हरियाणा में IG वाई पूरन कुमार की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक (DGP) ऑफिस अलर्ट हो गया है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर हरियाणा की सभी पुलिस यूनिट्स के मुखियाओं को निर्देश भेजा गया है। कहा गया है कि अपने जिले या यूनिट से जो गजटेड ऑफिसर दूसरे जिलों की यूनिट में ट्रांसफर हो गए हैं, लेकिन अभी भी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं, उनकी लिस्ट भेजी जाए। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि उन ऑफिसर्स को तुरंत मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए। इसके साथ ही उनसे पैनल रेंट उनकी सैलरी से काटा जाए। इसके बाद इसकी डिटेल्ड जानकारी डीजीपी ऑफिस भेजी जाए। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। 9 IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC तक पहुंच चुका मामला पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है। आईजी आईपीएस वाई पूरन कुमार का कहना है कि आशा है कि डीजीपी हरियाणा उनके कार्यालय द्वारा आवंटित पंचकूला फ्लैटों और घरों के लिए पैनल रेंट का नोटिस जारी करके उदाहरण पेश करेंगे। हरियाणा में IG वाई पूरन कुमार की शिकायत पर पुलिस महानिदेशक (DGP) ऑफिस अलर्ट हो गया है। डीजीपी शत्रुजीत कपूर के निर्देश पर हरियाणा की सभी पुलिस यूनिट्स के मुखियाओं को निर्देश भेजा गया है। कहा गया है कि अपने जिले या यूनिट से जो गजटेड ऑफिसर दूसरे जिलों की यूनिट में ट्रांसफर हो गए हैं, लेकिन अभी भी सरकारी आवास खाली नहीं किए हैं, उनकी लिस्ट भेजी जाए। साथ ही यह भी हिदायत दी गई है कि उन ऑफिसर्स को तुरंत मकान खाली करने का नोटिस दिया जाए। इसके साथ ही उनसे पैनल रेंट उनकी सैलरी से काटा जाए। इसके बाद इसकी डिटेल्ड जानकारी डीजीपी ऑफिस भेजी जाए। पंचकूला में अभी फ्लैट 2C, 4C, फरीदाबाद में हाउस नंबर 5, पंचकूला के हाउस नंबर 7 सेक्टर 2, भोंडसी कॉम्पलेक्स के हाउस नंबर 1 में आईपीएस अधिकारियों ने कब्जा जमाया हुआ है। 9 IPS ने कब्जा रखे हैं एक से अधिक मकान हाल ही में आईजी वाई पूरन कुमार ने वन ऑफिसर वन हाउस पॉलिसी का जिक्र कर उन IPS अफसरों की शिकायत कर रखी है, जिनके पास एक से ज्यादा सरकारी आवास हैं। कुछ तो फील्ड में तैनात हैं और कुछ गलत जानकारी दे रहे हैं। इनमें 9 आईपीएस अफसरों के नाम हैं, जिन्होंने एक से अधिक सरकारी आवास कब्जा कर रखे हैं। इनमें एडीजीपी लॉ एंड ऑर्डर ममता सिंह के साथ सीनियर आईपीएस सौरभ सिंह, राकेश आर्या, सतीश बालन, हिमांशू गर्ग, राज कुमार, एके मित्तल के साथ दो और नाम शामिल हैं। CM तक पहुंच चुका मामला हरियाणा के आईजी स्तर के अधिकारी वाई पूरन कुमार ने पुलिस विभाग में नियमों के खिलाफ एक से अधिक आवास लेने के मामले में अब मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को भी 7 दिन पहले शिकायत की थी। आईपीएस अधिकारी ने शिकायत में बाकायदा आईपीएस अधिकारियों के नाम का जिक्र किया था और सबूत होने का भी दावा किया था। इससे पहले IG ने इस मामले की शिकायत DGP शत्रुजीत कपूर और गृह विभाग के सचिव टीवीएसएन प्रसाद को भी कर चुके हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होने के चलते अब उन्होंने मुख्यमंत्री के नाम शिकायत भेजी थी। HC तक पहुंच चुका मामला पुलिस डिपार्टमेंट के वन ऑफिसर वन