी और दूसरे डायरेक्टर के खिलाफ छोटा शिमला थाना में एफआईआर दी थी। आत्महत्या को उकसाने का मामला दर्ज अब इस मामले में CBI ने भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 की धारा 108 और 3(5) के तहत केस दर्ज रखा है। BNS की धारा 108 आत्महत्या के लिए उकसाने पर लगती है। इसमें यदि कोई व्यक्ति आत्महत्या करता है और जो कोई भी उसे ऐसा करने के लिए मजबूर करता है, तो उसे 10 साल तक के कारावास और जुर्माने से दंडित किए जाने का प्रावधान है। BNS की धारा 3(5) में उन मामलों में लागू होती है। जहां एक ही इरादे से कई व्यक्तियों द्वारा अपराध किया जाता है। यह प्रावधान बताता है कि ऐसे अपराध में शामिल प्रत्येक व्यक्ति को अपराध के लिए जिम्मेदार माना जाएगा, जैसे कि उन्होंने इसे अकेले किया हो। जाने क्या है पूरा मामला? चीफ इंजीनियर विमल नेगी का बीते 18 मार्च को बिलासपुर में गोविंद सागर झील में शव मिला था। इसके बाद परिजनों ने आरोप लगाए कि पूर्व एमडी हरिकेश मीणा, डायरेक्टर देसराज और डायरेक्टर शिवम प्रताप सिंह उनकी मानसिक प्रताड़ना करते थे। इससे परेशान होकर विमल नेगी ने यह कदम उठाया है न्यू शिमला थाना में FIR इसके बाद न्यू शिमला थाना में पुलिस ने डायरेक्टर देसराज, एमडी और डायरेक्टर (पर्सनल) के खिलाफ एफआईआर की। अतिरिक्त मुख्य सचिव ओंकार शर्मा से भी सरकार ने अलग से जांच करवाई। नेगी के परिजनों ने पुलिस जांच पर गंभीर सवाल उठाते हुए केस सीबीआई को देने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दायर की। कोर्ट में पुलिस के अलावा ACS ओंकार और पूर्व DGP अतुल वर्मा ने भी स्टेट्स रिपोर्ट पेश की। इन दोनों अधिकारियों की रिपोर्ट को आधार बनाते हुए हाईकोर्ट ने यह केस CBI को सौंपने के आदेश दिए।   हिमाचल | दैनिक भास्कर