धर्मशाला साइबर पुलिस ने साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। नॉर्थ रेंज धर्मशाला की साइबर पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर जिले से पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने हिमाचल और अन्य राज्यों के लोगों से फर्जीवाड़े के जरिए ₹68.85 लाख से अधिक की ऑनलाइन ठगी की थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ₹9.20 लाख नकद भी बरामद किए हैं। यह गिरोह फर्जी निवेश योजनाओं, ऑनलाइन नौकरी के प्रस्तावों और ई-कॉमर्स धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाता था। यह बड़ी कार्रवाई साइबर पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में की। टीम ने राजस्थान में कई दिनों तक दबिश देकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया। ठगी के 3 अलग-अलग मामले पुलिस ने इन पांच आरोपियों को तीन अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों की उम्र 25 से 31 साल के बीच है। पहले मामले में, 2 जून 2023 को दर्ज शिकायत के आधार पर जोधपुर की मादेरना कॉलोनी निवासी खुशदीप दिवाकर को गिरफ्तार किया गया। उस पर फर्जी निवेश योजनाओं और ऑनलाइन डीलिंग के नाम पर ₹40 लाख की ठगी का आरोप है। दूसरे मामले में, 30 सितंबर 2023 को दर्ज शिकायत के बाद जोधपुर के तीन आरोपियों – शाहरुख खान, अहमद राज और राहुल चौधरी को पकड़ा गया। इन पर सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स के माध्यम से फर्जी लेन-देन कर ₹6.60 लाख की ठगी करने का आरोप है। आरोपी राहुल चौधरी को पुलिस धर्मशाला लेकर आई है। तीसरे मामले में, 5 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत के अनुसार लूणी (जोधपुर) निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया गया। उस पर ऑनलाइन ट्रेडिंग और जॉब ऑफर के नाम पर ₹22.25 लाख की ठगी करने का आरोप है। पुलिस क्या बोली? बरामदगी और आगे की जांच एएसपी (साइबर क्राइम) धर्मशाला, प्रवीन धीमान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से अब तक ₹9.20 लाख की राशि बरामद कर ली गई है, जिसमें ₹7.40 लाख रुपए गिरफ्तार आरोपियों से मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क केवल जोधपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले होने का शक है। पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए अन्य राज्यों में भी टीमें भेजी गई हैं। पुलिस डिजिटल ट्रेल, बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की मदद से बाकी सदस्यों तक पहुंचने में जुटी है। पुलिस की चेतावनी ऑनलाइन झांसे से बचें साइबर पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया विज्ञापनों और व्हाट्सएप, मैसेज के जरिए लोगों को आसान निवेश या पार्ट-टाइम नौकरी का झांसा देकर फंसाता था। एएसपी साइबर क्राइम, प्रवीन धीमान ने जनता से अपील की है, “ऑनलाइन निवेश, पार्ट-टाइम जॉब या लॉटरी जैसे झांसे में न आएं। किसी भी लिंक या QR कोड को स्कैन करने से पहले सोचें, वर्ना बैंक बैलेंस गायब हो सकता है। कोई भी ऑनलाइन लिंक या ऑफर पर भरोसा करने से पहले उसकी जांच जरूर करें और 1930 साइबर हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।” धर्मशाला साइबर पुलिस ने साइबर अपराधों के खिलाफ एक बड़ी सफलता हासिल की है। नॉर्थ रेंज धर्मशाला की साइबर पुलिस ने राजस्थान के जोधपुर जिले से पांच शातिर ठगों को गिरफ्तार किया है। इन ठगों ने हिमाचल और अन्य राज्यों के लोगों से फर्जीवाड़े के जरिए ₹68.85 लाख से अधिक की ऑनलाइन ठगी की थी। पुलिस ने आरोपियों के कब्जे से ₹9.20 लाख नकद भी बरामद किए हैं। यह गिरोह फर्जी निवेश योजनाओं, ऑनलाइन नौकरी के प्रस्तावों और ई-कॉमर्स धोखाधड़ी के माध्यम से लोगों को अपना शिकार बनाता था। यह बड़ी कार्रवाई साइबर पुलिस टीम ने इंस्पेक्टर कमलेश कुमार के नेतृत्व में की। टीम ने राजस्थान में कई दिनों तक दबिश देकर इन आरोपियों को गिरफ्तार किया। ठगी के 3 अलग-अलग मामले पुलिस ने इन पांच आरोपियों को तीन अलग-अलग साइबर ठगी के मामलों में गिरफ्तार किया है। सभी आरोपियों की उम्र 25 से 31 साल के बीच है। पहले मामले में, 2 जून 2023 को दर्ज शिकायत के आधार पर जोधपुर की मादेरना कॉलोनी निवासी खुशदीप दिवाकर को गिरफ्तार किया गया। उस पर फर्जी निवेश योजनाओं और ऑनलाइन डीलिंग के नाम पर ₹40 लाख की ठगी का आरोप है। दूसरे मामले में, 30 सितंबर 2023 को दर्ज शिकायत के बाद जोधपुर के तीन आरोपियों – शाहरुख खान, अहमद राज और राहुल चौधरी को पकड़ा गया। इन पर सोशल मीडिया और ई-कॉमर्स साइट्स के माध्यम से फर्जी लेन-देन कर ₹6.60 लाख की ठगी करने का आरोप है। आरोपी राहुल चौधरी को पुलिस धर्मशाला लेकर आई है। तीसरे मामले में, 5 फरवरी 2024 को दर्ज शिकायत के अनुसार लूणी (जोधपुर) निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया गया। उस पर ऑनलाइन ट्रेडिंग और जॉब ऑफर के नाम पर ₹22.25 लाख की ठगी करने का आरोप है। पुलिस क्या बोली? बरामदगी और आगे की जांच एएसपी (साइबर क्राइम) धर्मशाला, प्रवीन धीमान ने बताया कि गिरफ्तार आरोपियों से अब तक ₹9.20 लाख की राशि बरामद कर ली गई है, जिसमें ₹7.40 लाख रुपए गिरफ्तार आरोपियों से मिले हैं। उन्होंने बताया कि इस गिरोह का नेटवर्क केवल जोधपुर तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके तार दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश तक फैले होने का शक है। पूरे नेटवर्क को तोड़ने के लिए अन्य राज्यों में भी टीमें भेजी गई हैं। पुलिस डिजिटल ट्रेल, बैंक खातों और मोबाइल नंबरों की मदद से बाकी सदस्यों तक पहुंचने में जुटी है। पुलिस की चेतावनी ऑनलाइन झांसे से बचें साइबर पुलिस के अनुसार, यह गिरोह फर्जी वेबसाइट्स, सोशल मीडिया विज्ञापनों और व्हाट्सएप, मैसेज के जरिए लोगों को आसान निवेश या पार्ट-टाइम नौकरी का झांसा देकर फंसाता था। एएसपी साइबर क्राइम, प्रवीन धीमान ने जनता से अपील की है, “ऑनलाइन निवेश, पार्ट-टाइम जॉब या लॉटरी जैसे झांसे में न आएं। किसी भी लिंक या QR कोड को स्कैन करने से पहले सोचें, वर्ना बैंक बैलेंस गायब हो सकता है। कोई भी ऑनलाइन लिंक या ऑफर पर भरोसा करने से पहले उसकी जांच जरूर करें और 1930 साइबर हेल्पलाइन या www.cybercrime.gov.in पर तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।” हिमाचल | दैनिक भास्कर
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