रेजिडेंट पॉलिसी का मामला पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है। हाईकोर्ट में बताया गया है कि गृहमंत्री के आदेश के अनुसार यदि कोई आईजी अपनी रेंज में तैनात होता है तो उसे मुख्यालय में सरकारी मकान की अलॉटमेंट नहीं की जा सकती है, लेकिन 2 पुलिस अधिकारी ऐसे हैं जो मुख्यालय में सरकारी मकान अलॉट करवा रहे हैं। हाईकोर्ट इस मामले में याचिका पर सुनवाई करते हुए हरियाणा सरकार से पूछ चुका है कि आखिर क्यों याची को सरकारी आवास अलॉट नहीं किया जा रहा है। आईजी आईपीएस वाई पूरन कुमार का कहना है कि आशा है कि डीजीपी हरियाणा उनके कार्यालय द्वारा आवंटित पंचकूला फ्लैटों और घरों के लिए पैनल रेंट का नोटिस जारी करके उदाहरण पेश करेंगे। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में ससुराल पक्ष ने महिला के साथ की मारपीट:सरपंच के सामने भी पीटा, जान से मारने की कोशिश हरियाणा में करनाल जिले के बोहला खालसा गांव की एक महिला ने ससुराल पक्ष पर मारपीट व जान से मारने की कोशिश का मामला सामने आया है। पीड़िता ने अपने बच्चों के साथ सरपंच के पास न्याय के लिए गई तो आरोपियों ने सरपंच के सामने लात गुस्सो व डंडो के साथ मारपीट की। पीड़िता का आरोप है कि उसके पति, सास, और ननद ने मिलकर कई बार उसे शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया। यह आज से नहीं बल्कि 12 साल से ऐसा होता आ रहा है। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को दी है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पीड़िता ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसकी शादी के 12 साल बाद से ही उसके साथ मानसिक व शारीरिक प्रताड़ना होती अई है। पीड़ित ने अपने पति गुरमहक, सास बोहती, और ननद सुमन देवी पर आरोप लगाया है। जिसमें उसने बताया है कि उसके ससुराल वाले मिलकर उसे प्रताड़ित करते हैं। शादी के कुछ समय बाद ही पति ने शराब पीकर मारपीट शुरू कर दी थी और सास व ननद उसका साथ देती रहीं। मनीषा ने बताया कि कई बार पुलिस को शिकायत देने के बाद भी ससुराल पक्ष उसे जबरन राजीनामा करने पर मजबूर करता रहा। पीड़िता ने बताया कि एक बार उसके पति और कुछ बदमाशों ने उसके पिता के घर पर हमला कर उसे और उसके बच्चों को जान से मारने की कोशिश की थी। दुर्गा शक्ति पुलिस ने की मदद पीड़िता का कहना है कि जब वह अपने बच्चों के साथ मायके चली गई थी तो उसके ससुराल वालों ने वहां भी आकर हमला किया। उसने कई बार लोकल पुलिस चौकी में शिकायत दी लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जलमाना चौकी में शिकायत देने पर भी पुलिस ने उसकी दरखास्त नहीं ली और उसे धमकाकर चौकी से बाहर निकाल दिया गया। बाद में दुर्गा शक्ति के इंटरफेयर किया और उसकी शिकायत दर्ज कराई गई लेकिन उसके बाद भी हालात नहीं सुधरे। ससुरालियों ने बच्चों को किया दूर विवाहिता ने बताया कि बीती 5 मई को उसके पति और ससुरालियों ने फिर से उसके साथ मारपीट की और गला दबाकर जान से मारने की कोशिश की। पुलिस के इंटरफेयर के बावजूद आरोपियों ने उसके साथ दुर्व्यवहार किया। ससुरालियों ने न सिर्फ उस को प्रताड़ित किया, बल्कि उसके तीनों बच्चों को भी उससे छीन लिया। अब विवाहिता अपने पिता के घर रहने को मजबूर है और अपनी तथा उसे अपने बच्चों की सुरक्षा की चिंता है। पीड़िता ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर ससुराल वालों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। पुलिस जांच अधिकारी संदीप का कहना है कि शिकायत मिली है। आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।
