आगरा के दूध प्लांट में गैस रिसाव, 1 मौत:मशीन ठीक करने 5 मजदूर गए, लीकेज होते ही 4 भागे, पाइप फटने से हुआ हादसा

आगरा के दूध प्लांट में गैस रिसाव, 1 मौत:मशीन ठीक करने 5 मजदूर गए, लीकेज होते ही 4 भागे, पाइप फटने से हुआ हादसा

आगरा के दूध प्लांट में अमोनिया गैस का रिसाव हो गया। गैस लीक होते ही अफरा-तफरी मच गई। अंदर 5 कर्मचारी काम कर रहे थे। 4 कर्मचारी बाहर भागे, लेकिन प्लांट ऑपरेटर राजू अंदर ही फंसा रह गया। उसकी दम घुटने से मौत हो गई। एक कर्मचारी को गिरने से चोट आई है। सूचना मिलने पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। करीब 2 घंटे तक ऑपरेशन चला। तब जाकर गैस का रिसाव बंद हो सका। घटना मंगलवार रात करीब साढे़ आठ बजे की है। प्लांट भाजपा नेता व पिनाहट के पूर्व ब्‍लॉक प्रमुख सुग्रीव सिंह चौहान का बताया जा रहा है। प्लांट में मशीन ठीक करने पहुंचे थे
प्लांट के मालिक सुग्रीव सिंह चौहान ने बताया कि प्लांट वर्तमान में बंद था। मशीन सही करने के लिए शाम को पांच कर्मचारी प्लांट पर पहुंचे थे। काम करते हुए गैस का पाइप फटने से अमोनिया का रिसाव हुआ। चार कर्मचारी बाहर भाग गए। मगर राजू गैस लीकेज रोकने में लगा रहा। जब उसे लगा कि लीकेज नहीं रोक पाएगा तो भागने का प्रयास किया। इस दौरान वह किसी चीज में फंस गया, जिससे बाहर नहीं निकल पाया। दम घुटने से उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
एसीपी फतेहाबाद अमरदीप पाल ने बताया, गैस रिसाव पर काबू पा लिया गया है। प्लांट में दूध का स्टोरेज किया जाता था। मशीन ठीक करते समय हादसा हुआ। एक कर्मचारी की मौत हुई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल स्थिति सामान्य है। प्लांट में दूध की प्रोसेसिंग की जाती थी
प्लांट में आसपास के इलाकों से दूध खरीदकर स्टोर किया जाता था। यहां उसकी प्रोसेसिंग की जाती थी। दूध को गर्म करने के बाद ठंडा होने पर टैंकरों में भरा जाता था। फिर उसकी सप्लाई की जाती थी। कितनी खतरनाक होती है अमोनिया गैस
अमोनिया गैस सामान्य तौर पर नुकसानदायक नहीं होती है, लेकिन हवा में अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर दम घुटने लगता है। जान भी जा सकती है। गैस से गले, नाक और सांस की नली में जलन होती है। आंख की रोशनी भी जा सकती है। ठंडा करने के लिए किया जाता है अमोनिया का इस्तेमाल
अमोनिया रंगहीन और हल्की गैस होती है। इसका इस्तेमाल दूध प्लांटों में दूध को ठंडा करने के लिए किया जाता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग रासायनिक खाद के निर्माण के लिए किया जाता है। आगरा के दूध प्लांट में अमोनिया गैस का रिसाव हो गया। गैस लीक होते ही अफरा-तफरी मच गई। अंदर 5 कर्मचारी काम कर रहे थे। 4 कर्मचारी बाहर भागे, लेकिन प्लांट ऑपरेटर राजू अंदर ही फंसा रह गया। उसकी दम घुटने से मौत हो गई। एक कर्मचारी को गिरने से चोट आई है। सूचना मिलने पर पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची। करीब 2 घंटे तक ऑपरेशन चला। तब जाकर गैस का रिसाव बंद हो सका। घटना मंगलवार रात करीब साढे़ आठ बजे की है। प्लांट भाजपा नेता व पिनाहट के पूर्व ब्‍लॉक प्रमुख सुग्रीव सिंह चौहान का बताया जा रहा है। प्लांट में मशीन ठीक करने पहुंचे थे
प्लांट के मालिक सुग्रीव सिंह चौहान ने बताया कि प्लांट वर्तमान में बंद था। मशीन सही करने के लिए शाम को पांच कर्मचारी प्लांट पर पहुंचे थे। काम करते हुए गैस का पाइप फटने से अमोनिया का रिसाव हुआ। चार कर्मचारी बाहर भाग गए। मगर राजू गैस लीकेज रोकने में लगा रहा। जब उसे लगा कि लीकेज नहीं रोक पाएगा तो भागने का प्रयास किया। इस दौरान वह किसी चीज में फंस गया, जिससे बाहर नहीं निकल पाया। दम घुटने से उसकी मौत हो गई। शव को पोस्टमार्टम के लिए भेजा
एसीपी फतेहाबाद अमरदीप पाल ने बताया, गैस रिसाव पर काबू पा लिया गया है। प्लांट में दूध का स्टोरेज किया जाता था। मशीन ठीक करते समय हादसा हुआ। एक कर्मचारी की मौत हुई है। शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया गया है। फिलहाल स्थिति सामान्य है। प्लांट में दूध की प्रोसेसिंग की जाती थी
प्लांट में आसपास के इलाकों से दूध खरीदकर स्टोर किया जाता था। यहां उसकी प्रोसेसिंग की जाती थी। दूध को गर्म करने के बाद ठंडा होने पर टैंकरों में भरा जाता था। फिर उसकी सप्लाई की जाती थी। कितनी खतरनाक होती है अमोनिया गैस
अमोनिया गैस सामान्य तौर पर नुकसानदायक नहीं होती है, लेकिन हवा में अमोनिया की मात्रा बढ़ने पर दम घुटने लगता है। जान भी जा सकती है। गैस से गले, नाक और सांस की नली में जलन होती है। आंख की रोशनी भी जा सकती है। ठंडा करने के लिए किया जाता है अमोनिया का इस्तेमाल
अमोनिया रंगहीन और हल्की गैस होती है। इसका इस्तेमाल दूध प्लांटों में दूध को ठंडा करने के लिए किया जाता है। इसका सबसे ज्यादा उपयोग रासायनिक खाद के निर्माण के लिए किया जाता है।   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर