लुधियाना| बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती निकाली है। 118 पदों पर भर्ती की जाएगी। जिनके लिए 30 जून तक आवेदन किया गया है। उम्मीदवार वेबसाइट bpsc.bih.nic.in के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। पद के अनुसार संबंधित विषय में बीटेक की डिग्री होनी जरूरी है। अधिकतम उम्र सीमा 37 साल निर्धारित की गई है। नियमों के तहत उम्र सीमा में रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। रिटन एग्जाम के बेसिस पर चुनाव किया जाएगा। लुधियाना| बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) ने असिस्टेंट इंजीनियर के पदों पर भर्ती निकाली है। 118 पदों पर भर्ती की जाएगी। जिनके लिए 30 जून तक आवेदन किया गया है। उम्मीदवार वेबसाइट bpsc.bih.nic.in के माध्यम से अप्लाई कर सकते हैं। पद के अनुसार संबंधित विषय में बीटेक की डिग्री होनी जरूरी है। अधिकतम उम्र सीमा 37 साल निर्धारित की गई है। नियमों के तहत उम्र सीमा में रिजर्व्ड श्रेणी के उम्मीदवारों को राहत मिलेगी। रिटन एग्जाम के बेसिस पर चुनाव किया जाएगा। पंजाब | दैनिक भास्कर
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शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं
शिअद नेता NK शर्मा ने पार्टी छोड़ने का किया ऐलान:सुखबीर बादल के पार्टी छोड़ने के बाद लिया फैसला,बोले-किसी पद की इच्छा नहीं पंजाब में शिरोमणि अकाली दल के सीनियर नेता नरिंदर कुमार शर्मा (NK) ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है। नरिंदर कुमार शर्मा, शिअद नेता सुखबीर बादल के काफी करीबी माने जाते हैं। वह पटियाला से भी शिअद उम्मीदवार रह चुके हैं। शर्मा ने आज वर्किंग कमेटी की मीटिंग से पहले ऐलान किया है कि आज उन्होंने पार्टी के हर पद से इस्तीफा सुखबीर बादल को सौंप दिया है। इस्तीफा देने और पार्टी छोड़ने के कारण यह है कि पार्टी प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने पार्टी की प्रधानगी से इस्तीफा दिया है। इसलिए मेरी इस पार्टी में रहने की कोई इच्छा नहीं है। हालांकि NK शर्मा ने यह भी कहा कि यदि सुखबीर सिंह बादल अकाली दल के प्रधान बने रहते हैं तो वह पार्टी में इसी तरह पार्टी वर्कर के रूप में काम करते रहेंगे। 3 महीने पहले सुखबीर बादल को तनखैया करार दिया था आपको बता दें कि श्री अकाल तख्त साहिब से 3 महीने पहले सुखबीर बादल को धार्मिक सजा सुनाई गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने सुखबीर को तनखैया करार दिया था। सुखबीर बादल पर उनकी सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने के अलावा सुमेध सैनी को DGP नियुक्त करने और श्री गुरू ग्रंथ साहिब की बेअदबी के मामले में कार्रवाई न करने का आरोप लगा था। तनखैया घोषित होने से पहले पहले बनाया था कार्यकारी प्रधान अकाली दल ने पांचों तख्तों की बैठक से एक दिन पहले ही पूर्व सांसद बलविंदर सिंह भूंदड़ को कार्यकारी प्रधान नियुक्त कर दिया था। राजनीतिक विशेषज्ञों का कहना है कि बगावत झेल रहे अकाली दल ने ये निर्णय संवेदनशीलता को देखते हुए लिया है। कार्यकारी प्रधान नियुक्त किए गए बलविंदर सिंह भूंदड़ बादल परिवार के करीबी हैं। अकाली दल के बागी गुट के माफीनामा के बाद उठा था विवाद अकाली दल का बागी गुट 1 जुलाई को श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। इस दौरान जत्थेदार को माफीनामा सौंपा गया था। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों में सहयोग देने पर माफी मांगी गई। जिसके बाद ही सारा विवाद शुरू हो गया। चार गलतियां 1. वापस ली गई थी डेरा सच्चा सौदा के खिलाफ शिकायत 2007 में सलाबतपुरा में सच्चा सौदा डेरा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम ने 10वें गुरू श्री गुरु गोबिंद सिंह जी की परंपरा का अनुकरण करते हुए उन्हीं की तरह कपड़ों को पहनकर अमृत छकाने का स्वांग रचा था। उस वक्त इसके खिलाफ पुलिस केस भी दर्ज किया गया था, लेकिन बाद में अकाली सरकार ने सजा देने की जगह इस मामले को ही वापस ले लिया। 2. डेरा मुखी को सुखबीर बादल ने दिलवाई थी माफी श्री अकाल तख्त साहिब ने कार्रवाई करते हुए डेरा मुखी को सिख पंथ से निष्कासित कर दिया था। सुखबीर सिंह बादल ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए डेरा मुखी को माफी दिलवा दी थी। इसके बाद अकाली दल और शिरोमणि कमेटी के नेतृत्व को सिख पंथ के गुस्से और नाराजगी का सामना करना पड़ा। अंत में श्री अकाल तख्त साहिब ने डेरा मुखी को माफी देने का फैसला वापस लिया। 3. बेअदबी की घटनाओं की सही जांच नहीं हुई 1 जून 2015 को कुछ तत्वों ने बुर्ज जवाहर सिंह वाला (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब की बीड़ चुराई। फिर 12 अक्टूबर 2015 को बरगाड़ी (फरीदकोट) के गुरुद्वारा साहिब से श्री गुरु ग्रंथ साहिब के 110 अंग चुरा लिए व बाहर फेंक दिए। इससे सिख पंथ में भारी आक्रोश फैल गया। अकाली दल सरकार और तत्कालीन गृह मंत्री सुखबीर सिंह बादल ने इस मामले की समय रहते जांच नहीं की। दोषियों को सजा दिलाने में असफल रहे। इससे पंजाब में हालात बिगड़ गए और कोटकपूरा और बहबल कलां में दुखद घटनाएं हुईं। 4. झूठे केसों में मारे गए सिखों को नहीं दे पाए इंसाफ अकाली दल सरकार ने सुमेध सैनी को पंजाब का DGP नियुक्त किया गया। राज्य में फर्जी पुलिस मुठभेड़ों को अंजाम देकर सिख युवाओं की हत्या करने के लिए उन्हें जाना जाता था। पूर्व DGP इजहार आलम, जिन्होंने आलम सेना का गठन किया, उनकी पत्नी को टिकट दिया और उन्हें मुख्य संसदीय सचिव बनाया। फैसला सुनाते हुए अकाल तख्त जत्थेदार ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा था- ”अकाली दल प्रधान और डिप्टी CM रहते हुए सुखबीर बादल ने कुछ ऐसे फैसले लिए, जिससे पंथक स्वरूप के अक्स को नुकसान पहुंचा। सिख पंथ का भारी नुकसान हुआ। 2007 से 2017 वाले सिख कैबिनेट मंत्री भी अपना स्पष्टीकरण दें।”

एयर-इंडिया 182 की 39वीं बरसी:आतंकी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि देने इकट्ठा हुए लोग; कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थकों ने डाला खलल
एयर-इंडिया 182 की 39वीं बरसी:आतंकी हमले के मृतकों को श्रद्धांजलि देने इकट्ठा हुए लोग; कार्यक्रम में खालिस्तान समर्थकों ने डाला खलल पंजाब में आतंकवाद के दौर में खालिस्तानी संगठन बब्बर खालसा की तरफ से बम से उड़ाए गए एयर-इंडिया फ्लाइट 182 की रविवार 39वीं बरसी रही। कनाडा के होलोकॉस्ट स्मारक पर लोग श्रद्धांजिल देने पहुंचे। लेकिन खालिस्तान समर्थकों ने यहां आकर प्रदर्शन शुरू कर दिया। स्मारक पर एकत्रित भारतीय व कनाडाइयों की तरफ से विरोध के बाद उन्हें वापस लौटना पड़ा। मृतकों को श्रद्धांजलि देने के लिए यहां उनके पारिवारिक सदस्य व कुछ सामाजिक संगठन पहुंचे थे। लेकिन खालिस्तानी समर्थक यहां पहुंच गए और आतंकी निज्जर की तस्वीरों के साथ भारत के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया। लोगों के कहने पर भी स्थानीय पुलिस ने खालिस्तान समर्थकों को वहां से खदेड़ने का प्रयास नहीं किया। जिसके बाद माहौल गर्मा गया।