मंडी पुलिस ने नशे के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है। शनिवार शाम ANTF कुल्लू की टीम ने सौलीखड्ड में नाकाबंदी के दौरान दो युवकों से 804 ग्राम चरस बरामद की है। गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान नगरु राम और डूमणू राम के रूप में हुई है, जो तहसील थुनाग के निवासी हैं। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस टीम सौलीखड्ड में नाकाबंदी कर रही थी। इसी दौरान दोनों युवक पैदल आ रहे थे। शक होने पर उनकी तलाशी ली गई, जिसमें चरस की यह खेप बरामद हुई। NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज आरोपियों के विरुद्ध पुलिस थाना सदर मंडी में अभियोग संख्या 261/2025 के तहत NDPS एक्ट की धारा 20 और 29 के अंतर्गत मामला पंजीकृत किया गया है। उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा। एसपी साक्षी वर्मा ने आगे बताया कि पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी ताकि यह पता चल सके कि चरस कहां से लाई गई थी और इसे कहां ले जाया जा रहा था। फिलहाल, मामले की जांच जारी है। मंडी पुलिस ने नशे के खिलाफ अपना अभियान तेज कर दिया है। शनिवार शाम ANTF कुल्लू की टीम ने सौलीखड्ड में नाकाबंदी के दौरान दो युवकों से 804 ग्राम चरस बरामद की है। गिरफ्तार किए गए युवकों की पहचान नगरु राम और डूमणू राम के रूप में हुई है, जो तहसील थुनाग के निवासी हैं। एसपी मंडी साक्षी वर्मा ने मामले की पुष्टि करते हुए बताया कि पुलिस टीम सौलीखड्ड में नाकाबंदी कर रही थी। इसी दौरान दोनों युवक पैदल आ रहे थे। शक होने पर उनकी तलाशी ली गई, जिसमें चरस की यह खेप बरामद हुई। NDPS एक्ट के तहत केस दर्ज आरोपियों के विरुद्ध पुलिस थाना सदर मंडी में अभियोग संख्या 261/2025 के तहत NDPS एक्ट की धारा 20 और 29 के अंतर्गत मामला पंजीकृत किया गया है। उन्हें न्यायालय में पेश किया जाएगा। एसपी साक्षी वर्मा ने आगे बताया कि पुलिस आरोपियों से गहन पूछताछ करेगी ताकि यह पता चल सके कि चरस कहां से लाई गई थी और इसे कहां ले जाया जा रहा था। फिलहाल, मामले की जांच जारी है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
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रामपुर में दिवाली पर सिर्फ 17 जगह मिलेंगे पटाखे:बिक्री के लिए 85 दुकानदारों को लाइसेंस जारी, 20 अक्टूबर तक मान्य रहेंगे रामपुर उपमंडल में दीपावली के अवसर पर जन सुरक्षा और आगजनी की घटनाओं के रोकथाम के लिए 85 अस्थायी पटाखा लाइसेंस जारी किए गए हैं। इन लाइसेंसों के तहत पटाखों की बिक्री केवल 17 अधिकृत स्थलों पर ही की जा सकेगी। ये अस्थायी लाइसेंस 20 अक्टूबर तक मान्य रहेंगे। एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंदर सिंह नेगी ने बताया कि सुरक्षा मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए विक्रेताओं को निर्धारित स्थानों पर ही बिक्री की अनुमति होगी। इन जगहों पर मिलेंगे पटाखे अधिकृत पटाखा विक्रय स्थलों में हिमाचल प्रदेश लोक निर्माण विभाग स्टोर/टैरेस (चौधरी अड्डा के पास), डकोलर, नोगली, निरसु, दत्तनगर, भद्रास, निरथ, चूआबाग, खनेरी, पदम नगर, झाकड़ी बस स्टैंड, ननखरी बस स्टैंड, तकलेच बस स्टैंड, मेमोरियल मैदान ज्यूरी, बोंडा, घराट और सराहन (बस स्टैंड के पास) शामिल हैं। सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद दीपावली के दौरान सुरक्षा व्यवस्था बनाए रखने के लिए विभिन्न विभागों को महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां सौंपी गई हैं। इसका उद्देश्य भीड़ नियंत्रण, यातायात प्रबंधन और आपातकालीन सेवाओं की तत्परता सुनिश्चित करना है। अग्निशमन विभाग को सभी विक्रय स्थलों पर फायर टेंडर और आवश्यक उपकरण सुनिश्चित करने तथा आपात स्थिति में त्वरित कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया है। अवैध पटाखा बिक्री पर रहेगी पुलिस की नजर पुलिस विभाग भीड़ नियंत्रण, यातायात व्यवस्था और अवैध पटाखा बिक्री की निगरानी करेगा। स्वास्थ्य विभाग नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में आकस्मिक चिकित्सा सहायता दल तैनात करेगा।