पाकिस्तान की 3 तलाक पीड़िता की कहानी:बरेली से लाहौर गई बारात 6 माह तक वहीं रुकी, पीड़िता बोली- ससुराल के जुल्म जीवनभर नहीं भूलूंगी

पाकिस्तान की 3 तलाक पीड़िता की कहानी:बरेली से लाहौर गई बारात 6 माह तक वहीं रुकी, पीड़िता बोली- ससुराल के जुल्म जीवनभर नहीं भूलूंगी

पाकिस्तान की रहने वाली महिला को UP के बरेली शहर में तीन तलाक देकर घर दे निकाल दिया गया। 11 जून को पति ने अपनी पत्नी के साथ सारी हदें पार कर दीं। पहले कमरे में बंद करके बेरहमी से पीटा, उसके बाद गला दबाकर मारने का प्रयास किया। 3 तलाक देकर कहा कि इस घर में कदम मत रख देना। इसके बाद पीड़िता अपनी बुआ के घर रोती बिलखती हालत में पहुंची और आपबीती सुनाई। महिला की इन्हीं बुआ ने 2008 में शादी कराई थी। महिला की यह बुआ भी पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली हैं। दैनिक भास्कर पर पढ़िए 34 साल की महिला की आपबीती… पहले जानिए महिला की शादी यूपी में कैसे हुई
पाकिस्तान के नस्तर कॉलोनी, ओसामा ब्लॉक लाहौर निवासी ईरम (34) शादी के समय 12वीं की पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं। वह आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन तभी उनकी शादी के लिए परिवार सोचने लगा। ईरम के पिता का लाहौर में पासपोर्ट का काम था। उनकी लाहौर में आसपास में पहचान थी। इस समय पिता की मौत हो चुकी है। महिला के दो छोटे भाई हैं, जो पिता के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। ईरम ने बताया कि 2008 की बात है। मेरे पिता लाहौर में ही लड़का तलाश करने लगे। तभी पास में रहने वाली बुआ नाजिया सउदर घर पर आई थीं। उनकी शादी अब से 23 साल पहले यूपी के बरेली में बिहारीपुर में हुई थी। बुआ ने बताया कि मैं यह शादी यहां नहीं बल्कि अपनी ससुराल हिंदुस्तान के बरेली में कराउंगी। उस समय पिता और अन्य परिवार को बड़ी खुशी हुई। जिसमें पिता ने कहा कि हिंदुस्तान में महिलाओं पर अत्याचार नहीं होते। वहां बेटी खुशी से रहेगी। शादी की बात पक्की हुई। बुआ के कहने पर ही ईरम की शादी बरेली के मोहम्मद अथर से तय हो गई। बरेली से 9 लोगों की बारात गई, 6 महीने लाहौर में रुकी
ईरम ने बताया कि शादी को लेकर मैं बहुत खुश हुई। उस समय बताया था कि होने वाले पति मोहम्मद अथर का बरेली में अपना घर और दुकान है। सास-ससुर सब अच्छे हैं। पति BA पढ़ा है। 8 अक्टूबर 2008 को बरेली से मोहम्मद अथर की बारात पाकिस्तान के लाहौर पहुंची। इस बारात में दूल्हा अथर उसके मां, पिता समेत 9 लोग थे। यह सभी 6 महीने का वीजा लेकर पाकिस्तान गए थे। इन्होंने कहा कि हम तो पाकिस्तान में रहने के लिए आए हैं, तो परिवार को अच्छा लगा। इसके बाद यह किराए पर लाहौर में रहे। शादी में बारात में परिवार के 9 लोग थे। इनमें तीन लोग एक महीने में आ गए, बाकी पूरा परिवार 6 महीने तक रहा। छह माह बाद ईरम, पाकिस्तान से अपनी ससुराल बरेली आई और रहने लगी। एक साल बाद पति के बारे में पता चला
ईरम ने बताया कि मेरे परिवार ने जो जेवर मुझे दिए थे वह भी पति बेचकर खा गया। न तो पति की नौकरी थी, न ही अपनी दुकान। मुझे खर्चे के लिए पैसे नहीं दिए जाते। जब मैंने पति से यह कहा कि मुझे खर्चे के लिए पैसों की जरूरत है, तो मुझे पति और सास ताने देने लगे। मैंने यह बात अपने घर नहीं बताई। साल में एक बार पाकिस्तान में अपने मायके जाने लगी। एक सप्ताह या 10 दिन रहने के बाद मैं फिर ससुराल बरेली आ जाती। यहां की नागरिकता लेने के लिए कोई आवेदन नहीं किया। वीजा एक साल का मिला था, उसमें पति और सास गारंटर हैं। हर साल वीजा के लिए आवेदन किया जाता। शादी के कागजात की पूरी कागजी कार्रवाई भी उस समय की गई। पति बेल्ट से पीटता, कुछ भी उठाकर मार देता