ये देख श्रद्धांजलि देने के लिए पहुंचे कनाडाई व भारतीय भड़क गए। उन्होंने खालिस्तान समर्थकों के खिलाफ प्रदर्शन शुरू कर दिया और अंत में खालिस्तान समर्थकों को वहां से जाना पड़ा। एकता व एकजुटता के लिए एकत्रित हुए लोग श्रद्धांजिल देने पहुंचे लोगों ने कहा- हमें कनाडा के इतिहास का सबसे भयानक आतंकवादी हमला याद है। 1985 में एयर इंडिया फ्लाइट 182 पर हुए बम विस्फोट में 329 निर्दोष लोगों की जान चली गई। हम अपनी एकता और एकजुटता दिखाने के लिए क्वींस पार्क स्मारक के सामने एकत्र हुए। कनाडा में खालिस्तानी आतंकवाद के लिए कोई जगह नहीं है। ईरान में इस्लामी शासन ने उड़ान PS752 के साथ भी ऐसा ही किया है। कनाडा को आतंकवाद से मुक्त कराने के लिए अपने प्रयासों को दोगुना करना होगा। क्या हुआ था 23 जून 1985 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 मॉन्ट्रियल – लंदन – दिल्ली – बॉम्बे के बीच चलती थी। 23 जून 1985 को ये फ्लाइट अटलांटिक महासागर के ऊपर उड़ान भर रही थी। इसमें अचानक बम ब्लास्ट हुआ, जिसे बब्बर खालसा के कनाडाई खालिस्तान आतंकियों द्वारा किया गया। मॉन्ट्रियल से लंदन के रास्ते में 31,000 फीट की ऊंचाई पर हुए हमले के बाद विमान व मृतकों के अवशेष आयरलैंड के तट से लगभग 190 किलोमीटर दूर समुद्र में गिरे। फ्लाइट में सवार 329 लोग मारे गए। इनमें 268 कनाडाई, 27 ब्रिटिश और 24 भारतीय नागरिक थो। बब्बर खालसा ने इसकी जिम्मेदारी ली। इस मामले में कुछ लोगों को ही गिरफ्तार किया गया। लेकिन मुकदमे के बाद एकमात्र व्यक्ति इंद्रजीत सिंह रेयात को दोषी ठहराया गया। जिसे पंद्रह साल जेल की सजा सुनाई गई थी।

लुधियाना पहुंचे शिअद प्रधान सुखबीर सिंह:ठंडल की करवाई घर वापसी, बोले-केजरीवाल की टीम ने सिविल सेक्रेट्रिएट को किया कंट्रोल
लुधियाना पहुंचे शिअद प्रधान सुखबीर सिंह:ठंडल की करवाई घर वापसी, बोले-केजरीवाल की टीम ने सिविल सेक्रेट्रिएट को किया कंट्रोल पंजाब के लुधियाना में उप-चुनाव 19 जून को है। इससे पहले सभी पार्टियों के दल-बदलू नेता इधर से उधर पलटी मार रहे हैं। आज शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल लुधियाना पहुंचे। सुखबीर ने भाजपा के नेता सोहन सिंह ठंडल को शिअद में घर वापसी करवाई। सुखबीर ने कहा कि ठंडल कुछ महीनों के लिए डिपोर्टेशन पर गए हुए थे। लेकिन आज वह वापस अपनी पार्टी में आ गए हैं। सुखबीर ने कहा कि आज पंजाब की सरकार दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल चला रहा हैं। केजरीवाल के सभी सेक्रेटरी, स्टाफ और पीए पंजाब में आ गए हैं। पंजाब के सिविल सेक्रेट्रिएट को कंट्रोल उन लोगों ने कर लिया है। मुख्यमंत्री सिर्फ पंजाब की सहूलियतें लेने के लिए रखा है। सुखबीर ने कहा कि मनीष सिसोदिया किस आधार पर पंजाब में बैठकें अधिकारियों के साथ कर रहे है। पंजाब सीक्रेसी की फाइलें केजरीवाल और सिसोदिया को दिखाई जा रही सुखबीर ने कहा कि मैं वकीलों से बातचीत कर रहा हूं कि जो सीक्रेसी की बैठकें होती हैं और सभी पंजाब की फाइलें केजरीवाल सिसोदिया को दिखाई जा रही हैं। वही इन फाइलों पर फैसले ले रहे हैं। सुखबीर ने कहा कि मैं हलका पश्चमी के लोगों से अपील करता हूं कि वह वोट डालने से पहले सभी उम्मीदवारों से शिअद उम्मीदवार की तुलना करें। हमारा उम्मीदवार सबसे बेहतर है। लोग यदि विकास चाहते हैं, तो फिर से अपने प्रदेश पार्टी को सेवा करने का मौका दें। शिअद में शामिल हुए सोहन सिंह ठंडल ने कहा कि अकाली दल ने मुझे हमेशा मान-सम्मान दिया है। मेरे हलके का कभी कोई काम नहीं रुकने दिया। मेरे मन में हमेशा अकाली दल के लिए प्यार रहा है। मैंने कभी अकाली दल के खिलाफ कोई स्टेटमेंट नहीं दी और न ही पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने मेरे खिलाफ कोई स्टेटमेंट दिया। आज पंजाब को शिअद की जरूरत है।