हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा के केंद्रीय मंत्री बनने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें बधाई दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, नड्डा प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थितियों से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वह प्रदेश के लोगों की विकासात्मक मांगों को पूरा करने के लिए कार्य करेंगे। केंद्रीय मंत्री बने जेपी नड्डा को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी बधाई दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, महामंत्री त्रिलोक कपूर, बिहारी लाल शर्मा, राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार, मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, त्रिलोक जम्वाल, संदीपनी भारद्वाज, विनोद कुमार, जनक राज, हर्ष महाजन, इंदु गोस्वामी, विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, गोविंद ठाकुर, सुखराम चौधरी, रीना कश्यप, सूरत नेगी, वीरेंद्र कश्यप, लखविंदर राणा, राकेश शर्मा, संजय शर्मा, सुधीर शर्मा, लोकिंदर कुमार, दीपराज कपूर, दिलीप ठाकुर ने भी यहां जारी संयुक्त बयान में नड्डा के मंत्री बनने पर खुशी जाहिर की और उन्हें बधाई दी। यही नहीं हिमाचल भाजपा के 200 से ज्यादा पदाधिकारी प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली गए हैं। नड्डा ने ABVP से जुड़कर राजनीतिक करियर की शुरुआत नड्डा ने 1978 में एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के सरदार बने। अब वह दूसरी बार केंद्र में मंत्री बनने हैं। 3 बार विधायक, 3 बार राज्यसभा सांसद चुने गए जेपी नड्डा हिमाचल की बिलासपुर सदर सीट से तीन बार 1994, 1998 और 2007 में विधायक रह चुके हैं। तीन बार राज्यसभा सांसद, 1998 और 2007 में हिमाचल में दो बार कैबिनेट मंत्री, 1994 में हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। अध्यक्ष के तौर पर 30 जून को कार्यकाल पूरा हो रहा बतौर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने नड्डा को कैबिनेट में जगह दी है। इससे प्रदेश भाजपा नेताओं में खुशी की लहर है। हिमाचल से ताल्लुक रखने वाले जगत प्रकाश नड्डा के केंद्रीय मंत्री बनने पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने उन्हें बधाई दी हैं। मुख्यमंत्री ने कहा, नड्डा प्रदेश की कठिन भौगोलिक स्थितियों से भली-भांति परिचित हैं। उन्होंने आशा व्यक्त की कि वह प्रदेश के लोगों की विकासात्मक मांगों को पूरा करने के लिए कार्य करेंगे। केंद्रीय मंत्री बने जेपी नड्डा को नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने भी बधाई दी। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष राजीव बिंदल, महामंत्री त्रिलोक कपूर, बिहारी लाल शर्मा, राज्यसभा सांसद सिकंदर कुमार, मुख्य प्रवक्ता राकेश जम्वाल, मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा, त्रिलोक जम्वाल, संदीपनी भारद्वाज, विनोद कुमार, जनक राज, हर्ष महाजन, इंदु गोस्वामी, विपिन सिंह परमार, बिक्रम ठाकुर, गोविंद ठाकुर, सुखराम चौधरी, रीना कश्यप, सूरत नेगी, वीरेंद्र कश्यप, लखविंदर राणा, राकेश शर्मा, संजय शर्मा, सुधीर शर्मा, लोकिंदर कुमार, दीपराज कपूर, दिलीप ठाकुर ने भी यहां जारी संयुक्त बयान में नड्डा के मंत्री बनने पर खुशी जाहिर की और उन्हें बधाई दी। यही नहीं हिमाचल भाजपा के 200 से ज्यादा पदाधिकारी प्रधानमंत्री मोदी कैबिनेट के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने के लिए दिल्ली गए हैं। नड्डा ने ABVP से जुड़कर राजनीतिक करियर की शुरुआत नड्डा ने 1978 में एबीवीपी से जुड़कर छात्र राजनीति से करियर की शुरुआत की और दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी भाजपा के सरदार बने। अब वह दूसरी बार केंद्र में मंत्री बनने हैं। 3 बार विधायक, 3 बार राज्यसभा सांसद चुने गए जेपी नड्डा हिमाचल की बिलासपुर सदर सीट से तीन बार 1994, 1998 और 2007 में विधायक रह चुके हैं। तीन बार राज्यसभा सांसद, 1998 और 2007 में हिमाचल में दो बार कैबिनेट मंत्री, 1994 में हिमाचल में नेता प्रतिपक्ष भी रह चुके हैं। अध्यक्ष के तौर पर 30 जून को कार्यकाल पूरा हो रहा बतौर बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष नड्डा का कार्यकाल 30 जून को पूरा हो रहा है। इससे पहले ही प्रधानमंत्री मोदी ने नड्डा को कैबिनेट में जगह दी है। इससे प्रदेश भाजपा नेताओं में खुशी की लहर है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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CISF कॉन्स्टेबल के हक में उतरी बुजुर्ग महिला किसान:बोली- वह बहादुर बच्ची, मैं जेल जाने को तैयार, कंगना रनोट ने इन्हीं पर दिया था विवादित बयान
CISF कॉन्स्टेबल के हक में उतरी बुजुर्ग महिला किसान:बोली- वह बहादुर बच्ची, मैं जेल जाने को तैयार, कंगना रनोट ने इन्हीं पर दिया था विवादित बयान बॉलीवुड अभिनेत्री सांसद कंगना रनोट को यानी गुरुवार को चंडीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला कॉन्स्टेबल कुलविंदर कौर ने थप्पड़ मार दिया। महिला कर्मचारी ने थप्पड़ मारने का कारण भी बताया। उसने बताया कि कंगना ने महिला किसानों को 100-100 रुपए लेकर धरने पर बैठने वाली कहा था। उस वक्त मेरी मां वहां बैठी थी। हालांकि जिस महिला किसान मोहिंदर कौर की फोटो को लेकर कंगना ने ये बातें कहीं थी, वह अब मीडिया के सामने आई है। कंगना के थप्पड़कांड पर मोहिंदर कौर ने न केवल कुलविंदर का समर्थन किया, बल्कि ये भी कहा कि वे CISF कॉन्स्टेबल के लिए जेल जाने को भी तैयार है। यही नहीं, बुजुर्ग महिला किसान ने CISF कॉन्स्टेबल को बहादुर बेटी भी बताया। किसान मोहिंदर कौर की कही अहम बातें… 1. किसानों के लिए कानून मरने जैसा था
किसान महिंदर कौर ने कहा- सरकार किसानों की जायदाद खोना चाहती थी। किसान भूखे-प्यासे धरने पर जाते थे। न उन्हें दिन अच्छा लगता था न रात। बारिश-धूप सब कुछ सहा। किसान बहुत परेशान हुए। साल दिल्ली बैठे रहे। किसानों से खेत छीन लेते तो उनके पास क्या रह जाता?। यह तो मरने जैसा था। 2. केस किया तो कंगना बोली- मैं बहुत तगड़ी हूं
कंगना ने कहा कि 100 रुपए लेकर 80-80 साल की बुजुर्ग औरतें आ जाती हैं। मैंने केस किया था। कंगना कहती है कि वह बहुत तगड़ी है। अदालतों के काम लंबे होते हैं। वह भी सिरे चढ़ जाएगा। 3. थप्पड़ मारने वाली बहादुर बेटी
मोहिंदर कौर ने कहा- कंगना रनोट को थप्पड़ मारने वाली तो बहादुर बेटी है। उसे कोई तकलीफ नहीं आएगी। जिस मां ने ऐसी बेटी को जन्म दिया, बिल्कुल शेर बच्ची है। उसने सबक सिखाया कि अच्छा बोले। सांसद बन गई, अभी भी बोलना नहीं आता। वह कंगना को बोलना सिखा रही थी। 4. किसान तो मेहनत करता है, आतंकवादी कैसे?