विद्युत विभाग सुरक्षित और निर्बाध बिजली आपूर्ति सुनिश्चित करेगा और ढीले तारों की जांच करेगा। जल शक्ति विभाग को आपात स्थिति के लिए पर्याप्त जल भंडारण बनाए रखने का निर्देश दिया गया है। वन विभाग भी अलर्ट पर वन विभाग जंगलों और ज्वलनशील क्षेत्रों के पास पटाखों के दुरुपयोग पर कड़ी निगरानी रखेगा।राजस्व विभाग लाइसेंस की शर्तों की जांच करेगा और विक्रय स्थलों पर समन्वय स्थापित करेगा। होम गार्ड्स पुलिस के साथ सुरक्षा और निगरानी में सहयोग करेंगे। नगर परिषद और ग्राम पंचायतें विक्रय स्थलों की स्वच्छता और अपशिष्ट प्रबंधन के लिए जिम्मेदार होंगी। प्रत्येक क्षेत्र में नोडल अधिकारी नियुक्त किए गए हैं, जो लाइसेंसधारी दुकानों की जांच करेंगे और अग्निशमन दल के साथ समन्वय स्थापित करेंगे।
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पंजाब की फर्म को आवंटित पराला CA-स्टोर के टेंडर कैंसिल:भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद पलटा फैसला; एक साल तक व्हाइट एलिफेंट साबित होगा हिमाचल प्रदेश के मार्केटिंग बोर्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद पराला सीए (कंट्रोल्ड एट्मोसफेयर) स्टोर और खड़ा-पत्थर में कलेक्शन सेंटर के टेंडर रद्द कर दिए गए हैं। मार्केटिंग बोर्ड ने करीब 75 करोड़ रुपए की लागत से बने ये स्टोर मात्र 3 करोड़ 36 लाख रुपए सालाना किराए पर पंजाब की एक फर्म को 10 साल की लीज पर दे दिए थे। इसके बाद, मार्केटिंग बोर्ड पर टेंडर प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी के आरोप लगे। यह मामला BJP विधायक रणधीर शर्मा ने विधानसभा के मानसून सत्र में भी उठाया। भ्रष्टाचार के आरोपों के बाद सरकार ने टेंडर प्रक्रिया की जांच करवाई। प्रारंभिक जांच के बाद बोर्ड ने पुराने टेंडर कैंसल कर नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित करने का फैसला लिया है। टेंडर प्रक्रिया में 2 फर्म आई थी। आखिर में पराला- खड़ा-पत्थर के सीए स्टोर व क्लेक्शन सेंटर 3 करोड़ 36 लाख रुपए में पंजाब की अरमान इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड को दिए गए। मगर मार्केटिंग बोर्ड पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद कंपनी को स्टोर का कब्जा और अलॉटमेंट एग्रीमेंट नहीं दिया गया। बागवानों के लिए कम के कम 50% चैंबर रिजर्व रखे जाए: शर्मा APMC (कृषि उपज विपणन समिति) शिमला-किन्नौर के पूर्व चेयरमैन नरेश शर्मा ने बताया- 75 करोड़ रुपए से बने सरकारी सीए स्टोर को मात्र 3.36 करोड़ रुपए के किराए पर देना सरेआम लूट है। उन्होंने इन कोल्ड स्टोर के दोबारा पारदर्शिता के साथ टेंडर करने की मांग की है। उन्होंने कहा- बागवानों को सीए स्टोर के लिए एक साल इंतजार करना होगा हिमाचल के सेब बागवान इस सीजन में बेसब्री से पराला और खड़ा-पत्थर सीए स्टोर का इंतजार कर रहे थे। मगर बोर्ड अधिकारियों की लापरवाही की वजह से इनका फायदा बागवानों को इस सीजन में नहीं मिल पाया। इसके लिए, अब बागवानों को अगले सेब सीजन का इंतजार करना पड़ेगा। यदि पराला व खड़ा-पत्थर सीए की टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ी नहीं होती तो इस सीजन में सेब बागवान स्टोर में अपनी उपज को स्टोर कर पाते। या फिर निजी फर्म को अपना सेब अच्छे दाम पर बेचने की सुविधा मिलती। पुराने टेंडर कैंसिल, नए जल्द करेंगे: नेगी राज्य के मार्केटिंग बोर्ड के एमडी हेमिस नेगी ने बताया- पुराने टेंडर कैंसिल कर दिए गए हैं। अब नए सिरे से निविदाएं आमंत्रित की जाएगी। जल्द की यह प्रक्रिया शुरू की जाएगी, ताकि बागवानों को इसका फायदा मिल सके। सीए स्टोर की 5600 मीट्रिक टन क्षमता राज्य के मार्केटिंग बोर्ड ने पराला में 5600 मीट्रिक टन क्षमता का सीए स्टोर बनाया है, जिसमें 10 टन प्रति घंटे की ग्रेडिंग लाइन और खड़ा-पत्थर में एक आधुनिक कलेक्शन सेंटर भी शामिल है। सीए स्टोर और क्लेक्शन सेंटर इसी साल बनकर तैयार हुआ है। इसका निर्माण सेब बेल्ट में इसलिए किया गया ताकि बागवान अपनी सेब की फसल को इसमें स्टोर कर सके और मार्केट रेट अच्छा होने के बाद इसे बाजार में उतार सके।
धर्मशाला साइबर पुलिस ने 5 ठगों को पकड़ा:68.85 लाख रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी, 9.20 लाख नकद बरामद
धर्मशाला साइबर पुलिस ने 5 ठगों को पकड़ा:68.85 लाख रुपए की ऑनलाइन धोखाधड़ी, 9.20 लाख नकद बरामद धर्मशाला साइबर पुलिस ने साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। नॉर्थ रेंज धर्मशाला की साइबर पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर जिले से पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने हिमाचल और अन्य राज्यों के लोगों से फर्जीवाड़े के जरिए ₹68.85 लाख से अधिक की ऑनलाइन ठगी की थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ₹9.20 लाख नकद भी बरामद किए हैं। यह गिरोह फर्जी निवेश योजनाओं, ऑनलाइन नौकरी के प्रस्तावों और ई-कॉमर्स धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाता था। यह बड़ी कार्रवाई साइबर पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में की। टीम ने राजस्थान में कई दिनों तक दबिश देकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया। ठगी के 3 अलग-अलग मामले पुलिस ने इन पांच आरोपियों को तीन अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों की उम्र 25 से 31 साल के बीच है। पहले मामले में, 2 जून 2023 को दर्ज शिकायत के आधार पर जोधपुर की मादेरना कॉलोनी निवासी खुशदीप दिवाकर को गिरफ्तार किया गया। उस पर फर्जी निवेश योजनाओं और ऑनलाइन डीलिंग के नाम पर ₹40 लाख की ठगी का आरोप है। दूसरे मामले में, 30 सितंबर 2023 को दर्ज शिकायत के बाद जोधपुर के तीन आरोपियों – शाहरुख खान, अहमद राज और राहुल चौधरी को पकड़ा गया। इन पर सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स के माध्यम से फर्जी लेन-देन कर ₹6.60 लाख की ठगी करने का आरोप है। आरोपी राहुल चौधरी को पुलिस धर्मशाला लेकर आई है। तीसरे मामले में, 5 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत के अनुसार लूणी (जोधपुर) निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया गया। उस पर ऑनलाइन ट्रेडिंग और जॉब ऑफर के नाम पर ₹22.25 लाख की ठगी करने का आरोप है। पुलिस क्या बोली? बरामदगी और आगे की जांच एएसपी (साइबर क्राइम) धर्मशाला, प्रवीन धीमान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से अब तक ₹9.20 लाख की राशि बरामद कर ली गई है, जिसमें ₹7.40 लाख रुपए गिरफ्तार आरोपियों से मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क केवल जोधपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले होने का शक है। पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए अन्य राज्यों में भी टीमें भेजी गई हैं। पुलिस डिजिटल ट्रेल, बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की मदद से बाकी सदस्यों तक पहुंचने में जुटी है। पुलिस की चेतावनी ऑनलाइन झांसे से बचें साइबर पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया विज्ञापनों और व्हाट्सएप, मैसेज के जरिए लोगों को आसान निवेश या पार्ट-टाइम नौकरी का झांसा देकर फंसाता था। एएसपी साइबर क्राइम, प्रवीन धीमान ने जनता से अपील की है, “ऑनलाइन निवेश, पार्ट-टाइम जॉब या लॉटरी जैसे झांसे में न आएं। किसी भी लिंक या QR कोड को स्कैन करने से पहले सोचें, वर्ना बैंक बैलेंस गायब हो सकता है। कोई भी ऑनलाइन लिंक या ऑफर पर भरोसा करने से पहले उसकी जांच जरूर करें और 1930 साइबर हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।”