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कांग्रेस सांसद सैलजा बोलीं- हरियाणा में जंगलराज:182 दिनों में 465 हत्याएं, 720 बलात्कार, 813 अपहरण, 80 दहेज हत्या हुई, बदमाश बेखौफ हरियाणा में बढ़ते अपराध पर कांग्रेस की AICC की महासचिव सांसद कुमारी सैलजा ने BJP सरकार पर निशाना साधा है। सिरसा से सांसद सैलजा का कहना है कि एक ओर प्रदेश की भाजपा सरकार सुशासन का दावा कर रही है तो दूसरी ओर अपराधियों ने जमकर हंगामा मचाया हुआ है, पुलिस हाथ पर हाथ रखकर बैठी है और सरकार सब कुछ देखकर भी अनदेखी कर रही है। जनवरी से जून 2024 के बीच 182 दिनों में प्रदेश में 465 हत्याएं, 720 रेप और 813 अपहरण, दहेज हत्या की 80, महिलाओं से छेड़छाड़ की 709 घटनाएं हो चुकी हैं। भिवानी, फरीदाबाद, गुरुग्राम, हिसार, करनाल, पलवल, पानीपत, रोहतक, सोनीपत और यमुनानगर में एक के बाद अनेक हत्याएं हुई है। महिलाओं की सुरक्षा को लेकर झूठे वादों से आगे बढ़कर असली कार्रवाई की जरूरत है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद आमजन और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी। सैलजा ने दिए आंकड़ों के साथ घेरा कुमारी सैलजा ने जनवरी से जून माह तक के आंकड़े पेश किए हैं। सैलजा ने कहा कि आंकड़े बता रहे हैं कि प्रदेश में कैसी कानून व्यवस्था है। सरकार को खुद ही इन आंकड़ों पर शर्म आनी चाहिए, मुख्यमंत्री के पास गृह विभाग है उन्हें अपने विभाग की समीक्षा कर पुलिस पर शिकंजा कसना चाहिए, जो सरकार अपने नागरिकों की सुरक्षा नहीं कर सकती उन्हें सत्ता में बने रहने का कोई हक नहीं हैं। सैलजा ने अपनी तरफ से आंकड़े भी प्रस्तुत किए हैं। हरियाणा के 6 माह में इस जिले में इतनी हत्याएं पॉक्सो एक्ट में दर्ज मामले बढ़े उन्होंने कहा कि प्रदेश में बच्चे, किशोरी तक सुरक्षित नहीं हैं। पिछले छह माह में पुलिस ने पॉक्सो एक्ट के सेक्शन चार और छह के तहत कुल 704 केस दर्ज किए। इस एक्ट के तहत अंबाला में 26, फरीदाबाद में 93, हिसार में 38, झज्जर में 20, करनाल में 53, पलवल में 29, पंचकूला में 24, पानीपत में 68, रोहतक में 29, सिरसा में 18, सोनीपत में 44, यमुनानगर में 34 केस दर्ज हुए। आंकड़े खुद बता रहे है प्रदेश में बच्चियां भी सुरक्षित नहीं हैं। पिछले छठे माह में प्रदेश में 720 बलात्कार , 813 अपहरण, दहेज हत्या की 80, महिलाओं से छेड़छाड़ की 709 घटनाएं हो चुकी है। अब तो पुलिस वाले भी सुरक्षित नहीं सैलजा ने कहा कि अपराधियों के हौसले इतने बुलंद हैं कि वे पुलिस वालों पर हमला करने से गुरेज नहीं करते। मंगलवार देर रात करनाल में एएसआई की गोली मारकर हत्याकर दी गई। उन्होंने कहा कि मंगलवार की शाम संजीव कुटेल-ऊंचा समाना रोड पर एएसआई संजीव कुमार सैर के लिए निकला था। रात्रि करीब 8.25 बजे अचानक बेखौफ दो अज्ञात बदमाश बाइक पर सवार होकर आते है और संजीव के सिर में गोली मारकर फरार हो जाते हैं। अगर पुलिस वालों की ही जान सुरक्षित नहीं है जो सीधे सीधे तौर पर कहा जा सकता है कि प्रदेश में पूरी तरह जंगल राज है।
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