मोहिंदर कौर ने कहा- कंगना अभी भी किसानों को आतंकवादी कह रही है। किसान तो खेतीबाड़ी करते हैं। किसान तो दिन-रात मेहनत करता है। किसानों को कुलविंदर का साथ देना चाहिए। जरूरत पड़ी तो उससे पहले जेल जाना चाहिए। मैं भी कुलविंदर कौर के लिए जेल जाने को तैयार हूं। पढ़िए, कंगना को वह बयान, जिसकी वजह से थप्पड़कांड हुआ
कंगना ने 27 नवंबर 2020 को रात 10 बजे फोटो को पोस्ट किया और लिखा था कि किसानों के प्रदर्शन में शामिल हुई महिला वही मशहूर बिलकिस दादी है, जो शाहीन बाग के प्रदर्शन में थी। जो 100 रुपए लेकर उपलब्ध है। हालांकि, बाद में कंगना ने पोस्ट डिलीट कर दिया था, लेकिन कई सोशल मीडिया यूजर्स ने इस पोस्ट को खूब शेयर किया था। कंगना का वह पोस्ट, जिसमें महिला को 100 रुपए लेकर धरने पर बैठने वाली लिखा था जिस महिला पर कंगना ने कमेंट किया था, वे बठिंडा के गांव बहादुरगढ़ जंडिया की रहने वाली मोहिंदर कौर थी। उन्होंने इस मामले के बाद बठिंडा कोर्ट में कंगना के खिलाफ मानहानि का दावा कर दिया। 4 जनवरी 2021 को कोर्ट में केस दायर किया था। इसकी करीब 13 महीने सुनवाई चली और इसके बाद कंगना को इस मामले में समन भी किया गया था। याचिका में मानसिक परेशान करने के लगे थे आरोप
कंगना रनोट ने किसान आंदोलन में शामिल बुजुर्ग महिला किसान मोहिंदर कौर को बिलकिस बानो समझ लिया था, जो शाहीन बाग में एंटी CAA प्रोटेस्ट का चेहरा रहीं। मोहिंदर कौर ने कहा कि कंगना ने उनकी तुलना किसी दूसरी महिला से की। कंगना के ट्वीट से उन्हें मानसिक परेशानी हुई। परिवार के सदस्यों, रिश्तेदारों, पड़ोसियों, ग्रामीणों और आम लोगों के बीच उनकी छवि को ठेस पहुंची। कीरतपुर साहिब में हुआ था कंगना का विरोध
इससे 3 साल पहले कंगना रनोट को किसानों ने कीरतपुर साहिब में भी घेर लिया था। कंगना हिमाचल में अपने घर से मुंबई के लिए रवाना हुई थी। जब कंगना का काफिला चंडीगढ़-ऊना हाइवे पर पहुंचा तो वहां पहले से किसान जमा थे। उन्होंने पुलिस से पूछा और पता चला कि गाड़ी में कंगना रनोट भी बैठी हुई है। इसके बाद किसानों का गुस्सा फूट पड़ा। उन्होंने कंगना की गाड़ी घेर ली। यह घेराव चंडीगढ़-ऊना नेशनल हाइवे पर कीरतपुर साहिब में किया गया था। जिसके बाद वहां कंगना गाड़ी से बाहर निकली और माफी मांगी। किसान फिर मोरिंडा टोल प्लाजा पर जमा हुए तो पुलिस ने उन्हें गांवों के रास्ते निकालकर चंडीगढ़ पहुंचाया था। कंगना ने कहा था- मेरी मॉब लिंचिंग हो रही
कंगना रनोट ने वीडियो जारी कर कहा था कि खुद को किसान कहने वालों ने मुझे घेर लिया है। मुझे गाली दे रहे हैं। सिक्योरिटी होने के बाद भी मेरे साथ यह सब हो रहा है। पुलिस होने के बावजूद मुझे रोका गया है। उन्होंने कहा कि भरोसा नहीं हो रहा कि मुझे यहां से नहीं निकलने दिया जा रहा। मेरे साथ सरेआम मॉब लिंचिंग हो रही है। मैं कोई नेता नहीं हूं और न ही कोई पार्टी चलाती हूं। ये भी पढ़ें… कंगना को थप्पड़ मारने वाली CISF कांस्टेबल गिरफ्तार:किसान नेताओं की मांग- एक्ट्रेस का डोप टेस्ट हो; महिला आयोग बोला- जिम्मेदार ही उल्लंघन कर रहे कौन है कुलविंदर कौर, जिसने कंगना रनोट को थप्पड़ मारा:कपूरथला की रहने वाली, जम्मू में शादी हुई, 2 छोटे बच्चे, पति भी CISF में
हिमाचल में बहिष्कार मुहिम पर AIMIM नेता का पलटवार:सेब का बॉयकॉट करने की अपील, बाद में पोस्ट की डिलीट
हिमाचल में बहिष्कार मुहिम पर AIMIM नेता का पलटवार:सेब का बॉयकॉट करने की अपील, बाद में पोस्ट की डिलीट हिमाचल प्रदेश में देवभूमि संघर्ष समिति द्वारा शिमला के संजौली से शुरू किए गए समुदाय विशेष के आर्थिक बहिष्कार की अपील की पर AIMIM नेता शोएब जमाई ने अपने सोशल मीडिया के माध्यम से कटाक्ष किया है। उन्होंने अपने सोशल मीडिया में हिमाचल प्रदेश में सेब की खरीदारी करने वाले सभी मुस्लिम बाहरी व्यापारियों से हिमाचल के सेब के बॉयकॉट की अपील की है। शोएब जमाई ने क्या लिखा ? AIMIM नेता ने अपने अकाउंट पर लिखा कि अब हद हो गयी है। चलिए शुरू करते है आर्थिक बहिष्कार। मैं हिमाचल की सेब मंडी में बड़ी तादाद में खरीदारी करने वाले सभी मुस्लिम (बाहरी ) व्यापारियों से अपील करता हूं (जो कि लगभग 80% है) कि हिमाचल प्रदेश के सेब का बॉयकॉट किया जाए। तुम्हें रब का वास्ता इस नफरत भरे बाजार से कोई खरीदारी मत करो। AIMIM नेता ने हटाई अपनी पोस्ट हालांकि AIMIM नेता शोएब जमाई की वाल पर अब यह पोस्ट नहीं है। लेकिन मोहम्मद जुबैर नाम के यूजर ने उनकी इस पोस्ट अपने अकाउंट से पोस्ट करते हुए लिखा कि यह AIMIM नेता शोएब जमाई का शर्मनाक बयान है। उनका यह बयान दक्षिणपंथी समूहों के बहिष्कार आह्वान से किस प्रकार भिन्न है। आप वास्तव में उनकी मदद कर रहे हैं। ऐसे नफरत भरे बयान देकर आप मुस्लिम समुदाय के लिए और मुसीबत खड़ी कर रहे हैं।
वहीं AIMIM नेता शोएब जमाई ने यूजर की इस पोस्ट को रिपोस्ट करते हुए लिखा कि इसमें क्या गलत है। अगर कुछ दक्षिणपंथी संगठन शिमला में मुस्लिम सब्जी विक्रेताओं का बहिष्कार करने का अधिकार रखते हैं तो मैं क्यों नहीं रख सकता? यह मेरा राजनीतिक लोकतांत्रिक अधिकार है कि मैं किसी चीज का बहिष्कार करुं। ताकि सरकार पर दबाव बनाया जा सके, जो हिमाचल में मुसलमानों के खिलाफ नफरत को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त कदम नहीं उठाती है। यहां तक कि गांधी जी ने भी अंग्रेजों के खिलाफ बहिष्कार का आह्वान किया था। अब हम “काले अंग्रेजों” से लड़ रहे हैं। मैंने शिमला संजौली का दौरा किया, मैं वहां मुसलमानों से मिला, आप नहीं। मैंने उनका दर्द देखा, मैं उनके डर को महसूस कर सकता हूं। मैं व्यक्तिगत रूप से इस मुद्दे में शामिल था और इस तरह की नफरत के खिलाफ जनहित याचिका दायर की। आप नहीं। मैं मौके पर था। वहां कोई नहीं था। इसलिए आरडब्ल्यू सिन्हा जैसे ट्रोल के लिए बंदर संतुलन बनाने की कोशिश न करें। मैंने जो कुछ भी कहा वह सच है और बहुत जरूरी है। मुसलमान हमेशा क्यों फंस जाते हैं। नहीं कभी नहीं। उनकी नैतिकता को कम मत करो। कुछ हिम्मत रखो। “मोहब्बत की दुकान के मालिक” राहुल गांधी से सवाल पूछो जो इस गंभीर मुद्दे पर कभी नहीं बोलते। राहूल गांधी और इमरान प्रताप गढ़ी से पूछा सवाल वहीं उन्होंने अपने हिमाचल प्रदेश दौरे का एक वीडियो पोस्ट करते हुए लिखा कि पार्टी के मशवरे से हिमाचल प्रदेश के कुछ जिलों का दौरा किया। जिन-जिन मस्जिदों को निशाना बनाया जा रहा है, वहां के स्थानीय मुसलमानों से मुलाकात की। मुसलमानों में डर का माहौल है, और कई लोग पलायन भी कर चुके हैं। हम उनको वापस लौटने की अपील कर रहे हैं। उनको आपके सपोर्ट की जरूरत है। मगर अभी तक कांग्रेस के मुस्लिम नेता उनसे मुलाकात करने नहीं गए जहां उनकी खुद की सरकार है। शोएब जमाई वीडियो मे मुस्लिम समुदाय के कुछ लोगो से बातचीत करते हुए यह कहते हुए नजर आ रहे है कि राहुल गांधी की मोहब्बत की दुकान में मुस्लिम डरे हुए है। यह सवाल राहुल गांधी और इमरान और प्रतापगढ़ी से नहीं किया जाए तो किससे किया जाए। संघर्ष समिति ने लगाए सनातन सब्जी वाला के बोर्ड बता दें कि हिमाचल प्रदेश की राजधानी शिमला में मस्जिद विवाद के बीच देवभूमि संघर्ष समिति मुस्लिम समुदाय के बहिष्कार की अपील कर रही है। बीते दिनों समिति द्वारा शिमला के उप नगर संजौली बाजार में फल और सब्जियों की दुकानों में “सनातन सब्जी वाला” के बोर्ड लगाए गए है। इस दौरान समिति के सदस्यों ने लोगों से अपील की कि फल और सब्जियां केवल हिंदू (सनातन) दुकानदारों से ही खरीदी जाए।
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे
हिमाचल में 6 इको टूरिज्म साइट बनेंगी:साथ लगते हरियाणा-पंजाब को फायदा; हरे-भरे जंगलों, ऊंचे पहाड़ों, झरनों के बीच जा सकेंगे देश-दुनिया से हिमाचल प्रदेश पहुंचने वाले पर्यटक अब नजदीक से प्रकृति की खूबसूरती को निहार सकेंगे। राज्य सरकार जल्द 6 इको-टूरिज्म साइट आवंटित करने जा रही है। वन विभाग ने इसके लिए 12 नवंबर को एग्जीक्यूटिव काउंसिल (EC) की मीटिंग बुलाई है। इसमें साइट के आवंटन का फैसला होगा। इसका सबसे ज्यादा फायदा साथ लगते राज्य हरियाणा और पंजाब होगा। दरअसल, वन विभाग ने इको टूरिज्म को बढ़ावा देने के मकसद से पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप (PPP) मोड पर कुल्लू की केसधार, कसौल, खीरगंगा, सुमारोपा, बिंद्रवणी और कांगड़ा जिले में बीड़ बिलिंग साइट के लिए एप्लीकेशन इनवाइट किए हैं। इन 6 जगहों पर 16 बिडर ने इको-टूरिज्म यूनिट खोलने में दिलचस्पी दिखाई है। जंगलों में पक्का स्ट्रक्चर बनाने की इजाजत नहीं होगी
इन साइट का एरिया एक हैक्टेयर या इससे कम होगा। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की शर्त के अनुसार, प्रकृति से छेड़छाड़ की किसी को भी इजाजत नहीं दी जाएगी। जंगलों में पक्के स्ट्रक्चर नहीं बनाए जा सकेंगे। स्थानीय लोगों को इन साइट पर अनिवार्य रूप से रोजगार देना होगा। इन साइट को 10 साल के लिए दिया जा रहा है। शहरों की चकाचौंध से दूर भाग रहे पर्यटक
पिछले एक दशक के दौरान पर्यटक सुकून की तलाश में शहरों की चकाचौंध से दूर भागने लगा है। वह प्रकृति की खूबसूरती निहारना चाहता है। इसी उम्मीद के साथ पर्यटक पहाड़ों पर पहुंच रहे हैं। प्रकृति की गोद में इन साइट के बनने के बाद पर्यटक सीधे हरे भरे जंगलों, झर-झर बहते झरनों, ऊंचे पहाड़ों और बहती नदियों के किनारे पहुंच सकेंगे। इको-टूरिज्म को बढ़ावा दे रही सरकार
इसे देखते हुए राज्य सरकार पर्यटन के नए कॉन्सेप्ट इको-टूरिज्म को बढ़ावा देने जा रही है। प्रकृति की गोद में बनी प्रस्तावित साइटों पर टूरिस्ट ट्रैकिंग का भी आनंद उठा सकेंगे। इन साइटों के लिए बीते फरवरी माह में भी टेंडर निकाले गए थे, लेकिन तब इन साइटों के लिए आवेदन नहीं मिल पाए। हालांकि, शिमला की पोटरहिल और शोघी साइट मार्च में ही अलॉट कर दी गई थी। फर्म को खुद तैयार करना होगा इन्फ्रास्ट्रक्चर
संबंधित फर्म को साइट पर इन्फ्रास्ट्रक्चर खुद फॉरेस्ट-लॉ का पालन करते हुए तैयार करना होगा। वन और जैव विविधता को नुकसान पहुंचाने की किसी को भी इजाजत नहीं होगी, क्योंकि हिमाचल में 2020-21 में वन संपदा को नुकसान पहुंचाने और बिना FCA के आरोपों की वजह से पूर्व में चल रही 11 इको-टूरिज्म साइट का ऑपरेशन केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय बंद कर चुका है। FCA में मिली छूट
राहत की बात यह है कि केंद्रीय वन मंत्रालय ने FCA के बगैर इको-टूरिज्म एक्टिविटी शुरू करने की मंजूरी दे दी है, लेकिन वन संपदा को नुकसान पहुंचाने की किसी को इजाजत नहीं दी जाएगी। इसके बाद फॉरेस्ट डिवीजन धर्मशाला के अंतर्गत सवार, सौरव वन विहार, न्यूगल पार्क, बंजार फॉरेस्ट डिवीजन के शौजा, शिमला जिले के कोटगढ़ फॉरेस्ट डिवीजन में नारकंडा और मंडी फॉरेस्ट डिवीजन में गंगा नाल इको-टूरिज्म साइट के लिए भी जल्द एप्लिकेशन इनवाइट की जाएंगी। युवाओं को मिलेगा रोजगार
प्रदेश में इससे युवाओं को रोजगार के अवसर और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही पर्यटक जिस शांति की तलाश में पहाड़ों पर पहुंचते हैं, वह उन्हें प्रकृति की गोद में आसानी से मिलेगी। क्या है इको-टूरिज्म पर्यटन
इको-टूरिज्म आज की नई अवधारणा है। प्रदेश के खूबसूरत स्थलों को सैर-सपाटे के लिए इस तरह तैयार किया जाता है कि वनों को भी नुकसान न हो और सैलानी भी पर्वतीय सैरगाहों, बर्फीले पहाड़, झरनों, नदियों व हरे-भरे वनों का लुत्फ ले सकें। इको-टूरिज्म का मकसद राज्य में पर्यटन को बढ़ावा देकर ज्यादा से ज्यादा लोगों को रोजगार देना तथा गांव-गांव तक पर्यटन को पहुंचाना है।