बरेली में ससुराल आने के करीब एक साल बाद ही पति शराब पीकर और अन्य नशा कर मानसिक रूप से टॉर्चर करने लगा। कमरे में बंद कर इस तरह से पीटता कि मैं बता नहीं सकती। एक बेटा हुआ तो सोचा कि ससुराल में अब ठीक रखेंगे, लेकिन कभी दहेज में 5 लाख मांगते तो कभी 10 लाख रुपए मांगते। सात साल पहले बेटी हुई तो ससुराल में उत्पीड़न और बढ़ने लगा। चेहरे पर इस तरह से थप्पड़ मैंने सहन किए हैं कि बता नहीं सकती। शरीर पर ऐसी कोई जगह नहीं बचती, जहां पिटाई के निशान न पड़े हों। लेकिन, अपनी आपबीती किसे कहूं। मैंने अपने खर्चे के लिए यहां मुकदमा कराया, लेकिन उसमें भी समझौते का दबाव बनाया जाने लगा। कई बार हेल्पलाइन पर भी शिकायत की। जमीन पर गिराकर लातों से पीटा
पीड़िता ने बताया कि मैं 11 जून को अपने कमरे में थी। पति शराब पीकर आया और मुझे गालियां दी। मेरी बेटी डरकर दूसरे कमरे में छिप गई। इसके बाद पति ने मुझे लात और थप्पड़ों से पीटा। मैं हाथ जोड़ती रही, लेकिन मुझे जमीन पर गिराकर पीटा। मेरे शरीर पर कई जगह चोट लगी। मेरे साथ वह जुल्म ढहाए, जिन्हें बताने में भी शर्म आएगी। 16 साल में मुझे तबाह कर दिया। तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। मैं किसके घर में रहूंगी। वह तो समझो कि मेरी बुआ बिहारीपुर में पास में थीं। उनसे मदद मांगी, फिर थाने में गई। पीड़िता ने दरगाह आला हजरत के पदाधिकारियों से मदद मांगी है। वहीं, पीड़िता ने कहा कि मेरा वीजा खत्म हो रहा है। मैं अपने बच्चों को लेकर जाना चाहती हूं। पति और ससुरालियों को माफ नहीं करूंगी। यह पति नहीं जल्लाद है, जिसे नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी। पाकिस्तान की रहने वाली महिला को UP के बरेली शहर में तीन तलाक देकर घर दे निकाल दिया गया। 11 जून को पति ने अपनी पत्नी के साथ सारी हदें पार कर दीं। पहले कमरे में बंद करके बेरहमी से पीटा, उसके बाद गला दबाकर मारने का प्रयास किया। 3 तलाक देकर कहा कि इस घर में कदम मत रख देना। इसके बाद पीड़िता अपनी बुआ के घर रोती बिलखती हालत में पहुंची और आपबीती सुनाई। महिला की इन्हीं बुआ ने 2008 में शादी कराई थी। महिला की यह बुआ भी पाकिस्तान के लाहौर की रहने वाली हैं। दैनिक भास्कर पर पढ़िए 34 साल की महिला की आपबीती… पहले जानिए महिला की शादी यूपी में कैसे हुई
पाकिस्तान के नस्तर कॉलोनी, ओसामा ब्लॉक लाहौर निवासी ईरम (34) शादी के समय 12वीं की पढ़ाई पूरी कर चुकी थीं। वह आगे पढ़ना चाहती थी, लेकिन तभी उनकी शादी के लिए परिवार सोचने लगा। ईरम के पिता का लाहौर में पासपोर्ट का काम था। उनकी लाहौर में आसपास में पहचान थी। इस समय पिता की मौत हो चुकी है। महिला के दो छोटे भाई हैं, जो पिता के काम को आगे बढ़ा रहे हैं। ईरम ने बताया कि 2008 की बात है। मेरे पिता लाहौर में ही लड़का तलाश करने लगे। तभी पास में रहने वाली बुआ नाजिया सउदर घर पर आई थीं। उनकी शादी अब से 23 साल पहले यूपी के बरेली में बिहारीपुर में हुई थी। बुआ ने बताया कि मैं यह शादी यहां नहीं बल्कि अपनी ससुराल हिंदुस्तान के बरेली में कराउंगी। उस समय पिता और अन्य परिवार को बड़ी खुशी हुई। जिसमें पिता ने कहा कि हिंदुस्तान में महिलाओं पर अत्याचार नहीं होते। वहां बेटी खुशी से रहेगी। शादी की बात पक्की हुई। बुआ के कहने पर ही ईरम की शादी बरेली के मोहम्मद अथर से तय हो गई। बरेली से 9 लोगों की बारात गई, 6 महीने लाहौर में रुकी
ईरम ने बताया कि शादी को लेकर मैं बहुत खुश हुई। उस समय बताया था कि होने वाले पति मोहम्मद अथर का बरेली में अपना घर और दुकान है। सास-ससुर सब अच्छे हैं। पति BA पढ़ा है। 8 अक्टूबर 2008 को बरेली से मोहम्मद अथर की बारात पाकिस्तान के लाहौर पहुंची। इस बारात में दूल्हा अथर उसके मां, पिता समेत 9 लोग थे। यह सभी 6 महीने का वीजा लेकर पाकिस्तान गए थे। इन्होंने कहा कि हम तो पाकिस्तान में रहने के लिए आए हैं, तो परिवार को अच्छा लगा। इसके बाद यह किराए पर लाहौर में रहे। शादी में बारात में परिवार के 9 लोग थे। इनमें तीन लोग एक महीने में आ गए, बाकी पूरा परिवार 6 महीने तक रहा। छह माह बाद ईरम, पाकिस्तान से अपनी ससुराल बरेली आई और रहने लगी। एक साल बाद पति के बारे में पता चला
ईरम ने बताया कि मेरे परिवार ने जो जेवर मुझे दिए थे वह भी पति बेचकर खा गया। न तो पति की नौकरी थी, न ही अपनी दुकान। मुझे खर्चे के लिए पैसे नहीं दिए जाते। जब मैंने पति से यह कहा कि मुझे खर्चे के लिए पैसों की जरूरत है, तो मुझे पति और सास ताने देने लगे। मैंने यह बात अपने घर नहीं बताई। साल में एक बार पाकिस्तान में अपने मायके जाने लगी। एक सप्ताह या 10 दिन रहने के बाद मैं फिर ससुराल बरेली आ जाती। यहां की नागरिकता लेने के लिए कोई आवेदन नहीं किया। वीजा एक साल का मिला था, उसमें पति और सास गारंटर हैं। हर साल वीजा के लिए आवेदन किया जाता। शादी के कागजात की पूरी कागजी कार्रवाई भी उस समय की गई। पति बेल्ट से पीटता, कुछ भी उठाकर मार देता
बरेली में ससुराल आने के करीब एक साल बाद ही पति शराब पीकर और अन्य नशा कर मानसिक रूप से टॉर्चर करने लगा। कमरे में बंद कर इस तरह से पीटता कि मैं बता नहीं सकती। एक बेटा हुआ तो सोचा कि ससुराल में अब ठीक रखेंगे, लेकिन कभी दहेज में 5 लाख मांगते तो कभी 10 लाख रुपए मांगते। सात साल पहले बेटी हुई तो ससुराल में उत्पीड़न और बढ़ने लगा। चेहरे पर इस तरह से थप्पड़ मैंने सहन किए हैं कि बता नहीं सकती। शरीर पर ऐसी कोई जगह नहीं बचती, जहां पिटाई के निशान न पड़े हों। लेकिन, अपनी आपबीती किसे कहूं। मैंने अपने खर्चे के लिए यहां मुकदमा कराया, लेकिन उसमें भी समझौते का दबाव बनाया जाने लगा। कई बार हेल्पलाइन पर भी शिकायत की। जमीन पर गिराकर लातों से पीटा
पीड़िता ने बताया कि मैं 11 जून को अपने कमरे में थी। पति शराब पीकर आया और मुझे गालियां दी। मेरी बेटी डरकर दूसरे कमरे में छिप गई। इसके बाद पति ने मुझे लात और थप्पड़ों से पीटा। मैं हाथ जोड़ती रही, लेकिन मुझे जमीन पर गिराकर पीटा। मेरे शरीर पर कई जगह चोट लगी। मेरे साथ वह जुल्म ढहाए, जिन्हें बताने में भी शर्म आएगी। 16 साल में मुझे तबाह कर दिया। तीन तलाक देकर घर से निकाल दिया। मैं किसके घर में रहूंगी। वह तो समझो कि मेरी बुआ बिहारीपुर में पास में थीं। उनसे मदद मांगी, फिर थाने में गई। पीड़िता ने दरगाह आला हजरत के पदाधिकारियों से मदद मांगी है। वहीं, पीड़िता ने कहा कि मेरा वीजा खत्म हो रहा है। मैं अपने बच्चों को लेकर जाना चाहती हूं। पति और ससुरालियों को माफ नहीं करूंगी। यह पति नहीं जल्लाद है, जिसे नर्क में भी जगह नहीं मिलेगी।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर